हमने अंग्रेजों द्वारा भारत में planted इस गद्दार से कई बार परिचय करवाया लेकिन हरवार आपको लगता होगा कि हम ये किसी पूर्वाग्रह से लिख रहें हैं लेकिन जो बातें हमने आपको बताई थी वही बातें अब देश की प्रसिद्ध व सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अखवार में भी छपी हैं।
हमने आपसे पूछा था कि क्वात्रोची किसका मित्र है राजीब जी का या एंटोनियो मानियो मारियो का आपने आज तक जबाब नहीं दिया।
हमने आपको बताया था कि बेचारे राजीब जी ब्यर्थ में बदनाम हुए बोफोर्स घोटाला तो क्वात्रोची और एंटोनिया की मिलीभगत से हुआ।
जब राजीब जी को इनकी इस करतूत का पता चला तब उन्हें क्वात्रोची व उसके मित्रों ने LTTE के माध्यम से ठिकाने लगा दिया(यही बजह थी कि हर जगह राजीब जी के साथ रहने वाली ये अंग्रेज उस दिन राजीब जी के साथ नहीं थी) उसकी चर्चा भी एक अखवार में हो चुकी है।
हमने आपको वताया कि गुलाम प्रधान्मन्त्री ने एंटोनियो के इसारे पर कानून मन्त्री को लंदन भेज कर क्वात्रोची के पैसे छुडवाए।
हमने आपको बताया था कि अरजेंटीना में इस भारत के इस शत्रु के पकड़े जाने पर गुलाम प्रधानमन्त्री ने एंटोनिया के इसारे पर CBI से कमजोर केश बनवाकर इस एंटोनिया के परिबारिक मित्र को भागने का मौका दिया।
हद तो तब हो गई जब इस गुलाम प्रधनमन्त्री ने एंटोनिया के मित्र इस भारत विरोधी के उपर से सब केश हटवा दिए ये कहकर कि इससे भारत की इज्जत खराब हो रही है।क्योंकि ये गुलाम गुलामी की सता के नशे में अपनी आका को ही भारकत मान बैठा है।
हम तो उस वक्त भी दंग रह गए जब राजीब जी के कातिल को इस अंग्रेज ने माफी की बात की क्योंकि ये जानती है कि बास्तविक कातिल कौन है।
अब आप खुद पढ़ लिजीए कि अखबार क्या लिख रहा है
13 टिप्पणियां:
आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
आचार्य जी
मुझे तो अब पोलटिक्स से भी नफरत होने लगी हैं
राणा जी, नफ़रत करने से काम नहीं चलेगा…।
जिस तरह से राहुल बाबा देश के युवाओं को "चू………" बनाने की मुहिम पर निकले हैं उसमें आप जैसे युवा ही अपने मित्रों की सहायता से उस चाल को विफ़ल कर सकते हैं।
इस देश को गाँधी परिवार ने जितना नुकसान पहुँचाया है उतना किसी ने भी नहीं, फ़िर भी "त्यागमूर्ति" बना हुआ है… यही है मीडिया की ताकत।
ज्यादा गर्मी है क्या तुझमे सुनील द्त्त.अगर ज्यादा गर्मी है तो बता ठंडा कर दू
ज्यादा उछला मत कर नही तो इतना उछाल दूंगा कि फिर जिंदगी भर उछलता ही रहेगा
और चिपलूनकर तू यहाँ क्या कर रहा है रे? राहुल बाबा देश के लोगो चू... बना रहे है और तू लोगो को चिपलूनकर बना रहा है. चल निकल ले पतली गली से .. नही तो मेरा दिमाग गरम हो गया न तो तेरी तो....
इस बेनामी ने अपने वंश और खानदान का खूब परिचय दिया....पता नहीं इसके घरवाले जानते भी है या नहीं कि वो उन्ही की परम्परा को कितना चमका रहा है...उनकी बेइज्जती में चार चाँद लगा रहा है...अब ये समझ नहीं आता कि इनके खानदान पे ऐसी क्या गलती हो गयी जो उन्हें यूँ मुह छिपाना पड़ रहा है....अरे आजकल तो गे भी खुले घुमते है,लेस्बियन भी. पता नहीं कौन सी खता इनके खानदान पे हो गयी....प्रभु उन्हें क्षमा करे...सद्बुद्धि दे.....
कुंवर जी,
लिखा तो आपने अच्छा है। लेकिन, ये बहसबाजी ज्यादा मत कराया कीजिए। बुरा लगता है। बाकी आपकी मर्जी। मेरी शुभकामनाएं।
http://udbhavna.blogspot.com/
पंकज जी हम समझे नहीं
जय हो
अल्लह के ...... यहाँ भी आ धमके
आज हिन्दुस्तान में राजनीती की हालत तो नाली से भी बदतर हो चुकी है....
आम आदमी भला क्या और कैसे जाने कि कौन सही है कौन गलत...
भाई साहब हमें यही तो करना है ।आम आदमी को बताना है कि देसभक्त कौन है और गद्दार कौन ।उन्के कर्म व कुकर्म जनता के सामने रखकर।
ज्यादा उछला मत कर नही तो इतना उछाल दूंगा कि फिर जिंदगी भर उछलता ही रहेगा
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