आप सब की तरह हम भी बहुत दिनों से देख रहे हैं कि ये तीनों गिरोह योजनाबध तरीके से सांप्रदायिक दंगो व आतंकवादी घटनाओं को अपने शब्द जाल से कुछ ऐसा मोड़ दे रहे हैं जिससे पढ़ने वालों को ये भ्रम हो जाए कि सांप्रदाय़िक व आतंकवादी घटनाओं के लिए सिर्फ और सिर्फ हिन्दू व सुरक्षाबल जिम्मेवार हैं ।ये तीनों गिरोह हर घटना के को पेश करते वक्त कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो शायद आम भारतीय कभी हत्यारी पाकिस्तानी सेना व पाकसमर्थक आतंकवादियों या चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों के लिए भी न करे। चिन्ता की बात तो यह है कि ये गिरोह पाकिसतान समर्थक व चीन समर्थक दोनों तरह के आतंकवादियों के ऐजेंटों के रूप में काम करते हुए प्रतीत होते हैं। अगर आप इनके लेखों का ध्यान से विशलेषण करें तो आप पायेंगे कि इनके हर लेख का एक ही उद्देश्य होता है वो है भारतीय सुरक्षावलों ,हिन्दूओं पर हर दोष थोपकर आतंकवादियों के पक्ष में महौल बनाना । आतंकवादियों को निर्दोष,अनपढ़ व सताया हुआ बताकर भारत की फिजा में जहर घोलकर आतंकवादियों को हिन्दूओं व सुरक्षावलों पर हमले तेज करने के लिए उकसाना।यह वही काम है जो आतंकवादियों के हाथों विक चुका इलैकट्रानिक मिडीया लगातार करता आ रहा है।हम चाहेंगे कि ये तीनो गिरोह हमारे द्वारा दिए जा रहे कुछ समान्या प्रश्नों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ये जरूर बयायें कि सुरक्षावलों व हिन्दूओं से इनके द्वेश की असल बजह क्या है?
• जब भारत सेकुलर देश है तो फिर कानून सांप्रदाए के आधार पर क्यों?
• जब संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाही करता है तो फिर मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग क्यों ?
• जब भारत धर्म आधारित राज्य नहीं तो फिर अलपसंख्यकवाद का नारा क्यों?
• अगर गुजरात में आतंकवादियों द्वारा हिन्दूओं को जिन्दा न जलाया जाता तो गुजरात में दंगे होते क्या?
• जब मक्का मदीना के लिए प्रति मुसलमान 60000 रूपए की सहायता सरकार देती है तो फिर हिन्दूओं की धार्मिक यात्राओं(बाबा अमरनाथ गुफा यात्रा,महाकुंभ यात्रा...) पर विशेष टैक्स क्यों?
• जब आतंकवादियों द्वार लगातार देश को लहुलुहान किया जा रहा है तो फिर उनके मानबधिकारों का रोना क्यों?
• क्या आम जनता व आम जनता की सुरक्षा के लिए लड़ रहे सुरक्षावलों के कोई मानबाधिकार नहीं?
• जब आप बार-बार कहते हैं कि हमारी न्यायप्रक्रिया कमजोर है तो फिर आम जनता के जानमाल को खतरे में डालने वाले आतंकवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने पर हाए-तौवा क्यों?
• जब आपलोग भारत माता व हिन्दू देवीदेवताओं का अपमान करने वाले एम एफ हुसैन का समर्थन करते हैं तो फिर हजरत मुहम्मद का अपमान करने वाले डैनिस कलाकार का विरोध क्यों?
• जब अधिकतर दंगे मुसलिमबहुल क्षेत्रों में आतंकवादियों द्वारा शुरू किए जाते हैं तो फिर उनका दोष हिन्दूओं पर क्यों?
• जब संविधान हर नागरिक को अपनी रक्षा करने का अधिकार देता है तो फिर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने पर हिन्दूओं द्वारा इस संबैधानिक अधिकार का प्रयोग करने पर आपको आपती क्यों?
• जब आपको भारत की सभ्यता संस्कृति,सुरक्षावलों,नयाय प्रक्रिया व संविधान पर कोई भरोशा नहीं तो फिर आपको आतंकवादियों की पनागाह पाकिस्तान या चीन जाकर बसने पर दिक्कत क्या?
21 टिप्पणियां:
लखनऊ ब्लागर्स एसोशियेसन के नाम से चल रहा ब्लाग तो एक कलंक है, इसमें धार्मिक विद्वेष वाली पोस्ट आतीं है, पिछले दिनों से इसमें फिरदौस जी को लक्ष्य करती हुई पोस्टें लिखीं जा रहीं है..
strange
महारास्ट्रा सरकार राज्य में २ लाख हिन्दू मंदिरों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए प्रस्ताव बना रही है ! सेक्युलर तर्क देते है की ठीक है की पैसा सरकार के पास आयेगा नहीं तो सब पण्डे ही खा रहे है ! मेरा इन मूर्खों को एक सीधा सा जबाब है कि मूर्खों पण्डे खा रहे है तो भी वह मुद्रा देश में चलन में है ! और घूम फिरकर वह फिर देश के काम अ रही है ! सरकार के पास नियंत्रण आया तो सब स्विस बैंकों में सड़ेगा , स्वेत्जरलैंड वाले व्याज खायेंगे ! इस देश को क्या मिलेगा ?
strange
वो जवाब देंगे ना...."पोस्ट के लिए लेखक स्वयं जिम्मेवार है....."
कुंवर जी,
सादर वन्दे !
अरे आप भी किन लोगों से जबाब मांग बैठे, ये बहुत बुद्दिमान और खुदा टाइप के लोग हैं, ये अपने आलावा किसी को बुद्धिमान मानते ही नहीं !
और रही बात जब कि तो आपने प्रशन ही गलत पूछ दिया है, भला इन सब बातों से इनको क्या काम? इससे इनके आका खुश थोड़े ही होंगे जो ये आपकी इन बातों का सही जबाब देंगे!
वैसे सवाल है बड़े जोरदार!
रत्नेश त्रिपाठी
मुसलमान जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं-उदाहरण देखिये
रवीश जी ने आज दैनिक हिन्दुस्तान में ब्लोग्वार्ता में फ़िरदौस जी के ब्लॉग और उनके साहस की प्रशंसा की है. साथ ही यह भी बताया है की उन्हें किस तरह बहुत कुछ सहन करना पड़ रहा है.
आज हमारे ब्लॉग पर आपकी महानता का उल्लेख है और मुसलमानों की दुष्ट प्रवृति के बारे में भी बताया गया है
मेरे भाई वो चित्र हमने सिर्फ यह दिखाने के लिए लगाया था कि किस तरह सलीम खान,समीर अब्बास व अनवर जमाल जैसी प्रवृति के इसाई हजरत मुबम्मद जी को अपमानित कर रहे हैं लेकिन जब देसभक्त फिरदौस खान जी ने हटाने के लिए कहा तो हमने हटा दिया ।
इसमें हमारी कोई महानता नहीं हमारा मकसद तो सिर्फ ये बताना था कि हम
HAPPY DRAW MOHAMAD DAY का विरोध क्यों कर रहे हैं उसमें उन्हें वो फोटो गैरजरूरी लगा सो हमने हटा दिया।
संजय भाई ठीक कहते हैं.
आपने हमारे अनुरोध पर तस्वीर हटा ली. यह आपकी महानता ही है. काश! सभी लोग आप जैसे हो जाएं और इंसानियत को महत्व दें.
जो लोग हमारे ख़िलाफ़ लिख रहे हैं...
उनके बारे में हम सिर्फ़ यही कह सकते हैं कि उनके 'मज़हब' ने उन्हें जो तालीम दी है, वो उसी पर चल रहे हैं... क्योंकि वो 'इस्लाम' के सच्चे सिपाही हैं... उनका कहा ही 'आख़िरी सच' होता है...
फिरदौस जी हम एक बार फिर कह रहे हैं कि इसमें हमारी कोई महानता नहीं क्यों हम वो इनसान हैं जो इंट का जबाब पत्थर से देने में विस्वास रखते हैं लेकिन कुछ चीजें हमारी आवो हवा वोले तो संस्कृति में ऐसी हैं जो हमारे बड़ते हुए कदम रोक लेती है मानबता की खातिर।
कुपया दोवार सरमिंदा न करें जी
जो आप कर रहीं हैं देशहित में उसके सामने ये कुछ भी नहीं एक पोटो ही तो हटानी थी एक देशभक्त के कहने पर ।
विनोद भाई आपके लेखन में सच्चाई हैं. और आपने जो सवाल उठाये हैं ओ बहुतसे ल़ोग जानते हैं. लेकिन एहां सब नक़ाब पहने हुए हैं. जो दिल में कुछ और दिखावा कुछ.
सर जी हमेशा की तरह से अपने एक और हिला देने वाला लेख लिखा है. आपके प्रयास सराहनीय हैं.
आपने बढ़िया लिखा है… बधाई…
लेकिन कोई जवाब नहीं आने वाला…।
"सेकुलरिज़्म" का इंजेक्शन लगा हुआ है और नीम-बेहोशी की हालत है उधर…
आपसे सहमत!
यहाँ लोगों की कथनी करनी में बहुत भारी अन्तर है.....
बहुत प्रभावी तरीके से रखी है आपने अपनी बात ..... बधाई ...
bhai kis sejbab ki umidd kr rhe hain andhe bhron se jbab nhi aayega
dr. ved vyathit
इन गंभीर मुद्दों का जवाब माँगना जायज है.
एक खान साहब तो किसी भी आतंकवादी को आतंकवादी नहीं मानते हैं।
प्रणाम
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