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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

सोमवार, 28 जून 2010

उमर अबदुल्ला द्वारा सुरक्षाबलों का खुला कर विरोध करने से उतसाहित मुसलिम आलगाववादियों ने कई जगह सुरक्षाबलों पर हमला किया।

 यहां जिस युबक की मौत का जिक्र किया जा रहा है जानते हो वो कौन था व कैसे मरा ? सोपोर में आतंकवादियों व सुरक्षावलों के वीच मुठबेड़ हुई जिसमें आतंकवादी मारे गए। इस मुठभेड़ के बाद जब सुरकक्षावल बापस लौट रहे थे तो इस नबयुबक सहित दर्जनों आतंकवादियों के मददगारों ने सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया। इस हमले में सुरक्षाबलों की गाड़ी जला दी गई ब सुरक्षाबलों को भी मारने कोशिश कोशिश की गई। इस संघर्ष में ये आतंकवादी मारा गया जिसका राज्य का जिहादी मुख्यमन्त्री विरोध कर रहा है। अब प्रश्न सिर्फ इतना सा है कि जो भी कातिल आतंकवादियों के समर्थन में सुरक्षाबलों पर हमला करे वो व उसका समर्थन करने वाले गद्दार नहीं तो और क्या हैं?


गद्दारी की सजा मौत के सिवा और क्या हो सकती है ?

अबदुल्ला परिवार वो परिवार है जिसने नेहरू परिवार के सहयोग से कशमीर घाटी से हिन्दूओं का नमोनिशान मिटाया। अब जब कशमीरघाटी में हिन्दूओं की लगभग हर सम्मपति पर मुसलिम आतंकवादी कब्जा जमा बैठे हैं ।सुरक्षाबल लगातार मुसलिम अलगाववादियों के हमले झेल रहे हैं।


एक तरफ सेकुलर गिरोह की केन्द्र सरकार सुरक्षाबलों पर मुकद्दमे पर मुकद्दमा दर्ज कर उनका मनोबल तोड़ने का प्रयत्न कर रही है दूसरी तरफ राज्य सरकार खुलकर आतंकवादियों का समर्थन कर सेना व CRPF पर हमले करवा रही है।


इन सब हालात में सेना व अन्य सुरक्षाबलों को लगातार अपने जबानों को खोना पढ़ रहा है।आए दिन मुसलिम आलगाववादियों द्वारा किए जा रहे हमलों से ढेरों सैनिक घायल हो रहे हैं।


अब आप इस तसवीर को देखकर खुद तय कर लो कि इसे हम विरोध प्रदर्शन कहेंगे या फिर सेना पर हमला।

जिस मकान को ये निसाना बना रहे हैं उसके अन्दर सैनिक हैं सैनिकों के इतने धैर्य के बाद भी अगर ये राक्षस उन पर हमला किए जा रहे हैं तो बजह एक ही है ये आतंकवादी जानते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकार ने सुरक्षाबलों के अधिकारों में कमी कर आतंकवादियों को हमला करने की छूट दे रखी है। अब इसके बाद भी अगर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार सुरक्षाबलों पर दबाब बनाए जा रहे हैं तो ये गद्दारी की इन्तहां नहीं तो और क्या है?
सैनिकों पर बढ़ते हमलों से निजात पाने के लिए कोई भी देशभक्त सरकार सेना को खुला हाथ देकर यथाशीघ्र अलगाववादियों का सफाया करबाती जबकि गद्दारों की सरदार एंटोनिया की ये गुलाम मनोमोहन सरकार उल्टा आतंकवादियों का साथ देकर सेना व सुरक्षावलों का नुकसान करवाने पर तुली है।


सैनिकों पर प्रतिबन्ध लगाकर आतंकवादियों की सहायता करने का इनका ये काम कोई नया नहीं है।


नेहरू खानदान व अबदुल्ला खानदान के ऐसे ही कारनामों की बजह से कशमीरघाटी में 60000 से अधिक हिन्दूओं का नरसंहार अंजाम दिया गया व 500000 हिन्दूओं को वेघर किया गया।


हम तो सेना के तीनों अंगों के अध्यक्षों से यही विनती करेंगे कि इस सरकार को सता से हटाकर खुद देश की सुरक्षा सुनिश्चित करें ।


आशा है आप भी इस बात से सहमत होंगे।

देखो जरा क्या हालात हैं सुरक्षाबलों के।


सैनिकों पर हमला करने जाते मुसलिम अलगाववादी




सैनिकों को दौड़ा-दौड़ा कर मारते मुसलिम आतंकवादी




सैनिकों को घेर-घेर कर मारते मुसलिम आतंकवादी
मुसलिम आतंकवादियों के हाथों मारे जा रहे सैनिकों पर और दबाब बनाती गद्दारों की राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को आप क्या कहोगो?
हम तो एकवार फिर कहते हैं कि मुसलिम आतंकवादियों की मदद करने वाले नोताओं को गोली से उड़ाकर सेना को अपनी व देश की रक्षा खुद अपने हिसाब से करनी चाहिए।






मंगलवार, 22 जून 2010

इटालियन अंग्रेज एंटोनिया के गुलाम मनमोहन खान की कांग्रेसी सरकार को मुसलिम आतंकवादियों पर भारतीय सेना से अधिक भरोसा?

जब हमने अपनी पुस्तक नकली धर्मनिर्पेक्षता लिखी थी तो हमें अन्दाजा नहीं था कि कांग्रेस खुलरकर इस तरह आतंकवादियों के समर्थन में आ जाएगी।


आए दिन ऐसे सपष्ट प्रमाण मिल रहे हैं कि विदेशी अंग्रेज एंटोनिया के गुलाम मनमोहनखान की सरकार को आतंकवादियों पर भारतीय सेना से जयादा भरोसा है।


हाल ही में सेना ने मनमोहनखान के उपर आतमघाती जिहादी आतंकवादी हमले की चिन्ता जताई थी जिसे केन्द्र सरकार ने सिरे से नकार दिया।





जब केन्द्र सरकार आतकंकवादियों को भारतीय नागरिकों विशेषकर हिन्दूओं व सैनिकों को मारने की खूली छूट दे रही है तो भला आतंकवादी गद्दार सरकार पर हमला क्यों करेंगे?


इन गद्दारों की सुरक्षा में लगे सैनिकों को चाहिए कि आतंकवादियों के हमले के दौरान इन्हें आतंकवादियों के रहमोकर्म पर छोड़कर दूर से नजारा देखें।
आओ देखो किस तरह सैनिकों पर पर मुसलिम आतंकवादियों के हमले बढ़ते जा रहे हैं जिसमें शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।




शायद इन्हीं हमलों से उतसाहित सरकार आतंकवादियों को और खुला हाथ देकर देश को सोवियत संघ (USSR) की तर्ज पर खण्ड-खण्ड करने की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सेना को और वेढ़ियों में जकड़ने की तैयारी कर रही है।



सरकार की ऐसी आतंकवाद समर्थक नितीयों से उतसाहित मुसलिम आतंकवादी अब तो अपने हथियारों के कारखाने भी भरात में लगाने की योजना बना रहे हैं।


आपको यहां बताते चलें कि जिस तरह गद्दारों की ये कांग्रेस सरकार व सेकुलर गिरोह शासित राज्यों की सरकारें लगातार सुरक्षाबलों पर दबाब बनाए हुए हैं उससे आतंकवादियों के हमलों का जबबा देना तो दूर सैनिकों को अपनी रक्षा तक करना मुसकिल होता जा रहा है।


आओ मिलकर गद्दारों के सेकुलर गिरोह के विरूद्ध काम करें।
हमें आशा है कि सेना के कर्ता धर्ता कमांडर सरकार की इन नितीयों के विरूद्ध जरूर निर्णायक कदम उठाकर इन गद्दार शासकों को गोली से उड़ाकर शासन बयबस्था अपने हाथ में लेकर देश को इस बर्बादी से बचाने के लिए जरूरी कदम उठायेंगे ।






















गुरुवार, 17 जून 2010

मुसलमानों द्वारा एक ही परिवार के 21 सदस्यों को जिंदा जलाए जाने जैसी घटनायें कारण बनती हैं हिन्दूओं के उजड़ने की जो कि सिंध से आज भी जारी है।





हमने आजकल अपने आप कुछ भी कहना छोड़ दिया है हम जो भी कह रहे हैं वो समाचार पत्रों की जुवानी कह रहे हैं।आज आपके सामने प्रस्तुत है आतंकवाद के विरूद्ध हमेशा डटकर खड़े रहने वाले समाचार पत्र में प्रकासित दो समाचार।


पहला समाचार बता रहा है कि मुसलमानों ने एक ही परिवार के 21 हिन्दूओं को जिन्दा जला दिया जो आपको समरण करवा देगा गोधरा में 27 फरवरी 2002 को जिन्दा जला दिए गए 58 हिन्दूओं की ।


पहली घटना के वाद हिन्दूओं ने लड़ने के बजाए उजड़ने को पारथमिकता दी जिसका परिणाम है कि हिन्दूओं का उजड़ना आज भी जारी है साथ निचे दिए गए समाचार पढ़ लें । आज ही 3 हिन्दू परिवार सिन्ध पाकिस्तान से उजड़कर भारत आए।
भारत आने पर इनका सवागत सेकुलर गिरोह करेगा हिन्दू होने के कारण इनको नागरिकता न देने का। व पाकिस्तान आकुपाईड कशमीर में बैठे आतंकवादियों को भारत आकर नागरिकता लेकर हिन्दूओं पर हमले तेज करने का निमन्त्रण देकर।


ऐसा घोर अन्याय सिर्फ औरंगजेब व बाबर के शाशनकाल में होता था तो ये क्यों न ये माना जाए कि मनमोहसिंह का शाशन उन अतयाचिरी बर्बर आतंकवादियों के शाशन की ही पुनररावृति है।


मतलब पाकिस्तान में जो मुसलिम तालिवान कर रहे हैं वही भारत में सेकुलर तालिवान दोहरा रहे हैं। वेचारे प्रताड़ित हिन्दू जायें तो कहां जायें ?


दूसरी तरफ गोधरा गुजरात में हिन्दूओं के जलाए जाने के वाद हिन्दूओं ने पलायन करने के बजाए एकजुट होकर हिंसक मुलमानों को उन्हीं की भाषा में जबाब दिया जो सेकुलर तालिवानों को अच्छा नहीं लगा पर परिणाम सबके सामने हैं हिंसक मुसलमानों की वोलती आज तक बन्द है वेशक सेकुलर तालिवानों ने हिंसक मुसलमानों को वार-वार उकसाया पर उनकी दोवारा हिम्मत नहीं हुई हिन्दूओं की ओर आंख उठाने की।


निसकर्ष अगर आपको हिंसक मुसलमानों से अपना बचाब करना है तो उनके द्वारा हमला करते ही या हमले से पहले ही एकजुट होकर इन अत्याचारियों की कमर तोड़ दो वरना 1946 से शुरू हुआ उजड़ना यूं ही जारी रहेगा एक-एक हिन्दू के इन बर्बर आत्याचारी राक्षसों के अत्याचारों के वाद मारे जाने तक।


आज भी हिन्दूओं के उजड़ने की घटनायें आज भी वहां-वहां जारी हैं जहां-जहां सेकुलर तालिवान व मुसलिम आतंकवादीयों का घिनौना गठजोड़ ताकतबर है आओ मिलकर इनपर हमला वोलकर इसगठजोड़ को तहसनहस करें।


जिसने भी कहा है सही कहा है लातों के भूत बातों से नहीं मानते ।



बुधवार, 16 जून 2010

भारत विरोधी आतंकवादियों के पकड़े या मारे जाने पर छाती पीट-पीट कर STATE TERRORISM चिल्लाने वाले इस STATE TERRORISM पर खामोश क्यों हैं?




आपने अक्कसर देखा है कि जब भी भारत में किसी भारत विरोधी आतंकवादी खासकर मुसलिम आतंकवदी को पकड़ा जाता है या फिर किसी मुठभेड़ में ये मुसलिम आतंकवादी मारा जाता है तो एक तपका जो खुद को मानबाधिकारवादी- सेकुलरवादी कहता है इन आतंकवादियों के मारे जाने के तरीके पर प्रश्न उठाकर तरह –तरह की कहंनिया घड़ कर इसे STATE TERRORISM करार दे देता है। यहां तक कि अगर ऐसे आतंकवादी को भारत के माननीय सर्वोच न्यायालय तक से सजा सुनावा दी जाए तो भी ये तपका कभी फांसी की सजा पर प्रश्न उठाकर तो कभी कोई और बहाना बनाकर इस भारत विरोधी आतंकवादी को बचाने के कुकर्मों में संलिप्त रहता है।


लेकिन जैसे ही किसी निर्दोश हिन्दू –सिख को सताया जाता है या फिर अमानवीय तरीके से मारा जाता है या मारे जाने की कोशिश की जाती है तो ये तपका खामोशी धारण कर लेता है या फिर उसे झूठ करार देने का प्रयत्न करता है।


आओ अब इस समाचार को पढ़ो जो कि हिन्दू-सिखों के कत्ल से सबन्धित है व देश में सबसे जयादा पढ़े जाने वाले समाचार पत्र में छपा है।














इस समाचार को पढ़ने के वाद मुसलिम आतंकवाद के समर्थक  उन मुसलमानों ने, जो अक्सर फिरदौसखान पर हमला वोले रहते हैं, नापसंद के चटके लगाकर पोस्ट को गिराकर एक तरह से यह जिताने की कोशिश की कि भारत में भी मुसलिम आतंकवाद के समर्थकों की शंख्या विरोधियों की शंख्या से जयादा है।


भारत विरोधी आतंकवादियों के समर्थन में हमेशा खड़े रहने वाले सेकुलर गद्दारों ने एक मुसलिम देश द्वारा हन्दू-सिखों पर किए जा रहे इन अमानवीय अत्याचारों पर अपनी राय देना यो दूर संवेदना तक वयक्त करना जरूरी नहीं समझा ।


आशा है कि इस वार वो जरूर अपनी संवेदना ब्यक्त कर इन निर्दोशों को बचाने के इस छोटे से अभियान में अपना योगदान देंगे।


मंगलवार, 15 जून 2010

एक मुसलमान के बदले 32 हिन्दू-सिखों के कत्ल की तैयारी।आओ मिलकर बचाने का प्रयत्न करें।

हमारे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं बस इतना कहेंगे कि हम इन हिन्दू-सिखों को बचाने के लिए अपनी तरफ से 51000 रूपए देने को तैयार हैं अगर आप भी कुछ दे सकते हैं तो आप पंजाब केसरी के विजय चोपड़ा जी से संम्पर्क करें।
हम भी उनसे ही सम्पर्क करेंगे।हमारी विजय चोपड़ा जी से कोई बात नहीं हुई है पर हमें पूरा विस्वास है कि इन हिन्दू-सिखों को आदमखोर मुसलमानों से बचाने के लिए वो जरूर आगे आयेंगे । कशमीरघाटी से मुसलमानों द्वारा उजाड़े गए हिन्दूओं की सहायता के लिए वो हमेशा काम करते रहें हैं आशा है ये नेक काम भी उनके द्वारा ही पूरा होगा।अगर आपको सही लगे तो हमें भी जानकारी भेज दें जी।





आप विजय जी से फोन शंख्या 0181----5030000 पर बात कर सकते हैं ।
हमने अभी फोन किया था तो हमें बताया गया कि उनसे आधे घंटे बाद बात हो सकेगी । जो भी बात होगी वो हम आपको टिप्पणी के माध्यम से बता देंगे जी।

विजय जी से अभी हमारी बात हुई।




उन्होंने बताया कि अभी कोई पैसा ने भेजें सिर्फ इस कार्य में सहायता के लिए अपना पत्र/Email भेज दें क्योंकि अभी तक उन्होंने कोई फंड नहीं बनाया ।अभी सिर्फ समाचार छपा है।


वो पता लगाने की कोशिश करेंगे अगर कोई उपयुक्त ब्यक्ति या संस्था मिली तो फिर वो खुद सम्पर्क कर लेंगे। विजय जी का इ-मेल पता निम्नलिखित है।


news@thepunjabkesari.com दुबई में कैद हिन्दू-सिखों को छुड़वाने में सहयोग देने के वारे में(FOR KIND ATTENTIONOF RESPECTED VIJAY CHOPRA JI

सोमवार, 14 जून 2010

बुझो तो जानो.... बस हमें इतना सा बता दो कि अपनों का सर्वनाश सुनिश्चित कर मानबता की दुकान चलाने वाले ये कौन हैं?

ये बहुत महान हैं इतने महान कि अपनों का समर्थन करने वालों का बहिस्कार कर अपने रक्षकों का खातमा सुनिश्चित कर अपने शत्रुओं को अपनों पर विना किसी रोक-टोक के हमला कर तबाह करने का मौका दे देते हैं ताकि शत्रुओं को अपने देश पर विजय पाने में किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।


ये बात अलग है कि शत्रु अपनों की रक्षा की खातिर लड़ रहे क्रांतिकारियों को मारने में इनका सहयोग लेने के बाद अन्त में इन मानबताबादियों को भी ठिकाने लगा देते हैं चाहे ये धर्म बदलकर उनके साथ ही क्यों न जा मिलें जैसे पाकिसतान में हाल में मुसलिम बने अहमदिया व मुहाजिर ठिकाने लगाए जा रहे हैं।


क्या आपको जानकारी है कि ये इनका ही सहयोग था जिसके परिमामसवारूप हिन्दू पहले अफगानीस्थान से ,फिर पाकिस्तान व बंगलादेश से खदेड़े गए।


विभाजन के वाद भी इन्होंने अपनी महानता नहीं छोड़ी ।इन्होंने अपनों के खात्मे के लिए कसमीर घाटी में भी अपनी महानता का परिचय देते हुए मुसलिम आतंकवादियों को हर तरह का सहयोग देकर अपनों समूलनाश सुनिश्चित करवाया।


क्योंकि हमारी सेना अब तक बहुत ताकतबर हो चुकी थी इसी ताकत का फयदा उठाकर कहीं वो हमारा विनाश चाहने वाले मुसलिम आतंकवादियों का नाश न कर दे इसीलिए इन्होंने अपनी सेना पर इस तरह के प्रतिबन्द लगाए कि सारी की सारी सेना देखती रह गई और कशमीघाटी को इनकी गद्दारी ने अपनों से मुक्त करवा दिया। मुसिम आतंकवादिय. की इसी सफलता पर खुशी होकर कशमीर घाटी को बार-बार राहत पैकेज व विशेष अधिकार दिए जा रहे हैं ताकि ये अपनी इस सफलता को सारे देश में दौरायें।


इसी महानता के चलते इन्होंने आसाम में ऐसे कानून बनाए कि वहां भी इन मुसलिम आतंकवादियों की विजय की रास्ता साफ कर दिया है।


गुजरात में अपनों के कड़े प्रतिकार की बजह से मुसलिम आतंकवादियों को विरोध का समाना करना पड़ा इसलिए इन्होंने आतंकवादियों के खात्मे के लिए काम करने वाले पुलिस अधिकारियों व जवानों को जेल में डाल दिया ताकि कोई और पुलिस वाला अपनों की रक्षा करने का साहस न कर सके।


इन्होंने मुंबई में अपने लोगों को मारने वाले मुसलिम आतंकवादियों के लिए क्या नहीं किया ।अन्त में इन्होंने हर तरह के प्रयास कर कसाब को छोड़ कर वाकी सब भीतरघाती आतंकवादियों को बचा ही लिया।


अब तक इनके सहयोग से मुसलिम आतंकवादियों को जिस तरह की सफलता मिल रही है उसे देखते हुए अब मुसलिम आतंकवादियों ने पहले तो हैदरावाद में पुलिस चौकी पर हमला कर पुलिस वालों का कत्ल किया जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो प्रवीण जी भाई तोगड़िया पर हमला कर डाला ।खार अभी प्रतिक्रिया नहीं हुई पर होगी जरूर फिर ये अपनी मानबता की दुकान चमकाना शुरू कर देंगे वेशक अभी तक चुप हैं।


भगवान ने चाहा तो इस हमले के लिए भी ये किसी हिन्दू को उठाकर जेल में डालकर अपने इन मुसलिम भाईयों का जुल्म हिन्दूओं के सिर डालकर अपने मुसलिम आतंकवादियों को बचा ही लेंगे।


क्या आपको पता नहीं किस तरह इन्होंने झूठे आरोप लगाकर हिन्दूओं रक्षा की बातें करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लैफ्टीनैंट कर्नल पुरोहित को जेल में डालकर मकोका लगाकर ये सुनिश्चित किया कि वो जेल से न छूट पायें ।


वेशक मकोका कोर्ट के जजों ने उन पर से मकोका हटा दिया पर इन्होंने उन्हें जेल से नहीं छोड़ा।देवेन्द्र सिंह , चन्द्रशेखर व लोकेश शर्मा के साथ भी ये यही सलूक करने वाले हैं।


देखा न ये कितने महान हैं ।


बस आप अब जरा ये तो बता दो कि अपनों का विनाश सुनिश्चित करने वाले ये जयचन्द के बंसज कौन हैं?














शनिवार, 12 जून 2010

उल्टा आदमखोर चोर कोतवाल को डांटे

हमारा आपको अखबार पढ़ाने या फिर कोई कहानी सुनाने का कोईइरादा नहीं।बस इरादा है तो आपको सच्चाई का साक्षातकार करवाने का ।
आपको हमने बताया कि किस तरह UPA सरकार ने आतंकवादियों को फायदा पहुंचाने के लिए सेना,पुलिस व देसभक्तों पर हमला किया उन्हें पकड़कर जेल   मेंडाल दिया।कशमीर  घाटी में तो सेना की एक पूरी बटालियन पर ही केश दर्ज कर आतंकवादियों को सेना व आम लोगों पर हमला करने के खुले संकेत दे दिए गए।
सेकुलर गिरोह जिसे फर्जी मुठभेड़ करार दे रहा है वो खुंखार आतंकवादियों की सीधी लड़ाई में मारे जाने का मामला हैषलेकिन जिन्हें माननीय सर्वोच न्यायालय द्वारा फांसी की सजा प्राप्त आतंकवादी निर्दोष नजर आता है भला उन्हें मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी क्यों निर्दोष  नजर नहीं आयेंगे?
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आदमखोर सेकुलर गिरोह व कांग्रेस के ऐसे ही षडयन्त्रों के परिणामस्वारूप पहले 1947 में धर्म के आधार  पर भारत का विभाजन हुआ जिसके दौरान करोंड़ों निर्दोष हिन्दूओं का कत्ल हुआ व बाद में कशमीरघाटी में हजारों  हिन्दूओं का कत्ल कर लाखों को वेघर कर दिया गया




अब जब ये पूरी तरह से शाफ हो चुका है कि हजारों लोगों के कातिल व लाखों की विमारी का कारण बने ऐंडरसन को भगाने वाला कोई और नहीं राजीब गांधी है तो आदमखोर कांग्रेस ने न्यायपालिका को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बैसे बमारा मामनना है कि अगर एंटोनिया का नार्कोटैस्ट करवाकर पता लगाया जाए तो बोफोर्स दलाली रकांड की तरह इस मामले में भी एंटोनिया का ही भारत विरोधी षडयन्त्र सामने आएगा।
विरपामोईली जैसे लोग वो गुलाम हैं जो अपनी कुर्सी वजेब के लिए किसी कि भी पैरवी कर सकते हैं।
अब आप प्रमाण देखिए और साथ में पढ़िए विरपामोईली का बयान
नई दिल्ली/बंगलूरू। भोपाल गैस पीड़तों को न्याय नहीं मिलने के मामले में कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने शनिवार को सरकार का बचाव करते हुए सारा दोष न्यायपालिका पर मढ़ दिया।








 
 
 
 
 
 
 
हमने आपको THE RED SAREE  पर अपनी समीक्षा में बताया था कि ये पुस्तक  एंटोनिया उर्फ Edvige Antonia Albina Maino उर्फ सोनिया गांधी के प्रति सहानुभूति तैयार करने के मकसद से एंटोनिया के किसी मित्र व कांग्रेस की मिलीभक्त से लिखी गई है व इसे अधिक से अधिक लोगों को पढ़ाने के लिए प्रयोजित बखेड़ा खड़ा करने की कोशिस की जा रही है जिसकी पुस्टी अब खुद मोरो ने भी कर दी है।
 
 
 



 


अब आप खुद ही यह तय  करो कि    ये सब मामले मिलकर
 उलटा चोर(देशरोधी-हिन्दूविरोधी कांग्रेस)
कोतवाल  सेना ,न्यायपालिका,देसभक्तों व देशभक्त संगठनों) को डांटे(पर दोशारोपण करे)......

वाली कहाबत को ही चरितरार्थ नहीं करते हैं......




 

शुक्रवार, 11 जून 2010

(छोट सा स्टिंग आपरेसन) देखो जी गार्ड अजय कुमार किस तरह अपनी जान की परवाह न करते हुए नशे में धुत होकर अपनी डयूटी निभा रहा है।

आज शाम 7:30 हम फारैस्ट रैस्ट हाऊस के पास से गुजर रहे थे ।तभी हमें खयाल आय कि क्यों न गार्ड साहब से बात करते चलें। जैसे हम उपर की तरफ चड़ने लगे तो आबाजें सुनाई देनी लगी। पर हम भी थोड़े वेवकूफ किस्म के इनसान हैं इसलिए रूके नहीं गार्डखाने पहूंच ही गए।

वहां जाकर जैसे ही हमने राम सलाम की गार्ड साहब पिल पड़े हमारे उपर ,शायद अजनवी समझकर कहने लगे क्या तुम पत्रकार हो ।अब उसको क्या पता कि हम पत्रकार भी हैं और कार्यकर्ता भी।


बस फिर क्या था हमें भी थोड़ा सा बुरा लगा लेकिन वहां बैठे कुठ मित्रों ने हमें समझाया कि नशे में पागल है छोड़ो रहने दो ।हम वहां से आ गए लेकिन ध्यान आया कि जो आदमी हमारे साथ इस तरह पेश आ रहा है अगर कोई महिला या गरीब आदमी उसके पास आ जाए तो वो उसका क्या हश्र करेगा।


अपने आप को रोकने की कोशिश की लेकिन देश के विगड़ते हालात व फेल होते लोकतन्त्र ने हमें मजबूर कर दिया कुछ करने को ।


ठाने में फोन किया वो तैयार हो गए आने को पर उनकी गाड़ी खराब थी ।इसलिए हमने कह दिया कि खर्चा हम दे देंगे।तभी कुछ मित्रों ने समझाया कि वेचारे के बच्चे भूखे मरेंगे इसलिए पुलिस वालों को न बुलाओ। हमने भी कह दिया पुलिस वालों से कि अगर आपको ले जाना है तो ले जाओ नहीं ले जाना है तो न ले जाओ।


क्योंकि हमें ख्याल आया कि ये हाल सिर्फ इस गार्ड का नहीं हमारे पास ऐसे बहुत से सरकारी कार्यालयों की रिपोर्ट है जहां दिन में ही शराब पीकर सब नियमों को दरकिनार किया जाता है जनता तरसती रह जाती है अपने चोटे छोटे काम करवाने को।


हमें तभी ख्याल आया कि जब 15000 लोगों के कातिल को भगाने वाले अर्जुन सिंह व राजीब गांधी(एंटोनियो) ने मजे किए तो फिर इसने तो सिर्फ शराब ही पी है।गलत क्या है ठीक क्या इसका फैसला तो आप करें लेकिन हमने ये जरूर निश्चित कर लिया कि इस गार्ड की इस हरकत को कैमरे में कैद कर लिया जाए ताकि खुछ नकेल कसी जा सके । अब आप भी देख लो उसके हालात कैमरे की जुबानी।




गुरुवार, 10 जून 2010

क्या आप इस बात से सहमत हैं कि नैहरू-गांधी खानदान बयाभिचारियों,हिन्दूविरोधियों षडयन्त्रकारियों व गद्दारों का खानदान है?


आपने देखा कि किस तरह भोपाल नरसंहार जिसमें 15500 लोग मारे गए व 500000 घायल हुए के अपराधी ईसाई ऐंडरसन को ततकालीन युवा प्रधानमन्त्री राजीब गांधी (वेशक एंटोनिया पढ़ें) ने सारी सरकारी मशीनरी का उपयोग कर देश छोड़कर अमेरिका भाग जाने की ब्यबस्थ की ।जिसमें हरवक्त हिन्दूओं पर हमला करने वाले अर्जुन सिंह ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।


इन बातों की पूस्टी ततकालीन CBI निदेशक बी आर लाल, DM मोति सिंह, PILOT हसन कर चुके हैं ।अब इस बात में कोई संदेह नहीं कि इन कातिलों को भगाने वाला नेहरू-गांधी परिवार के शिवा और कोई नहीं।


ये वही खानदान है जिसने 1947 में भारत का धर्म के अधार पर बंटबारा कर बंटवारे की असली जड़ मुसलमानों को भारत में रककर हिन्दूओं को दूसरे दर्जे का नागरिक बना डाला।


यह वही खानदान है जिसे राजीब गांधी ने अपनी बासना की पूर्ति के लिए देश के दुसमनों द्वारा planted विषकन्या एंटोनिया के जाल में फंसकर देश को एकवार फिर अंग्रेजों का गुलाम बना डाला।


जिस विषकन्या ने पहले तो अपने Boy friend Ottavio Quattrocchi के साथ मिलकर बोफोर्स दलाली कांड को अनजाम दिया व बाद में पोल खुलने के डर से Ottavio Quattrocchi ने LTTE के साथ मिलकर राजीब गांधी जी का कत्ल करवा डाला।


http://blogs.ibibo.com/ViewComments.aspx?blogid=3c849c43-7793-4455-831c-37f1e8f84ef6&mid=811ff191-26ba-4157-9dea-951460e7e3fc






अन्त में इस विषकन्या ने अपने गुलाम प्रधानमन्त्री के माध्यम से कातिल Ottavio Quattrocchi के उपर से सारे मामले खत्म कर डाले।


















बुधवार, 9 जून 2010

बर्तमान हालात पर प्रहार करती आन्नद गोपाल शर्मा जी की कविता व गोआ मडगांव के वहाने देशभक्त हिन्दूओं पर किए गए हमले पर हमारा लेख वन्देमातरम् पत्रिका में एकसाथ।

इसे हम एक संयोग ही कहेंगे कि वर्तमान हालात पर प्रहार करती आन्नद गोपाल शर्मा की कविता--बातचीत रहेगी जारी,बातचीत रहेगी जारी व मडगांव गोआ के वहाने सेकुलर गिरोह द्वारा देशभक्त हिन्दूओं पर किए गए हमले को उजागर करता हमारा लेख कुछ इस तरह छपे मानो योजना बनाकर छापे गए हों।


ज्यादा न लिखते हुए ये दोनों एक साथ पस्तुत हैं आपकी सेवा में, आपकी वेवाक राय के इन्तजार में।

सोमवार, 7 जून 2010

15000+ की मौत पर 2 वर्ष कैद व कुल 7 लाख जुर्माने का रिकार्ड बनाने के बाद एक करोड़+ की मौत पर न कोई सजा न जुर्मना पक्का करने वाला काला कानून बनाने की तैयारी आओ प्रतिरोध करें।


आप सब को बड़ा अजीब लगा होगा पोस्ट का शीर्षक पढ़कर पर यही सच्चाई है जिसके पहले हिस्से का सामना आज आप कर चुके हैं व दूसरे हिस्से का सामना आने वाले दिनों में करेंगे अगर जिन्दा वचे तो।


आपको अगर जानकारी है तो परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू होने से पहले दुनिया में जैविक हथियारों को सबसे खतरनाक हथियार माना जाता था इन्हीं जैविक हथियारों की तकनीक उपयोग होता था भोपाल के कारवाईड कारखाने में।


जी हां यह कारखाना लगाया गया था मानबाधिकार के ठेकेदार अमेरिका द्वारा भारत की मानबाधिकारों की ठेकेदार सेकुलर सरकार से इजाजत मिलने के बाद।


कांग्रेस के नेताओं ने इस कारखाने की आज्ञा देते वक्त भारतीयों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वजाए अपनी तिजोरियों को भरना ज्यादा सुनिश्चित किया था।


ठीक उसी तरह जिस तरह विजली की पूर्ती का बहाना बनाकर परमाणु करार को वेकरार कांग्रेस सरकार ने भारतीय विज्ञानिकों की हर जायज मांग को नकारते हुए अमेरिका के आगे भारत की समप्रभुता तक को गिरवी रख दिया।


सुरक्षा के लिहाज से भारतीय विज्ञानिकों ने आज तक जो भी उपलब्धियां हासिल की थी उन सबपर ये करार कर एक तरह से पानी पेर दिया गया।


समझौता हो जाने के वाद का मामला था परमाणु संयन्त्र भारत में लगाने का जिसमें अरबों डालर की घूंस मिलना निश्चित था ।


इसके लिए कांग्रेस सरकार की मुखिया इसाई एंटोनिया ने सबसे पहले हिन्दू रक्षामन्त्री को बदलकर इसाई रक्षामन्त्री बनावाय ताकि कहीं इन सौदों से मिलने वाली घूंस की पोल हिन्दू रक्षामन्त्री तेल के वदले अनाज घोटाले में मिली घूंश की पोल खोलने वाले हिन्दू नटवर सिंह के रास्ते का अनुशरण कर इस इटालियन इसाई को किसी मुसीबत में न डाल दे.।


बैसे इस देशविरोधी फैसले के लिए सिर्फ इटालियन अंग्रेज को दोश देना नजायज होगा क्योंकि ये सब गुलाम कांग्रेसियों की सहायता के विना सम्भव नहीं था।


हम सब जानते हैं कि कारकाने बदलते परिबेश की जरूरत बन गए हैं लेकिन हर देश की सरकार खतरनाक कारखाने लगाने से पहले अपने नागरिकों की सुरक्षा निशचित करती है लेकिन भारतीय नेताओं ने अपनी जनता की सुरक्षा को सुनिश्तित करने की जगह अपनी जेवों को भरना लगभग अपनी आदत में ही सुमार कर लिया है।


बात चाहे रक्षा सौदों की हो,परमाणु कचरे का डंप करने की हो या फिर कारखाने लगाने की ।


एक बात निश्तित है कि ये नेता भारत के दुशमनों से मिलने वाले टुकड़ों के बदले अपनी जनता को जहर तक खिला-पिला सकते हैं और पेप्सी व कोक के रूप में पिला भी रहे हैं। इस मामले में हमारे पढ़ेलिखे IAS अधिकारी भी इन नेताओं की पोल खोलने के बजाए इनकी छत्रछाया में अपनी तिजोरियां भरने को ही जोर देते हैं।


इसके अतिरिक्त जो वाकी पढ़े-लिखे लोग–पत्रकार-अध्यापक-वेरोजगार-दिहाड़ीदार हैं वो भी सरकार व अधिकारियों की इस मिली भक्त के विरूद्ध अन्दोन चलाने या विरोध करने या संघर्ष करने के बजाए सरकारी भौंपु की ही तरह सरकार द्वारा फैलाए गए झूठ को ही आगे फैलाते रहते हैं विना अपने विवेक का उपयोग किए।


परिणामस्वारूप हमारी आदत बन गई है दुर्धटना हो जाने के वाद छाती पीटना न कि दुर्घटना या विपती आने से पहले उससे मुकावला करने की तैयारी करना या उसे रोकने के ले कोई प्रयत्न करना।


अगर कोई जनता का शुभचिन्तक व्यक्ति या संगठन इन सरकारी षडयन्त्रों से लड़ने का बीड़ा उठाए तो हम उसका साथ देने के बजाए उसके विरूद्ध देशविरोधी षडयन्त्रकारियों का साथ देते हैं परिणामस्वारूप देश पर लगातार गद्दार राज कर जनता के जानमाल को खतरे में डालते जाते हैं।


आओ अब हम आगे आने वाले खतरे की बात करें ।


जैसा कि आप सब जानते हैं कि कांग्रेस सरकार संसद में एक ऐसा विल लेकर आयी है जिसके पास होने का मतलब है बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को भारतीयों का खून बहाने की खूली छूट देना।


ध्यान रहे कि ये विधेयक परमाणु हथियारों की तकनीक पर अधारित लगने वाले का विजली कारखानों से सबन्धित है।


इस विधेयक के अनुशार परमाणु दुर्घटना घटने पर कारखाना लगाने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियां किसी तरह से जिम्मेदार नहीं होंगी न तो उन पर कोई मुकदमा चलाया जा सकेगा न कोई हर्जाना किया जा सकेगा।


यह विधेयक कितना खतरनाक है इसका अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आमतौर पर आंखबन्द कर एंटोनिया की गुलामी करने वाले सांसदों से भरी-पड़ी कांग्रेस में से ही 35 देसभक्त सांसदों ने संसद से अनुपस्थित रहकर इस विधेयक को पारित होने से रोका।


लेकिन अमेरिका के हित साधने को समर्पित एंटोनिया व मनमोहन हर हालात में इस विधेयक को पारित करवाकर जनता के जानमाल को खतरे में डालने पर अमादा है।






अन्त में आप सबसे इतनी सी अपील है कि एक तो इस खतरे के वारे में जनता को अपने-अपने सीमित साधनों का उपयोग कर जागरूक करें और अगर सही लगे तो निम्न पतों पर राष्ट्रपति व प्रधानमन्त्री को अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए मेल करें व अन्य लोगों को भी सीधे संपर्क या लेखों के माध्यम विरोध के लिए प्रेरित करें। ये दोनों पते Honesty Project Democracy से लिए गए हैं।


presidentofindia@rb.nic.in ये राष्ट्रपति जी का ईमेल है /


pmosb@pmo.nic.in ये प्रधानमंत्री जी का ईमेल है /


आशा है आप अपने द्वारा भेजी गई मेल की एक कापी हमें भी


sdsbtf@gmail.com पर जरूर भेजेंगे।


आपका


सुनील दत्त










रविवार, 6 जून 2010

आओ आपको मिलायें वास्तविक सेकुलर व मानबाधिकार कार्यकर्ता से।


हमने जब ब्लाग लिखना शुर किया था तब सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण था कि हमने गणित के Principal of Mathematical Induction का उपयोग कर ये पता लगा लिया था कि जो लोग खुद को सेकुलर,समाजिक कार्यकर्ता,मानबीधिकारबादी व मिडीया कर्मी  बनकर सुरक्षाबलों व हिन्दूओं और उनके संगठनों पर हमला कर रहे हैं वो बास्तब में हिन्दूविरोधी-देशविरोधी आतंकवादियों के समर्थक व कर्ताधर्ता हैं।उस वक्त हमें ये उमीद नहीं की थी कि ये गद्दार इतनी जल्दी बेनकाब हो जायेंगे। लेकिन कहा है न कि झूठ के पांव नहीं होते ।आप देख रहे हैं कि किस तरह ये गद्दार एक-एक कर वेनकाब हो रहे हैं।


• आपने देखा कि किस तरह सुरक्षाबलों, हिन्दूओं व उनके संगठनों पर हिंसा का आरोप लगाने वाले महेशभट्ट का वेटा आतंकवादियों की मदद करने का दोशी पाया गया जिसे सेकुलर गिरोह की सरकार ने वचाने के लिए सरकारी गवाह करार देकर बचा लिया।


• आपने ये भी देखा कि किस तरह सुरक्षाबलों, हिन्दूओं व उनके संगठनों पर हमेशा हमला करने वाली कांग्रेस व समाजबादी के चुने हुए प्रतिनिधि मसलन,अबदुल रहमान अंतुले, अबदुल सत्तार, अबु हाजमी, दिगविजय सिंह, गद्दारों की सरदार एंटोनिया सरेआम आतंकवादियों की मदद करने के मामले में सारे मिडीया के सामने वेनकाब हुए।


• आपने ये भी देखा कि किस तरह हिन्दूओं को जागरूक करने वाली वीरांगना प्रज्ञा सिंह ठाकुर व 300 मुसलिम आतंकवादियों की सूची बनाकर देने वाले बहादुर लैफटीनैंट कर्नल पुरोहित और आतंकवादियों को मार गिराने वाले सैनिकों व पुलिस अधिकारियों को झूठे आरोप लगाकर कश्मीरघाटी से गुजरात तक जेल में डालकर जबरदस्ती आतंकवादी सिद्ध करने की कोशिस करने वाली कांग्रेस ने माननीय न्यालय से फांसी की सजा प्राप्त मुसलिम आतंकवादी अफजल की फांसी को शहीदों द्वारा मैडल तक वापिस कर देने के बावजूद वेसर्मी की सारी सीमायें लांघते हुए रोकने का प्रयास किया व आन्ध्रप्रदेश में पकड़े गए मुसलिम आतंकवादियों (रेड़ी के शासन के दौरान) को छोड़ते हुए एक-एक आटो गिफ्ट किया।


• आपके सामने राजीब जी की हत्या के संदिग्ध व बोफोर्स दलाली कांड के अपराधी क्वात्रोची को एंटोनिया ने उसके पैसे निकलवाकर व सब केश समाप्त कर राजीब जी व भारत के बजाए क्वात्रोचीन, कातिल नलिनी व इटली के प्रति अपनी बफादारी का प्रमाण दिया जिसकी पुस्टी SPANISH लेखक ने अपनी पुस्तक THE RED SAREE में भी की।


• आपने देखा कि एंटोनिया का निजी सचिब अहमद पटेल अंडरबर्ड के साथ मिलकर महाराषट्र में पुलिस प्रमुख की नियुक्ति का फैसला करता हुआ कैमरे पर पकड़ा गया।


• आपने देखा कि 1993 में BSE पर हमला करने में मुसलिम आतंकवादियों की सहायता करने वाले सेकुलर कांग्रेसी नेता का वेटा संजय दत्त आतंकवादियों की मददगार कांग्रेस द्वारा हर तरह से बचाया जा रहा।


• आप देख रहे हैं कि मुसलिम और इसाईयों की पशुतुल्य संस्कृति को हिन्दूओं पर थोपने के लिए सेकुलर गिरोह द्वारा जबरदस्ती सगोत्र विवाह पर जोर दिया जा रहा है।


• आपने देखा कि मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारने वाली व साधु-संतो को बदनाम करने वाली कांग्रेस ने पोप के मरने पर देश में तीन दिन तक राष्ट्रीय शोक रखा।


• आपने देखा कि किस तरह भारत माता व हिन्दूदेवीदेबताओं का अपमान करने वाले M F HUSSAIN का समर्थन कर इसे अभिब्यक्ति की स्वतन्त्रता कहने वाली कांग्रेस व सेकुलर गिरोह ने एंटोनिया की सच्चाई मतलब वो कौन है ,उसके माता पिता क्या करते हैं... बताने वाली पुस्तक THE RED SAREE को पत्रकारिता के नाम पर लम्पटबाद करार दिया।


अब आप खुद देखो मानबाधिकार व धर्मनिर्पेक्षता की सबसे बड़ी रक्षक खुद क्या स्वीकर कर रही हैं।कह रही है कि देश में आतंकवाद को आगे बढ़ाने के लिए हिंसा जायज है।

ये है इस जैसे मनाबाधिकार कार्यकर्ताओं का असर

ऐसे हथियारों से लड़ने वालों के मानवाधिकारों की बात करते हैं ये सेकुलर गद्दार व इन्हीं आतंकवादियों की मदद के लिए सेकुलर कांग्रेसी सरकार ने सेना की एक पूरी बटालियन पर ही केस कर डाला


अन्त में हम इतना ही कहेंगे कि जो लोग खुद को मानवाधिकारवादी ,समाजिक कार्यकर्ता,धर्मनिर्पेक्ष बताकर भारतीय सुरक्षावलों व हिन्दूओं और उनके संगठनों पर काल्पनिक आरोप लगाकर हमला वोल रहे हैं वो सबके सब भारत के शत्रुओं व हथियार माफिया के हाथों विक चुके,चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों , पाकसमर्थक मुसलिम आतंकवादियों व धर्मांतरण समर्थक इसाई आतंकवादियों के ठेकेदार हैं। सब देसभक्तों को संगठित होकर इन गद्दारों से सचेत रहकर व इनपर निगाह रखकर, इनका पर्दाफास कर जनता के हाथों इनका अन्त सुनिशिचत करना चाहिए।






शनिवार, 5 जून 2010

तुम्महारी दासतां तक न होगी दास्तानों में (खुद को सेकुलर मानने वाले हिन्दूओं को संवाद का विशेष आमन्त्रण)

हम और आप जब तक एक दूसरे के विरूद्ध लड़ रहे हैं तब तक इस देश को बर्बादी से भला कौन बचा सकता है? हम जब तक खुद को धोखे में रखकर उन लोगों का साथ देते रहेंगे जो हमें मिटाने पर तुले हैं तब तक न हम सुरक्षित हैं न हमारा देश। हमने कुछ दिन पहले(27.05.10) को आप तक इटालियन आतंकवादियों के दिल्ली में पकडे जाने का समाचार पहुंचाया था। लेकिन जैसी कि उमीद थी सारे मिडीया ने सेकुलर गिरोह की सरकार के इसारे पर आतंकवादियों से सबन्धित इस मामले को जनता तक पहूंचाने से तौवा कर ली। ऐसा कोई एक मामला नहीं है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वेहद संवेदनशील होने के बाबजूद उतनी चर्चा का विषय नहीं बना जितना कि बनना चाहिए था।ऐसे ही कुछ मामले रखे थे हमने आपके सामने ।एक वार फिर रख रहे हैं आपकी वेवाक राय के इन्तजार में।



BREAKING NEWS:-दिल्ली के पांच सितारा रैडिसन होटल से इटालियन आतंकवादी हथियारों सहित पकड़े गए!


मरे प्यारे हिन्दूओ ,समझदार हिन्दूओ,मानवाधिकारवादी के चोले में छुपे आतंकवादियों के ठेकेदार सैकुलर हिन्दूओ हम आप तक लगातार जानकारी पहूंचानी की कोशिश कर रहे हैं ताकि आप सब अपने देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक होकर देश के शत्रुओं से लड़ने के लिए एक जुट हो जायें।


आज हम और आप जिस गलत जानकारी का सिकार होकर अपनी जड़ों को खोदने के षडयन्त्रों का जाने अनजाने साथ दे रहे हैं वो कहीं हमारे हालात उन यहूदियों की तरह न कर दे जो हमारी ही तरह देश के प्रति लापरवाह रहे लेकिन जब वो वेघर हो गए तब जाके उन्हें एहसास हुआ कि अपना देश होने का मतलब होता है सुरक्षा और समृद्धि।


आज हर यहूदी एकजुद होकर अपने चारों तरफ फैले शत्रुओं से लड़ने में इसलिए कामयाब है कि उनमें मानबता के नाम पर आतंकवादियों की मदद करने वाला कोई सेकुलर बौद्धिक गुलाम नहीं जो आतंकवादियों का साथ देकर अपनों का लहू बहाने में आन्नद का एहसास करे ।हम समझते हैं कि हमारे बहुत से हिन्दू सेकुलर गिरोह से अनजाने में जुड़े हैं इसीलिए वार-वार उनको इस गिरोह की असलियत बताने का प्रयत्न कर रहे हैं। खैर आज के विषय पर आते हैं


आज भारत, देश के शत्रु मुसलिम, ईसाई व माओवादी आतंकवादियों का गढ़ बनता जा रहा है।


• आज ही दिल्ली के पांचसितारा रेडिसन होटल से इटालियन आतंकवादियों को हथियारों सहित पकड़ा गया।


• मुंबई हमले के दौरान हमारे कुछ इमानदार कसटम अधिकारियों ने FBI के एजंटो को जासूसी के उपकरणों सहित पकड़ा था।


• अभी कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने FBI के इसारे पर अंडेमान में तैनात सैनिक अधिकारी को गद्दार घोषित करने की हिमाकत की।


• तहवुर राणा-हेडली प्रकरण ने सिद्ध कर दिया कि भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में मुसलिम व ईसाई अमेरिकी एजेंट सक्रिए हैं।


• मुंबई हमले के दौरान ही आतंकवादी हमलों को अनजाम देने के वाद जानकारी देने के Email करने के लिए एक अमेरिकी को गिरफतार किया गया था।मतलब वो इस बात का प्रमाण था कि ये अमेरिकी किसी और संगठन के नाम से बम्ब हमलों की जिम्मेवारी ले रहा था।


• कुछ महीने पहले ही कुछ अंग्रेजों को इंदरा गांधी हबाई अड़े की रेकी करते हुए पकड़ा गया।


• इटालियन एजेंट हथियार तस्कर व राजीब गांधी जी की हत्या के संदिग्ध इटालियन क्वात्रोची के, पहले तो कानून मन्त्री हंसराज भारद्वाज जी को लंदन भेज कर बोफोर्स दलालीकांड के पैसे छुड़वाए गए व वाद में उसके उपर से ,देश की इज्जत वोले तो इटालियन अंग्रेज एंटोनिया की इज्जत का हबाला देकर, सारे आरोप हटा लिए गए।


• अभी संसद के पिछले सत्र में जहां एक तरफ अमेरिका के इसारे पर भारतीयों की जान-माल को खतरे में डालने वाले भारत विरोधी परमाणु सुरक्षा विल को पास करवाने की कोशिस की गई तो दूसरी तरफ हिन्दूओं को आपस में लड़वाने के लिए जाति अधारित विभाजनकारी जनगणना का जिन वोतल से बाहर निकाल दिया गया।






जितनी भी घटनायें हमने लिखी हैं ये सब देशद्रोह या यूं कहें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घटनायें हैं लेकिन इन सब पर गद्दारों की सेकुलर सरकार ने कोई न कोई बहाना बनाकर पर्दा डाल दिया।


जहां एक तरफ देशभर में आतंकवाद फैलाकर मारकाट मचाने वाले मुसलिम व ईसाई आतंकवादियों को बचाने का हर प्रयत्न पूरी वेशर्मी से ये सरकार कर रही है वहीं दूसरी तरफ देश की रक्षा की खातिर अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवादियों से लोहा लेने वाले सैनिकों , पुलिस अधिकारियों व अन्य देशभक्तों को झूठे आरोप लगाकर विना किसी प्रमाण के बर्षों तक जेल में रखकर आतंकवादी सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है।


आप सब खुद बुद्धि के सागर हैं इसलिए ज्यादा न लिखते हुए आपसे हम इतना ही कहेंगे कि उपरलिखित सब घटनाओं से मतलब साफ है कि जो देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर करने को त्यार हैं वो देश के सिफाही या यू कहें देश के क्रांतिकारी इस गद्दारों की सरकार के लिए आतंकवादी हैं व आए दिन मासूमों के खून से होली खेलने वाले मुसलिम व माओवादी आतंकवादी चाहे उन्हें माननीय सर्वोच नयायलय भारतीयों के कत्ल के जुल्म में फांसी की सजा ही क्यों न सुना चुका हो वो इस गद्दारों की सेकुलर सरकार के लिए क्रांतिकारी हैं।


अन्त में इतना ही कहेंगे


एकजुट होकर देशहित में बढ़ा कदम उठाओ ऐ हिन्दूओं


वरना तुम्महारी दासतां तक न होगी दास्तानों में


गुरुवार, 3 जून 2010

THE RED SHAREE पर हंगामा एक पूर्वनियोजित और प्रायोजित कार्यक्रम है। आओ जानें किसके लिए और क्यों?

आप सब देख रहे होंगे कि किस तरह THE RED SHAREE पर कांग्रेस द्वारा हंगामा किया जा रहा है । SPANISH लेखक जेवियर मोरो द्वारा लिखित इस पुस्तक को मिडीया व कांग्रेस द्वारा कुछ उस तरह पेश किया जा रहा है मानो इसमें कोई बहुत बड़ा पर्दाफास कर दिया गया हो।


जबकि सच्चाई इसके विपरीत है।इस पुस्तक में हमें सिर्फ इतना बताया गया है कि एंटोनिया के माता-पिता कौन थे, क्या करते थे,कहां रहते थे,एंटोनिया का पालन पोषण किस महौल में हुआ, एंटोनिया को भारत से कितना लगाब है, एंटोनिया क्यों हिन्दी नहीं सीखना चाहती थी। इस पुस्तक में लगभग वही सबकुछ है जो एंटोनिया को प्रधानमन्त्री बनने से रोकने के लिए श्री सुब्रामणियम स्वामी जी द्वारा ततकालीन राष्ट्रपति को लिखित पत्र में है।


एक तरह से ये पुस्तक आज तक बताए गए अर्ध सत्यों को पूर्ण सत्य का रूप देती हुई प्रतीत होती है।हां इस पुस्तक का जो सबसे रोचक पहलू है वह यह है कि पुस्तक पढ़ते वक्त इस विदेशी अंग्रेज के कटु अलोचक मेरे जैसे ब्यक्ति के मन में भी एक सहानूभूति की भावना पैदा होती है ।


इस पुस्तक को शुरू से अंत तक पढ़ते वक्त ऐसा लगता है मानो ये पुस्तक किसी कांग्रेसी द्वारा लिखी गई हो देश में एक वार फिर से इस अंग्रेज के प्रति सहानूभूति पैदा करने के लिए।


जिस तरह से इस पुस्तक में लिखित आम सच्चाई को तूल दिया जा रहा है उससे तो यही लगता है कि कांग्रेस और सेकुलर गिरोह संचालित मिडीया इस पुस्तक का ज्यादा से ज्यादा प्रचार कर लेखक व एंटोनिया को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का प्रयत्न कर रहा है।


हां इसमें जो बातें लिखी गई हैं उन्हें पढ़कर ये जरूर एहसास होता है कि लेखक या तो एंटोनिया का नजदीकी है या फिर किसी ऐसे ब्यक्ति का जो एंटोनिया के वारे में सब जानता है मतलब क्वात्रोची का।


कुल मिलाकर यह पुस्तक एक सोची समझी रणनिती के साथ प्रचारित की जा रही है क्योंकि आजकल जनता UPA व उसकी चेयरमैन की आम आदमी विरोधी नितीयों के परिणामस्वारूप बढ़ रही मंहगाई व सरकार के आतंकवाद समर्थक रूख के कारण अप्रतयासित रूप से आक्रोसित है इस सरकार व अंग्रेज के विरूद्ध।


ऐसे हालात से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है वो है सब गड़े मुर्दे उखाड़ कर एंटोनिया का गुणगान कर ,इस अंग्रेज के प्रति सहानूभूति पैदा करना।जिसमें इस पुस्तक को हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। पुस्तक की पहली पंक्ति


(When life is the price of power मतलब एंटोनिया को भारत पर राज करने की कीमत अपना जीबन त्याग कर चुकानी पड़ी जबकि बास्तविकता यह है कि ये अंग्रेज अपने इस षडयन्त्र को अन्जाम देने के लिए कई जिन्दगियां लील गई ) ही इस मकसद को सपष्ट करने के लिए काफी है।


भारतीयों को इस पुस्तक की तरफ खींचने के लिए लिखा गया है(Lead me from darkness into light, from death to immortality.


Vedic prayer) मतलब लेखक भी भारतीय संसकृति के प्रति उतनी ही समर्पित है जितनी कि एंटोनिया कहा भी गया है न चोर-चोर मौसेरे भाई।एंटोनिया तो एक SEX रिलेसन के परिणामस्वारूप भारत के प्रति समर्पित हो गई लेखक को इस वहाने की भी जरूरत न पड़ी ।


आप जरा ध्यान से सोचो कि जो ब्यक्ति एक sex relation के परिणामस्वारूप अपनी बफादारी अपनी मातृभूमि व संसकृति से वदलकर किसी दूसरे देश व संसकृति के प्रति कर ले वो भला उस दूसरे देश व संस्कृति के प्रति कितनी वफादार रहेगी।एंटोनिया की वफादारी किसके प्रति है जानने के लिए (एंटोनिया के हिन्दूविरोधी षडयन्त्र जरूर पढ़ें) आप सब समझ जायेंगे।


हमारे विचार में यह सारा मामला एक प्रयोजित कार्यक्रम है जिसमें लेखक व एंटोनिया से लेकर मिडीया तक मोटी कमाई करने के चक्र में हैं।


अगर कुछ पल के लिए यह मान भी लिया जाए कि कांग्रेस बास्तब में ही इस पुस्तक की विरोधी है तो उसका सिर्फ एक ही कारण हो सकता है वो है भारतीयों से एंटोनिया की असलियत छुपाकर रखना ।


वो असलियत जिसको जानने का हर भारतीय को हक है।


क्योंकि जिन भारतीयों का प्रधानमन्त्री इस अंग्रेज के इसारे पर काम करता है उन भारतीयों को ये जरूर पता होना चाहिए कि उनके प्रधानमन्त्री का मार्गदर्शक कौन है? मार्गदर्शक की सोच क्या है?उसकी संसकृति क्या है?उसका परिवेश क्या है?साथ ही उसका इस देश के लोगों के प्रति द्रिष्टीकोण क्या है ? सबसे उपर उसकी मूल विचारधारा क्या है? अगर आप भी जानना चाहते हैं विस्तार से गुलाम कांग्रेसियों की आका एंटोनिया के जीवन के वारे में तो इन्तजार किजीए हमारी अगली कड़ी का...










बुधवार, 2 जून 2010

DJ का शोर है ...लोग नाच रहे हैं...तभी एक सेकुलर पांच वर्ष की बच्ची को उठाकर चलता वना...

सब सेकुलर लोग इस बात के लिए... के पात्र हैं कि जो बीड़ा मुम्बई में बैठे 200 कंजर फिल्म व सिरीयल उत्पादकों ने उठाया था जिसे इसैक्ट्रौनिक मिडीया ने पूरे जोर जोर से आगे बढ़ाया वो आज देश देश के कोने-कोने तक पहूंच गया है।


पिछली शाम यानिके 1/06/2010 छोटे से कस्वे .. में एक शादी समारेह था ये इस समारोह की शुरूआत का दिन था जिसे माइने कहते हैं DJ पूरे शबाब पर था लोग मस्ती मैं झूम रहे थे।आप तो जानते ही हैं नशे में झूम रहे सेकुलर लोगों का इन मौकों पर वच्चों पर विशेश लगाव उमड़ता ।उन्होंने वेशक महीनों से नशा करके अपने बच्चों व परिवार के नाक में दम कर रखा हो पर ऐसे मौकों पर ये अपने सेकुलर ब्याबहार के कारण अपनी पत्नी और दूसरों की पत्नी के वीच कोई भेदभाव नहीं करते ।ठहरे जो सेकुलर।


यहां भी यही हो रहा था पर यहां निशाने पर थे बच्चे ।आपको पता है kissing तो सेकुलर लोग खुलेआम करते हैं यहां भी यही सब हो रहा था ।कभी एक बच्चे को उठाकर तो कभी दूसरे बच्चे को उठाकर नचाया जा रहा था।----------अचानक एक मां ने चिल्लाना शुरू किया....मेरी बच्ची-मेरी बच्ची.......पपू डांस करता है साला...उधर चीखें इधर DJ का जोर। वस वो चिलाती रही सुने कौन? सुकर मनाओ किसी सेकुलर ने उठाकर उसे नचाना शुरू न किया और ये भी भगवान की ही दया है कि आज भी महिलायें इस सेकुलर प्रोपेगंडे की सिकार कम हुई हैं....तभी किसी ब्यक्ति ने लाईट बन्द की....बच्ची की खोजवीन शुरू हुई...एक रूढ़ीवादी(यही पुकारा जाता है सुकुलरों द्वारा ब्याभिचार व बहसिपन के विरोधियों को), ने उस सेकुलर को बच्ची उठाकर ले जाते हुए देख लिया था पर इसलिए चुप रहा कि सेकुलर लोग उस पर बखेड़ा खड़ा करने का आरोप न लगा दें ।


खैर जब सबने एक दूसरे से पता करना सुरू किया तो उसने वताया कि वो सेकुलर लड़की को उठाकर किस तरफ ले गया है। काफी मेहनत करने के वाद वो सेकुलर एक पुल के पास उस बच्ची के साथ पकड़ा गया।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुल के साथ नाला होता है और नालों में अक्सर अपराध को अनजाम दिया जाता है। बस फिर क्या था लोगों ने इस सेकुलर को पुलिस के हवाले करने के बजाए खुद ही सेवा करना बेहतर समझा ।


खैर अब ये मानबाधिकारवादियों का मामला है कि जिन लोगों ने इस सेकुलर को इतना मारा उनको व जो पुलिस विना बुलाए मौके पर नहीं पहुंची कैसे सजा दिलवाने के लिए जनवादी अन्दोलन चलाया जाए। ये काम हिमांशु के मित्र ज्यादा वेहतरी से कर सकेंगे।


ऐसी घटनायें अब आम हो गई हैं आज सिर्फ एक घटना आपको वताई वाकी फिर कभी...


इसी सेकुलर मानसिकता से सचेत करने के लिए हमने कुछ दिन पहले ये लेख लिखा था जिस पर आपकी वेवाक राय का इन्तजार अब भी है।


कया आपको विना शादी के आपके साथ रहने वाली गर्लफरैंड चाहिए? 


दुनिया में भारतीय समाज ही सिर्फ एक ऐसा समाज है जिसका हर कार्याकलाप संस्थागत है जन्म से लेकर मृत्यु तक । भारतीय संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जिसे सभ्य संस्कृति वोले तो मानव संस्कृति कहा जा सकता है। वाकी सब तो पशुतुल्या है उनका हर क्रिया कलाप पशुओं से मिलताजुलता है।न कोई सभ्यता न कोई संसकृति। पशु प्रवृति में दो पशु तब तक साथ होते हैं जब तक दोनों को एक दूसरे से शारीरिक सबन्धों की जरूरत होती है जैसे ही सारीरिक जरूरत पूरी सबन्ध खत्म।फिर दूसरा सबन्ध शुरू। बच्चों को नहीं पता कि उनके मां-वाप कौन है मां-वाप को नहीं पता कि कौन उसका बच्चा है। सारा काम सिर्फ सारीरिक सबन्धों के लिए कोई जिम्मेवारी नहीं कोई मर्यादा नहीं। सब के सब संकरी नसल । अब भारत में एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो चुका है जो इन पशु प्रवृतियों से इतना प्रभावित है कि भारत की संस्कृति को हर तरह से नुकसान पहुंचा कर पशु प्रवृति बनाने पर तुला है। ये गिरोह कभी कहता है नर को नर से शारीरिक संबन्ध बनाने का अधिकार होना चाहिए । कभी कहता है एक ही गांव /गोत्र में शादी पर प्रतिबन्ध नहीं होना चाहिए।कभी ये मात-पिता के बच्चों पर अधिकार पर प्रश्न उठाता है। कभी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई सब छोड़कर सिर्फ ब्याभिचार पर अपना ध्यान केन्द्रित करने को उकसाता है। कभी ये गिरोह बच्चों द्वारा भागकर अपने माता-पिता की ईच्छा के विरूद्ध शादी को उनका अधिकार बताता है । कभी ये गिरोह लिव न रिस्ते की बात करता है। मतलब ये गिरोह अपने कब्जे वाले सब संसाधनों का उपयोग कर पशु संस्कृति को आगे बढ़ाने के काम पर लगा रहता है।सच बतायें तो हमें इस पर कोई आपति नहीं कि ये मानब होकर क्यों पशु की तरह जीवन जीने पर उतारू है क्योंकि हो सकता है इसकी उत्पति इसी प्रवृति के फलस्वारूप ही हो। बस आपति है तो इस बात पर कि जो मानब की तरह जीबन जी रहे हैं उनके जीने के तरीके पर ये पशुओं का गिरोह कैसे सवाल उठा सकता है? इस गिरोह को चाहिए कि ये वहां जाकर रहे जहां इनके जैसे पशु प्रवृति को मानने वालों की संख्या अधिक है।


कुछ दिन पहले हमारा सामना ऐसे ही पशु-गिरोह(उम्र25-45)के साथ हुआ। हमने उनसे पूछा कि क्या आपको महिला मित्र चाहिए ।तो सबका जबाब था हां ।
हमें कोई हैरानी नहीं हुई हम सबझ गए कि सब के सब सेकुलर हैं।
हमने दूसरा प्रश्न किया क्या आप अपनी मां-बहन-बेटी-पत्नी को पुरूष मित्र रखने की राय/सहमति देंगे।सबके सब भड़क गय।सबका जबाब था कैसी बात करते हो तुम हम तो हमारी मां-बहन-बेटी-पत्नी के वारे में ऐसा सोचने वाले के नाक-मुंह सब तोड़ देंगे कत्ल कर देंगे उस गधे को ।
फिर हमने कहा कि जिस तरह आप अपनी मां-बहन-बेटी-पत्नी के साथ कोई सबन्ध नहीं बनने देना चाहते कमोवेश ऐसी ही स्थिति समाज के बढ़े हिस्से की है ।अब आप बताओ कि जिस लड़की को आप अपनी विना शादी की फ्रैंड वनाना चाहते वो लड़की आयेगी कहां से ?
क्योंकि समाज की हर लड़की किसी न किसी की मां-बहन-बेटी-पत्नी है।


अन्त में हम तो सिर्फ इतना कहेंगे कि हमें दूसरों की मां-बहन-बेटी-पत्नी के साथ बैसा ही ब्याबहार करना चाहिए जैसा हम अपनी मां-बहन-बेटी-पत्नी के साथ होने की आशा करते हैं।
क्योंकि अगर हम दुसरों की मां-बहन-बेटी-पत्नी का अपमान करते हैं तो इस बात की पक्की गारंटी है कि हमरी मां-बहन-बेटी-पत्नी का अपमान दूसरे करेंगे।क्योंकि हमारा ब्याबहार ही समाज की दिशा तय करता है।










मंगलवार, 1 जून 2010

IBN7 की खबर: सेना की एक पूरी बटालियन पर मुक्दमा दर्ज।

क्या आपको ये सुनने में ही आजीब सा ही नहीं लगता कि किसी देश की सरकार देश की सुरक्षा की गारंटी अपनी ही सेना के साथ युद्ध छेड़ दे वो भी देश के शत्रु आतंकविदियों को खुश करने के लिए।

जहां तक हमारी जानकारी है तो ये सेकुलर गद्दारों की सरकार दुनिया की ऐसी पहली सरकार बन गई जो भारत की इतनी शांतिप्रिए मानबीय सेना के विरूद्ध इस तरह के मनघडंत आरोप लगाकर आतंकवादियों व उनके समर्थकों को खुश कर आम लोगों का खून बहाने का पक्का बन्दोबस्त कर रही है। इसी सरकार के सेना विरोधी प्रोपेगंडे के परिणामस्वारूप कनाडा जैसे आतंकवादियों के समर्थक देश हमारी BSF को कातिलों की फौज कहने का दुहसाहस कर रहे हैं।

सेना की इस बटालियन पर आरोप लगाया गया तीन आतंकवादियों को फर्जी मुठभेड़ में मारगिरोने का क्योंकि हर आतंकवादी इस सेकुलर गिरोह की गद्दारों की सरकार के लिए निर्दोश है चाहे वो माननीय सर्वोच न्ययालय से सजा प्राप्त आतंकवादी ही क्यों न हो(अफजल की फांसी रोकने मामला अच्छी तरह जानते हैं आप)।और आतंकवादी इनके लिए निर्दोस होंगे भी क्यों न क्योंकि ये सरकार जिस अंग्रेज की गुलाम है वही तो आज सब गद्दारों की सरदार है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेना की बटालियन पर मामला दर्ज करने का समाचार उस वक्त सामने आया जब ये गद्दारों की सरदार कशमीरघाटी की यात्रा पर जाने वाली थी गई भी भी पिर भी आतंकवादियों ने इसका विरोध किया।

अब उन सेकुलर महामूर्खों को कौन समझाए कि ये मुसलिम आतंकवादी तब तक इनका समर्थन नहीं करेंगे जब तक ये भारत इस्लामी राज्य न हो जाए और जब ये इसलामी राज्य हो जाएगा तो फिर ये गैर मुसलमानों को जिन्दा नहीं छोड़ेंगे ।

अब अगर ये सेकलर बास्तब में ही इन मुसलिम आतंकवादियों का समर्थन चाहते हैं तो इन्हें खुलकर इसलाम सवीकार कर लेना चाहिए।

इससे एक तो इनको मुसलिम आतंवादियों का खुला समर्थन मिल जाएगा जिसके लिए ये सेकुलर गद्दार लगातार भरतीय सुरक्षाबलों को बदनाम कर रहे हैं और साथ ही चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों का समर्थन भी क्योंकि दोनों तरह के आतंकवादी भारत को बर्बाद करने के मुद्दे पर एक हैं।

अब हम आपको बताते हैं कि सेना पर क्या आरोप लगाया गया।

मेजर उपेन्द्र के नेतृत्व वाली बटालियन पर चार लोगों का आपहर्ण कर उन्हें मुठभेड़ में मार गिरोने का आरोप है।

हुआ यूं कि ये चार लोग पाकिस्तान से गोला बारूद लेकर भारत में प्रवेश किए ही थे कि उनका सामना हो गया मेजर उपेन्द्र के नेतृत्व में सीमा की सुरक्षा में लगे सैनिकों से ।

इन आतंकवादियों ने सेना के ललकारने पर आत्मसमर्पण(आत्मसमर्पण का मौका भारत की ही ये मानबीय सेना देती है वरना दुनिया के हर देश में आतंकवादियों को सीधा गोली से उड़ा दिया जाता है) करने के बजाए सेना पर हमला वोल दिया जबाबी कार्यवाही करने पर ये चारों आतंकवादी मारे गए।अब इनको निर्दोश बताकर सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिस की जडा रही है।

हाल ही में इसी घाटी में एक मामला सामने आया है जिसमें एक विद्यार्थी ,एक अध्यापक व एक पुलिस वाले का ग्रुप पकड़ा गया है जिसमें लड़के का बाप अहमद लोन जो कि पाकिस्तान में रह रहा है पाकिस्तान से हथियार लाकर बेटे को देता था वेटा अपने अध्यापक व पुलिस वाले के साथ मिलकर न हथियारों को आतंकवादियों तक पहुंचाता था ।ये तो तीनों जिन्दा पकड़े गए इसलिए इन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है क्योंकि ये सबके सामने सच्चाई सवीकार कर रहे हैं अगर ये विद्यार्थी और अध्यापक मुठभेड़ में मारे जाते तो इन्हें निर्दोस घोषइत कर सेनापर हमला वोल दिया जाता । हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि न गद्दार सेकुलरों की भारतविरोधी नितीयों की बजह से आज कशमीर घाटी की पुलिस में 80% से अधिक आतचंकवादी भरे पड़े हैं ।

अब आप अपने उन नौजवान सैनिकों की स्थिति पर ध्यान दो जिन्हें इन आतंकवादी पुलिस वालों के सहयोग से आतंकवादियों से लड़ना है उपर से जिस केन्द्र सरकार को अपने इन सैनिकों के साथ खड़ा होना चाहिए वो आतंकवादियों के साथ खड़ी है।

ऐसे में अगर कल हमारे सैनिकों का मनोबल डूट जाए और परिणामस्वारूप भारत पर तालिवानों का कब्जा हो जाए तो किसका फायदा होगा भारत का या फिर भारत के शत्रुओं काष।

इसीलिए हम वार-वार आपको वता रहे हैं कि UPA सरकार भारत के शत्रुओं के साथ मिलकर भारत को तबाह करने अमादा है जिसके हम समय-समय पर मिल रहे प्रमाण आपके सामने रख रहे हैं।

ऐसा नहीं कि सुरक्षाबलों को मरवाने की कोशिस सिर्फ कसमीर घाटी में ही की जा रही है ये कोशिस बददसतूर सारे भारत में जारी है।
हम तो चाहेंगे कि सेना इसे भारत पर हमला मानकर सरकार के विरूद्ध युद्ध की घोशणा कर देश को इस गद्दारों की सरकार से मुक्त करवाए पर जब तक यह नहीं होता आओ तब तक  मिलकर इन सेकुलर गद्दारों का पर्दाफास करें