हमने जब ब्लाग लिखना शुर किया था तब सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण था कि हमने गणित के Principal of Mathematical Induction का उपयोग कर ये पता लगा लिया था कि जो लोग खुद को सेकुलर,समाजिक कार्यकर्ता,मानबीधिकारबादी व मिडीया कर्मी बनकर सुरक्षाबलों व हिन्दूओं और उनके संगठनों पर हमला कर रहे हैं वो बास्तब में हिन्दूविरोधी-देशविरोधी आतंकवादियों के समर्थक व कर्ताधर्ता हैं।उस वक्त हमें ये उमीद नहीं की थी कि ये गद्दार इतनी जल्दी बेनकाब हो जायेंगे। लेकिन कहा है न कि झूठ के पांव नहीं होते ।आप देख रहे हैं कि किस तरह ये गद्दार एक-एक कर वेनकाब हो रहे हैं।
• आपने देखा कि किस तरह सुरक्षाबलों, हिन्दूओं व उनके संगठनों पर हिंसा का आरोप लगाने वाले महेशभट्ट का वेटा आतंकवादियों की मदद करने का दोशी पाया गया जिसे सेकुलर गिरोह की सरकार ने वचाने के लिए सरकारी गवाह करार देकर बचा लिया।
• आपने ये भी देखा कि किस तरह सुरक्षाबलों, हिन्दूओं व उनके संगठनों पर हमेशा हमला करने वाली कांग्रेस व समाजबादी के चुने हुए प्रतिनिधि मसलन,अबदुल रहमान अंतुले, अबदुल सत्तार, अबु हाजमी, दिगविजय सिंह, गद्दारों की सरदार एंटोनिया सरेआम आतंकवादियों की मदद करने के मामले में सारे मिडीया के सामने वेनकाब हुए।
• आपने ये भी देखा कि किस तरह हिन्दूओं को जागरूक करने वाली वीरांगना प्रज्ञा सिंह ठाकुर व 300 मुसलिम आतंकवादियों की सूची बनाकर देने वाले बहादुर लैफटीनैंट कर्नल पुरोहित और आतंकवादियों को मार गिराने वाले सैनिकों व पुलिस अधिकारियों को झूठे आरोप लगाकर कश्मीरघाटी से गुजरात तक जेल में डालकर जबरदस्ती आतंकवादी सिद्ध करने की कोशिस करने वाली कांग्रेस ने माननीय न्यालय से फांसी की सजा प्राप्त मुसलिम आतंकवादी अफजल की फांसी को शहीदों द्वारा मैडल तक वापिस कर देने के बावजूद वेसर्मी की सारी सीमायें लांघते हुए रोकने का प्रयास किया व आन्ध्रप्रदेश में पकड़े गए मुसलिम आतंकवादियों (रेड़ी के शासन के दौरान) को छोड़ते हुए एक-एक आटो गिफ्ट किया।
• आपके सामने राजीब जी की हत्या के संदिग्ध व बोफोर्स दलाली कांड के अपराधी क्वात्रोची को एंटोनिया ने उसके पैसे निकलवाकर व सब केश समाप्त कर राजीब जी व भारत के बजाए क्वात्रोचीन, कातिल नलिनी व इटली के प्रति अपनी बफादारी का प्रमाण दिया जिसकी पुस्टी SPANISH लेखक ने अपनी पुस्तक THE RED SAREE में भी की।
• आपने देखा कि एंटोनिया का निजी सचिब अहमद पटेल अंडरबर्ड के साथ मिलकर महाराषट्र में पुलिस प्रमुख की नियुक्ति का फैसला करता हुआ कैमरे पर पकड़ा गया।
• आपने देखा कि 1993 में BSE पर हमला करने में मुसलिम आतंकवादियों की सहायता करने वाले सेकुलर कांग्रेसी नेता का वेटा संजय दत्त आतंकवादियों की मददगार कांग्रेस द्वारा हर तरह से बचाया जा रहा।
• आप देख रहे हैं कि मुसलिम और इसाईयों की पशुतुल्य संस्कृति को हिन्दूओं पर थोपने के लिए सेकुलर गिरोह द्वारा जबरदस्ती सगोत्र विवाह पर जोर दिया जा रहा है।
• आपने देखा कि मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारने वाली व साधु-संतो को बदनाम करने वाली कांग्रेस ने पोप के मरने पर देश में तीन दिन तक राष्ट्रीय शोक रखा।
• आपने देखा कि किस तरह भारत माता व हिन्दूदेवीदेबताओं का अपमान करने वाले M F HUSSAIN का समर्थन कर इसे अभिब्यक्ति की स्वतन्त्रता कहने वाली कांग्रेस व सेकुलर गिरोह ने एंटोनिया की सच्चाई मतलब वो कौन है ,उसके माता पिता क्या करते हैं... बताने वाली पुस्तक THE RED SAREE को पत्रकारिता के नाम पर लम्पटबाद करार दिया।
अब आप खुद देखो मानबाधिकार व धर्मनिर्पेक्षता की सबसे बड़ी रक्षक खुद क्या स्वीकर कर रही हैं।कह रही है कि देश में आतंकवाद को आगे बढ़ाने के लिए हिंसा जायज है।
ऐसे हथियारों से लड़ने वालों के मानवाधिकारों की बात करते हैं ये सेकुलर गद्दार व इन्हीं आतंकवादियों की मदद के लिए सेकुलर कांग्रेसी सरकार ने सेना की एक पूरी बटालियन पर ही केस कर डाला
अन्त में हम इतना ही कहेंगे कि जो लोग खुद को मानवाधिकारवादी ,समाजिक कार्यकर्ता,धर्मनिर्पेक्ष बताकर भारतीय सुरक्षावलों व हिन्दूओं और उनके संगठनों पर काल्पनिक आरोप लगाकर हमला वोल रहे हैं वो सबके सब भारत के शत्रुओं व हथियार माफिया के हाथों विक चुके,चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों , पाकसमर्थक मुसलिम आतंकवादियों व धर्मांतरण समर्थक इसाई आतंकवादियों के ठेकेदार हैं। सब देसभक्तों को संगठित होकर इन गद्दारों से सचेत रहकर व इनपर निगाह रखकर, इनका पर्दाफास कर जनता के हाथों इनका अन्त सुनिशिचत करना चाहिए।
15 टिप्पणियां:
सादर वन्दे !
यैसे ही इनकी पोल खोलते रहिये ताकि अक्ल के अंधों के पल्ले भी कुछ पड़े और विना मतलब
के चिल्लाना बंद करें ! इन सामाजिक गद्दारों को बेनकाब करती पोस्ट |
रत्नेश त्रिपाठी
व्यापारी तो सिर्फ व्यापारी होता है और हम सब व्यापारी बन गये हैं..
सो टका सच बात
@ सच का वोलवाला
अगर आपको भारतीय संसकृति का अपमान करने वाले जानवरों का मुकावला करना है या उनको उनकी भाषा में उत्तर देने है तो भगवान के लिए किसी धार्मिक चिन्न का प्रयोग न करें जी
आपकी टिप्पणी को सिर्फ इसी धार्मिक चिन्ह के उपयोग की बजह से हटाया जा रहा है।
जानवारों का मुकावला करने के लिए हमें जानवार जरूर बनना पड़ेगा पर ऐसे हालात में हमारे विचार में धार्मिक चिन्ह जायज नहीं।
बुरा लगे तो क्षमा करें पर यही सत्य है हमारे विचार से।
एकदम सही कहा आपने , एक बात और कहूंगा की मान लीजिये कि प्रज्ञा सिंह ने सेक्युलर रचित "हिन्दू आतंकवादियों" का पक्ष लिया था ( ज्ञात रहे कि अभी तक यह कहीं भी साबित नहीं हुआ कि प्रज्ञा सिंह का मालेगांव धमाकों में हाथ था ) और जिसकी बिना दोष साबित होने के बावजूद वह कितनी बड़ी सजा भुगत चुकी है ! इमानदारी से यह देखिये कि फिर अरुन्धिती रॉय का दोष क्या प्रज्ञा से कम है ? वह कैसे खुली घूम रही है ?
bahut accha lekh lage rahiye ham sath hain
इस्लाम अय्याशी और आतंक का पाठ पढाता है. सभी मुसलमान आतंकी नही, पर अधिकतर ब्लोगर कितने गद्दार हैं उनकी पोस्टो से पता चल जाता है. इस्लाम अय्याशों का धर्म है. घर में चार-चार औरतों के साथ अय्याशी. बहनों के साथ अय्याशी. पुत्रवधुओं के साथ अय्याशी. ये कितने ...... हैं, इसका उदाहरन असलम कासमी, अनवर जमाल, सलीम खान, एजाज़ अहमद, जीशान, अयाज अहमद, शाहनवाज (उसे अपने लोगो की गंदी करतूतें नहीं दिखती, हमेशा अपनी बहन के बुरके में घुसा रहता है) समय-समय पर अपनी पोस्टों और टिप्पणियों से देते रहते हैं. इनकी सामूहिक चेली अंजुम शेख भी इस्लाम की गंदी बातो पर बुरके में मुंह छिपा लेती है, इस्लाम की प्रशंसा का, अगर कोई मुस्लमान हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दे तो इनके पिछवाड़े सुलगने लगते हैं. वो कैरान्वी अलग-अलग नामों का बुरका पहन कर आता होगा. एक लेख लिखो की बुरका मुस्लिम (ना)मर्दों के लिए कितना जरुरी है
इस्लाम अय्याशी और आतंक का पाठ पढाता है. सभी मुसलमान आतंकी नही, पर अधिकतर ब्लोगर कितने गद्दार हैं उनकी पोस्टो से पता चल जाता है. इस्लाम अय्याशों का धर्म है. घर में चार-चार औरतों के साथ अय्याशी. बहनों के साथ अय्याशी. पुत्रवधुओं के साथ अय्याशी. ये कितने ...... हैं, इसका उदाहरन असलम कासमी, अनवर जमाल, सलीम खान, एजाज़ अहमद, जीशान, अयाज अहमद, शाहनवाज (उसे अपने लोगो की गंदी करतूतें नहीं दिखती, हमेशा अपनी बहन के बुरके में घुसा रहता है) समय-समय पर अपनी पोस्टों और टिप्पणियों से देते रहते हैं. इनकी सामूहिक चेली अंजुम शेख भी इस्लाम की गंदी बातो पर बुरके में मुंह छिपा लेती है, इस्लाम की प्रशंसा का, अगर कोई मुस्लमान हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दे तो इनके पिछवाड़े सुलगने लगते हैं. वो कैरान्वी अलग-अलग नामों का बुरका पहन कर आता होगा. एक लेख लिखो की बुरका मुस्लिम (ना)मर्दों के लिए कितना जरुरी है
आपने तो हकीकत खोल कर रख दी है पाठकों के सामने!
--
लो जी!
आपके ब्लॉग को फॉलो भी कर लिया है!
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अब आपकी फीड हमारे पास जरूर आयेगी!
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यकीन मानिए हम आपके ब्लॉग पर आते रहेंगे!
हमें लगा मानो हमारे मन की मुराद पूरी हो गई। आशीर्वाद के लिए धन्यावाद जी।हमें हमेशा आपके मार्गदर्शन का इन्तजार रहेगा जी।
.... प्रसंशनीय पोस्ट!!!
इस्लाम अय्याशी और आतंक का पाठ पढाता है. सभी मुसलमान आतंकी नही
ईस्लाम सीधे आतंकवाद कर रहा है। ईसाई अपना अभिष्ट नक्सली एवम माओवादी द्वारा पुरा कर रहे है। इस कारण माओवादी नक्सली एवम अरुंधती मे एक किसीम की कार्यगत एकता दिखती है। भारत मे माओवादे स्वस्फुर्त नही है... वह चर्च नियंत्रित साम्रज्यवादी शक्तियो द्वारा प्रायोजित है।
A Church is not a
Tample for saints,
But rather a hospital
For sinners.
धर्म स्थलों में तोड़फोड़ संतों का अपमान करना भारत की संस्कृति नही
उड़ीसा,मध्य प्रदेश,कर्नाटक एंव देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाईयों पर हो रहे अत्याचार हमले और चर्चों को जलाये जाने की घटना दुखद है।
देश मे चन्द लोग धर्म के ठेकेदार राजनैतिक लाभ के लिये लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर हमारे देश की भोली-भाली जनता,नौजवान,युवा वर्ग को मानवता,भाईचारा, आपसी सद्भाव, देश प्रेम की शिक्षा, अच्छे आदर्श की मजबूत नीव डालने के बजाये। हमारे देश की नीव, हमारे देश के मजबूत खम्बे,हमारे देश का गौरव, भारत देश का भविष्य हमारे नौजवान,युवा वर्ग के हाथों से जघन्य अपराध करवा कर पाप के भागी बना कर भारत देश की नीव को कमजोर खोखला कर रहे हैं।और देश में फूट डालने का काम कर रहे है। कहावत है:-जिस घर देश मे फूट पड़ जाती है वो घर बर्बाद हो जाता है। हम सब जानते है बुजुर्गों ने भी कहा है जैसा हम बीज बोते है वैसा हम काटते हैं तात्पर्य जैसी करनी वैसी भरनी। हर बुरे और अच्छे कार्य का प्रतिफल इसी मनुष्य योनी मे मिलता है। और पीढियों तक भुगतना पड़ता है।हमारी आने वाली पीढी ये न कहे कि हमारे बाप दादों ने अंगूर खाये थे दांत हमारे खट्टे हुऐ। हम सब देखते और जानते हैं इतिहास भी गवाह है।
ईसाई समाज यीशु मसीह की आज्ञा जैसे कि:- अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करना आदर करना, हत्या न करना, चोरी न करना, किसी के विरुद्ध झूठी गवाही न देना किसी भी प्रकार का लोभलालच न करना,झूठ न बोलना,व्यभिचार न करना,मनुष्य से अपने समान प्रेम रखना,झगड़ा न करना ईर्ष्या न करना आदि हैं।
भूखे को रोटी भोजन देना, नन्गे को कपड़ा पहनाना, गरीबों लाचारों की मदद करना, बीमारों की सेवा और उनके लिये प्रार्थना करना,बन्दीग्रह मे कैदियों की सुधी लेना, अनाथों और विधवाओं पर अन्याय नही करना इनकी मदद करना, मनुष्य का हृदय ईश्वर का मंदिर है ईश्वर मनुष्य के हृदय मे वास करता है यही मानव सेवा है जिसे हम मानवता या मानव धर्म कहते हैं।
ईश्वर की सेवा है। जो कंगालों पर अनुग्रह करता है वो ईश्वर परमात्मा को उधार कर्ज देता है। ईश्वर के इन्ही आदर्शों का पालन करते हुऐ भारत देश के मूल निवासी मसीही समाज अपने जीवन का निर्वाहन कर रहा है।
मै आपसे यह पूछना चाहता हंू कि क्या ये गलत काम है अगर ये गलत काम है तो फिर अच्छे काम क्या हैं। जो चन्द लोग अपने राजनैतिक लाभ के लिये करवा रहे हैं:- गुरुओं को अपमानित करना उनकी हत्या करना,भोले भाले लोगों की हत्या, लोगों के घरो मे आग लगाना और बेघर करना, धार्मिक स्थानो को आग लगा कर उजाड़ना, साघू संतों पर अण्डे फेकना, समाज को अच्छी शिक्षा देने वाले पूज्यनीय धर्म गुरुओं, ईश्वर के दूतों को जूते चप्पल से मारना लात घूसों से मारते हुऐ अपमानित करना,क्या ये ही इन लोगों का धर्म एंव धर्म की परिभषा है क्या ये ही हमारे भारत देश की संस्कृति और सभ्यता है
समाज के सभी वर्गों के लोंगों और देश का भविष्य नौजवान युवा वर्ग से यह आग्रह है कि ये चन्द लोग मानवता, भाईचारा, आपसी सद्भाव को छोड़ कर अपने घृणित मंसूबे पूरे करवाते आ रहे हैं। और देश के लोंगों को युवा वर्ग को पाप के गर्त में ढकेलने वाले धर्म की गलत शिक्षा देने वाले ऐसे लोगों से हमें एंव भारत देश के प्रत्येक व्यक्ति को सावधान रहने की जरुरत है। भारत देश में मानवता,आपसी सद्भाव भाई-चारा एंव एकता बनाये रखने मे अपना अमिट सहयोग प्रदान करना प्रत्येक भारतीय व्यक्ति का कर्तव्य है।
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