हम और आप जब तक एक दूसरे के विरूद्ध लड़ रहे हैं तब तक इस देश को बर्बादी से भला कौन बचा सकता है? हम जब तक खुद को धोखे में रखकर उन लोगों का साथ देते रहेंगे जो हमें मिटाने पर तुले हैं तब तक न हम सुरक्षित हैं न हमारा देश। हमने कुछ दिन पहले(27.05.10) को आप तक इटालियन आतंकवादियों के दिल्ली में पकडे जाने का समाचार पहुंचाया था। लेकिन जैसी कि उमीद थी सारे मिडीया ने सेकुलर गिरोह की सरकार के इसारे पर आतंकवादियों से सबन्धित इस मामले को जनता तक पहूंचाने से तौवा कर ली। ऐसा कोई एक मामला नहीं है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वेहद संवेदनशील होने के बाबजूद उतनी चर्चा का विषय नहीं बना जितना कि बनना चाहिए था।ऐसे ही कुछ मामले रखे थे हमने आपके सामने ।एक वार फिर रख रहे हैं आपकी वेवाक राय के इन्तजार में।
BREAKING NEWS:-दिल्ली के पांच सितारा रैडिसन होटल से इटालियन आतंकवादी हथियारों सहित पकड़े गए!
मरे प्यारे हिन्दूओ ,समझदार हिन्दूओ,मानवाधिकारवादी के चोले में छुपे आतंकवादियों के ठेकेदार सैकुलर हिन्दूओ हम आप तक लगातार जानकारी पहूंचानी की कोशिश कर रहे हैं ताकि आप सब अपने देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक होकर देश के शत्रुओं से लड़ने के लिए एक जुट हो जायें।
आज हम और आप जिस गलत जानकारी का सिकार होकर अपनी जड़ों को खोदने के षडयन्त्रों का जाने अनजाने साथ दे रहे हैं वो कहीं हमारे हालात उन यहूदियों की तरह न कर दे जो हमारी ही तरह देश के प्रति लापरवाह रहे लेकिन जब वो वेघर हो गए तब जाके उन्हें एहसास हुआ कि अपना देश होने का मतलब होता है सुरक्षा और समृद्धि।
आज हर यहूदी एकजुद होकर अपने चारों तरफ फैले शत्रुओं से लड़ने में इसलिए कामयाब है कि उनमें मानबता के नाम पर आतंकवादियों की मदद करने वाला कोई सेकुलर बौद्धिक गुलाम नहीं जो आतंकवादियों का साथ देकर अपनों का लहू बहाने में आन्नद का एहसास करे ।हम समझते हैं कि हमारे बहुत से हिन्दू सेकुलर गिरोह से अनजाने में जुड़े हैं इसीलिए वार-वार उनको इस गिरोह की असलियत बताने का प्रयत्न कर रहे हैं। खैर आज के विषय पर आते हैं
आज भारत, देश के शत्रु मुसलिम, ईसाई व माओवादी आतंकवादियों का गढ़ बनता जा रहा है।
• आज ही दिल्ली के पांचसितारा रेडिसन होटल से इटालियन आतंकवादियों को हथियारों सहित पकड़ा गया।
• मुंबई हमले के दौरान हमारे कुछ इमानदार कसटम अधिकारियों ने FBI के एजंटो को जासूसी के उपकरणों सहित पकड़ा था।
• अभी कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने FBI के इसारे पर अंडेमान में तैनात सैनिक अधिकारी को गद्दार घोषित करने की हिमाकत की।
• तहवुर राणा-हेडली प्रकरण ने सिद्ध कर दिया कि भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में मुसलिम व ईसाई अमेरिकी एजेंट सक्रिए हैं।
• मुंबई हमले के दौरान ही आतंकवादी हमलों को अनजाम देने के वाद जानकारी देने के Email करने के लिए एक अमेरिकी को गिरफतार किया गया था।मतलब वो इस बात का प्रमाण था कि ये अमेरिकी किसी और संगठन के नाम से बम्ब हमलों की जिम्मेवारी ले रहा था।
• कुछ महीने पहले ही कुछ अंग्रेजों को इंदरा गांधी हबाई अड़े की रेकी करते हुए पकड़ा गया।
• इटालियन एजेंट हथियार तस्कर व राजीब गांधी जी की हत्या के संदिग्ध इटालियन क्वात्रोची के, पहले तो कानून मन्त्री हंसराज भारद्वाज जी को लंदन भेज कर बोफोर्स दलालीकांड के पैसे छुड़वाए गए व वाद में उसके उपर से ,देश की इज्जत वोले तो इटालियन अंग्रेज एंटोनिया की इज्जत का हबाला देकर, सारे आरोप हटा लिए गए।
• अभी संसद के पिछले सत्र में जहां एक तरफ अमेरिका के इसारे पर भारतीयों की जान-माल को खतरे में डालने वाले भारत विरोधी परमाणु सुरक्षा विल को पास करवाने की कोशिस की गई तो दूसरी तरफ हिन्दूओं को आपस में लड़वाने के लिए जाति अधारित विभाजनकारी जनगणना का जिन वोतल से बाहर निकाल दिया गया।
जितनी भी घटनायें हमने लिखी हैं ये सब देशद्रोह या यूं कहें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घटनायें हैं लेकिन इन सब पर गद्दारों की सेकुलर सरकार ने कोई न कोई बहाना बनाकर पर्दा डाल दिया।
जहां एक तरफ देशभर में आतंकवाद फैलाकर मारकाट मचाने वाले मुसलिम व ईसाई आतंकवादियों को बचाने का हर प्रयत्न पूरी वेशर्मी से ये सरकार कर रही है वहीं दूसरी तरफ देश की रक्षा की खातिर अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवादियों से लोहा लेने वाले सैनिकों , पुलिस अधिकारियों व अन्य देशभक्तों को झूठे आरोप लगाकर विना किसी प्रमाण के बर्षों तक जेल में रखकर आतंकवादी सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है।
आप सब खुद बुद्धि के सागर हैं इसलिए ज्यादा न लिखते हुए आपसे हम इतना ही कहेंगे कि उपरलिखित सब घटनाओं से मतलब साफ है कि जो देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर करने को त्यार हैं वो देश के सिफाही या यू कहें देश के क्रांतिकारी इस गद्दारों की सरकार के लिए आतंकवादी हैं व आए दिन मासूमों के खून से होली खेलने वाले मुसलिम व माओवादी आतंकवादी चाहे उन्हें माननीय सर्वोच नयायलय भारतीयों के कत्ल के जुल्म में फांसी की सजा ही क्यों न सुना चुका हो वो इस गद्दारों की सेकुलर सरकार के लिए क्रांतिकारी हैं।
अन्त में इतना ही कहेंगे
एकजुट होकर देशहित में बढ़ा कदम उठाओ ऐ हिन्दूओं
वरना तुम्महारी दासतां तक न होगी दास्तानों में
10 टिप्पणियां:
देशविरोधी साजिशों और कारनामों को बर्दाश्त करना मतलब अपनी हस्ती मिटाना है.... इसमें किसी को शक नहीं हों चाहिए.
bhai sab muslim ko kyo bol rahe jo is desh main rahte hai wo to apne desh ko apse kahi jyada piyar karte hai
aap se zyada is liye likha hai ke aap ne ek comunity ko is desh se alag karne ki koshish ki hai
jo galat hai
exaaggerated
साजिद जी शायद आपने ठीक से नहीं पढ़ा हमने सिर्फ आतंकवादियों की बात की है सब मुसलमानों की नहीं।फिरदौस जैसे देशभक्तों को कौन आतंकवादी कह सकता है?
अगर कोई मुसलमान हमसे जयादा प्यार करे बहुत से करते हैं अपने देश से तो हमें खुशी होगी।
जिस दिन हिन्दुओ की स्थिति कश्मीरी पंडितों जैसी हो गई फिर क्या होगा? सोचो, सोचो
shukti sunil ji aap jaise logo ki wajha se hi hum ke sakte hai ki hum sab ek hai thanks again
सादर वन्दे !
आप किन्हें जगाने निकल पड़े, ये सोये हुए नहीं है, न हीं भटके हुए हैं, ये मतलबी लोग हैं और मतलबी अपने बाप का नहीं होता इस देश का क्या खाक होगा ?
वैसे कहते हैं एक बार कोसिस जरुर करनी चाहिए, जो आप निरंतर कर रहे हैं .....
रत्नेश त्रिपाठी
सभी मुसलमान आतंकी नही, पर अधिकतर ब्लोगर कितने गद्दार हैं उनकी पोस्टो से पता चल जाता है. इस्लाम अय्याशों का धर्म है. घर में चार-चार औरतों के साथ अय्याशी. बहनों के साथ अय्याशी. पुत्रवधुओं के साथ अय्याशी. ये कितने हरामी हैं. इसका उदाहरन असलम कासमी, अनवर जमाल, सलीम खान, एजाज़ अहमद, जीशान, अयाज अहमद, शाहनवाज (उसे अपने लोगो की गंदी करतूतें नहीं दिखती, हमेशा अपनी बहन के बुरके में घुसा रहता है) की अंजुमन पर हे, इन........ ने तरुण विजय का लेख लगाया है, इस्लाम की प्रशंसा का, अगर कोई मुस्लमान हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दे तो इनके पिछवाड़े सुलगने लगते हैं. वो कैरान्वी अलग-अलग नामों का बुरका पहन कर आता होगा. एक लेख लिखो की बुरका मुस्लिम (ना)मर्दों के लिए कितना जरुरी है
दयानंद जी ने समझाया था तभी समझ जाते तो देश बच जाता अब बहुत देर हो चुकी है, मुल्ला हर तरफ कब्जा जमा चुके हैं. अब मुक्ति केवल सपना है.
एक बार कोसिस जरुर करनी चाहिए,
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