क्या आपको ये सुनने में ही आजीब सा ही नहीं लगता कि किसी देश की सरकार देश की सुरक्षा की गारंटी अपनी ही सेना के साथ युद्ध छेड़ दे वो भी देश के शत्रु आतंकविदियों को खुश करने के लिए।
जहां तक हमारी जानकारी है तो ये सेकुलर गद्दारों की सरकार दुनिया की ऐसी पहली सरकार बन गई जो भारत की इतनी शांतिप्रिए मानबीय सेना के विरूद्ध इस तरह के मनघडंत आरोप लगाकर आतंकवादियों व उनके समर्थकों को खुश कर आम लोगों का खून बहाने का पक्का बन्दोबस्त कर रही है। इसी सरकार के सेना विरोधी प्रोपेगंडे के परिणामस्वारूप कनाडा जैसे आतंकवादियों के समर्थक देश हमारी BSF को कातिलों की फौज कहने का दुहसाहस कर रहे हैं।
सेना की इस बटालियन पर आरोप लगाया गया तीन आतंकवादियों को फर्जी मुठभेड़ में मारगिरोने का क्योंकि हर आतंकवादी इस सेकुलर गिरोह की गद्दारों की सरकार के लिए निर्दोश है चाहे वो माननीय सर्वोच न्ययालय से सजा प्राप्त आतंकवादी ही क्यों न हो(अफजल की फांसी रोकने मामला अच्छी तरह जानते हैं आप)।और आतंकवादी इनके लिए निर्दोस होंगे भी क्यों न क्योंकि ये सरकार जिस अंग्रेज की गुलाम है वही तो आज सब गद्दारों की सरदार है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेना की बटालियन पर मामला दर्ज करने का समाचार उस वक्त सामने आया जब ये गद्दारों की सरदार कशमीरघाटी की यात्रा पर जाने वाली थी गई भी भी पिर भी आतंकवादियों ने इसका विरोध किया।
अब उन सेकुलर महामूर्खों को कौन समझाए कि ये मुसलिम आतंकवादी तब तक इनका समर्थन नहीं करेंगे जब तक ये भारत इस्लामी राज्य न हो जाए और जब ये इसलामी राज्य हो जाएगा तो फिर ये गैर मुसलमानों को जिन्दा नहीं छोड़ेंगे ।
अब अगर ये सेकलर बास्तब में ही इन मुसलिम आतंकवादियों का समर्थन चाहते हैं तो इन्हें खुलकर इसलाम सवीकार कर लेना चाहिए।
इससे एक तो इनको मुसलिम आतंवादियों का खुला समर्थन मिल जाएगा जिसके लिए ये सेकुलर गद्दार लगातार भरतीय सुरक्षाबलों को बदनाम कर रहे हैं और साथ ही चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों का समर्थन भी क्योंकि दोनों तरह के आतंकवादी भारत को बर्बाद करने के मुद्दे पर एक हैं।
अब हम आपको बताते हैं कि सेना पर क्या आरोप लगाया गया।
मेजर उपेन्द्र के नेतृत्व वाली बटालियन पर चार लोगों का आपहर्ण कर उन्हें मुठभेड़ में मार गिरोने का आरोप है।
हुआ यूं कि ये चार लोग पाकिस्तान से गोला बारूद लेकर भारत में प्रवेश किए ही थे कि उनका सामना हो गया मेजर उपेन्द्र के नेतृत्व में सीमा की सुरक्षा में लगे सैनिकों से ।
इन आतंकवादियों ने सेना के ललकारने पर आत्मसमर्पण(आत्मसमर्पण का मौका भारत की ही ये मानबीय सेना देती है वरना दुनिया के हर देश में आतंकवादियों को सीधा गोली से उड़ा दिया जाता है) करने के बजाए सेना पर हमला वोल दिया जबाबी कार्यवाही करने पर ये चारों आतंकवादी मारे गए।अब इनको निर्दोश बताकर सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिस की जडा रही है।
हाल ही में इसी घाटी में एक मामला सामने आया है जिसमें एक विद्यार्थी ,एक अध्यापक व एक पुलिस वाले का ग्रुप पकड़ा गया है जिसमें लड़के का बाप अहमद लोन जो कि पाकिस्तान में रह रहा है पाकिस्तान से हथियार लाकर बेटे को देता था वेटा अपने अध्यापक व पुलिस वाले के साथ मिलकर न हथियारों को आतंकवादियों तक पहुंचाता था ।ये तो तीनों जिन्दा पकड़े गए इसलिए इन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है क्योंकि ये सबके सामने सच्चाई सवीकार कर रहे हैं अगर ये विद्यार्थी और अध्यापक मुठभेड़ में मारे जाते तो इन्हें निर्दोस घोषइत कर सेनापर हमला वोल दिया जाता । हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि न गद्दार सेकुलरों की भारतविरोधी नितीयों की बजह से आज कशमीर घाटी की पुलिस में 80% से अधिक आतचंकवादी भरे पड़े हैं ।
अब आप अपने उन नौजवान सैनिकों की स्थिति पर ध्यान दो जिन्हें इन आतंकवादी पुलिस वालों के सहयोग से आतंकवादियों से लड़ना है उपर से जिस केन्द्र सरकार को अपने इन सैनिकों के साथ खड़ा होना चाहिए वो आतंकवादियों के साथ खड़ी है।
ऐसे में अगर कल हमारे सैनिकों का मनोबल डूट जाए और परिणामस्वारूप भारत पर तालिवानों का कब्जा हो जाए तो किसका फायदा होगा भारत का या फिर भारत के शत्रुओं काष।
इसीलिए हम वार-वार आपको वता रहे हैं कि UPA सरकार भारत के शत्रुओं के साथ मिलकर भारत को तबाह करने अमादा है जिसके हम समय-समय पर मिल रहे प्रमाण आपके सामने रख रहे हैं।
ऐसा नहीं कि सुरक्षाबलों को मरवाने की कोशिस सिर्फ कसमीर घाटी में ही की जा रही है ये कोशिस बददसतूर सारे भारत में जारी है।
हम तो चाहेंगे कि सेना इसे भारत पर हमला मानकर सरकार के विरूद्ध युद्ध की घोशणा कर देश को इस गद्दारों की सरकार से मुक्त करवाए पर जब तक यह नहीं होता आओ तब तक मिलकर इन सेकुलर गद्दारों का पर्दाफास करें
15 टिप्पणियां:
पूरी बटालियन पर ऐसी कार्यवाही की क्रिया तो सेना का मनोबल ही तोड़ेगी और किसी तरह देशहित में नहीं है.
लानत है इस सेकुलर सरकार पर जो राष्ट्रीयता को तो कतई महत्त्व देती ही नहीं - जितने लालची कुर्सी पर बेठे हैं सब के सब गद्दार और कुर्सी बचाने वाले देश का धन बाहर भेजने वाले स्वार्थी सत्तालोलुप लोग हैं - पता नहीं जनता इनको कब सबक सिखाएगी
sunel g hindu kab jaagega?
अरे ये कुत्ते उन सैनिको (जिन्होंने अपनी जान देकर इन कुत्तों कि जान बचायी थी) से अधिक उस आतंकवादी से प्यार करते हैं जो इन को मारना चाहता था | अच्छा है ! देश कि जनता तो जागती नहीं, भगवान करे ये सैनिक जाग जाएँ और इन सड़े हुए कुत्तों का सफाया कर दें.
रत्नेश त्रिपाठी
YEH TO NINDNIYE HAIN....THIS NOT A GOOD SIGN ....
कहीं ऐसा न हो जाये कि सेना वापस आ जाये.
इस बात पर कोई शक नहीं कि कमजोर इच्छाशक्ति और वोट बैंक की राजनीति के चलते भारत सरकार इस्लामी और माओवादी आतंकियों से नहीं निबट पा रही है, लेकिन सेना से सरकार के खिलाफ बगावत की अपील करना समझदारी भरी बात नहीं. इससे तो अराजकता ही फैलेगी. पड़ोसी देश इसका उदाहरण है.
bhai suneel, prakhar rashtrvadi tevar ke liye badhai achchha laga.
हेम पांडे जी ये कोई कमजोर इच्छा सक्ति नहीं न ही वोटबैंक के कारण है वल्कि वयह विदेशीयों के हाथों विक चुकी सरकार का ,षडयन्त्र है भारत को तबाह करने का।आज इन सेकुलर गद्दारों ने जो हरालात सेना के काम करने पर रोक लगाकर बना दिए हैं आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए उनका एक ही समाधान है और वो है सेना द्वारा इन गद्दारों को गोली से उड़ाकर देश को आतंकवादियों से वचाना बर्ना न देश बचेगा न हम न सेना।
इस सेकुलर गिरोह का हर कदम अराजकता को बड़ावा देने वाला है न जाने कब जनता का धैर्य जबाब दे जाएगा।
आज पाकिस्तान अगर बर्बादी से बचा है तो सिर्प और सिर्प सेना के कारम बरना आज तक वहां के नेताओं ने पाकिस्तान को खत्म कर दिया होता।
its need investigation. jumping over a conclusion in a short temper is not good. as far as IBN 7 is concerned , it was not a judge. it was just a professional news channel which can go to any level for TRP and for money.
राय जी बटालियन पर केश दर्ज किया गया है इसमें शक की कोई गुंजाईस नहीं साथ ही ये आतंकवादियों का हौसला बढ़ाकर देश को बर्बादी की ओर धकेलने की कोशिस है इसका साक्षी इस सरकार का हर वो कदम है जो इस सरकार ने आतंकवादियों व देश के शत्रुओं को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया है।
सरकार के ऐसे कुकर्मों की सूची प्रमाण सहित हमारे बलाग पर उपलब्ध है जी।
आचार्य जी ये क्रोध नहीं वल्कि वो पीड़ा है जो सेकुलर गिरोह की सरकार के सहयोग से आतंकवादियों द्वरा किए जा रहे आम लोगों के कत्ल से पैदा हो रही है जो इन कातिलों के सफाए के साथ ही कत्म होगी।
सब वो्ट बैंक के लिए हो रहा हैं यही ...
सब वो्ट बैंक के लिए हो रहा हैं यही नीति है इस सरकार की....सैना का मनोबल यदि टू्टा तो देश भी नही बच सकेगा...इन की चालों के कारण....भगवान ही मालिक है अब तो
सेक्युलरों की कौम ही ऐसी है जिन्हें न तो देश से कुछ लेना देना है और न जान की बाजी लगा कर देश और उसमें निवास कर रही जनता की रक्षा करने वालों की। उन्हें तो बस फ्रिक है आतंकवादियों की, उग्रवादियों की, नक्सलवादियों और माओवादियों की। आतंकवादियों को गोली नहीं तो क्या अफ जल और कसाब की तरह करोड़ों रुपए की सुरक्षा में मलाई खिलाने की है। बहुत हो चुका
sahi kaha ...
कहीं ऐसा न हो जाये कि सेना वापस आ जाये.
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