Pages

मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

राहुल गाँधी की दंगाई भारतविरोधी जहरीली सोच की असलियत एकवार फिर जग जाहिर हो गई आज इन्दौर में...


 
आप सब जानते हैं कि राहुल गाँधी ने अपने कल के भाषण में कहा था कि मुजफरनगर के मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना चाह रहे हैं(मुसलमानों ने राहुल गाँधी से ये कहा) और वह खुद (राहुल गाँधी) उन्हें समझा रहा है कि उन्हें पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए लेकिन आज इन्दौर में राहुल गाँधी ने कहा कि एक-दो दिन पहले खुफिया विभाग का एक अधिकारी उनके कमरे में आया और उसने राहुल गाँधी को बताया कि मुजफरनगर में पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी उन 10-15 मुसलमानों से सम्पर्क बना रही है जिनके परिजन हिन्दूओं द्वारा दंगो में मारे गए(जबकि सच्चाई ये है कि इन दंगो की शुरूआत हिन्दूओं ने नहीं की और इन दंगों में हिन्दूओं को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा) लेकिन खुफिया विभाग को वो अधिकारी उन्हें पाकिस्तान जाने से रोक रहा है...

राहुल गाँधी ने कल जब ये कहा कि मुजफर नगर के मुसलमान पाकिस्तान जाना चाह रहे हैं तो उसने भारत की छबि दुनिया में खराब करने की कोशिश...अब जब वो ये कह रहा है कि खुफिया अधिकारी ने उसे ये बताया कि मुसलमान पाकिस्तान जा रहे हैं तो वो भारतीय खुफिया ऐजेंसियों का नाम खराब कर रहा है क्योंकि खुफिया ऐजेंसिया संबैधानिक तरीके से प्रधानमन्त्री व गृहमन्त्री को रिपोर्ट करती हैं न कि किसी पार्टी के पदाधिकारी को...अगर कल उसने झूठ कहा था और आज वो सच वोल रहा है तो इसका मतलब ये हुआ कि भारत की सुरक्षा ऐजैंसिया भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए प्रधानमन्त्री व गृहमन्त्री को रिपोर्ट करने के बजाए काँग्रेस पार्टी के नेताओं को रिपोर्ट कर रही हैं और यही वो सच्चाई है जिसके कारण ये सुरक्षा ऐजेंसिया भारत के प्रखर देशभक्त नागरिकों के बिरूद्ध एक के बाद एक षडयन्त्र रच कर उन्हें बदनाम करने की हर सम्भव कोशिश कर रही है फिर वो चाहे स्वामी रामदेव जी हों या फिर नरेन्द्र भाई मोदी जी या फिर जनरल विक्रम सिंह जी या फिर  इनके जैसे और प्रखर देशभक्त ।

सुरक्षा ऐजेसियों के इन भारतविरोधी नेताओं के हाथों में खेलने का ही ये दुषपरिणाम है कि ये नेता लाखों हजारों करोड़ के घोटालों के माधयम से भारत की देशभक्त मेहनतकश जनाता का माल डकार कर भी आज जेलों से बाहर हैं व भारत के इमानदार, देशभक्त नेताओं, नागरिकों व सन्तों को जेल में डालने के हर तरह के षडयन्त्र रच रहे हैं...

अब ये भारत के नौजवानों को तय करना है कि उन्हें भारत को जाति-पंथ-भाषा-क्षेत्र के नाम पर लड़वानकर विकाश दर को लगभर 3 प्रतिशत पर पहुंचाकर नौजवानों को वेरोजगार करने वाली व मंगाई बढ़ाकर गरीबों को भूखा मरने पर मजबूर करने वाली विभाजनकारी काँग्रेस के झूठे और दंगाई नेता राहुल गांधी का साथ देना है या फिर प्रखर देशभक्त समस्त भारतीयों को एक शूत्र में बांधकर भारत को विकाश की नई उंचाईयों तक ले जाकर नौजवानों को रोजगार और मानसमान की गारंटी देने वाले नरेन्द्र भाई मोदी जी के हाथ मजबूत कर देश को आगे ले जाना है

बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

राहुल गाँधी की CONFUSED दंगाई भारतविरोधी जहरीली सोच आखिरकार भारत को और कितना लहुलुहान करबाएगी?....भाग -1


 
हमारे प्यारे हिन्दू भाईयों और मुसलिमों के लिए बर्तमान समय की सबसे बड़ी और बुरी खबर ये है कि काँग्रेस ने अपने युवराज के नेतृत्व में भारत को दंगों की आग में धकेल कर पूरी तरह से नेस्तनानबूद करने का पक्का इरादा कर लिया है इसी का परिणाम है कि आज केबल उतर प्रदेश में ही काँग्रेस ने अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर सिर्फ पिछले एकवर्ष में ही कुल मिलाकर 50 से अधिक छोटे-बड़े दंगे करवा दिए हैं अगर थोड़ा और बिस्तार से देखें तो महाराष्ट्र में भी कोई ऐसा त्योहार नहीं है जिस पर सेकुलर गद्दारों द्वारा पोषित आतंकवादियों ने हमला न किया हो....

अगर हम परिबार की बात करें तो परिबार में मात-पिता और देश में सरकार का एक ही दायित्व होता है ...माता-पिता का दायित्व है बच्चों के साथ समानता का व्यबहार करना और गलती करने वाले बच्चे को उसी गलती का एहसास करवाना ...गलती न सुधारने पर उसे दंडित करना...सरकार का दायित्व है नागरिकों के साथ समानता का ब्यवहार करना और गलती करने वाले नागरिकों को अन्त में दंडित करना....लेकिन ये भारत का दुर्भाग्य है कि पिछले 10 वर्ष से एक ऐसी भारतविरोधी  सरकार देश में है जो अपने ही नागरिकों को आपस में लडवाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है व हर वक्त कानून तोड़ने वाले---हत्या करने वाले नागरिकों के साथ खड़ी हुई प्रतीत होती है....

हमें कई बार लगा कि शायद सरकार पर राहुल गाँधी की पूरी पकड़ नहीं लेकिन आज जब राहुल गांधी ने ये कहा कि मुजफरनगर में दंगों के सिकार लोग पाकिस्तान जाना चाहते हैं को राहुल गाँधी ने ये साबित कर दिया कि दिमाग में भारत के प्रति इतना जहर भरा पड़ा है कि उसे शब्दों में दर्ज करवाना मुसकिल ही नहीं असम्भव है...

देश का हर जागरूक नागरिक जानता है कि दंगों की शुरूआत अलगाववादियों द्वारा हिन्दूओं की मां-बहन-बहु-बोटियों के बिरूद्ध चलाए जा रहे लब जिहाद के रास्ते की रूकाबट बने लड़की के भाई और उसके दोस्त के कत्ल से हुई। जिस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए कातिलों को जेल में डाल दिया लेकिन अलगाववादियों के मन्त्री आजम खान ने दबाब डालकर उन कातिलों को छुड़वा दिया ....अलगाववादी इतने ही पर नहीं रूके बल्कि जुमे की नमाज के बाद काँग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने अलगाववादियों को हिन्दूओं का नमोनिशान मिटाने के लिए उकसाया जिसके परिणामस्वारूप पैदा हुए दहशत से भयभीत हिन्दूओं ने संगठित होकर वेटी बचाओ सभा का आयोजन किया जिस पर इन सेकुलर गद्दारों ने अलगाववादियों के साथ मिलकर हमला वोल दिया और जानबचाकर भारग रहे हिन्दूओं पर मस्जिद से AK 47 से गोलियां दाग कर हिन्दूओं का खून बहाया उनकी गाड़ियों भी फूंक डाली...क्योंकि इस सभा में आने वाले अधिकतर किसान थे जो अपने ट्रैकटर साथ लेकर आए थे उनके ट्रैकटर भी जला दिए गए...और हिन्दूओं पर इतना बड़ा हमला करवाने वाले मौलवी को वहां की भारतविरोधी सरकार ने विशेष विमान भेजकर सम्मानित किया... और वेशर्मी देखो इस सपोले की कि ये कह रहा है कि मुजफरनगर  के दंगाई अलगाववादी इसलिए पाकिस्तान जाना चाह रहे हैं कि उन पर हिन्दूओं ने हमला किया ...सब जानते हैं कि आज उतर प्रदेश और केन्द्र दोनों में दंगाईयों की ही सरकार है फिर भला दंगाई क्यों पाकिस्तान जाने लगे...लेकिन राहुल गाँधी की जहरीली जुवान में इतनी भी शर्म या लोकलाज वाकी नहीं जो ये कह सके कि केन्द्र और राज्य सरकार के सांझें हमले में जान-माल का नुकशान उठाने वाले हिन्दूओं के साथ जो अन्याय हुआ है उसके लिए 1984 के दंगों की ही तरह पूरी काँग्रेस पार्टी शर्मिंदा है....एकतरफ जहां रहुल गांधी ने पाकिस्तान का जिकर कर न केबल मुसलमानों को हिन्दूओं के बिरूद्ध भडकाया वल्कि दुनिया को ये सन्देश भी देने की कोशिश की कि इसलामिक आतंकवादियों का देश पाकिस्तान मुसलमानों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित है....दूसरी तरफ सिखों द्वारा इन्दरागँधी की हत्या का जिकर कर राहुल गाँधी ने हिन्दूओं को सिखों के विरूद्ध भड़काने की कोशिश की ...मतलब राहुल की जहर उगलती जुवान में एक ही मकसद नजर आता है कि किस तरह भारत को दंगों की आग में धकेल कर धर्मनिर्पेक्षता का बुर्का ओड़ कर आने वाले चुनाबों को जीता जाए....फ फ