आप जानते हैं कि राजनितिक दलों व मिडीया पर हमारा विस्वास उतना ही है जितना गद्दारों का हमारे उपर। परन्तु जब भी कोई राजनितिक दल देशहित की बात चाहे अनचाहे या जाने अनजाने कर जाता है तो हम उसका समर्थन करने से अपने आप को रोक नहीं पाते।हमारे समर्थन करने या न करकने से कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए हम उस बात को अपने मित्रों व जागरूकर पाठकों तक पहुंचाकर मानसिक शांति महसूस करते हैं अगर इन विषयों पर हमें अपने पाठकों का समर्थन या फिर तर्कपूर्ण आलोचना मिल जाए तो हमें नयी ताकत का एहसास होता है।
आज हम बात कर रहे हैं भाजपा नेता के उस बयान की जिसमें बैंकिया नायडू जी ने कहा है कि UPA सरकार पाक समर्थक मुसलिम आतंकवादियों व चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों की सरकार है ।अगर थोड़े शब्दों में इसे सपष्ट किया जाये तो हमारे विचार से इसका वही अर्थ निकलाता है जो हम लगातार समझाने की कोशिस कर रहे हैं।
ये सरकार सेकुलर गिरोह की है सेकुलर गिरोह हिन्दूविरोधी व भारत विरोधी है ये गिरोह हर उस बात का समर्थन करता है जो भारत के शत्रु कहते या करते हैं ।आप कहेंगे कि आरोप कोई भी लगा सकता है प्रमाण क्या है ?
प्रमाण हैं इस सरकार के कुकर्म जो चीख-चीख कर कह रहे हैं कि ये सरकार भारत के शत्रुओं के हाथों बिक चुकी है।
• सांसदभवन पर हमले वाले मामले में माननीय सर्वोच न्यायलय ने आज से लगबग 4बर्ष पहले देश के गद्दार पाक समर्थक मुसलिम आतंकवादी अफजल को सजा सुनवाई थी ।जिस पर सरकार ने आज तक अमल न कर पाक समर्थक आतंकवादियों को सपष्ट संदेश दिया कि आप भारत पर खुल कर हमला करो यहां की अदालतें आपका कुछ नहीं विगाड़ सकती ।
• मुंमबई पर हमला भारत में रहने वाले गद्दारों की मदद के विना सम्मभव नहीं था ऐसा आपको कोई भी सुरक्षा मामलों का जानकार बता देगा ।इस सरकार ने कम से कम एक बर्ष तक देश की जनता से झूठ वोला कि कोई भारतीय नागरिक इस हमले में सामिल नहीं था। लेकिन बाद में सरकार ने ये सवीकार किया कि दो भारतीय मुसलमान सबाऊदीन और मुर्तजा इस हमले में सामिल थे।हमारे विचार में सरकार ने सिर्फ दो मुसलमानों के सामिल होने की बात सवीकार की जबकि इस हमले में सरकार का एक मन्त्री अबदुल रहमान अंतुले खुद सामिल था ।सारे हमले को उसी के घर से अंजाम दिया गया जोकि उसने कैमरे के सामने तब सवीकार किया जब उसने देश को बताया कि मुसलिम आतंकवादी हेमंत करकरे को मारने नहीं आये थे। लेकिन सरकार ने अपने मन्त्री के विरूद्ध कार्यावाही करने के बजाए उसके पाकसमर्थक ब्यानों का समर्थन किया।अन्त में मुमबई हमले में सामिल दोनों गद्दारों को सरकार ने बचाकर भारतीय मुसलमानों को आतंकवादियों का समर्थन करने का खुला निमंत्रण दिया।
• मुंमबई हमले में सेकुलर कलाकर महेश भट्ट का बेटा सामिल था इसका सपष्ट प्रमाण मिलने पर भी न उस गद्दार को पुलिस रिमांड पर लेकर फिल्म इंडसट्री के वाकी गद्दारों के नाम नहीं उगलवाये गए न ही उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही अमल में लाई गई क्यों?
• बटला हाउस मुठभेड़ पर पहले गद्दार अमर सिंह बाद में कांग्रेस महासचिब दिगविजय सिंह ने खुलकर गद्दारों का साथ दिया उनके विरूद्ध सरकार ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की क्यों?
• बटला हाऊस मुठभेड़ में सामिल आतंकवादियों को भगाने में कांग्रेस के पूर्व बिधायक अबदुल सत्तार व समाजवादी पार्टी के विधायक अबु हाजमी ने सहायता की उनपर भी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की क्यों?
• सर्मअलसेख में प्रधानमन्त्री ने भारतीय हित की बात करने के बजाए पाकिस्तान के हित की बात कर अपनी सरकार के भारत विरोधी होने का सपष्ट प्रमाण दिया।
• नेपाल में माओवादी आतंकवादियों से लड़ रही भारत समर्थक नेपाली सेना को इस सरकार ने हथियारों की सपलाई बंद कर चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों को नेपाल पर कब्जा कर भारत पर हमले तेज करने का खुला निमंत्रण दिया बताओ जरा क्या कोई देशभक्त सरकार ऐसा कर सकती है?
• भगवान राम के अस्तित्व को माननीय न्यायालय में हलफनामा देकर नकारने वाली इस सरकार ने रोम में पोप की मृत्यु पर भारत में तीन दिन का शोक रखा क्यों?
• केरल में विळेष कानून बनाकर कोयंमबटूर में हमला करने वाले पाक समर्थक आतंकवादी को जेल से छुड़वाया क्या ये देश से गद्दारी नहीं?
• माननीय न्यायायलय ने जब असाम में इस सरकार द्वारा बनाए गए बंगलादेशी घुसपैठियों को लाभ पहुंचाने वाले कानून को निरस्त किया तो गद्दारों की इस सरकार ने फिर से घुसपैठियों की मदद के लिए बैसा ही कानून बना डाला। क्या कोई देशभक्त सरकार न्यायलय के आदेश के बाबजूद ऐसा भारतविरोधी कानून बनाती?
• मानीय न्यायालय ने जब गद्दारों की पोल खोलने वाले ब्रेन मैंपिग से सबन्धित टैस्टों पर रोक लगा दी तो क्या इस सरकार ने इस रोक को हटवाने के लिए बैसी ततपरता दिखाई जैसी असाम में घुसपैठियों को लाभ पहुंचाने के लिए दिखई थी?
• जब उतर प्रदेश के माननीय हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा संविधान का उलंघन कर मुसलमानों को अलगावादी देश साऊदी अरब जाने के लिए दी जाने वाली सबसिडी पर रोक लगाई तो क्यों इस सेकुलर सरकार ने मक्कामदीना जाकर अलगावबाद की शिक्षा लेने वाले मुसलमानों को सबसिडी देने की जिद की? वो भी तब जब ये सरकार खुद को सेकुलर कहती है।
• संविधान द्वारा धर्मआधारित आरक्षण पर रोक है तो फिर क्यों सेकुलर गिरोह की सरकार ने आंध्रप्रदेश में धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की कोशिश की इस कोशिस पर माननीय न्यायलय ने दो वार रोक लगी पिर भी इस सांप्रदायिक सरकार ने धर्म के आधार पर आरक्षण दिया क्यों?
• अब क्यों सारे देश में धर्म के आधार आरक्षण देकर दोवारा संविधान का कत्ल करने की साजिश की जा रही है?
आप खुद ये निर्णय करो कि जो सरकार न संविधान को माने न माननीय न्यायलय को माने वो गद्दारों की नहीं तो किसकी है?
10 टिप्पणियां:
बासठ वर्षों से इस देश को खोखला कर रहे इस तथाकथित सेकुलर सरकार और पार्टी ने जितना लोकतंत्र और मानवता का खून किया है,उतना तो ओसामा बिन लादेन भी सौ जनम लेगा तो भी नहीं कर पायेगा / रही भाजपा ,तो ये पार्टी तो मोदी और गड्कड़ी जैसे नेताओं से जिन्दा दिखती है / अब तो किसी पार्टी नहीं बल्कि आम लोगों की एकजुटता ही इस देश को बचा सकता है /
बिल्कुल सही कहा है वैकया नायडु जी ने ।
hamne hi to banayi hai ye sarkaar ham khud hi nahi jaante hamare desh ke liye kya achcha hai aur kya bura...hamare neta isi ka to faayda uthate hain...adhe yuva apne mool sthano ko chod bahar kahi naukri karte hain unhe to vote dene ko milta hi nahi....fir kaise desh tarakki karega...
तमाम राजनीतिक दल एक ही जैसे हैं. सांपनाथ का भाई नागनाथ. भाजपा कांग्रेस से कम कतई नहीं है. भारत में दो प्रमुख धर्मो के लोगों के बीच वैमनस्य इसी पार्टी ने बढाया है. गुजरात के दंगे क्या देशभक्ति की निशानी है.??. बैंगलोर में महिलाओं को खुले आम पीटा गया बेइजत किया गया. क्या यही भाजपा की देशभक्ति है?? राम मंदिर बनाने के नाम पर देश की गरीब जनता से अरबों रुपये ले लिए और आज तक राम मंदिर नहीं बना. लेकिन उस आन्दोलन से जुड़े नेता उन्हीं रुपयों की बदौलत ऐश-ओ-आराम की ज़िन्दगी बिता रहे हैं. क्या यही देश-भक्ति है ???? देशभक्तों को जमात में कृपया नेताओं को ना घसीटो. सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं. कांग्रेस का चिटठा आपने सही खोला है. भाजपा कि सरकार ने आतंकवादीयों को रिहा किया कि जाओ और आतंक फैलाओ. फौजी अदालत लगे तो सारे नेता जेल की हवा खाते नजर आयेंगे. ये तो हमारे देश की भोली जनता है जो इन्हें झेल रही है. जनता को जागना होगा और देश के असली गद्दारों को पहचानना होगा.
HPD,मिथलेश जी,दिलीप जी से सहमत
बोहरा जी हम आपसे काफी हद तक सहमत हैं पर एक बात जरूर कहेंगे
कि हम हिन्दूओं की सबसे बड़ी समस्या यही है कि हम अपने मित्र और शत्रु का अन्त्र नहीं कर पाते। मेरे भाई जिन लोगों ने योजनाबध तरीके से देश का धर्म के आधार पर विभाजन करवाकर विभाजन की जड़ को फिर भारत में रखकर दोवारा सांप्रदाय अधारित कानून बनाकर अगले विभाजन की नींब रख डाली उन्हें और उनके इन कुकर्मों का लगातार विरोध करने वाली भाजपा को हम एक ही थैले में कैसे रख सकते हैं?
रही गुजरात दंगों की बात तो वो हिन्दूओं का प्रतिकार था मुसलिम आक्रमण व सेकुलर गिरोह के उनको समर्थन पर।दंगो की शुरूआत की जड़ था हिन्दूओं का जिन्दा जलाया जाना जिसमें कांग्रेसी पार्सद सामिल था
मन्दिर निर्माण का एक भी पैसा किसी हिन्दूत्वनिष्ठ नेता ने खाया हो ऐसा हम नहीं मानते
वेशक आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस और भाजपा में कोई अन्तर नहीं पर देशहित के मामले में कांग्रेस गद्दारों से भरी पड़ी है जबकि भाजपा पर देशभक्तों की पकड़ ढीली जरूर पड़ी है पर खत्म नहीं हुई है।
नरेश जी हम भी सैनिक शासन के समर्थन में हैं ।
बोहरा जी, सांप और नाग वाली बात ठीक है. लेकिन एक तरफ कोबरा हो और दूसरी तरफ पानी वाला साधारण सांप तो फिर किधर जाना पसंद करेंगे. खुद ही बतायें... हिन्दू खुद ही अपना दुश्मन है..
मैं ज्यादातर तो राजनीतिक बहसों में शामिल नहीं होता हूँ. लेकिन मैंने इन दोनों दलों को बहुत करीब से देखा है. मेरा एक अन्तरंग मित्र कांग्रेस का सक्रीय कार्यकर्ता है जबकि एक लंगोटिया यार राम मंदिर आन्दोलन की भेंट चढ़ चुका है. जब वो इस आन्दोलन की भेंट चढ़ा था तो मौहल्ल्ले भर में उसकी तसवीरें लगी थी और आज उसके घर का पता बहुत कम लोग जानते हैं. उसके परिवार को उस वक्त जीवन भर आर्थिक मदद का वादा इसी आन्दोलन के नेताओं ने दिया था लेकिन वो आज तक नहीं मिली. जिस नेता ने यह आश्वासन दिया वो आज खुद एक आलीशान बंगले में रह रहा है और उसके पूरे घर में प्रभु राम कि बड़ी बड़ी तस्वीरें लगी हुई हैं और वो जमीनें हड़पने का काम करता है. रही बात कांग्रेस की तो उस पार्टी के बारे में आपने लिख ही दिया है. मैं एक कवि हूँ और हमेशा मानवता के खिलाफ होनी वाली बातों का पुरजोर विरोध करता हूँ. यह भी सच है कि हिन्दू कभी एकजुट नहीं रहा है. आज भी वो जातिगत आधार पर बंटा हुआ है. कितने ऐसे हैं जो खुद को हिन्दू बतलाते हैं. कोई कहेगा मैं ब्राह्मण हूँ / कोई कहेगा मैं बनिया हूँ / कोई माहेश्वरी तो कोई कायस्थ, तो कोई राजपूत. अब नया शिगूफा छोड़ा है कुछ राजनितिक दलों ने प्रांतीयता का. मैं इसे मुंबई में बहुत करीब से देख पा रहा हूँ. कांग्रेस / भाजपा / राकापा / सपा / बसपा सब मिलकर भी इसका मुकाबला करने में असहाय और अक्षम नजर आ रही है. मैं केवल सत्य लिखता हूँ. हो सकता है आपको भाजपा की आलोचना बुरी लगे लेकिन यह भी सत्य है कि श्री अटलजी के बाद यह पार्टी भी दिशाहीन नजर आ रही है. अटलजी मेरे आदर्श रहे हैं. उनकी कविताओं में भारत का दर्द झलकता है. हरेक मनुष्य को अपना दिल टटोलना होता है. अगर इंसान खुद को टटोले और खुद के विचारों में आमूलचूल परिवर्तन ले आए तो समाज स्वत: ही जागरूक हो उठता है. मेरे हिसाब से आज के मुख्य मुद्दे होने चाहिये - गरीबी / बेरोजगारी और हमारा सबसे बड़ा दुश्मन भ्रष्टाचार जो कि हर समस्या का जनमदाता है. आज मगर कोई भी दल इस मुद्दे पर आन्दोलन नहीं छेड़ रहा जबकि इसकी वजह से ही पूरे देश में हर समस्या है. हर धर्म , हर जाति के लोगों को सारे भेदभाव मिटाकर देशप्रेम के झंडे के तले आकर इस सुरसा के मुंह से भी बड़े भ्रष्टाचार का मुकाबला करना है. सुनीलजी आपके लिए मैं देशभक्ति पर भी एक कविता लिखने का भरपूर प्रयास करूँगा. मैंने आज तक नहीं सोचा था लेकिन आपके अनुरोध को नहीं टाल सकता हूँ.
सांप सांप ही होता है वो चाहे काटे या ना काटे. सभी जहरीले नहीं होते लेकिन इन्हें पहचानना बहुत ही मुश्किल होता है. इंसान उसे देखते ही डर जाता है.
नरेश जी से "लगभग" पूर्ण सहमति है,
1) वे भाजपा और कांग्रेस को एक ही पलड़े पर रख रहे हैं…। माना कि भाजपा भी 90% कांग्रेस "बी", ही बन चुकी है, लेकिन जो बचा हुआ 10% है ना…, वही मुख्य अन्तर है।
2) गुजरात दंगों के लिये "सिर्फ़" भाजपा को दोष देना कतई सही नहीं है
3) सैनिक शासन के पक्ष में सहमति
4) राम मन्दिर भी बनकर रहेगा, उसके लिये आये हुए पैसों का भी "पूरा न सही", लेकिन सदुपयोग तो हुआ है, विश्वास न हो तो राजस्थान में पत्थरों की संगतराशी के काम को जाकर देखा जा सकता है, जब भी "सही समय" आयेगा, राम मन्दिर तो बनेगा।
5) देश की मुख्य समस्या भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और नैतिकता का लोप हैं, लेकिन राजनैतिक दलों से जादू की छड़ी की उम्मीद किसी को भी नहीं है, जब तक "हिन्दुत्व", राजनैतिक रुप से एकजुट नहीं होता, तब तक इनका निवारण सम्भव नहीं है।
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