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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

शुक्रवार, 28 मई 2010

देखो सेकुलर गद्दारो तुम्हारे पाले हुए हरामजादे आतंकवादी किस तरह निर्दोश आम जनता का खून बहा रहे हैं आओ देसभक्तो मिलकर कालिख पोते इन आतंकवादियों के समर्थक सेकुलर गद्दारों के रक्त रंजित चेहरों पर।

सच कहें जब से हमने होश सम्भावाला है कभी लगातार एक वार भी एक सप्ताह ऐसा न गुजरा जिस दिन इन आतंकवादियों ने हमारे देश को लहुलुहान न किया हो ।
जब भी इन आतंकनवादियों (चाहे वो पाक समर्थक मुसलिम आतंकवादी हों या फिर चीन समर्थक आतंकवादी ने) भारत को लहुलुहान किया हमने देखा कि हर बार खुद को मानबाधिकारवादी व समाजिक कार्यकर्ता कहने वाले इन आतंकवादियों के समर्थकों ने सबके सामने टैलीविजन चैनलों पर बैठकर खुलकर इन आतंकवादियों की खूनी हरकतों को सही ठहराया ।
हर वार NDTV,IBN ,STAR NEWS ,AAJ TAK आदि चैनलों ने खुलकर इन आतंकवादियों के समर्थन में देश के शत्रुओं द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम आयोजित किए कई इन्हें अनपढ कभी गरीब व कभी हिन्दूओं के अत्याचारों का सिकार बताकर इनके खूनी खेल को जायज ठहराया। NDTV ने तो सारी हदें लांघते हुए हर तरह की मान मर्यादा को छोड़कर योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्यक्रमों में एक देशभक्त को चार-चार गद्दारों के साथ विठाकर जनता के समाने इन आतंकवादियों का पक्ष कुछ इस तरह से रखा मानो जनता के असली मददगार ये आतंकवादी ही हैं।
हद तो तब हो गई जब इन गद्दारों ने आतंकवादियों द्वारा किए गए हर हमले के लिए सुरक्षावलों व देशभक्त संगठनों को दोशी ठहराकर आतंकवादियों के विरूद्ध उठने वाली हर आबाज को बदनाम कर दबाने की कोशिश की।जिसमें ये काफी हद तक सेकुलर सरकार बनने के बाद सफल हुए ।

जिसका परिणाम अब ये निकला कि आज आतंकवादी अपनी इच्छा अनुशार आम जनता व आम जनता की सुरक्षा में लगे सुऱक्षावलों को निशाना वनाकर निर्दोश लोगों का लहू बहा रहे हैं और जो लोग सता में हैं जिनके उपर आम लोगों की रक्षा की जिम्मेवारी है वो आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाए आतंकवादियों को मार गिराने वाले सैनिकों को जेलों में डाल रहे हैं न केवल सुरक्षावलों को वल्कि उन लोगों को भी जो इन राक्षसी आतंकवादियों के विरूद्ध वोल या लिख रहे हैं हो सकता है ये गद्दार कल हमें भी उठाकर जेल में डाल दें।
 लेकिन हम इन्हें वता देना चाहते हैं कि अगर देशभक्त हथियारबन्द लड़ाई लड़ रहे होते तो आज तक इन गद्दार नेताओं सहित एक भी आतंकवादी समर्थक बुद्धिजीवी(परजीवी) ,मानवाधिकार कार्यातकर्ता,पत्रकार,बलागर या फिर किसी और वेश में खुद को छुपाए आतंकवादियों के ठेकेदार या आतंकवादी को जिन्दा न छोड़ा जाता।


जरा ध्यान करो कि आज तक आतंकवादियों के विरोध में वोलने वाले गिर्फतार किए गए हिन्दूओं से कितना गोला बारूद बरामद किया गया या फिर जिन सैनिकों व पुलिस अधिकारकियों को उन आतंकवादियों को मारने के जुल्म में जेल में डाला गया जिन आतंकवादियों के पास दर्जनों एके 47 व हैंडगर्नेड हरामद किए गए। जरा सोचो ये गद्दार किस तरह एंटोनियो माईनो मारियो व दिगविजय सिंह के नेतृत्व में एक तरफ गृहमन्त्री को दबाब वनाकर माओवादी आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यावाही करने से रोक रहे हैं साथी ही अफजल जैसे मुसलिम आतंकवादी की सजा को माननीय सर्वोच न्यायलय के तीन वार दिए गए आदेश के वावजूद रोकर कर मुसलिम आतंकवादियों को भारत पर हमला करने के लिए समर्थन दे रहें हैं
इसके विपरीत ये किस तरह सैनिकों,पुलिस अधिकारियों , देसभक्तों,  साधु सन्तों को बदनाम कर जेल में डालकर झूठे आरोप लगाकर फांसी पर चढ़ाने के षडयन्त्र रच रहे हैं ।
इनका एक एक कदम चीख-चीख कर कह रहा है कि ये देश को आतंकवाद फैलाकर अस्थिर करने का षडयन्त्र रच रहे हैं। आतंकवादियों के पीछे वर वार विदेशी हाथ होने की तो हम बात करते रहते हैं पर हम ये भूल जाते हैं कि किस तरह हमारे अपने देश के ये सैकुलर गद्दार किसी भी विदेशी ताकत से अधिक लोजिस्टिक,नैतिक व आर्थिक सहायता इन पाक समर्थक मुसलिम आतंकवादियों व चीन समर्थक माओवादी आतंकवादियों को अपने देश के अन्दर हमारे अपने नीगरिकों व सैनिकों की वलि चढ़ाकर उपलब्ध करवा रहे हैं।


सारी स्थिति के लिए हम सब भी कम दोषी नहीं हम सीधे गद्दारों का नाम लेकर उनका पर्दाफाश कर देश को बचाने की इमानदार कोशिश करने के बजाए सारी की सारी ब्यबस्था व नेताओं पर हमला वोल देते हैं उस ब्यावस्था पर जिसके कमजोर होने का मतलब है आतंकवादियों के ताकतवर होना। आओ अभी भी वक्त है हम सब मिलकर इन आतंकवादियों के समर्थक नेताओं, बुद्दिजुवीयों, पत्रकारों, मिडीयाकर्मियों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओ की असलियत उनके नाम व काम जनता के सामने रखकर देश को इन आतंकवादियों व उनके समर्थकों से मुक्त करवाकर अपने देश के निर्दोश नागरिकों के जानमाल की रक्षा सुनिष्चित करें।


आज हम और कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम हम सिर्फ वोलकर ही इन गद्दारों का मुंह काला कर इनको जूतों की माला पहनायें। हम आशा करेंगे कि आपलोग अपनी टिप्णीयों के माध्यम से इन गद्दारों के नाम लिखकर इनका मुंह काला कर इनको जूतों की माल पहनायेंगे।


20 टिप्‍पणियां:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

हम तो भाई लगे ही हुए हैं... अभियान में.

Unknown ने कहा…

आपको देककर हमें भी हौसला मिलता है जी

tension point ने कहा…

वास्तव में, इनके पापों का घड़ा तो भर चुका है | पर फिर भी ये अगर ये फूटने से बचा है तो कहीं न कहीं से इनको सहायता मिल रही है | और ये चिंतनीय है , जो शहीद हुए हैं, भगवान् करे उनकी मृत्यु देश की जनता के खून में कुछ हरकत करे | यही कामना है | वह एक साथ खड़े होकर इनके महलों पर धावा बोल दें |

... ने कहा…

अमां यार, मैने क्या अनुचित कहा है, इन गद्दारों के लिए अच्छे शब्द जिव्हा पर आते नहीं हैं, प्रयास करूंगा कि संयम बरतूं . इनके धर्म की वास्तविकता जानने के लिए http://harf-e-galat-ll.blogspot.com/ देखो

... ने कहा…

कैरान्वी, जमाल, असलम कासमी , सलीम खान, अयाज अहमद , सफत आलम , एजाज इदरीसी, जीशान , इम्पैक्ट, खुर्सीद जैसे देशद्रोही, कृतध्न, जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं, ब्लोगों पर इतना विष वामन करते हैं तो इनकी मस्जिदों में क्या नही होता होगा? कभी समय मिले तो विचार करना

... ने कहा…

जब इन लोगों को देवी-देवता के बारे में गन्दी बातें करने में शर्म नही आती तो आपको इन्हें हरामी कहने में आपत्ति क्यों है

... ने कहा…

मान गए उस्ताद. हमें शागिर्द बना लो.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

@ इस्लाम की दुनिया : भाई मेरे एक बात कहूंगा जिस तरह आप किसी का नाम लेकर यह सब गिना रहे हो तो आपमें और उनमे कोई फर्क नहीं , लेखनी में थोड़ा संयम बरतिए !

राकेश नाथ ने कहा…

सुनील दत्त आप सही है
आजकल देशद्रोहियों की पनाहगाह लखनऊ ब्लागर एशोसियेस और लोकसंघर्स बना हुआ है, जहां पहले पर साम्प्रदायिक पोस्टें आतीं है और राष्ट्रवादियों को निशाना बनाया जाता है वहीं दूसरे पर देशद्रोही नकसलवादिओं को महिमा मंडन किया जाता है

दोनों में दो दो लात लगानी चाहिये

Unknown ने कहा…

शंकर फुलारा जी ये घड़ा तो हमें ही फोड़ना पड़ेगा।
गोदियाल जी लेख पर आपकी राय का इन्तजार है जी

aarya ने कहा…

सादर वन्दे !
हम जब कुछ ब्लागरों की बात करते हैं तो असल मकसद से हट जाते हैं | अरे छोडो इनको ! जरुरत है एक साथ आवाज उठाने की | जब हम एक सुर में इन अन्यायों के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो किसी की क्या बिसात.
मै सुनील जी के इस पोस्ट का जोरदार ढंग से समर्थन करता हूँ |
रत्नेश त्रिपाठी

Unknown ने कहा…

आर्य जी धन्यवाद हम सब देसभक्तों से यही उमीद कर रहे हैं।

शब्द सितारे... ने कहा…

appka ek ek lekh us ummid ke sath padhtaa hun aaj nahi to kal hamaara mediyaa sudhar jayega....apnaa pryas jari rakhiyagaa ....ek din aisaa ayega har hindustani stah hogaa

Unknown ने कहा…

सुनील दत्त जी,
आप पूरी ऊर्जा और देशभक्ति की भावना से प्रत्येक पोस्ट लिखते हैं… मैं आपको लगातार पढ़ रहा हूं…। रही भाषा की बात, तो यह प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग होती ही है, यदि किसी को दत्त जी की भाषा और शैली से आपत्ति है तो निश्चित ही उसे साध्वी ॠतम्भरा और तोगड़िया से भी आपत्ति होगी… तथा इन दोनों की मंशा और नीयत पर आपत्ति करने वाले की नीयत ही खुद-ब-खुद संदेह के घेरे में आ जाती है।

इसलिये, सुनील जी आप चाहें तो अपनी भाषा और शैली में अपने स्तर पर बदलाव कर सकते हैं, लेकिन ऐसा किसी के कहने पर न कीजियेगा…।

जिस अंदाज में आप लिख रहे हैं, वह प्रशंसनीय है… कोशिश करें कि एकाध-दो लिंक्स अथवा रेफ़रेंस भी साथ में देते चलें, उससे लेख की विश्वसनीयता और पठनीयता बढ़ती है।

vedvyathit ने कहा…

bhai sunil ji ram 2
is ka koi thos hl nikalna chahiye yh desh nhi to yh desh apni rastriyta vphchan sbhi kuchh kho dega

hme un hinduon se bhi savdhan ho jana chahiye jo vot ke vkt yh sb bholl kr in ke pichhe chhote mote swrthon ke lg jate hain
doosa un logo se bhi swal kiye jaye ki aakhir jis ne yh srkar bnvai hai ki aap bhi to aatnki ko fansi ndilvane jimmedaer hain
btao kaise mrne ke bad smshan me shanti paoge
hindoo ko jgana bhut bda kam hai aur ydi yh ek bar jag gya to sb thik ho jayega
ab to sb se ek hi prshn poochha jaye ki vh aatnkiyon ka sath de rha hai ya desh ke sath hai
ydi vh desh pe prti imandar hai to apni prti ke aakaon se yh sval kyon nhi poochhta hai ydi nhi poochhta hai to vh deash drohi hai
dr. ved vyathit

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

सुनील जी, संदेह नहीं कि लेख में सच्चाई है, और सभी जानते है की सच्चाई में कडुवाहट ज्यादा होती है! इसलिए कोई बात नहीं, मगर हमारे सिर्फ अपने ब्लॉग पर यह सब लिख भर देने से कुछ नहीं होगा ! अगर आपकी नजरों में कोई ऐसी स्वयम सेवी संस्था है, जो जमीनी स्तर पर कुछ कर सकती है तो मैं कहूंगा कि धीरे-धीरे जो परिस्थितियाँ बन रही है वो देश को एक और ग़दर की और धकेल रही है, जो बहुत दूर नहीं दिखता और इसके लिए ये तथाकथित सेक्युलर नेता और इनके हराम की खाने वाले रिश्तेदार, चाहने वाले, इनके माध्यम से अपनी स्वार्थपूर्ति करने वाले ही जिम्मेदार होंगे , अत: कोई तैयार कर सकता है तो पिछले २५ सालों से आज तक के इन सबका और इनके दूर-दूर तक के रिश्तेदारों के नाम-पते की पूरी लिस्ट तैयार करवाइए , क्योंकि कल अगर देश में वैसी कोई स्थित बंटी है तो ये गिरगिट रंग बदलकर वहाँ भी भले बनने के लिए पहुच जायेंगे ! लेकिन देश को इनकी बातों में न आकर आगे फिर से न बांस रहे और न बांसुरी बजे वाला मुहावरा दृडता से अपनाना होगा !

जीत भार्गव ने कहा…

bhaaee, सच में आपने तो meediyaa ko धो डाला
asal में hamaaraa sekular meediyaa yaa तो church se paisaa khaataa hai yaa gulf se. aise में unase desh hit yaa nishpakshtaa kee aashaa karanaa hee galat hai.
ek nivedan karungaa ki, blog ke content toh laazavaab hain lekin blog ke layout pe bhi thodaa dhyaan de.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

आप जिस उर्जा और भावना सहित इस प्रयास में जुटे हैं....वो एक दिन जरूर रंग लाएगा.
शुभकामनाऎँ!!!

बेनामी ने कहा…

Wow, this post is ρleasаnt, my youngеr
ѕister is analyzing these kinds of things, thus I am going to іnform her.



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