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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

रविवार, 4 अप्रैल 2010

देशभक्त कांर्गेसियों द्वारा समय-यमय पर हिन्दूविरोधीयों-देसविरोधियों के विरूद्ध बजाए जा रहे विगूल को एक समूर्ण क्रांति में वदलने की जरूरत है।



हमारा पक्का विशवास है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व वेशक हिन्दूविरोधियों-दोशविरोधियों के हाथों में है लेकिन कांग्रेस में देशभक्त नेताओं की कमी नहीं।जरूरत है देशभक्त कांग्रेसियों को पहचान कर उनका साथ देकर कांग्रेस को देशविरोधियों से आजाद करवाने की क्योंकि कांग्रेस जब तक विदेशियों के ईसारे पर नाचेगी तब तक वो जब खुद सता में है तो गद्दारों के विरूद्ध काम करने के बजाए गद्दारों के लिए काम करेगी और जब विपक्ष में होगी तो सतारूढ़ दल द्वारा लिए गए किसी भी देशहित के निर्णय को किसी सांप्रदाय/जाति/क्षेत्र विशेष के विरूद्ध बताकर देश में दंगा फैलाकर हिन्दूओं को आपस में लड़वाकर भारत को कमजोर करेगी। देश को विदेशी ताकतों के चुंगल आजाद करवाना अकेले भाजपा/ भारत स्वाभिमान के बश की बात नहीं ।विदेशी ताकतों के संकजे से भारत को आजाद करवाने के लिए देश के सब देशभक्त लोगों को ठीक उसी तरह संगठित होना होगा जैसे गद्दार सेकुलर गिरोह के रूप में संगठित होकर अपने देशविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्रों को अंजाम दे रहे हैं । हर देसविरोधी समाचार चैनल/मानवाधिकार संगठन/एन जी ओ/समाजिक कार्यकरता/धर्मांतरण की ठेकेदार संस्थायें /आतंकवादी गिरोह/कुछ न्यायधीश/फिल्म निर्माता/लेखक इस भारत विरोधी सेकुलर गिरोह का हिस्सा हैं।ठीक इसी तरह देशभक्त हिन्दू संगठनों को हर उस ब्यक्ति को साथ लाने का प्रयत्न करना होगा जो देश के प्रति बफादार है।


जब अमेरिकी दबाब में अंग्रेजों के गुलाम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एंटोनियो के ईसारे पर एक ऐसा विल लोकसभा में पास करवाने की कोशिस की जो अमेरिकी कंपनियों को भारतीयों को मारने की खुली छूट देता था तब हर देशभक्त की तरह देशभक्त कांग्रेसियों को भी बुरा लगा ।इन 35 देशभक्त कांग्रेसियों ने विधेयक पेश होने के वक्त संसद से अनुपस्थित रहकर अपना विरोध प्रकट कर देशविरोधी कांग्रेसी नेतृत्व की पोल खोलकर रख दी।हमारे विचार से इन कांग्रेसियों के देशहित में लिए गय इस फैसले का जितना सनर्थन किया जाये उतना कम है।जनता को समझना चाहिए कि जब पूरी कांग्रस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व देशविरोधियों के हाथ में हो तब इस तरह का कदम उठाना अपना कैरियर दांव पर लगाने जैसा था। हमारे विचार में ये कांग्रेसी जानते हैं कि अगर देश है तो कैरियर है अगर देश नहीं तो काहे का कैरियर।


ऐसा नहीं कि ये पहली घटना है जिसमें देशभक्त कांग्रेसियों ने विदेशीयों की हिन्दूविरोध-देशविरोदी नितियों का विरोध किया हो ।इससे पहले हिमाचल के ततकालीन मुख्यामन्त्री वारभद्र सिंह जी ने हिमाचल में एक ऐसा विधेयक पारित करवाया जो धर्मांतरण के ठेकेदारों के मूंह पर तमाचे की तरह जा लगा।इस विधेयक को रद्द करने के लिए अमेरिका से लेकर एंटोनियो तक के दबाब को ठेंगा दिखाते हुए वीरभद्र सिंह जी ने वो ही किया जो देशहित में था।जिसकी उन्हें कीमत भी चुकानी पड़ी। एंटोनियों ने अपने प्रभाव का प्रयोग नवीन चावला के माध्यम से करते हुए चुनाब छे महीने पहले करवाकर योजनाबद्ध तरीके से वीरभद्र जी के समर्थक ताकतवर जिताऊ उमीदवारों के टिकट कटवाकर वीरभद्र सिह जी को चुनाब हरवाकर अपने सांप्रदाय से संबन्ध रखने वाली विद्यास्टोक्स को नेता विपक्ष बनवा दिया।


सत्यव्रत चतुर्वेदी जी को कौन भुला सकता है जिन्होंने शहीद मोहन चन्द जी का अपमान करने वाले गद्दार अमर सिंह को पागल करार देकर अपनी अप्रसन्ता को जगजाहिर कर दिया।परिणामस्वारूप गद्दारों की ठेकेदार एंटोनिया ने उन्हें कांग्रेस के प्रवक्ता पद से हटा दिया।ध्यान रहे अभी कुछ दिन पहले एक और गद्दार के विरूद्ध मुंह खोलने के फलस्वारूप इस गद्दार एंटोनिया ने उन्हें फिर कांग्रेस के प्रवक्ता पद से हटा दिया।


अभी पिछले कल ही पर्यावरण मंत्री श्री जयराम रमेस जी ने गुलामी के प्रतीक गाऊन को उपनिवेशवाद का स्मृतिचिन्ह करार देकर एक सच्चे भारतीय का मन प्रकट कर एंटोनियो की गुलामी के विरूद्ध विद्रेह का एक और विगुल बजा दिया । जिस पर भारत में रह रहे विदेशी आक्रममकारियों के एजेंट धर्मांतरण के ठेकेदार ईसाईयों को काफी तकलीफ हुई । हो सकता है कि बहुत जल्दी ये ईसाई अपनी ठेकेदार एंटोनिया के पास जाकर ठीक उसी तह सिकायत करें जिस तरह वीरभद्र सिंह जी की की थी






अन्त में हम तो इतना ही कहेंगे कि देशभक्त कांर्गेसियों द्वारा समय-समय पर हिन्दूविरोधियों-देशविरोधियों के विरूद्ध बजाए जा रहे विगूल को एक समूर्ण क्रांति में वदलने की जरूरत है।






8 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

waise yeh bhi bata dijiye ki bigul kahan buj raha hai?kranti kahaan karoge?hume bhi bula lena kranti k waqt

Unknown ने कहा…

जरा कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करो आप सब समझ जायेंगे। वेशक कुछ वक्त लगे पर हलचल तो दिख ही रही है

mahesh gupta ने कहा…

attankwadi bankar aise desh ke dushmano ko khatma karna , chupchap dekhne se kai guna behtar hai...

Unknown ने कहा…

देश के शत्रुओं का खात्मा करने वालों को क्रांतिकारी कहते हैं आतंकवादी नहीं।आतंकवादी वो हैं जो देश के शत्रुओं के साथ मिलकर देश को नुकशान पहुंचाते हैं

Unknown ने कहा…

दीपक जी जो भी देशभक्त क्रांतिकारियों का अपमान करता है वो देश का गद्दार ही कहलायगा ।भगवान ने चाहा तो देशभक्त जनता बहुत जल्दी ऐसे गद्दारों की असलियत को जानकर उन्हें उनके अनजाम तक पहंचायेगी।

shanu ने कहा…

deepka ji aapne ekdum sahi kahan hain , aur mein puri tarah se aapki baat ka sehmat se hun

, jai hind , VANDE MATARAM

बेनामी ने कहा…

jo hindu dharm ko nahi manta vo manav pashu ke saman hai. or bharat desh me nahi rhna chahiye

shailendra singh bhadoriya
dist. presedint jago hind sangthan
Morena (m.p)

बेनामी ने कहा…

america ne laden ko doondh kar maar dala aaj bharat ko bhi aisi hi iccha shakti ki jarurat hai pakistan me pal rahe atankwadiyo ko khatam karne ki

mukesh soni