(यह कोई लेख नहीं पर एक पुस्तक नकली धरेमनिर्पेक्षता के वो अंश हैं जो इस जिन्दा जख्म की नायिका का विरोध करने वालों की न केवल हकीकत बयान करते हैं पर उनसे शांतिप्रिय भारतीयों को पैदा हुए खतरे को भी उजागर करते हैं )
यह वही गिरोह है जिसके नेतृत्व में सारे भारत में वन्देमातरम् का गान करने का फैसला किया गया लेकिन मुठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा वन्देमातरम् का विरोध इस आधार पर किए जाने पर कि वन्देमातरम् का गान उनकी जिहादी मानसिकता के विरूद्ध है। इस गिरोह की सरकार ने वन्देमातरम् गाने का फैसला वापिस लेते हुए यह कह दिया कि जिसको गाना है वो गाए जिसको नहीं गाना है वो न गाए।
• इस फैसले से एक तो राष्ट्रगीत का अपमान किया गया !
• दूसरे देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का हौंसला बढ़ाया गया !
• तीसरा आम मुसलमान को वन्देमातरम् का विरोधी घोषित कर दिया !
• जब ये देशविरोधी मानसिकता वाले देशद्रोही परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों का विरोध करते हैं और अधिक से अधिक बच्चे पैदा कर देश के इस्लामीकरण की बात करते हैं तो ये सैकुलर गिरोह आम देशभक्त मुसलमान को परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों के लाभ बताकर उसके साथ खड़ा होने के बजाए जिहादी मानसिकता वाले देशद्रोहियों का साथ देता है और परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों का विरोध करता है।
परिवार नियोजन का समर्थन करने वालों को सांप्रदायिक कहकर आम देशभक्त मुसलमानों को डराकर जिहादी मानसिकता वाले देशद्रोहियों का साथ देने के लिए मजबूर करता है फिर मुसलमानों की गरीबी का ढिंढोरा पीटने के लिए सच्चर कमेटी बनाता है
अब इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी सैकुलर गिरोह को कौन समझाये कि बिना परिवार नियोजन के विकास सम्भव नहीं।
• चौथा मुठीभर अलगावबादी मानसिकता वाले सिरफिरों द्वारा वन्देमातरम् व परिवार नियोजन के विरोध को सब मुसलमानों की राय बताकर सब के सब मुसलमानों पर देशद्रोही होने का लैबल चिपका दिया ।
अब आप ही सोचो कि यह गिरोह देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थक है या आम देशभक्त मुसलमान का ?
हमारे विचार में यह गिरोह सिर्फ देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थक है न कि आम देशभक्त मुसलमान का क्योंकि यह गिरोह हर तरह से आम देशभक्त मुसलमान का नुकसान ही कर रहा है।
एक तरफ यह देशद्रोही गिरोह मुहम्मद अफजल, सोराबुदीन व आतिफ जैसे देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थन कर आम देशभक्त मुसलमानों के बच्चों को साफ संदेश दे रहा है कि तुम आतंकवादी बनो सारा सैकुलर बोले तो देशद्रोही गिरोह आपका सुरक्षा कवच बनकर खड़ा है !
दूसरी तरफ बहुत सी मस्जिदों व मदरसों पर इस अलगावबादी मानसिकता वाले आतंकवादियों के कब्जे की वजह से इस्लाम में ब्यापत बुराईयों को समाप्त करने के बजाए उल्टा उनका समर्थन कर इन बुराईयों को बढाबा देकर आम देशभक्त मुसलमानों के बच्चों व देश को एक ऐसे गर्त में धकेलता चला जा रहा है जिसका परिणाम अफगानिस्तान व पाकिस्तान के कबाइली इलाकों जैसी जाहलिएत है न कि जन्नत जो कि ये जिहादी मानसिकता वाले आतंकवादी इस गिरोह की सहायता से प्रचारित कर रहे हैं।
अगर इस सेकुलर गिरोह का ये आतंकवाद प्रेम व हिन्दूविरोध इसी तरह जारी रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत में भी अफगानीस्तान जैसे हालात वन जायेंगे और हर जगह तालिबान ही नजर आयेंगे।
अगर इन्हें आम मुसलमान की चिन्ता होती तो ये अल्पसंख्यकवाद व धर्मनिर्पेक्षता के बहाने देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों का समर्थन कर व शान्तिप्रिय हिन्दुओं और उनके राष्ट्रवादी संगठनों का खौफ दिखाकर आम मुसलमान को राष्ट्र की मुख्यधारा से काटने का यूँ प्रयत्न न करते बल्कि इस सत्य का एहसास करवाते कि वेशक दोनों की पूजा-पद्धति अलग-अलग है पर दोनों के पूर्वज एक ही हैं ।
क्योंकि आक्रमणकारी जिहादियों के साथ तो कुछ गिनेचुने जिहादी ही आए थे। आम मुसलमान वो परावर्तित हिन्दू हैं जो औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों के अत्याचारों से तंग आकर इस्लाम अपनाने को मजबूर हुए और इस सैकुलर गिरोह की भारतीय संस्कृति विरोधी फूट डालो और राज करो के देशद्रोही षड्यन्त्रों की वजह से आज तक मजबूर हैं वरना इन मुठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों में कहाँ इतना दम था कि इन आम देशभक्त मुसलमानों की आवाज को इस तरह दबाकर रखते और इनके होनहार बच्चों को आतंकवाद की उस अंधेरी गली में धकेलते जिसके रास्ते सीधे जहन्नुम में खुलते हैं ।
आम देशभक्त मुसलमान न तो जिहादी है,न आतंकी है, न ही कट्टर और न ही औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतान। ये तो भगवान राम की उस संतान की तरह है जो मन्दिर जाती है फर्क सिर्फ इतना है कि इसकी पूजा पद्धति थोड़ी अलग है । सारा मामला जयचंद के वंशज इस देशद्रोही गिरोह व औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतानों इन मुठ्ठीभर देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों के द्वारा उलझाया हुआ है।
अगर आपको लगता है कि मामला इतना सीधा नहीं है तो जरा इस बात की ओर ध्यान दो ।
हम दावे के साथ कह सकते हैं कि जिन हिन्दुओं व राष्ट्रवादी संगठनों का नाम लेकर आम देशभक्त मुसलमानों को डराया व उकसाया जाता है उनमें से किसी को भी अपने इन मुस्लिम भाईयों के मस्जिद जाने पर कोई आपत्ति नहीं है और न ही इन मुस्लिम भाईयों को हिन्दुओं के मन्दिर जाने या मूर्तिपूजा करने पर कोई आपत्ति हो सकती है।
लेकिन औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतानों को व इस देशद्रोही सैकुलर गिरोह को, हिन्दुओं के मन्दिर जाने, मूर्तिपूजा करने और यहाँ तक कि हिन्दुओं के आस्तिक होने पर ही घोर आपत्ति है तभी तो यह गिरोह एक तरफ माननीय सर्वोच्चन्यायालय में सपथपत्र देकर घोषणा करता है कि भगवान राम हुए ही नहीं और दूसरी तरफ इनके लाडले देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादी मन्दिरों में बम्ब विस्फोट करते हैं ।
यह सैकुलर गिरोह यह भूल जाता है कि ये सबकुछ तबतक चल रहा है जब तक हिन्दू इनकी असलिएत से अनभिज्ञ है व अपने शान्तिप्रिय स्वभाव को नहीं छोड़ता लेकिन अब इनकी असलिएत बड़ी तेज गति से बेनकाब हो रही है और हिन्दू समझ रहा है कि जो शहीद मोहनचन्द शर्मा जी के बलिदान का अपमान कर रहे हैं वो भला देशभक्त कैसे हो सकते हैं ? जो देश के लिए प्राण जोखिम में डालकर देशद्रोहियों को पकड़ने व मारगिराने वाले सैनिकों व पुलिस के जवानों को शक की निगाह से देखते हैं उनकी शहीदी का अपमान करते हैं व देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों का समर्थन करते हैं उनके समर्थन में रैलियां धरने प्रदर्शन जुलूस निकालते हैं इनकी खातिर कोर्ट पहुंचते हैं कोर्ट को गुमराह करने का जोर-शोर से प्रयास करते हैं फिर फैसला सत्य और न्याय के पक्ष में आने पर माननीय सर्वोच्चन्यायालय तक का अपमान करते हैं व आदेश नहीं मानते व माननीय सर्वोच्चन्यायालय तक को अपनी सीमा में रहने और इनके देशविरोधी कामों में हस्ताक्षेप न करने की धमकी तक दे डालते हैं । मानो ये सब काफी न हो तो इनके समर्थन से पलने वाले आतंकवादी न्यायालय परिसर,पुलिस व सेना के शिविरों और गाड़ियों में बम्ब विस्फोट कर डालते हैं मानो कि के कह रहे हों जब संइयां भय सरकार तो फिर डर काहे का ।
यही वजह है कि जब भी हम हिन्दू बोलते हैं तो उसका अभिप्राय उन सभी भारतीयों से है जो भारत भूमि को सच्चे मन से अपनी मातृभूमि मानते हैं भारतीय संस्कृति को अपनी संस्कृति मानते हैं भारत के शत्रु को अपना शत्रु मानते हैं फिर वो चाहे पूजा के लिए मन्दिर या गुरूद्वारा या मस्जिद या गिरजाघर कहीं भी जाएं या फिर कहीं भी न जाएं या फिर सब जगह जाएं उसके देशभक्त भारतीय अर्थात हिन्दू होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता । इस हिन्दू को एक दूसरे की पूजा पद्धति पर कोई आपत्ति नहीं होती ।
आप जरा सोचो कंधार काबुल जो कभी भारत था अफगानिस्तान बनकर गृहयुद्ध का शिकार क्यों है ? सिंध , ब्लूचीस्तान, कराची, लाहौर, ढाका जो 60 वर्ष पहले भारत था आज आन्तरिक मार-काट का शिकार क्यों है ? लोग वही हैं, जमीन वही है, सब कुछ वही है बस फर्क पड़ा तो इतना कि वो खुद को हिन्दू नहीं मानते ।
हम बाहर की बात क्यों करें जरा भारत को ही ध्यान से देखें कि कहां-कहां अलगाववाद है, हिंसा है, दंगा है, अशांति है सिर्फ वहां पर जहां-जहां खुद को हिन्दू न मानने वालों की संख्या प्रभावशाली है जैसे कि कश्मीरघाटी,आसाम,गोधरा, कंधमाल,मऊ, उत्तर-पूर्व के कई हिस्से। देश में और भी कई स्थान ऐसे हैं जहां खुद को हिन्दू न मानने वाले अकसर हिन्दुओं पर हमला करते रहते हैं और यह सैकुलर गिरोह हमलावरों के समर्थन में हिन्दुओं व उनके संगठनों को सांप्रदायिक, कातिल,गुंडा प्रचारित कर बदनाम करने के लिए विश्वव्यापी अभियान चलाता रहता है
यह मूर्खों का गिरोह इतना भी सोचने का कष्ट नहीं करता कि अगर हिन्दुओं व उनके संगठनों को ही इस्लाम या ईसाईयत मिटाओ अभियान चलाना हो तो वो हिन्दुबहुल क्षेत्रों मे शुरू करें और सारे भारत में एक साथ चलाएं न कि उन क्षेत्रों में जहां इस्लाम या ईसाईयत को मानने वाले या तो बहुसंख्यक बन गय हैं या बहुसंख्यक बनने के कगार पर पहुंच गए हों जबकि सच्चाई यह है कि हिन्दुओं व उनके संगठनों को इस्लाम या ईसाईयत से कोई समस्या नहीं ।
समस्या है तो उन देशद्रोहियों से है जो इस्लाम के बहाने जिहादी मानसिकता का प्रचार-प्रसार व समर्थन करते हैं व खुद को औरंगजेब और बाबर जैसे नरभक्षीयों की संतान कहलवाने में गर्व महसूस करते हैं या सेवा के नाम पर ईसाईयत के प्रचार-प्रसार के बहाने हिन्दूधर्म की निंदा कर हिन्दूधर्म विरोधी महौल बनाकर छल-कपट से जबरन धर्माँतरण को बढ़ावा देते हैं व धर्माँतरण का विरोध करने वाले परम पूजनीय स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती जी जैसे देशभक्त समाजसेवकों और सन्तों का कत्ल करते हैं ।
इस देशद्रोही गिरोह को हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि खुद को औरंगजेब और बाबर जैसे नरभक्षियों की संतान कहलवाने वाले इन मुठ्ठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों व धर्माँतरण करवाने वालों के लिए इस देश में न कोई जगह है और न ही कोई जगह हो सकती है फिर भी इस गिरोह को अगर विषय स्पष्ट नहीं तो हम इनके सामने वो सच्चाई रखने का प्रयास करेंगे जिसे आज हर देशभक्त महसूस करता है पर कहने से बचता है शायद इस उम्मीद में कि मानवता के शत्रु अपने आप मानवता को लहूलुहान करना छोड़ देंगे पर वो यह भूल जाता है कि राक्षस के मुँह अगर एक बार खून लग जाए तो वह तब तक नहीं रूकता जब तक सामने वाला खत्म न हो जाए या फिर इस राक्षस को खत्म न कर दिया जाए । हमारे विचार में भारत से अब इस राक्षस को मिटा देने का वक्त आ चुका है !
4 टिप्पणियां:
अफगानिस्तान मैं सारे तालिबानियों से पूरी अफगान जनता परेशान हैं। कश्मीर का आम आदमी पाकिस्तानी मुस्लिम आतंकवादियो से परेशान है। वो पाकिस्तान जिसने अपने देश मैं तालिबानियों के कहने पर इशलामिक कानून लागु किया , खुद ही अपने बुने जाल मैं फंस गया है। क्या वो लोग कुरान को नहीं मानते है। अगर नहीं मानते हैं तो फिर अपने आप को मुसलमान क्यों कहते हैं । और अगर अपने आप को मुसलमान मानते हैं तो क्या कुरान उन्हें कत्ले आम की इजाजत देता है। क्यों पाकिस्तान और अफगानिस्तान मैं मुस्लिम महिलावो की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। क्या वंहा पर आप जैसा कोई कुरान का विद्वान नहीं है क्या।
अरे प्यार करना तो कोई हिन्दुस्तानियों से सीखे । हम तो इंसानों के साथ -साथ जानवरों से भी प्यार करते हैं। चिड़ियों, पेड़ पौधों से प्यार करते हैं । नदियों , नालो, तालाबो और कुंवो से प्यार करते हैं। मछलियों से प्यार करते हैं। अपने देश की मिटटी से प्यार करते हैं , अपने देश के पर्वतों से प्यार करते हैं। अपने उन पूर्वजो से प्यार करते हैं जिन्होंने हमें यह प्यार की राह दिखाई है। हम तो हर उस जीव और निर्जीव वस्तु से प्यार करते हैं जो इस संसार मैं कंही ना कंही विराजमान है। सच्चा प्यार ही सच्ची पूजा है,
chharchharaon nahin
"idreesi ji" pehle ye bataaye kya haal-chaal hai ji aapke!or haa,wo aapka blog blogvaani par aaya ya nahi....
kunwar ji,
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