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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

शुक्रवार, 17 सितंबर 2010

21 सितम्बर को गद्दार मुसलमानों द्वारा सेना के कैंप्पों पर हमला करने की खुली चुनौती!

धर्मनिर्पेक्ष गिरोह द्वारा संचालित भारत-विरोधी UPA सरकार की मुसलिम आतंकवाद समर्थक नितीयों के परिणामस्वारूप आज मुसलमान आतंकवादियों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि अब वो सेना को खुली चुनौती देने लगे हैं।

ऐसा नहीं कि मुसलिम आतंकवादियों के पास सेना को चुनौती देने की ताकत आ गई है लेकिन कहाबत है कि जब संइया भय सरदार तो डर काहे का। आतंकवादी अच्छी तरह जानते हैं कि UPA की केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों के कर्ता धर्ता खुद गद्दार हैं तो भला वो फिर क्यों गद्दारों के विरूद्ध कोई कड़ी कार्यवाही सेना को करने देंगे।
 http://samrastamunch.blogspot.com/2010/07/blog-post_09.html

आप सब इस बात से परिचित हैं कि किस तरह 25 जून को दो मुसलिम आतंकवादियों का खात्मा कर रहे बहादुर सैनिकों पर मुसलिम आतंकवादियों ने जानलेवा हमला कर सेना के वाहन को आग के हवाले कर दिया।

गद्दार उमर अबदुल्ला ने मुसलिम आतंकवादियों को इस तरह के हमलों से वाज आने की चेतावनी देने के बजाए आतंकवादियों का पक्ष लेना शुरू कर दिया। इनकी गद्दारी की हद तो तब पार हो गई जब भारतविरोधी केन्द्र सरकार व राज्य सरकार ने मिलकर सेना की एक पूरी बटालियन पर मुकद्दामा दर्ज कर आतंकवादियों का हौंसला बढ़ाने की एक अप्रत्यासित कार्यवाही को अंजाम दिया। मानो अपनी गद्दारी को साबित करने के लिए इतना काफी न हो इसीलिए अपने कमीनेपन का परिचय देते हुए उमर अबदुल्ला ने आतंकवादियों के हमलों में भारी जानमाल का नुकसान उठाने के बाबजूद अपना धैर्य न खोने वाली सेना पर वेलगाम होने का निराधार आरोप जड़ दिया http://samrastamunch.blogspot.com/2010/07/blog-post.html
वो भी सिर्फ इसलिए ताकि मुसलिम आकतंकवादीयों को पूरा भरोसा हो जाए कि UPA की भारतविरोधी केन्द्र सरकार व राज्य सरकार हर हाल में अलगाववादी मुसलमानों के साथ है।

आज कशमीरघाटी ही भारत में एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां मुसलमानों की आबादी हिन्दूओं से ज्यादा है । परिणाम सबके सामने हैं हिन्दूओं को कत्ल कर उन्हें घरों से उजाड़ दिया वो भी मुसलिम आतंकवादियों के सहयोगी सेकुलर गिरोह की सहायाता से। आज जरूरत है हिन्दूओं को कशमीरघाटी की घटानओं से सबक लेकर देशभर में मुसलिम आतंकवादियों के हमलों से खुद को सुरक्षित रखने के उपाय खोजने की।

हमारे विचार में हिन्दूओं को सबसे पहले अभिनव भारत जैसे हिन्दूएकता व रक्षा को समर्पित संगठनों के साथ मजबूती से खड़ा होकर उनके हाथ मजबूत कर खुद भी आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेकर अपनी व अपने वतन की रक्षा की खातिर किसी भी हमले का समाना करने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर आतंकवादी मुसलमानों की पहचानकर उनका खात्मा सुनिश्चित करना।

आज जो आतंकवादी मुसलमान खुलेआम सेना पर हमलों की चुनौति दे रहे हैं ऐसा नहीं कि इससे पहले ये मुसलिम आतंकवादी सैनिकों पर हमले नहीं कर रहे थे ।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज भी भारत में हर रोज औसतन 11 सौनिकों का कत्ल भारतविरोधी आतंकवादियों द्वारा किया जाता है। इसमें से 9 सैनिक मुसलिम आतंकवादियों के हमलों में शहीद होते हैं। मुसलिम आतंकवादजियों के होथों कत्ल हो चुके हिन्दूओं की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है। अब जरूरत है राक्षस को उसी की भाषा में करारा जबाब देने की।

जागो हिन्दूओं और तैयार हो जाओ सैनिकों पर हमला करने वालों पर हमला करने के लिए। सैनिकों पर हमला करनेवालों का कत्ल देशभक्ति है। क्योंकि देश के नागरिक का ये फर्ज है कि जरूरत पड़ने पर अपनी रक्षा को समर्पित पर हमला होने के सथिति में हमलावर का नमोनिशान मिटाकर देश धर्म का पालन कर अपनी आने वाली पिढ़ियों के लिए मिशाल कायम करना।

हम देश के सैनिकों से सिर्फ यही कहेंगे कि दुशमन द्वारा अपने कैंप्पों पर आंख उठाने से पहले ही दुशमन का कत्ल कर उसे गद्दारी का अनजाम दिखा दिया जाए।हम बेसवरी से 21 सितम्बर का इन्तजार करेंगे जिस दिन आतंकवदी मुसलमानों की हार व हमारे देसभक्त सैनिकों की जीत सुनिशचित है।

अन्त में हम सैनिकों से यही कहेंगे के आज देश का हर देशभक्त नागरिक आपसे सिर्फ यही उम्मीद करता है कि दुशमनों की पैरवी करने वाले हर गद्दार को आप चौराहे पर खड़ा कर गोली से उड़ा दें फिर ये पैरवी करने वाला चाहे नेता हो या मानवाधिकारवादी या फिर कोई नौकरशाह।

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

गिलानी ने विरोध प्रदर्शन का पूरा कैलेण्डर तैयार कर रखा है अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर।
सेकुलर गिरोह तो यासीन मलिक को दिल्ली बुलाकर 5 स्टार होटल में उसकी प्रेस कान्फ़्रेंस आयोजित करवाता है…

अरविन्द ने कहा…

कश्मीर की समस्या वर्तमान समय में काफी संवेदन मुद्दा है . देश की वर्तमान सरकार ध्यान नही दे रही है .भारत को मजबूत बनाना ही होगा

Unknown ने कहा…

केवल देश का आंतगवादी शब्द का प्रयोग करे। जातिवाचक सम्बन्ध का प्रयोग न करे। जैसे हिन्दू आतगवादी,मुस्लमान आतगवादी, सिख आतगवादी शब्दो का प्रयोग न करें। आप उस व्यक्ति के नाम को आतगवादी कह सकते हैं। न कि जाति को । अपने शब्दोँ पर विचार करेँ। भारत मे सभी धर्म के मानने वाले जातियाँ व समूह वाँस करते हैँ। केवल देश का आंतगवादी शब्द का प्रयोग करे। जातिवाचक सम्बन्ध का प्रयोग न करे। जैसे हिन्दू आतगवादी,मुस्लमान आतगवादी, सिख आतगवादी शब्दो का प्रयोग न करें। आप उस व्यक्ति के नाम को आतगवादी कह सकते हैं। न कि जाति को । अपने शब्दोँ पर विचार करेँ। भारत मे सभी धर्म के मानने वाले जातियाँ व समूह वाँस करते हैँ।