ISLAM IS OF THE DEVIL
Islam is of the devil, by the devil for the devil जी हां यही निश्कर्ष है निकाला मध्यपूर्व के विशेषज्ञ ने इसलाम के वारे में । ये विशेशज्ञ आजकल अमेरिका के खूफिया विभाग में अधिकारी हैं । इन्होंने 18 जुलाई को अमेरिका में Dearborn, Mich की एक मस्जिद में (जैसा कि हम पहले ही लिख चुके हैं कि मदरसे मुसलिम आतंकवादियों के training Centre और मस्जिदें मुसलिम आतंकवादियों के Operating Centre हैं) अलकायदा से जुड़े मुसलिम आतंकवादियों को पकड़ने के लिए रेड डालने के दौरान Islamic prayer calendar पर लिखा। जिसका इशाई सांप्रदाय के प्रमुख ने भी कुरान जलाने की घोषणा कर समरथन किया।
अगर हम से कोई पूछे कि हमारी राय क्या है तो हम कहेंगे कि विशेषज्ञ का निष्कर्ष और ईसाईयों के प्रमुख पादरी की घोषणा दोनों ही सही हैं।
अब आप कहेंगे कि हम किसी सांप्रदाय के वारे ऐसी राय कैसे रख सकते हैं?
तो हम कहेंगे कि 7-8वीं शताब्दी में इसलाम के भारत में प्रवेश के बाद मुसलिम आतंकवादियों ने लाखों हिन्दूओं को जिहाद के नाम पर मौत के घाट उतारा ।
अगर आपको विशवास नहीं तो अफगानीस्तान ,पाकिस्तान, वंगलादेश में मुसलिम आतंकवादियों द्वारा कत्ल किए गय हिन्दूओं की संख्या में कशमीर घाटी में कत्ल किए 60000 हिन्दूओं(http://jagohondujago.blogspot.com/2010/07/blog-post.html ) व देशभर के अधिकतर शहरों में बम्ब हमलों में कत्ल किए गय हिन्दूओं की संख्या भी जोड़ लो ।
फिर भगवान को साक्षी मानकर अमने मन से पूछो क्या कोई भी मुसलमना विना मुसलिम सांप्रदाय के समर्थन से व्यक्तिगत सतर पर लाखों लोगों का खून इस तरह वहा सकता है नहीं न । बचाब का एक ही तरीका है--- SHOW ISLAM NO RESPECT: MUSLIMS ARE NOT HUMAN
आतंकवाद की जड़ है इसलाम वरना ऐसे कैसे हो सकता था कि कश्मीर घाटी में मुसलिम आतंकवादियों द्वरा कत्ल कि किए जा रहे हजारों हिन्दू-सिखों पर तो भारत के मुसलिम खामोश रहें या कत्ल को अंजाम देने में सहयोग करें और अफगानीस्तान में मारे जा रहे तालिवानों के विरोध के लिए भारत में वन्द आयोजिक कर हिन्दूओं की दुकानों-मकानों में आग(http://samrasta.blogspot.com/2010/07/blog-post.html )
लगा दें।
अभी जरा आगे देखें ISLAM: EVIL IN THE NAME OF GOD ™ नामक पुस्तक (http://godofreason.com/ )के cover page पर लिखा हैWHERE IS THE OUTRAGE?
GOD IS NOT A CRIMINAL
GOD IS NOT A MALE CHAUVINIST PIG
ONLY A
GOD OF MORAL PERFECTION™
IS GOD
इन शब्दों का अर्थ जितना हमें समझ आया उसके अनुशार समस्या कहां है ? इस बात को उपर लिखित चन्द शब्दों में सपष्ट कर दिया गया है।
अब समस्या तो गम्भीर है समाधान क्या है ?
आप देख रहे हैं कि पीछे का इतिहास हम छोड़ भी दें तो महात्मा गांधी जी ने सांम्प्रदाय के आधार पर भारत विभाजन का विरोध किया था यहां तक कहा था ----भारत का विभाजन गांधी जी के जिन्दा रहते नहीं हो सकता ------ लेकिन मजबूर होकर भारत का विभाजन स्वार किया क्यों ? ----- कभी सोचा आपने नहीं न ----- 1946 में जिन्ना द्वारा --- Direct action मतलब हिन्दूओं-सिखों के विरूद्ध सीधे युद्ध की घोषणा करते ही ------मुसलिम हिन्दूओं-सिखों पर टूट पड़े----- एक ही दिन में कलकता के आसपास 10000 से अधिक हिन्दूओं का कत्ल कर डाला -----गांवो के गांव हिन्दू विहीन कर डाले --- मजबूर होकर गांधी जी को कहना पड़ा----हिन्दू कायर है(कायर किसने बनाया ? ---धर्मननिर्पेक्षताबादियों ने )और मुसलिम राक्षस----दोनों को इकट्ठा रखा तो ये राक्षस हिन्दूओं का नोनिशान मिटा देंगे----परिमामस्वारूप गांधी जी को भारत का विभाजन स्वीकार करना पड़ा---डा. अम्वेडकर जी ने पाकिस्तना-पंगलादेश के सब हिन्दूओं को भारत बुलाकर सबके सब मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने पर जोर दिया----लेकिन धर्मनिर्पेक्षतावादियों की जिद व अंग्रेजों की कुटिल चालों ने देशभक्तों की जायज मांग को साकार नहीं होने दिया—परिणामस्वारूप कशमीर में 60000 हिन्दूओं-सिखों का कत्ल---असाम को हिन्दूविहीन करने पर जोर---देशभर में हिन्दूबहुल क्षेत्रों व मन्दिरों में बम्म विस्फोट ---चारों तरफ हिंसा और कत्लोगारद---आए दिन सुरक्षाबलों पर हमले---प्रतिदिन एकदर्जन से अधिक सैनिकों का मुसलिम आतंकवादियों द्वारा कत्ल ।
ये सब तब हो रहा है जब मुसलमानों की आबादी 20 प्रतिशत से कम है----सरकारें हिन्दूओं के अधिकार छीनकर मुसलमानों को दे रहीं हैं चाहे सरकार किसी की भी हो ।
जरा कल्पना करो जब कशमीरघाटी की तरह सारे भारत में मुसलमानों की जनसंख्या 35 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी और कोई दूसरा जिन्ना Direct action मतलब हिन्दूओं-सिखों के विरूद्ध सीधे युद्ध की घोषणा करेगा---- जैसे कशमीर में कर रखी है----- तो फिर क्या होगा ? ----सारे भारत में हिन्दूओं-सिखों का नरसंहार ---मां-बहन वेटियों की इज्जत से खिलवाड़---छोटे-छोटे बच्चों का जिहाद की खातिर कतलयाम---आज जो, मुसलिम आतंकवादियों के साथ खड़ें हैं, क्या वो बचा पायेंगे हिन्दूओं को---क्या 1946-47 में ये बचा पाए थे हिन्दूओं को मुसलिम राक्षसों से ---बचाना तो दूर ये खुद मारे जा रहे थे मुसलमानों के हाथों--- छुपते पिर रहे थे ये घर कुदाल इन मुसलिम आतंकवादियों से---भूल गए उस कत्लयाम को ---आज फिर ये दुष्ट मुसलिम आतंकवादियों को आगे बढ़ाने के लिए देशभक्तों को गाली निकाल रहे हैं---जागो मेरे प्यारे हिन्दूओ---अपनी सुरक्षा का इन्तजाम करो ---समाधान सपष्ट है---
DESTROY THE
ISLAM OR
GET DESTROYED
BY IT
1 टिप्पणी:
mai bhi kuran jalane ka virodh keta hu kyoki isse wayu pradushan failta hai
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