सलमानखान( सल्लु-मियां) ने मुंमबई हमलों पर जुबान क्या खोली सारे मिडीया व भारत के मुसलिम आतंकवादियों की काली करतूतों को छुपाने वाले नेताओं ने आसमान सिर पर उठा लिया। आओ समझें जरा कि सलमानखान ने क्या कहा?
1. मुंमबई पर मुसलिम आतंकवादियों के हमले में अमीर लोग मारे गए इसलिए इतनी हाय तौवा मचाई जा रही है---बरना मुसलिम आतंकवादियों ने और भी बहुत से हमले किए हैं लेकिन क्योंकि उन हमलों में गरीब हिन्दू मारे गए इसलिए किसी ने भी आतंकवादियों के हमलों के सामने खड़े होने की जरूररत नहीं समझी।
हमारे विचार में सलामान खान की यह बात 100% सही है क्योंकि हम सब जानते हैं कि कशमीरघाटी में मारे जाने वाले 60000 हिन्दू व उजाड़े जाने वाले 500000 हिन्दू उतने अमीर व रसूकदार नहीं थे जितने कि पांच सितारा होटलों में रहने वाले हैं( हमारे विचार में अमीर लोगों पर हमला भी उतना ही जघन्य अपराध है जितना गरीब लोगों पर लेकिन गरीब हिन्दूओं की मौत पर चुपी सताने व रूलाने वाली है)। वरना क्या कारण है कि सैंकड़ों लोगों के कत्ल पर हाय तौवा मचाने वाले लाखों हिन्दूओं के कत्ल पर आज भी खामोशी धारण किए हुए हैं?
मिडीया तर्क दे रहा है कि हमला छत्रपतिशिवाजी रेलवे सटेसन पर भी हुआ है और वहां मारे जाने वाले गरीब थे ।इसमें कोई शक नहीं कि वहां मारे जाने वाले गरीब थे पर हाय तौवा उनके लिए नहीं मचाई जा रही वरना इससे पहले भी मुमबई की लोकल ट्रेनों पर मुसलिम आतंकवादियों के हमलों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं तब क्यों ये नेता व मिडीया इस हद तक नहीं भड़का ?
2. सलमानखान ने दूसरी बात यह कही कि हमला पाकिस्तानियों ने नहीं वल्कि भारत के मुसलमानों ने किया है।
कौन नहीं जानता कि कशमीर घाटी से लेकर आसाम तक हिन्दूओं पर होने वाले हमलों में भारत के मुसलमान सामिल हैं न कि सिर्फ पाकिस्तान व वंगलादेश के।
कितने वार केरल व देश के अन्य हिस्सों के मुसलमान कशमीरघाटी में आतंकवादी कार्यवाहियों में सामिल होने व देश के अन्य हिस्सों में बम बिस्फोट करने के कारण सुरक्षाबलों की पकड़ में आ चुके हैं जिन में से कई मुकदमों में आरोप सिद्ध हो चुके हैं।
हमारा मानना है कि वेशक मुंमबई पर हमले के लिए पाकिस्तान से सहयोग मिला हो लेकिन ये हमला विना स्थानीय मुसलमानों के सहयोग से सम्भव नहीं था। भारत के मुलमानों के ही सहयोग से पाकिस्तानी मुसलमान भारत पर हमला करने में कामयाब रहे।
वेशक मुसलिम आतंकवाद समर्थक सरकार ने हमले में सामिल भारतीय मुसलमानों को बचाने की लाख कोशिश की फिर भी सबाऊद्दीन व उसके सहयोगी पर माननीय अदालत ने केस चलाने की बात कही है।
जो कि यह साबित करती है कि मुंम्बई हमले में पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ-साथ भारत के मुसलमान भी सामिल थे।
3. तीसरी बात सलमानखान ने यह कही कि पाकिस्तान सरकार इन हमलों के लिए दोषी नहीं है ।
हम कहते हैं कि भारत विरोधी कांग्रेस सरकार पाकिस्तान की सरकार से ज्यादा दोषी है । क्योंकि मुसलिम आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस सरकार ने पोटा हटाने से लेकर अफजल की फांसी रोकने तक के कई कदम उठाय हैं।
क्या मुसलिम आतंकवादी अफजल की फांसी पाकिस्तान सरकार ने रोकी है
4) सलमानखान ने चौथी बात यह कही कि भारत की सुरक्षा बयबस्था असफल हुई इसीलिए मुसलिम आतंकवादी हमला करने में सफल हुए।
इसमें तो कोई शक नहीं कि हमारी सुरक्षा बयबस्था असफल रही । प्रश्न सिर्फ यह है कि 6 महीने तक भारत व पाकिस्तान के मुसलिम आतंकवादी मुमबई पर हमले की योजना बनाते रहे तो महारष्ट्र व केन्द्र की सरकार को क्यों पता नहीं चला?
ये सराकरें क्या कर रही थी?
देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि पिछले एक वर्ष से केन्द्र व महाराष्ट्र की सरकारें मुसलिम आतंकवादियों को बचाने की खातिर हिन्दूओं को आतंकवादी सिद्ध करने के लिए जोर लगाई हुई थीं । जिसके लिए पुलिस अधिकारियों व खुफिया एजेंसियो का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा था। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर व कर्नल पुरोहित जी की गिफ्तारी हिन्दूओं को आतंकवादी सिद्ध करने के षडयन्त्र का ही हिस्सा तो थी।
अब आप खुद सोचो कि जब देश की सरकार अपने ही सैनिकों व सन्तों के विरूद्ध षडयन्त्र कतरने में बयस्त हो तो ऐसे में शत्रु भला हमला क्यों नहीं करेगा ?
5) पांचवी बात यह है कि मुंबई हमले पर हाय-तौवा मचाने का असली कारण यही है कि अब रहीसजादों को मुसलिम आतंकवाद की आग अपने गिरेवान तक पहुंचती हुई महसूस हो रही है।
इसके अतिरिक्त हाय-तौवा मचाने का सबसे बढ़ा कारण यह भी है कि इन हमलों में गरीब हिन्दूओं के साथ-साथ मुसलिम और इसाई भी मारे गए।जबकि इससे पहले होने वाले मुसलिम आतंकवादियों के हमलों में मारे जाने वाले वेचारे गरीब हिन्दू थे।
अन्त में हम तो यही कहेंगे कि सलमानखान का ब्यान एक कड़वी सच्चाई हम सबके साने रखता है जिसे हम सबको समझने व समझकर सही दिशा में काम करने की जरूरत है।
6 टिप्पणियां:
सलमान खान के पक्ष से सहमत
सही कह रहें हैं सलमान ।
आपने बिलकुल सटीक लिखा है. लेकिन सलमान को बदनाम करने के पीछे मीडिया का जेहादी सेकुलर स्वरूप है. एक हिन्दू माँ और शिया मुस्लिम पिटा के बेटे सलमान खान दूसरे खानों (आमिर/शाहरुख) से ज्यादा सेकुलर और ईमानदार है. लेकिन उनके मन में कपटी जेहादी मानसिकता नहीं है (जो बाकी खान सितारों में कूट-कूट कर भरी हुई है). और यही बात भारत के मुस्लिमो, उनके चरण आराधक सेकुलर नेताओं और मीडिया को नहीं सुहाती है. सलमान के घर गणपति लाये जाते है...उनकी एक बहन अर्पिता खान गोद ली हुई है फिर भी हिन्दू है. उनके पिता सलीम खान ने कई बार कट्टर मुस्लिमो को आड़े हाथ लिया है. जाहिर है इसीलिये मीडिया को सलमान खान से खुन्नस है.
दूसरी तरफ गुजरात में मुस्लिम दंगाईयो की पैरवी करने वाले आमिर खान और पाकिस्तानी खिलाडियों की पैरवी करने वाले और खुद को इस्लाम का दूत बताने वाले शाहरुख खान कट्टर मुस्लिम हैं और सिर्फ अपने धर्म के लोगो की पैरवी करते है. इसलिए वह सेकुलर है. कोंग्रेस और मीडिया के दुलारे हैं.
यही गलती है सलमान की. .. की वह मुसलमान होकर भी कट्टर और अंधभक्त नहीं है, ईमानदारी से बात रखते है. दूसरे खानों की तरह कपट नहीं है.
सुनील जी
सादर वन्दे !
आपकी इन बातों या यूँ कहिये सच्चाई में पूर्णत सहमत हूँ ...........इन सा..........के पिछवाड़े में मिर्ची लग गयी है .....इसीलिए इतना चिल्ला रहे हैं .
सलमान को माफ़ी मंगनी ही पड़ी और किसी भी बड़ी हस्ती ने उस का साथ नही दिया .
क्या इस देश में सच बोलना गुनाह और बोलने वाला अपराधी है ?
वास्तव में सलमान खान ने अपनी बेबाक टिपण्णी से एक गहरी बात कही है की हम हर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान का नाम लेते है परन्तु सलमान ने अपनी टिपण्णी से यह जरुर कहा की इसमे कही न कही भारत में रहने वाले मुस्लमान भी सामिल है लेकिन गरीब अमीर पर हमले के भेद -भाव को उठाने वाले सलमान खान ये भी तो सोचे की मुंबई में फुटपाथ पर सोये गरीबो पर उन्होंने ही कार चढाई थी यदि वहा मरने वाले अमीर होते तो सलमान क्या बच पाते हिरन का शिकार कर अमीर होने के ही कारण सलमान खान बचे हुए है !
एक टिप्पणी भेजें