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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

क्रांतिकारी बनाम आतंकवादी


क्रांतिकारी अपनी मातृभूमि के आत्मसम्मान के लिए लड़ते हैं जैसे कि शहीद भगत सिंह जी



जबकि


आतंकवादी मातृभूमि के शत्रुओं के साथ मिलकर मातृभूमि को नुकसान पहुंचाने के लिए लड़ते हैं जैसे कि मुहम्मद अली जिन्ना



भारत में आज बहुमूल्य प्रश्न यह पैदा हो गया है कि हम भारतवासी किसे क्रांतिकारी मानते हैं व किसे आतंकवादी ?


हालांकि बात बहुत सपष्ट है कि जो अपनी मातृ-भूमि की आन-वान-शान के लिए काम करते हैं----- जरूरत पड़ने पर गद्दारों का सर्वनाश करते हुए मातृभूमि के की रक्षा के लिए हंसते-हंसते कुर्वान हो जाते हैं------- उन्हें क्रांतिकारी कहते हैं जैसे कि शहीद राजगुरू जी , चन्द्रशेखर आजाद जी


जबकि


जो देश के शत्रुओं से मिलने वाले टुकड़ों की खातिर बिककर अपनी मातृभूमि से दगा करते हैं उन्हें आतंकवादी या गद्दार कहते हैं। जैसे अफजल, भटकल जैसे मुसलिम आतंकवादी-----ये आतंकवादी देश की हर उस बात पर हमला करते हैं जो देश के आतमसम्मान को बढ़ाती है।ये आतंकवादी अक्कसर सुरक्षावलों व देसभक्तों को निसाना बनाते हैं । जैसे कि मुसलिम व माओवादी आतंकवादी






जबकि


क्रांतिकारी कभी सुरक्षाबलों पर हमला नहीं करते न हीं उनको बदनाम करते हैं। जैसे कि भगवा क्रांतिकारी अक्सर सुरक्षाबलों पर हमले को खुद पर हमला मानकर कर प्रतिक्रिया करते हैं।


हां क्रांतिकारियों को आतंकवादियों व उनके समर्थकों के विरूद्ध हिंसा का सहारा लेना पड़ता है पर इस हिंसा का निशाना कभी भीड़-भाड़ वाले वो स्थान नहीं होते जहां सब लोग अपनी रोजमर्रा के क्रिया कलापों को अंजाम देते हैं क्रांतिकारियों के निशाने पर आतंकवादियों के छुपने व प्रशिक्षण के स्थान होते हैं ।


आतंकवादी अपनी हर कार्यवाही को इस तरह अन्जाम देते हैं जिससे देश को अधिक से अधिक जान-माल व शाख का नुकशान हो--- इनके निशाने पर अक्कसर आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र होते हैं जैसे कि आर्थिक राजधानी मम्बई पर मुसलिम आतंकवादियों का हमला व सड़कों, पुलों, स्वास्थयकेन्द्रों पर वामपंथी आतंकवादियों का हमला।


जबकि


क्रांतिकारी कभी भी देश को आर्थिक नुकशान पंहुचाने की कोशिस नहीं करते।


आतंकवादी अपने बचाब के लिए आम लोगों को ढ़ाल के रूप में प्रयोग करते हैं जैसे कि मुसलिम आतंकवादियों द्वारा नेपाल से भारत जाने वाले जाहज का अपरहण।


जबकि


क्रांतिकारी अपने देशवासियों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व नयौछावर करने का मादा रखते हैं।


आओ जरा बर्तमान भारत में देखें कि कौन किसके साथ है ?


आप देख रहे हैं किस तरह अफजल की फांसी को एंटोनिया उर्फ सोनिया गांधी +मनमोहन सिंह+ दिगविजय सिंह+ गुलामनवी आजाद +पी चिदम्बरम पिछले चार वर्ष से रोके हुए हैं क्योंकि इन गद्दारों की निगाह में अफजल मुसलिम आतंकवादी नहीं वल्कि मुसलिम क्रांतिकारी है जो भारत को तवाह करने के इनके मकसद में हाथ वंटा रहा है।


आप देख रहे हैं कि किस तरह कभी एंटोनिया उर्फ सोनिया गांधी तो कभी दिगविजय सिंह माओवादी आतंकवादियों के बचाब में बयानवाजी कर सुरक्षावलों के काम में रोड़ा अटका रहे हैं मानो इनकी गद्दारी का इतना ही प्रमाण काफी न हो तो कभी रेल मन्त्री माओवादी आतंकवादियों के साथ मिलकर रैली कर उनका हौसला बढ़ा रही हैं इतने से काम न चले तो सरकार व कांग्रेस में नम्वर दो राहुल गांधी माओवादी आतंकवादियों के साथ मिलकर रैलीकर शहीद सैनिकों के परिवार वालों व शहीद सैनिकों के समर्थकों को चिढ़ा रहे हैं मानो राहुल गांधी कह रहे हों कि कांग्रेस चर्च के इसारे पर देश के सैनिकों को इसी तरह मरवाती रहेगी कोई देशभक्त उनका क्या उखाड़ लेगा ?



ये गद्दारों का टोला अच्छी तरह जानता है कि देशभक्त प्रतिक्रिया करेंगे इसीलिए ये गद्दार मिलकर चर्च के इसारे पर हिन्दूओं को आतंकवादी कहकर उनका हौसला तोड़ने का ख्वाब देख रहे हैं ।


अपने इस खवाब को पूरा करने के लिए इन गद्दारों में से एक ने देश की ताकत सुरक्षावलों को हिन्दूओं के विरूद्ध खड़ा करने के लिए सुरक्षाबलों की बैठक का दुरूपयोग किया। इससे पहले मनमोहन खान भी ऐसा ही कोशिश कर चुका है।


परन्तु इन गद्दारों को कौन समझाए कि भगवान के घर में देर है अन्धेर नहीं इन सब गद्दारों वोले तो भारतविरोधी आतंकवादियों व इनके समर्थकों का अन्त ----देशभक्त भगवा क्रांतिकारीयों --वोले तो ---हिन्दू क्रांतिकारियों वोले तो---- भारत समर्थक क्रांतिकारियों के हाथों सुनिश्चित है।


रही बात इन क्रांतिकारियों को आतंकवादी कहकर पुकारने की तो इन भारतविरोधियों ने तो शहीद राजगुरू व शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी को भी कुछ ऐसा ही कहकर अपमानित करने का दुहशाहस किया था पर वास्तविकता यही है कि इन हिन्दूविरोधियों का समूलनाश भगवा क्रांतिकारियों के हाथों ही होगा आज नहीं तो कल।


1 टिप्पणी:

सूबेदार ने कहा…

सुनील जी देश की हालत ही कुछ ऐसी ही है अगर अकबर महान था तो राणाप्रताप क्या थे यदि औरंगजेब देश भक्त था तो शिवा जी क्या थे हमें अपने देश क़े हीरो को पहचानना पड़ेगा हमारे हीरो दयानंद, विबेकानंद जी,गुरु गोविन्द सिंह इत्यादि क्या है ये देश को जानना होगा सेकुलरिस्ट तो सदेश द्रोह पर उतारू है एक अच्छी पोस्ट क़े लिए बहुत धन्यवाद.