हम सर्वथा लड़ाई के विरूद्ध हैं खासकर अपने ही देशवासियों के बीच में
लेकिन खुद को गांधीवादी कहने वालों ने इस देश को इतना लहुलूहान कर दिया है कि अब तो इस लड़ाई का समर्थन करने का मन करता है।
1947 में इन गांधीवादियों ने गांधी की पीठ के पीछे छुप कर भारत के तीन-तीन विभाजन करवाकर करोंड़ों हिन्दूओं को अत्याचारी इस्लमिक आतंकवादियों के हाथों बेआवरू होकर तड़प-तड़प कर मरने को छोड़ दिया।
आज जब किसी भी गद्दार को किसी भारतविरोधी षडयन्त्र को अनजाम देना होता है तो वो गांधीवाद की लंगोटी का नकाब ओड़ लेता है।
अभी हाल ही में आपने देखा कि किस तरह 50000 से अधिक देशभक्तों पर इन गांधीवादियों ने लाठियां ,गोलियां चलवाकर शहीद राजवाला जी के प्राणों की आहुती ले ली। इनका बस चलता तो ये गांधीवादी रामलीला मैदान को स्वामी रामदेव जी सहित हजारों देशभक्तों का शमशानघाट बना देते। इनकी गांधीवादी हिंसक मानसिकता का प्रमाण तब भी मिला जब गांधीवादियों ने स्वामीराम देव जी को पत्थर बांध पानी में तब तक डुवोए रखने की बात की जब तक उनके अन्दर प्राण शेष हैं मतलब स्वामी राम देव जी का कत्ल करने की मनसा रखते हैं ये गांधीवादी।
हमें समझ नहीं आ रहा कि ये कैसा गांधीवाद है जो हर वक्त भारतविरोधी आतंकवादियों के हाथों आम देशभक्त निर्दोष जनता का खून बहता देखकर खुश होता है और इन कातिल आतंकवादियों को हर तरह की सजा से बचाने के लिए आए दिन नए-नए बहाने बनाता है तिकड़म लड़ाता।
ये कौन सा गांधीवाद है जो भारत को विभाजित करवाकर विभाजन की विषबेल को फिर से भारत में रखने की मांग उठाकर आज इस विषबेल के पूरे भारत में फैल जाने के बाद भारतीयों का खून बहता देखकर इठलाता है ।
ये कौन सा गांधीवाद है जो भारत के तीन-तीन विभाजन करवाकर पाकिस्तान और बंगलादेश में हर चीज पर पहला अधिकार मुसलिम आतंकवादियों को देकर भारत में भी पहला अधिकार मुसलिम आतंकवादियों को ही देने की मांग उठाता ।
ये कौन सा गांधीवाद है जो भारत को 1000 वर्ष तक गुलाम बनाकर उनका शोषण करने वाले मुसलमानों और ईसाईयों के बच्चों को पाठशाला में प्रवेश करते ही हजारों रूपए की सहायता की देता है और हिन्दूओं के बच्चों द्वारा 80% अंक लेने के बावजूद उन्हें इस तरह की किसी सहायता की गारंटी नहीं देता।
हैरानी तो इस बात की है कि जिन ईसाईयों का आज भी भारत के शिक्षा ढांचे पर अंग्रेजों के साम्राज्यवाद के काल से चला आ रहा कब्जा है उन ईसाईयों को शोषित हिन्दू बच्चों से आगे बड़ाने की वकालत ये भारतविरोधी गांधीवाद करता है।
जिन मुसलमानों ने भारत पर अपने अत्याचारी कब्जे के दौरान हिन्दूओं से जिन्दा रहने के बदले में जजिया कर लिया जो आज भी वन्देमातरम् का विरोध कर खुद को गैर भारतीय बताने पर जोर देते हैं उन मुसलमानों के बच्चों को ये गांधीवाद इन मुसलमानों के अत्याचारी कब्जे के द्वारा प्रताड़ित और शोषित हिन्दूओं के बच्चों का हक छीन कर देने की वकालत ये गांधीवाद करता है।
गांधीवाद की वकालत करने वाले कितने गांधीवादी हैं ये तो आपने कल उस वक्त देख ही लिया होगा जब इन गांधीवादियों ने इन्द्र वर्मा जो कि प्रशांत भूषण की गद्दारी का विरोध कर रहा था को अपने कब्जे में लेकर किस तरह नोकीली चीजें चुभोकर लहुलूहान किया क्योंकि इनका गांधीवाद देशभक्तों का खून बहाकर आगे बढ़ता है।
उस युवक को देखो जो प्रशांत भूषण के भारतविरोधी कुकर्म से पूरी तरह आक्रोशित होने के बावजूद प्रशांत भूषण को कोई ऐसी चोट नहीं पहुंचाता जो उनको शारीरिक नुकसान करती ।
ऐसी ही हरकत इन गांदीवादियों की आपने तब भी देखी होगी जब स्वामी रामदेव जी को कांग्रेस द्वारा गाली-गलौच व अपमानित करने से आक्रोशित एक युवक ने कांग्रेसी प्रवक्ता को जूता सिर्फ दिखाया मारा नहीं वो इस प्रवक्ता(जनरदन द्विवेदी) के इतना नजदीक था कि अगर चाहता तो मार भी सकता था लेकिन बाद में गांधीवादी कांग्रेस के चापलूस गांधीवादी पत्रकारों और गांधीवादी दिगविजय सिंह ने उसे मार-मार कर लहुलूहान कर दिया।
ये कैसा गांधीवाद है जो भारत के सन्तों को ठग और दुनियाभर के कुख्यात इस्लामिक आतंकवादी ओसामविन लादेन को जी कहता है।
ये कैसा गाधीवाद है जो भारत के आम लोगों का धन लूट कर विदेशी बैंकों में जमाकरवाकर भारत को कमजोर करने की जड़ बन जाता है। विरोध करने वालों पर जुल्म ढाहता है
हे भगवान ये कैसा गांधीवाद है जो अफजल जैसे दुर्दाँत आतंकवादी की फांसी को तो वर्षों तक रोकर समाप्त करने की वकालत करता है लेकिन निर्दोष साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को नजायज तरीके से कब्जे में रखकर प्रताडित करने में ही आनन्दित महसूस नहीं करता बल्कि उसे जबरदस्ती फांसी पर चढ़ाने के लिए सुरक्षाबलों पर दबाव बनाने का हर सम्भव प्रयास करता है।
ये कैसा गांधीवाद है जो एक विदेशी के सामने सिर्फ इसलिए नतमस्तक हो जाता है क्योंकि वो अपने नाम के पीछे गांधी लगा लेती है और फिर सारे भारत को उसके हबाले छोड़कर उसे तूटने की खुली छूट देने की वकालत करता है लेकिन अपने ही देश के आर एस एस और भारत स्वाभिमान जैसे देशभक्त संगठनों को कुचलने के लिए हर सम्भव प्रयास करता है।
आओ प्रण करें कि ये गांधीवाद जो भारत को समाप्त करने पर तुला है उस गांधीवाद को हम ही मिलकर समाप्त करने का बीड़ा उठायें ऐसे ही गांधीवादी तरके अपनाकर।
चलते-चलते
मिडीया दुष्प्रचार कर रहा है कि आज अन्ना समर्थकों पर हमला हुआ लेकिन सच्चाई यह है कि हमला अन्ना समर्थकों पर नहीं बल्कि पाकिस्तान समर्थकों पर हुआ है क्योंकि प्रशांत भूषण का विरोध इसलिए नहीं हो रहा कि वो अन्ना जी के साथ क्यों हैं बल्कि इसलिए हो रहा है क्योंकि वो गांधीवाद की लंगोटी ओड़कर भारत के एक और विभाजन की मांग का समर्थन कर रहे हैं जो कि अन्ना जी कभी नहीं कर सकते।
आज जिन लोंगों की पिटाई हुई वो लोग वहां पर भारतविरोधी प्रशांत भूषण के विरूद्ध हो रही नारेबाजी का विरोध कर रहे ते मतलब प्रशांत भूषण के कुकर्म का समर्थन।
हमारे विचार में जो भी भारत के अस्तित्व को खतरा बनने की कोशिश करता है उसके साथ जो भी बुरे से बुरा किया जा सकता है किया जाना चाहिए क्योंकि ये गांधीवाद नहीं भारतविरोध-हिन्दूविरोध-देशविरोध ही नहीं बल्कि मानवता का विरोधी आतंकवाद है…
3 टिप्पणियां:
ये गाधी बादी नहीं ये गुंडे है गुंडे सभी अन्ना टीम रंगे सियार है इनकी पोल धीरे-धीरे खुल जाएगी.
गाँधी वाद से किसी का भला नहीं हुआ इस लिए हम युवाओ को भगत सिंग के आदर्शो पर ही चलना होगा तब ही अखंड भारत का निर्माण संभव हे सेकुलर वड़ो को मुहतोड़ जबाब देने के लिए हिंसा ही उचित हे
इसे जुता नहीं गोली मारनी चीहिए
एक टिप्पणी भेजें