हम जानते हैं कि हमारे अधिकतर दोस्त नौजवान हैं और इन
नौजवानों के वल पर ही हम भारत को पूरी तरह आजाद करवाने के लिए अभियान चला रहे हैं
फिर भी एकबात जो सताती है वो है हमारे बहुत से नौजवानों की एकतरफा सोच...किसी ने
दो पल मुस्कुराकर प्यार से क्या बात करली ..उसके पीछे हाथ धोकर पड़ जाना
इसका कारण उनके द्वारा कभी माता-पिता के प्यार का एहसास न
करना या फिर माता पिता द्वारा अपने बच्चों को प्यार का एहसास न करवाना...अधिकतर
माता-पिता सोचते हैं कि उनके बच्चे दुनिया की हर बुराई से दूर रहें और जब भी
मात-पिता को अपने बच्चे किसी बुराई की तरफ जाते हुए प्रतीत होते हैं तो वो बहुत
क्रोध दिखाकर उनको रोकते हैं या फिर रोकने
की कोशिश करते हैं यहीं पर बच्चों को लगता है कि उनके मात-पिता उनसे प्यार नहीं
करते जबकि बास्तविकता यही है कि जितना प्यार माता-पिता अपने बच्चे को करते हैं
उतना तो क्या उसका आधा भी कोई दूसरा नहीं कर सकता लेकिन हिन्दूओं की कमजोरी है
प्यार का दिखाबा न करने की जिसे अब हमें सुधारना होगा जिससे हमें प्यार करते हैं
उसे जताना बताना हमारा फर्ज है .... बैसे तो माता-पिता के प्यार की तुलना नहीं की
जा सकती लेकिन अगर तुलना की जाए तो मां के प्यार का मुकाबला दुनिया में कोई नहीं
कर सकता बास्तब में मां ही भगवान का असली दूत है इस जमीन पर ...जिसको अपनी मां के
प्यार पर भरोसा नहीं वो दुनिया में किसी के प्यार पर भरोसा नहीं कर सकता...और सच
कहें तो फिर जो अपनी माँ-बहन से प्यार नहीं करता वो किसी और से कभी प्यार नहीं कर
सकता...अगर बात को थोड़ा और आगे ले जायें तो अपनी मां बहन से प्यार न करने वाले ही
अपने माता-पिता और दूसरों के मान-सम्मान को ठेश पहुंचाने वाले काम करते हैं....
आज आप किसी भी लड़के से इस विषय पर बात करो तो उसका एक ही
जबाब होगा कि हां मुझे Girl Friend (T)चाहिए अगर आगे पूछो कितनी
चाहिए तो जबाब होगा No Limit…अगर ये पूछो कि अगर आपकी बहन—पत्नी...वेटी या मां को Boy Friend चाहिए हो तो क्रोध से लालपीला होकर
पूछने वाले पर हमला कर देगा अगर उसके पास ताकत होगी तो ...कम से कम पूछने वाले से
हमेशा के लिए रिस्ते खराब कर लेगा...
हमारा ऐसे नौजवानों से एक सीधा सा प्रश्न
है कि लड़की जिसे हम Girl Friend बनाना चाहते हैं वो आएगी कहां से वो किसी न किसी की तो वेटी-बहन-बहु-मां होगी
ही इसीलिए सभ्यता का तकाजा वही है जो हमारे पूर्बजों से हमें शिखाया है एक नर और
एक नारी हमेशा दूर रहेगी हर तरह की सामाजिक और शारीरिक वीमारी..बस अमल करने की
जरूरत है जिसने मिडीया, फिल्म इंडसटरी और मैकाले शिक्षा ने मुसकिल बना दिया है
हम जानना चाहते हैं कि अगर ये Boy Friend / Girl friend Concept इतनी ही अच्छी है तो फिर एकतरफा क्यों लेकिन कहते हैं कि हमाम में सब नंगे हैं
यही सच्चाई है सब जानते हैं कि प्यार की लम्बी-लम्बी बातें करने वाला कब साथ छोड़
जाए किसी को नहीं पता और एक ही वक्त में इसको कितनों से प्यार हो जाए ये भी नहीं
पता ..जब मन भर जाए तो दोस्तों के बीच किन हालात में बांट दे ये भी नहीं पता आजकल
तो अधिकतर यही घटनायें हो रही हैं कि प्यार करने वाले शादी के बायदे करने वाले ने
गैंगरेप करवाया..
नौजवानों हमारा इरादा सच में प्यार
करने वालों(क्योंकि सच्चा प्यार वो भावना है जिसे परिभाषित करना नामुकिन है लेकि
इस भावना में दूसरों को सिर्फ खुशीयां दी जाती हैं जख्म नहीं) को ठेस पहुंचाने का
कदापि नहीं औ शंका का निर्माण करने का भी नहीं लेकिन हमें इतना तो जरूर पता है कि
जब हम किसी से सच में दिल से प्यार करते हैं तो उसका नाम गलती से भी तब तक जुवां
पर नहीं आने देते जब तक रिस्ते का कोई पक्का नाम न हो
आज तो किसी ने दो पल प्यार से हंश
के बात कर ली तो हम सब दोस्तों को उसके वारे में तरह-तरह की बातें बताकर उसका जीना
हराम कर देते हैं और अगर कहीं गलती से उसने … स्वीकार कर लिया तब तो उसको हम कुछ
इस तरह से पेश करते हैं कि मानो दुनिया में उससे बड़ा गुनाहगार कोई और नहीं...
1 टिप्पणी:
ek saarthak lekh. in baato ko samajhne ki, apnne jivan me utarne ki jarurat hai...
kunwar ji,
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