उत्तर प्रदेश में चुनाब की आहट सुनते ही कांग्रेस ने अपने पिटारे से एक के बाद एक विभाजनकारी षडयन्त्रों को बाहर निकालना सुरू कर दिया है। हम कईबार लिख चुके हैं कि कांग्रेस चुनाबों से पहले ऐसे विभानकारी मुद्दे उठाएगी जिससे कि भ्रष्टाचार व कालेधन जैसे जनहित से जुड़े सरोकार कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आयेंगे। हाफ अंग्रेज राहुल विन्सी का आज का ब्यान इसी का हिस्सा है।
इतिहास इस बात का साक्षी है कि कांग्रेस अगर अंग्रेजों व उससे पहले मुसलमानों द्वारा अपनाई गई भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी विभाजनकारी नीतियों को आगे न बढ़ाती तो 40 के दशक में में भारत से हर क्षेत्र में पिछड़ने वाला चीन आज भारत से कहीं पीछे होता व उसकी भारत को आँखें दिखाने की हिमत तक न होती. उल्टा आज बंगलादेश व पाकिस्तान जैसे मच्छर भी भारत को आंख दिखाकर व आतंकवाद के माध्यम से भारतीयों का खून बहाकर भारत को ललकार रहे हैं । ।
कांग्रेस खासकर गांधी-नैहरू खानदान की फूट डालो और राज करो की नीति का ही ये दुष्परिणाम है कि पहले तो भारत का तीन-तीन हिस्सों में विभाजन हुआ और अब भारत फिर उसी दोहराहे पर आ खड़ा हुआ है जिसपर जिन्ना-नैहरू-लेडी माउंटवेटन के वक्त था। फर्क सिर्फ इतना है कि आज नैहरू की भूमिका में राहुल विन्सी है व जिन्ना की भूमिका में मनमोहन सिंह व लेडी माउंटवेटन की भूमिका में राहुल विन्सी की इटालियन ममी एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी है ।थोड़ा सा फर्क ये भी है कि लेडी माऊंटवेटन ने एक अनैतिक सबन्ध के चलते भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्रों को अन्जाम दिया जबकि माइनो ये सब एक नैतिक सबन्ध का दुरूपयोग कर अन्जाम दे रही है।
आज राहुल अगर वार-वार भारतविरोधी -हिन्दूविरोधी प्रलाप कर रहा है----कभी कहता है कि उसे भारतीय होने पर शर्म आती है ----कभी कहता है कि उसे खेद है कि वो हिन्दुस्तानी है---कभी देशभक्त संगठनों व हिन्दूओं के विरूद्ध अमेरिकी अधिकारियों को उकसाता है---कभी मुमबई में जाकर उतर भारतीयों व मुंमबईकरों के बीच झगड़ा पैदा करने की कोशिश करता है ---कभी विहारियों को मुमबईकरों के विरूद्ध भड़काता है---कभी उतर भारतीयों को दलित नेत्री मायावती के बिरूद्ध भड़काता है---यो ये कमी राजीब गांधी के खून की नहीं वल्कि इस विषकन्या के द्वारा चर्च का दुरूपयोग कर एक मासूम बच्चे के अन्दर भारत-भारतीयों खासकर देशभक्त हिन्दूओं के विरूध भरे गए जहर का कुप्रभाव है।
किसी ने ठीक ही कहा है कि बच्चे का पहला अध्यापक उसकी मां है जिस बच्चे की मां ही एक भारतविरोधी विषकन्या हो उसे भारतीय होने पर गर्व भला कैसे हो सकता है?
ये विषकन्या द्वारा भरे गए उसी जहर का असर है जिसके असर के कारण राहुल विन्सी ने उतर-भारतीयों द्वारा खून-पसीना बहाकर भारत के विकास में योगदान कर कमाई जा रही मेहनत की रोटी को भीख करार दे दिया। इस वेवकूफ को कौन समझाए कि भिखारी और लुटेरी भारत की जनता नहीं वल्कि इसकी मां व वो अंग्रेज हैं जिनका खून तेरी रगों में दौड़ रहा है।
इतिहास इस बात का साक्षी है कि कांग्रेस अगर अंग्रेजों व उससे पहले मुसलमानों द्वारा अपनाई गई भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी विभाजनकारी नीतियों को आगे न बढ़ाती तो 40 के दशक में में भारत से हर क्षेत्र में पिछड़ने वाला चीन आज भारत से कहीं पीछे होता व उसकी भारत को आँखें दिखाने की हिमत तक न होती. उल्टा आज बंगलादेश व पाकिस्तान जैसे मच्छर भी भारत को आंख दिखाकर व आतंकवाद के माध्यम से भारतीयों का खून बहाकर भारत को ललकार रहे हैं । ।
कांग्रेस खासकर गांधी-नैहरू खानदान की फूट डालो और राज करो की नीति का ही ये दुष्परिणाम है कि पहले तो भारत का तीन-तीन हिस्सों में विभाजन हुआ और अब भारत फिर उसी दोहराहे पर आ खड़ा हुआ है जिसपर जिन्ना-नैहरू-लेडी माउंटवेटन के वक्त था। फर्क सिर्फ इतना है कि आज नैहरू की भूमिका में राहुल विन्सी है व जिन्ना की भूमिका में मनमोहन सिंह व लेडी माउंटवेटन की भूमिका में राहुल विन्सी की इटालियन ममी एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी है ।थोड़ा सा फर्क ये भी है कि लेडी माऊंटवेटन ने एक अनैतिक सबन्ध के चलते भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्रों को अन्जाम दिया जबकि माइनो ये सब एक नैतिक सबन्ध का दुरूपयोग कर अन्जाम दे रही है।
आज राहुल अगर वार-वार भारतविरोधी -हिन्दूविरोधी प्रलाप कर रहा है----कभी कहता है कि उसे भारतीय होने पर शर्म आती है ----कभी कहता है कि उसे खेद है कि वो हिन्दुस्तानी है---कभी देशभक्त संगठनों व हिन्दूओं के विरूद्ध अमेरिकी अधिकारियों को उकसाता है---कभी मुमबई में जाकर उतर भारतीयों व मुंमबईकरों के बीच झगड़ा पैदा करने की कोशिश करता है ---कभी विहारियों को मुमबईकरों के विरूद्ध भड़काता है---कभी उतर भारतीयों को दलित नेत्री मायावती के बिरूद्ध भड़काता है---यो ये कमी राजीब गांधी के खून की नहीं वल्कि इस विषकन्या के द्वारा चर्च का दुरूपयोग कर एक मासूम बच्चे के अन्दर भारत-भारतीयों खासकर देशभक्त हिन्दूओं के विरूध भरे गए जहर का कुप्रभाव है।
किसी ने ठीक ही कहा है कि बच्चे का पहला अध्यापक उसकी मां है जिस बच्चे की मां ही एक भारतविरोधी विषकन्या हो उसे भारतीय होने पर गर्व भला कैसे हो सकता है?
ये विषकन्या द्वारा भरे गए उसी जहर का असर है जिसके असर के कारण राहुल विन्सी ने उतर-भारतीयों द्वारा खून-पसीना बहाकर भारत के विकास में योगदान कर कमाई जा रही मेहनत की रोटी को भीख करार दे दिया। इस वेवकूफ को कौन समझाए कि भिखारी और लुटेरी भारत की जनता नहीं वल्कि इसकी मां व वो अंग्रेज हैं जिनका खून तेरी रगों में दौड़ रहा है।
2 टिप्पणियां:
कांग्रेस से आप aur क्या उम्मीद कर सकते है .देखिये न एक क्रिश्चियन महिला किस प्रक्कर भारतीय नपुन्सको पर शासन कर रही है.
aapki har bat aksharshah sahi hain. aise bhasan keval bharat ki janta hi sun sakti hai. lekin aik bat aapki meri samajh mein nahi aai ki dalit netri likhkar sab bigad diya isko likhna chahiye dalit abhiyukti mayavati. UP KO BARBAD KARNE MEIN DO KA BAHUT BADA HATH HAIN MAYAWATI AUR MULAYAM SINGH.
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