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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

रविवार, 28 अगस्त 2011

अन्ना जी से गद्दारी कर आखिरकार भारतविरोधी आतंकवादियों के दलालों ने अपनी असलियत दिखा ही दी?

हम आपको शुरू से ही बता रहे हैं कि देश में चल रहे अधिकतर NGOs भारत के शत्रुओं के इसारे पर भारतविरोधी षडयन्त्रों को धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में छुपकर अन्जाम देते हैं। जिसके समय-समय पर प्रमाण सामने आते रहते हैं।
सच कहें तो अग्निवेश जैसे आतंकवादियों के मददगार का अन्ना जी-केजरीवल जी जैसे प्रखर देशभक्तों के साथ एक मंच पर आना हमारे लिए एक चौंकाने वाली घटना थी। इससे पहले जब अग्निवेश जी हमें स्वामी राम देव जी जैसे प्रखर देसभक्त के साथ दिखे तब भी हमें लगा कि ये क्या हो रहा है। मन में प्रश्न खड़े होने लगे कि कहीं ये व इसके मित्र देशहित के लिए किए जा रहे अन्दोलनों के साथ खुद को जोड़कर अपने देशविरोधी–हिन्दूविरोधी कार्यों को आगे बढ़ाने की फिराक में तो नहीं हैं?
फिर भी हमने अपने मन को समझाया कि अगर भारतविरोधियों के लिए काम करने वाला भारतीय व इसके मित्र अगर भारत के सबसे बढ़े शत्रुओं में से एक भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए काम करने की ओर अग्रसर हैं तो भला इसमें क्या बुराई है ? जब हम  लाखों हिन्दूओं का कत्ल कर करोंड़ों हिन्दूओं को वेघर कर भारत का विभाजन करवाने वाले धर्मनिर्पेक्षतावादियों व अलगावबादी मुसलमानों को इस देश में बरदाश कर रहे हैं तो  इन जैसे बौद्धिक गुलाम हिन्दूओं को इस नेक अन्दोलन में बरदाश करने में भला क्या हरज है?
बस एक ही डर सताता रहा कि कहीं ये टीम अन्ना जी से भीतरघात कर इस अन्दोलन को कमजोर न कर दे क्योंकि बाहर के शत्रु से लड़ना आसान होता है लेकिन अन्दर के शत्रु से निपटना बहुत मुस्किल ।
अब खबरें आ रही हैं कि अन्दोलन के दौरान अग्निवेश ने फोन पर सरकार को अन्दोलनकारियों पर हमला करने के लिए उकसाया वो भी उस वक्त जब सरकार जनता व विपक्ष के दबाब में अन्ना जी की बात मानने के लिए मजबूर हो चुकी थी। अब आप ही बताओ कि इस नाजुक वक्त में अनदोलनकारियों के विरूद्ध एक विदेशी अंग्रेज  एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम सरकार को भड़काने से वड़ी गद्दारी भला और क्या हो सकती है? मानो अपनी असलित दिखाने के लिए इतना काफी न हो अब अग्निवेश ने अन्दोलनकारियों को पागल हाथी करार दिया है।
ऐसा नहीं कि गद्दारी सिर्फ अग्निवेश ने ही की है इससे पहले इस देशहित से जुड़े अन्दोलन को कमजोर करने के लिए कल तक अन्ना जी के साथ दिखने वाली  अरूणा राय ने भी अपनी आका विदेशी अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के इसारे पर जनलोकपालविल के रास्ते में रूकावटें पैदा करने के लिए अपना आधा-अधूरा जोकपाल विल मिडीया में उछालकर कमेटी के पास रख दिया व मिडीया में अपने नजदीकियों को अन्दोलनकारियों के विरोध में वोलने के काम में लगा दिया।
जरा सोचो जो सरकार व NGOs हर वक्त आम  लोगों के हित के लिए काम करने के वहाने हर भारतविरोधी आतंकवादी को आम-गरीब आदमी बताकर आतंकवादियों को कड़ी कार्यवाही से बचाने के लिए प्रतिबद्ध दिखते हैं वो ही सरकार व NGOs किस तरह आम गरीब लोगों  के सच्चे हित के लिए चल रहे अन्दोलन को मिलजुलकर किस तरह कमजोर करने में दिन-रात एक किए हुए थे।
जरा सोचो कि ये अन्दोलन देशभक्त क्रांतिकारियों व आम जनता के बजाए अगर इन गद्दारों के समर्थकों पर निर्भर होता तो क्या होता?
मजेदारबात तो ये हैं कि देश से गद्दारी की लत के सिकार हो चुके NGOs अपने साथियों से भी गद्दारी करने से खुद को नहीं रोक सके । प्रशांत भूषण जैसे लोग कल तक भारतविरोधियों की इन्हीं NGOs के साथ मिलजुलकर काम कर रहे थे।  हमें नहीं लगता कि इस देशहित से जुड़े अन्दोलन से इन NGOs की गद्दारी के बाद  भी कोई देशभक्त इन देशविरोधी-हिन्दूविरोधी NGOs को मुंह लगायगा या इनपे भरोसा कर पाएगा।
क्या आपको नहीं लगता कि देशहित वो भी खासकर दबे-कुचले-गरीब हित या य़ूं कहें कि देश के अन्तिम आदमी के हित से जुड़े इस अन्दोलन का विरोध कर धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में छुपकर भारतविरोध में काम करने वाले  भारतविरोधी आतंकवादियों के दलालों ने अपनी असलियत दिखा ही ?

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

जो संविधान भ्रष्टाचार और आतंकवाद को खत्म करने के रास्ते में बाधा बने और गरीबों को गोली से उड़ाने की इजाजजत दे उस संविधान को जलाकर राख कर देना चाहिए।

Ninjaआज जब भी भ्रष्टाचार और आतंकवाद के विरूद्ध कढ़े कदम उठाने की बात चलती है तो अक्सर संविधान की दुहाई दी जाती है। संविधान में क्या क्या लिखा है इसे पूरी तरह तो हमने नहीं पढ़ा लेकिन  जो हम अनुभव कर रहे हैं उसमें ये पा रहे हैं कि जब भी किसी भारतविरोधी आतंकवादी को कढ़ी सजा देने की बात चले तो आतंकवादी का बचाब संविधान की दुहाई देकर किया जाता है दूसरी तरफ जब किसान-वनवासी या फिर आम देशभक्त जनता अपने अधिकारों को लिए शांतिपूर्वक अनसन-धरना प्रदर्शन करें तो अक्कसर सरकारें उनपर गोली-वारी करवाकर उन्हें मौत के घाट उतार देती हैं।
मामला चाहे 4 जून की रात को रामलीला मैदान में कालेधन के विरूद्ध संघर्ष कर रहे देशभक्तों पर आधी रात को हमले का हो Publicया फिर महाराष्ट्र में पानी की खातिर संघर्ष कर रहे किसानों का हो या फिर देश के विभिन्न हिस्सों में बनों पर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे वनवासियोंVillagers का हो । हर जगह यही देखने को मिलता है कि उन सब का कत्ल करने का अधिकार संविधान सरकारों को  देता है।
आप देख लो कि किस तरह लोकतन्त्र के मन्दिर पर हमला करने वाले मानबता के कातिल को संविधान का हवाला देकर जिन्दा रखने की कोशिसें की जा रही हैं जो पिछले कई वर्षों से सफलतापू्वक जारी हैं।
आज जब अन्ना हजारे जी Anna jiभ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून की बात कर रहे हैं तब भी कहा जा रहा है कि संविधान भ्रष्टाचार रोकने के लिए जन लोकपाल जैसे कड़े कानून बनाने की इजाजत नहीं देता।
बैसे भी ये संविधान वो संविधान नहीं है जो 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इस संविधान को सरकारों ने अपनी सुविधानुसार एक-दो वार नहीं वल्कि सैंकड़ों वार बदला है।
जब संविधान बना था तब हिन्दूविरोधी-देशविरोधी धर्मनिर्पेक्षता जैसी कोई ब्याबस्था संविधान में नहीं थी। देश के दुशमनों ने संविधान को तोड़मरोड़कर इस देशविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्र को संविधान का हिस्सा बनाया। जिसके परिणामस्वारूप आज इमाम बुखारी जैसे भारतविरोधी आतंकवादी वन्देमातरम् और भारत माता की जय जैसे देशभक्ति के उदघोषों को सांप्रदायिक करार देकर विना किसी खौफ के जिन्दा रह रहे हैं।
हद तो देखो कि जिस अन्दोलन से अग्निवेश Agniveshजैसे लोग (जो देशभक्त ताकतों खासकर हिन्दुत्वनिष्ठ ताकतों व हिन्दूओं को कोशने का कोई मौका नहीं छोड़ते जो अकसर मुसलिम व माओवादी आतंकवादियों के बचाब के लिए लड़ते हुए नजर आते हैं) जुड़े हुए हैं उस अन्दोलन को अगर ये मुसलिम गद्दार सांप्रदायिक करार दे रहे हैं तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि कल जब ये गद्दार और ताकतवर हो जायेंगे तो सारे के सारे हिन्दूओं को ही सांप्रदायिक करार देकर भारत को ही सांप्रदायिक ठहराकर  गद्दारों के लिए एक और विभाजन की मांग नहीं करेंगे। 
बैसे अगर आप के मन में थोड़ी भी मानबता वाकी है तो आप  महसूस कर सकते हैं कि भारत के जिस हिस्से कशमीर घाटी में इन मुसलिम गद्दारों की संख्या अधिक हो गई उस हिस्से में इन राक्षसों ने किस तरह सेकुलर गिरोह की सहायता से हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाकर 60000 हिन्दूओं का कत्ल कर 500000 हिन्दूओं को वेघर कर दिया जो आज अपने ही देश में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं(सरकारों के पास भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाले मुसलिम आतंकवादियों को देने के लिए 5-5 लाख रूपए तो हैं पर इनके लिए कुछ नहीं)।
जो सेकुलर गद्दार गुजरात में मुसलिम हमले की प्रतिक्रियस्वारूप मारे गए 1000 मुसलमानों(अच्छा होता न मुसलमान हमला करते न ये मारे जाते) के लिए  दिन रात TV पर छाती पीटते रहते हैं क्या आपने इन गद्दारों को कभी मारे गय हजारों हिन्दूओं व वेघर हुए लाखों हिन्दूओं की पीड़ा पर कभी वोलते हुए देखा। नहीं न क्यों ? क्योंकि धर्मनिर्पेक्ष शब्द संविधान में जुड़ने के बाद सब गद्दारों को हिन्दूओं का कत्लयाम करने का मानो लाइसैंस(Learning Lisence) मिल गया हो। जिसे पक्का करने के लिए Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011 लाया जा रहा है ताकि भारतविरोधी आतंकवादियों को देशभक्तों का सफाया करने में कोई समस्या पेश न आए। मारे व उजाड़े गय हिन्दूओं का मुद्दा उठाना तो दूर जो हिन्दूओं की पीड़ा को व्यक्त करने की कोशिश भी करे उसे ये सेकुलर गद्दार एकदम से सांप्रदायिक करार दे देते हैं जिस तरह आज इस भ्रष्टाचार विरोधी अन्दोलन को सांप्रदायिक करार  दिया जा रहा है।
ये सब किया जा रहा है इस संविधान के नाम का सहारा लेकर।
हमारे विचार में अब वक्त आ गया है कि इस संविधान को जो कि भ्रष्टाचारियों व गद्दारों की ढाल वन चुका है उसे आग लगाकर हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए व देश में एक ऐसा संविधान बनाया जाए जो भारतीयों के लिए हो न कि हिन्दू-मुसलिम या ईसाई के लिए।

सोमवार, 22 अगस्त 2011

जरा सोचो किस आधार पर कांग्रेस देशभक्तों को खुलेआम ललकार रही है ? संदर्भ संसद में बाहरी हाथ स्वीकार नहीं

Secret telling smileहमने कई बार लिखा कि कांग्रेस की मानसिकता भारतविरोधी है इसके कई प्रमाण भी हमने आपको दिए। लेकिन अब तो कांग्रेस के नेता खुले तौर पर भारतीय आम जनता को बाहरी वोले तो विदेशी करार दे रहे हैं।
आपने देखा कि जब स्वामी राम देब जी ने भारत के 400 लाख करोड़ रूपए  जो कि देश के गद्दारों ने लूटकर विदेशी बैंकों मे जमा करवाए हैं को भारत वापस लाने की मांग की तो कांग्रेस ने स्वामी राम देव जी को हमेशा के लिए खामोश कर देने के मकसद से रात के अन्धेरे में जब स्वामी राम देव जी व हजारों देशभक्त दिनभर भारतमात के लूटे गय धन को वापिस लाने के लिए संघर्ष करने के बाद सो रहे थे तब एक विदेशी अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम कांग्रेस सरकार ने हमला करवा दिया।attack on SWami
इस दौरान संसार के सबसे खतरनाक मानबताविरोधी आतंकवादी ओसामाविन लादेन को ओसामा जी कहने वाली कांग्रेस ने स्वामीरामदेब जी को ठग,  लुटेरा, कायर जैसे शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने का प्रयत्न किया।
38000 करोड़ रूपए की टैक्स, चोरी करने वाले आतंकवादियों के financer हसन अली का बचाब करने वाली कांग्रेस ने भारतीयता व आयुर्वेद के प्रचारक व पोषक स्वामी राम देब जी पर न केवल Money Laundering Act लगाने की धमकियां दी वल्कि केन्द्र सरकार की सब की सब ऐजेंसियों को स्वामी राम देब जी के पीछे लगा दिया जब कुछ न मिला तो अमेरिका की ईसाई खुफिया FBI की मदद लेकर स्वामी राम देव जी को फंसाने व बदनाम करने की कोशिश की गई व की जा रही है।
इतने षडयन्त्र करने के बाद भी जब कांग्रेस के हाथ कुछ ठोश नहीं लगा तो एक विदेशी अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम कांग्रेस ने भारत में जन्मे स्वामी रामदेब जी के दांय हाथ आयुर्वेद के वैज्ञानिक आचार्या वालकृष्ण जी को विदेशी करार देकर सारी सरकारी ऐजेंसियों को उनके पीछे लगा दिया।Acharaya ji
अब जब अन्ना जी ने कांग्रेस की चोरबजारी के विरूद्ध मोर्चा खोला तो कांग्रेस ने इस देशभक्त के लिए भी गुंडो-मवालियों जैसी भाषा का प्रयोग करते हुए अपमानित करने की कोशिश में उपर से नीचे तक भ्रष्ट करार दे देते हुए उनकी सेना की नौकरी पर भी सवाल खड़े कर  दिए।जिसे सेना ने सरकार के दबाब में न आते हुए सिरे से खारिज करते हुए ये बताया कि अन्ना जी की सेना में नौकरी में कोई भी दाग नहीं है वल्कि उन्हें पांच-पांच मैडल भी मिले हैं। anna hajare ji2
इन सब षडयन्त्रों में मुंह की खाने के बाद भी कांग्रेस ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अन्ना जी के इस अन्दोलन के पीछे विदेशी हाथ बताकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। कांग्रेस का ईसारा ईसाई अमेरिका की ओर था ।इससे पहले कांग्रेस अन्ना हजारे के पीछे RSS का हाथ बता चुकी थी। इन दोनों आरोंपो का एक ही मकसद था कि RSS व USA का नाम आने के बाद आतंकवादी मुसलमान  व उनके समर्थक अन्ना हजारे के अन्दोलन के विरोध में कूद पड़ें और देश में दंगा-फसाद की चुनौता को बहाना बनाकर विदेशी अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम कांग्रेस को देशभक्तों के इस अन्दोलन को कुचलने का मौका मिल जाए।
कांग्रेस की फूट डालो और राज करो की इसी निती को सफल बनाने के लिए NDTV ने चर्चा के माध्यम से देशभक्तों के इस अन्दोलन को सिर्फ स्वर्णों के मध्यम बर्ग का अन्दोलन बताकर इस अन्दोलन को गरीबविरोधी-दलित विरोधी व मुसलिमविरोधी  करार देने की कोशिश की जिसमें NDTV ने ISI ऐजेंट परजीवियों का सहार लिया।
कांग्रेस के इस फूट डालो और राज करो के षडयन्त्र को आगे बढ़ाने के लिए Star News ने भी पूरा जोर लगाया।
इन सब षडयन्त्रों से भी काम न बना तो कांग्रेस ने देशभक्त जनता के इस अन्दोलन के विरोध में सब सांसदों को खड़ा करने के लिए संसद के मानसम्मान का नारा देते हुए सब सांसदों को बाहरी हस्तक्षेप(भारतीय जनता) के विरूद्ध एकजुट होने की अपील की।
soniyaजरा सोचो कि जिस कांग्रेस को इटालियन अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलामी करने में कोई आपति नहीं वो गुलाम कांग्रेस भारतीय जनता को विदेशी कहकर किसके दम पर भारतीयों का अपमान कर खुद को विदेशीयों का ऐजेंट साबित कर सब देशभक्तों को चुनौती दे रही है कि अगर दम है तो उखाड़ लो जो उखाड़ सकते हो?
इस अहंकार का आधार एक ही है कांग्रेस जानती है कि उसने विदेशीयों के इसारे पर देश में कानून सांप्रदाय-जाति-क्षेत्र-भाषा आधारित बनाकर फूट-डालो और राज करो का जो षडयन्त्र रचा है वो हर हाल में सफल होगा क्योंकि भारतीयों के पास इस षडयन्त्र का अभी तक कोई तोड़ नहीं।
क्या आपके पास कोई तोड़ है?

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

देशभक्तों से शत्रुता और गद्दारों से यारी यही है कांग्रेस की कहानी सारी---संदर्भ अन्ना जी व स्वामी रामदेव जी पर हमला


Angry smile
 हम सब जानते हैं कि कांग्रेस की स्थापना एक विदेशी अंग्रेज ने भारतविरोधियों वोले तो हिन्दूविरोधियों के हित साधने के लिए 1885 में की।
अंग्रेज द्वारा कांग्रेस की स्थापना का एकमात्र मकसद था एक ऐसा गिरोह तैयार करना जो भारतीयों को अपना सा लगे लेकिन जिसका मूल मकसद हो भारत को तबाह करना।
कांग्रेस की स्थापना से लेकर आज तक कांग्रेस पर उन्ही लोगों का कब्जा रहा जिनमें भारतविरोध वोले तो हिन्दूविरोध कूट-कूट कर भरा हो। वेशक इसमें कुछ अपबाद भी देखने को मिले ।

खिलाफत अन्दोलन के समर्थन के बहाने मुसलिम अलगावबाद का समर्थन

1923 में जब देश में स्वातन्त्रता संग्राम के दौरान सब हिन्दू-मुसलिम मिलकर अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों से तंग आकर एकजुट होकर संघर्ष कर रहे थे तभी कांग्रेस ने अलगाववादी मुसलमानों के दबाब में आकर खिलाफत अन्दोलन का समर्थन कर एक ऐसा षडयन्त्र किया जिसाक परिणाम मुसलिम लीग की स्थापना के रूप में हुआ जो आगे चलकर सांप्रदाय के आधार पर भारत के विभाजन का एककारण वनी। यहां हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि डा वलिराम हेडगेवार जी सहित कांग्रेस के अनेक नेताओं ने गांधी-नैहरू के इस निर्णय का विरोध किया लेकिन गांधी-नैहरू ने किसी की एक न सुनी। बाद में डा हेडगेवार जी ने 1925 में RSS की स्थापना कर देशभक्त नागरिकों के निर्माण का कार्य शुरू किया जो आज तक जारी है। आज देशभक्त नागिरकों की बढ़ती फौज ही कांग्रेस की परेसानी का सबसे बढ़ा कारण बन रहा है।

 

प्रखर देशभक्त नेताजी सुभाष  चन्द्र बोस जी का विरोध

Netaji Subhash chander Bose ji1939 में प्रखर देशभक्त नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी का नेहरू-गांधी के विरोध के बाबजूद कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना। लेकिन ये ऐसी घटना थी जिसने हिन्दूविरोधी देशविरोधी कांग्रेसियों को झकझेर कर रख दिया । बस फिर क्या था ये सब भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी नैहरू-गांधी के नेतृत्व ऐसे षडयन्त्र करने में जुट गए जिनके परिणाम प्रखर देशभक्त नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी को कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा।

भारत विभाजन के दौरान कांग्रेस के हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्र

1947 में कांग्रेस ने अंग्रेजों के साथ मिलकर भारत का सांप्रदाय के आधार पर विभाजन सवीकार किया।ab1 इस विभाजन के अनुसार मुसलमानों के लिए पाकिस्तान (पूर्वी और पश्चिमी )का निर्माण किया गया जबकि हिन्दूओं के लिए भारत का वाकी वचा हिस्सा दिया गया। लेकिन यहां फिर कांग्रेस ने एक षडयन्त्र के तहत मुसलमानों को फिर से हिन्दूओं वाले हिस्से में रखने की जिद की।
RSS ने सांप्रदाय के आधार पर देश के विभाजन का डट कर विरोध किया । जब कांग्रेस ने विभाजन सवीकार कर पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दूओं को मुसलिम आतंकवादियों के हाथों मरने के लिए अकेला छोड़ दिया तब RSS ने हिन्दूओं की रक्षा के लिए दिन-रात एक कर प्रयत्न किया।
कांग्रेस ने विभाजन के दौरान RSS द्वारा हिन्दूओं की रक्षा के लिए काम करने से चिढ़ कर RSS पर प्रतिबन्ध लगा दिया 1948 में कांग्रेस नें गांधी की हत्या का झूठा आरोप लगाकर देशभक्त संगठन RSS पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
RSS ने संबैधानिक तरीके से इसका विरोध किया । बाद में मजबूर होकर कांग्रेस को मानना पड़ा कि RSS का गांधी की हत्या में कोई हाथ नहीं है। परिमामस्वारूप प्रतिबन्ध हटा लिया गया। बैसे भी कांग्रेस जानती थी कि गांधी की हत्या के लिए नैहरू ही जिम्मेदार है ।

वन्देमातरम् में कांटछांट कांग्रेस की गद्दारी का प्रमाण

15 अगस्त 1947 को सांप्रदाय के आधार पर भारत का विभाजन होने के बाद जब पाकिस्तान और बंगलादेश को हिन्दूविहीन कर दिया गया तो भारत में मुसलमानों को रखने का कोई औचित्या नहीं था ।
उसवक्त कांग्रेस के अनेक देशभक्त लोगों ने बार-बार मुसलमानों को देश में न रहने देने की बकालत की थी फिर भी गद्दार कांग्रेसियों ने मुसलमानों को भारत में रखने का फैसला क्यों किया?
आज देश पर बार-बार हो रहे मुसलिम आतंकवादी हमलों के बाद आप समझ सकते हैं कि कौन सही था कौन गलत ?
अगर मुसलमानों को भारत में इस आधार पर रखा गया कि मुसलमान देशभक्त हैं और सर्वधर्मसम्भाव में विस्वास रखते हैं तो फिर वन्देमातरम् की चार पंक्तियों को छोड़ कर वाकी पंक्तियों को क्यों काट दिया गया?

कांग्रेस द्वारा अलगावबाद को बढ़ाबा देने के लिए अल्पसंख्यकबाद व दंगो का सहारा

जब भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं घोषित किया गया तो फिर देश में अल्पसंख्यकबाद के नाम पर धर्म के आधार पर कानून क्यों बनाए गए?
जब सारा देश एक है तो फिर कश्मीरघाटी के मुसलिमबहुल होने की बजह से जम्मु-कश्मीर में अलग संविधान, अलग कानून, धारा 370 क्यों ?
अलगावबाद से ग्रसित कांग्रेस द्वारा समस्या की जड़ मुसलिम पर्सनललॉ का बचाब
1955 में जब हिन्दू पर्सनल ला समाप्त कर हिन्दूओं को देश के संविधान के अनुसार जीवन यापन करने के लिए कहा गया तो फिर मुसलिम पर्नसनल ला को समाप्त कर क्यों मुसलमानों को संविधान के दायरे में नहीं लाया गया?
समाजिक बुराईयों के नाम पर हिन्दूओं की अनेक मान्याताओं पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया तो मुसलमानों में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली बुराईयों पर प्रतिबंध क्यों नहीं?

कांग्रेस द्वारा धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान को बढ़ाबा


जब संविधान में धर्मनिर्पेक्ष शब्द नहीं था तो 1977 में इसे संविधान में क्यों जोड़ा गया?
मार्च 1998 वनधामा नरसंहार.5भारत में आज बहुत ही खतरनाक स्थिति बनती जा रही है अपने हिन्दूराष्ट्र भारत में विदेशी संस्कृति से प्रेरित मीडिया, खुद को सैकुलर कहलवाने वाले राजनीतिक दलों, बिके हुए देशद्रोही मानवाधिकार संगठनों, खुद को सामाजिक कार्यकर्त्ता कहलवाने वाले गद्दारों, भारत विरोधी आतंकवादियों व परजीवी हिन्दुविरोधी लेखकों का एक ऐसा सेकुलर गिरोह बन चुका है जो भारत को सांस्कृतिक व आर्थिक रूप से तबाह करने पर आमादा है। इस गिरोह को हर उस बात से नफरत है जिसमें भारतीय संस्कृति व राष्ट्रवाद का जरा सा भी अंश शेष है । यह गिरोह हर उस बात का समर्थन करता है जो देशद्रोही कहते या करते हैं । देशद्रोही मुसलिम आतंकवादियों व वामपंथी आतंकवादियों को बेचारा गरीब अनपढ़ व सत्ताया हुआ बताकर हीरो बनाता जा रहा है । सेवा के नाम पर छल कपट और अवैध धन का उपयोग कर भोले-भाले बनवासी हिन्दुओं को गुमराह कर उनमें असभ्य पशुतुल्य विदेशी सोच का संचार कर हिन्दुविरोधी-राष्ट्रविरोधी मानसिकता का निर्माण करने वाले धर्मान्तरण के ठेकेदारों को हर तरह का सहयोग देकर देश की आत्मा हिन्दू संस्कृति को तार-तार करने में जुटा है। यह गिरोह एक ऐसा तानाबाना बुन चुका है जिसे हर झूठ को सच व हर सच को झूठ प्रचारित करने में महारत हासिल है।
हम दाबे के साथ कह सकते हैं कि इस हिन्दुविरोधी देशद्रोहीगिरोह की क्रियाप्रणाली हमेशा मुसलिम आतंकवाद व धर्मांतरण समर्थक रही है इसमें भी खतरनाक कड़बी सच्चाई यह है कि इस हिन्दुविरोधी देशद्रोहीगिरोह ने कभी भारतीय संस्कृति के प्रतीकों का सम्मान करने वाले देशभक्त मुसलमानों व ईसाईयों जो खुद को हिन्दूसमाज का अभिन्न अंग व भारत को अपनी मां मानते हैं को न कभी प्रोत्साहन दिया न ही कभी उनका भला चाहा ।
इस हिन्दुविरोधी देशद्रोही गिरोह को अगर किसी की चिन्ता है तो उन मुसलिम आतंकवादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों की जो अपनी आवादी बढ़ाकर ,धर्मांतरण करवाकर , शान्तिप्रिय हिन्दुओं का खून बहाकर इस हिन्दूराष्ट्र भारत के फिर से टुकड़े कर इस्लामिक व ईसाई राज्य वनाने का षड़यन्त्र पूरा करने के लिए इस देशद्रोही सरकार का समर्थन पाकर अति उत्साहित होकर आगे बढ़ रहे हैं ।मार्च 1998 वनधामा नरसंहार.4
यह गिरोह देश की रक्षा के लिए जान खतरे में डालकर जिहादी आतंकवादियों का सामना करने वाले देशभक्त सैनिकों,साधु-सन्तो व संगठनों से अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है और न जानें उनके लिए क्या-क्या अपशब्द प्रयोग रहा है।
RSS पर वार-वार हमला कांग्रेस सरकार की इसी देशविरोधी सोच का ही परिणाम है।

अलगाववादी मानसिकता से ग्रसित कांग्रेस ने सामाजिक एकता को तार-तार कर दियाreligions in india

अगर आप ध्यान दें तो आज तक कांग्रेस सरकारों ने जितने भी नियम बनाए हैं उनका आधार कहीं न कहीं जाति-क्षेत्र-सांप्रदाय-भाषा-प्रांत हैं।नियम अलगाववादी अधार पर होने के कारण ही आज लोग जाति-क्षेत्र-सांप्रदाय-भाषा,-प्रांत के आधार पर संगठित होने को मजबूर हैं इसी बजह से आज सब के सब राजनीतिक दलों का आधार भी कहीं न कहीं जाति-क्षेत्र-सांप्रदाय-भाषा-प्रांत ही है परिणामस्वारूप भारत लगातार अन्दर से कमजोर होता जा रहा है।
जरा सोचो जब संविधान में समानता का अधिकार है तो फिर नियम जाति, क्षेत्र, सांप्रदाय, भाषा के आधार पर क्यों?
अलगावावदी मुसलिम लीग व धर्मांतरण के ठेकेदार आज भी हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कांग्रेस के सांझीदार
आज भी कांग्रेस केरल में अलगाववादी मुसलिम लीग व उतर-पूर्व में अलगाववादी इसाई गिरोहों के साथ मिलकर सरकार बनाकर अलगावबाद को बढ़ाबा देती है।
केरल सरकार की इसी अलगाववादी मानसिकता से तंग आकर लबजिहाद से जुड़े मामलों में सरकार द्वारा मुसलिम आतंकवादियों का पक्ष लिए जाने के कारण माननीय उच्च न्यायालय के न्यायधीशों को कहना पड़ा कि लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि लबजिहाद जैसे षडयन्त्रों से पिड़ीत लड़कियों को कभी न्याय मिल सके।

कांग्रेस की अलगावबादी मानसिकता का सबसे बड़ा प्रमाण शाहवानो केश

1984 में जब साहवानो केश में माननीय सर्वोच न्यायलया ने मुसलिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून पारित किया तो उसे ततकालीन कांग्रेस सरकार ने शरीयत का हबाला देकर रद्द कर दिया?
जिसके परिणामस्वारूप इसलाम के नाम पर प्रताड़ित की जा रही मां-बहनों को न्याय मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया व मुसलिम अलगाववाद को नई ताकत मिली।

 

प्रखर देशभक्त सरदार बलभभाई पटेल जी का विरोध

sardar balabh Bhai patel ji1947 में भारत विभाजन के बाद भी जब कांग्रेस की सब इकाईयों ने प्रखर देशभक्त सरदार बलभभाई पटेल जी को प्रधानमन्त्री बनाने का एकजुट फैसला किया तब भी सब हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कांग्रेसियों ने अंग्रेजों के इसारे पर एक कट्टर देशविरोधी-हिन्दूविरोधी नेहरू को विभाजित भारत का प्रधानमन्त्री बनाने में सफलता हासिल की जिसके परिणामस्वारूप देश के विभाजन की जड़ इसलाम को विभाजित भारत में न केवल रखा गया वल्कि विशेषाधिकार देकर भारत को फिर से लहुलुहान करने का वीज वो दिया गया ।

 

प्रखर देशभक्त क्रांतिकारियों का विरोध

आप सब जानते हैं कि जब-जब भी
शहीद भक्त सिंहshaeed ji,
राजगुरू जी,Rajguru jiसुखदेव जीRajguru ji 1,
चन्द्रशेखर आजाद जी Chander Shekhar Azad jiजैसे प्रखर देशभक्त क्रांतिकारियों का अत्याचारी आक्रमणकारी ईसायों(अंग्रेजों) से सामना हुआ तब-तब भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी कांग्रेसियों ने देशभक्त क्रांतिकारियों का साथ देने के बजाय देश के दुशमन सम्राज्यावादी ईसाईयों का साथ दिया।
कितने ही ऐसे देशभक्त क्रांतिकारी हैं जो तन-मन-धन से देश की खातिर लड़ते हुए अपनी लड़ाई को अंजाम तक इसलिए नहीं पहुंचा सके क्योंकि लड़ाई के अंजाम तक पहुंचाने से पहले ही वो गद्दार कांग्रेसियों की मुखवरी के परिणामस्वारूप सम्राज्यावादी ईसाई आतंकवादियों के हमलों के सिकार हो गय।
कौन नहीं जानत कि इन भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी कांग्रेसियों ने इन देशभक्त क्रांतिकारियों को देश के दुशमन ईसाईयों के इसारे पर आतंकवादी तक करार दे दिया।
अपनी हिन्दूविरोधी-देशविरोध की गद्दारी की परम्परा पर आगे बढ़ते हुए ही आज इटालियन अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम कांग्रेस Petro dollar + Us Dollar मतलब कातिल मुसलिम आतंकवादियों के नेता साऊदी अरब व धर्मांतरण के ठेकेदार ईसाई आतंकवादियों के नेता अमेरिका के ईसारे पर ही आज कांग्रेस भारत के हित में उठनेवाली हर आबाज को कुचल देने पर आमादा है।
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ऐसा नहीं कि कांग्रेस ने 2004 से पहले कोई देशविरोधी-हिन्दूविरोधी कार्य नहीं किया लेकिन कांग्रसे पर इटालियन अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के कब्जे के बाद कांग्रेस लगातार हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कार्यों को अन्जाम दे रही है।क्योंकि आज कांग्रेस सरकार पूरी तरह से एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम है इसलिए सरकार के हर देशविरोधी-हिन्दूविरोधी कार्य के लिए यही अंग्रेज जिम्मेदार है।

 

कांग्रेस का हाथ सुरक्षाबलों के बजाए गद्दारों के साथ

2004 में सता में आते ही कांग्रेस की  सरकार ने अर्धसैनिक वलों के जवानों के देश की रक्षा की खातिर शहीद हो जाने पर उनके परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को यह कहकर कम कर दिया कि सरकार के पास पैसे की कमी है लेकिन इसी सरकार ने कशमीरघाटी में भारतीय सेना पर हमला कर सैनिकों को घायल करने व मारने stone pelters in kashmir beating armyवाले भारतविरोधी आतंकवादयों को 5-5 लाख रूपए दकेर सिद्ध कर दिया कि सरकार की नियत देशभक्त सैनिकों का हौसला तोड़कर गद्दारों का हौसला बढ़ाने की है।

कांग्रेस का हाथ बाबर व औरंगजेब जैसे राक्षसों के साथ

मर्यदापुर्षोत्तम भगवान श्रीराम जी द्वारा बनाय गए श्रीलंका और भारत को जोड़ने वाले रामसेतु को ram setuन तोड़ने से जुड़े एक मामले में कांग्रेस की हिन्दूविरोधी-देशविरोधी सरकार ने हल्फनामा देकर मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम जी के अस्तित्व पर प्रश्न खड़े कर एकवार फिर सिद्ध कर दिया कि कांग्रेस के अन्दर हिन्दू-संस्कृति वोले तो भारतीय संस्कृति के प्रति जहर किस हद तक भर चुका है।
यह वही कांग्रेस है जिसके नेता स्वर्गीय राजीब गांधी जी ने 1986 में खुद राममन्दिर में पूजा अर्चना कर अयोध्या में भव्य मन्दिर बनाने के कार्य को आगे बढ़ाया था लेकि आज यही कांग्रेस औरगंजेब व बाबर जैसे राक्षसों को अपना आदर्श मानकर अयोध्या में मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम जी के मन्दिर को मसजिद करार दे रही है।

इसरतजहां मुठभेड़ में कांग्रेस का हाथ एकवार फिर भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ

गुजरात में सुरक्षावलों ने लसकरे तैयवा की आतंकवादी इसरत जहां ishrat jahanको मुठभेड़ में मार गिराया। जिसके जनाजे में महाराष्ट्र के हजारों कांग्रेसियों के साथ समाजवादी पार्टी के गद्दार भी सामिल हुए।महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार ने इसरत जहां के परिवार को लाखों रूपए देने के साथ-साथ उसको निर्दोस भी बताया। हद तो तब हो गई जब महारष्ट्र एटीएस की जांच में व केन्द्री खुफिया ऐजैसियों की जांच में ये तथ्य सिद्ध हो गया कि इसरतजहां एक खूंखार आतंकवादी थी फिर भी कांग्रेस ने सुरक्षावलों का साथ देने के बजाए इस आतंकवादी का ही साथ दिया । अंत में एफबीआई(FBI) ने भी बताया कि हैडली जानता है कि इसरतजहां लसकरे तैयवा की आतंकवादी थी।
मतलब यहां भी कांग्रेस का हाथ गद्दार भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ।

सोरावुद्दीन मुठभेड़ में कांग्रेस का हाथ एकवार फिर भारतविरोधी  आतंकवादियों के साथ

गुजरात में भारतविरोधी आतंकवादी सोराबुद्दीन shorabudeenसुरक्षावलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।इस आतंकवादी के घर से एक दर्जन एक47 व दर्जनों हथगोले प्राप्त हुए। इस आतंकवादी को मारने के विरोध में कांग्रेस ने सीबीआई का दूरूपयोग करते हुए दर्जनों पुलिस अधिकारियों व जवानों को जेल में डाल दिया जो आज तक जेल में हैं। हद तो तब हो गई जब राज्य के गृहमन्त्री को भी जेल में डाल दिया गया।
मतलब यहां भी कांग्रेस का हाथ गद्दार भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ।

कशमीरघाटी में कांग्रेस का हाथ एकवार फिर भारतविरोधी  आतंकवादियों के साथ

कुपवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के बाद सैनिकों ने भारतविरोधी आतंकवादियों को मार गिराया। कांग्रेस ने आतंकवादियों की मौत से बौखलाकर मेजर को बर्खसात कर पूरी की पूरी बटालियन पर ही केस दर्ज कर आतंकवादियों को कांग्रेस का हाथ गद्दारों के साथ होने का सपष्ट प्रमाण दिया। एसा एकवार नहीं की वार हुआ जब कांगेस  सरकार भारतीय सेना के बजाए आतंकवादियों के साथ कड़ी नजर आई।
मतलब यहां भी कांग्रेस का हाथ गद्दार भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ।

कांग्रेस का हाथ भारतविरोधी  आतंकवादी अफजल के साथ

जब माननीय न्यायलय ने लोकतन्त्र के मन्दिर संसद भवन पर हमला करने वाले आतंकवादी मुहम्मद अफजल afzal guruको फांसी की सजा सुनाकर 19 नम्मवर 2006 फांसी की तारीख तय(वेशक हमले का mastermind प्रोफैसर गिलानी कुलदीप नैयर जैसे नकबापोसों की सहायता से बच निकला)  की तो लोकतन्त्र के इस इस मंदिर की रक्षा की खातिर शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों व आहत हुए देशभक्तों के मन में न्याय की उमीद पैदा कर दी तो फिर से भारतविरोधी आतंकवादियों की मददगार सरकार ने इस आतंकवादी की फांसी आज तक मतलब अगस्त 2011 तक रोककर कर एकवार फिर कांग्रेस के भारतविरोधी चरित्र का प्रमाण दे दिया ।
कांग्रेस का प्रखर देशभक्त RSS पर हमला
RSS पर वार-वार हमला कांग्रेस सरकार की इसी देशविरोधी सोच का ही परिणाम है। RSS ने कांग्रेस के हर उस कदम को विरोध किया है जो कांग्रेस ने देशहित के विरूद्ध उठाया। चाहे 1947 में सांप्रदाय के आधार पर भारत के विभाजन की षडयन्त्र हो या फिर 1977 में तानाशाही की बात हो या फिर 1992 में राम मन्दिर को मजजिद बताने की बात हो या पिर 2004 में विदेसी एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के प्रधानमन्त्री बनने की बात हो या पिर आज कशमीरघाटी को पाकिसतान के हवाले करने का षडयन्त्र हो।
सबसे पहले RSS ने कांग्रेस की देश से गद्दारी के विरोध में आबाज उठाई तो बदले में कांग्रेस ने भारतविरोधी मुसलिम आतंकवादियों द्वारा किए गय हमलों का दोश RSS के सिर मढ़कर RSS को आतंकवादी-सांप्रदायिक करार दे दिया।

कांग्रेस का प्रखर देशभक्त स्वामी रामदेव जी पर हमला

Ram Dev jiजब स्वादेशी और देशभक्ति के प्रेरणास्त्रोत स्वामी रामदेब जी ने सारे संसार में भारतीय संसकृति और आयुर्वैदिक चिकित्सा प्रणाली का झंडा पहराते हुए कांग्रेस की आका एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी व अन्य भ्रष्ट लोगों द्वारा विदेशों में जमा करवाय गए कालेधन व नेताओं द्वारा फैलाए गए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो चोरों और गद्दारों की हमसफर व मददगार कांग्रेस सरकार ने स्वामी रामदेव जी को ही भ्रष्टाचारी , आतंकवादी व RSS का मुखौटा करार देकर उन्हें व उनके बालकृष्ण जी जैसे सहयोगियों को बदनाम करने के लिए सब सरकारी ऐजेंसियों को देशभक्त स्वामी राम देव जी व उनके सहयोगियों के पीछे लगा दिया।

कांग्रेस का प्रखर भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे जी पर हमला

anna hajare jiजब अन्ना हजारे जी ने हजारे जी के साथ चल रहे अग्निवेश जैसे कांग्रेस के पुराने मित्रों के ईसारे पर स्वामी राम देव जी से नाता तोड़कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध आबाज उठानी शुरू की तो पहले तो कांग्रेस ने हजारे जी के साथ बातचीत करने की कोशिश की । लेकिन जब कांग्रेस को ऐहसास हो गया कि कांग्रेस का समर्पण कांग्रेस के प्रति न होकर देश के प्रति है तो फिर भारतविरोधी कांग्रेस सरकार ने अन्ना हजारे जी पर भी हमला वोल कर उन्हें भी बलैकमेलर,भर्ष्टाचारी व RSS का मुखौटा करार देकर उनके पीछे भी सब सराकरी ऐजेंसियों को लगा दिया।

कांग्रेस का हाथ मानवताविरोधी  आतंकवादी ओसामा-विन लादेन के साथ

कांग्रेस की असलियत को समझने के लिए इतना ही काफी है कि जो कांग्रेस स्वामी रामदेव जी व अन्ना हजारे जी जैसे प्रखर देशभक्त नागरिकों व RSS जैसे देशभक्त संगठनों को आतंकवादी,सांप्रदायिक,ठग,बलैकमेलर और न जाने क्या-क्या शब्द प्रयोग कर अपमानित करने व सरकारी ऐजेंसियों का प्रयोग कर समाप्त करने की कोशिश कर रही है वही कांग्रेश संसार के सबसे बढ़े राक्षश ओसामाविन लादेन Ladenको ओसामा जी कहकर व इस आतंकवादी को मारने पर सवाल खड़े कर अपनी असलियत सबके सामने रख रही है।
औरंगजेब व बाबर जैसे अत्याचारी राक्षसों को अपना आदर्श मानकर मर्यदापुर्षोत्तम भगवान श्रीराम जी का विरोध करने वाली कांग्रेस व धर्मांतरण के ठेकेदार इसाईयों के बताए मार्ग पर चलकर भारतीय संसकृति का विरोध करने वाली कांग्रेस से भारत का हित चाहने की उम्मीद करना सरासर वेवकूफी है।

हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कांग्रेस का भारतीय संविधान पर हमला

भारतीय संविधान सांप्रदाय के नाम पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता। लेकिन कांग्रेस लगातार सांप्रदायिक आधार पर आरक्षण की न केवल बात कर रही है पर कई राज्यों में तो कांग्रेस ने संविधान का खून करते हुए सांप्रदायिक आधार पर आरक्षण लागू कर अपने भारतविरोधी स्वारूप को और सपष्ट कर दिया है।
2014 के चुनाबों से पहले हिन्दूओं और मुसलमानों को लड़ाने के लिए सांप्रदाय के आधार पर आरक्षण को आगे बढ़ाने की वका3लत करने वाली रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट इन्तजार कर रही है साथ ही Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011
एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम कांग्रेस इस हिन्दूविरोधी अंग्रेज के इसारे पर Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011 के नाम से एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जो न केवल मुसमानों और ईसायों को हिन्दूओं के कतलयाम की खुली छूट देता है पर साथ ही भारतीय संविधान की समानता की मूल भावना का भी खून करता है ।
ये भारतविरोधी इटालियन अंग्रेज का भारतीय संविधान पर ताजा हमला है।

भारतविरोधी कांग्रेस का माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर हमला

जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय supreme courtने कांग्रेस को गद्दारी व चोरबजारी से रोकने की कोशिश की तो कांग्रेस ने माननीय न्यायालय पर ही हमला वोलते हुए माननीय न्यायालय को ही अपनी सीमा मे रहने मतलब कांग्रेस को चोर-बजारी व देश से गद्दारी करने से रोकने की कोशिश न करने की धमकी दे डाली।
ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले भी जब-जब माननीय न्यायलय ने कांग्रेस को संविधान का खून कर देश से गद्दारी करने से रोकने की कोशिश की है तब-तब भारतविरोधी कांग्रेस ने माननीय न्यायालय पर हमला वोलकर मानानीय न्यायधीसों को धमकाने की कोशिस की है।

भारतविरोधी कांग्रेस का संवैधानिक संस्था CAG हमला

जब CAG CAG4ने कांग्रेस द्वारा इटालियन अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के नेतृत्व में देश को लूटने का कच्चा-चिट्ठा खोला तो कांग्रेस ने संबैधानिक संस्था CAG पर ही हमला वोल दिया।
एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी द्वारा विदेश यात्राओं पर देश का धन लुटाने पर आपति करने वाले अधिकारियों का कांग्रेस सरकार ने तबादला कर अपने भारत विरोधी चरित्र का एकवार फिर परिचय दे दिया।

भारतविरोधी कांग्रेस का Electronic Media पर हमला

जब अक्सर देशविरोधियों-हिन्दूविरोधियों की आबाज उठाने वाले Electronic Media ने चोरों और गद्दारों की कांग्रेस सरकार की चोरबजारी से तंग आकर चोरों और गद्दारों के विरूद्ध आबाज उठाकर जनता को जागरूक करना शुरू किया तो सरकार ने पहले तो हजारों करोड़ रूपए के विज्ञापन जारी कर खरीदने की कोशिश की जिसमें 100% सफलता न मिलने के बाद कांग्रेस ने मिडीया को भी धमकाना शुरू कर दिया।
अगर अब भी आप सोचते हैं कि चोरों और गद्दारों की कांग्रेस सरकार देशहित में आबाज उठाने वालों को न बदनाम करेगी , न उनपर हमला करेगी वल्कि देशभक्तों व क्रांतिकारियों  के साथ सम्मानपूर्वक पेश आएगी तब तो आप …


सोमवार, 8 अगस्त 2011

आतंकवादियों के गिरोह PUCL ने माननीय Bombay High Court सहित सम्पूर्ण न्यायापालिका को Communal घोषित कर मालेगांव धमाके की जांच महाराष्ट्र के बाहर करवाने की मांग रखी...-1



माननीय उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त 2011 को मालेगांव धमाके के सबन्ध में जमानत यचिका की सुनवाई के दौरान सबूतों के आधार पर पाया कि शिवनारायण कलसांगरा  व शयाम साहु का मालेगांव धमाके से कोई सरोकार नहीं है ।उन्हें सिर्फ  इसलिए अपराधी करार नहीं दिया जा सकता क्योंकि वो उन लोगों को जानते थे जिन पर धमाके करवाने का संदेह है।

इन्दौर के रहने वाले शिवनारायण कलसांगरा  व शयाम साहु को सरकार ने सिर्फ इसलिए October 23, 2008 को जेल में डाल दिया क्योंकि शिवनारायण कलसांगरा, रामजी कलसांगरा का भाई है व शयाम लाल साहु उसका विजनेस सहयोगी है। रामजी कलसांगरा पर सरकार को संदेह है कि रामजी ने धमाकों में सहयोग किया है।

मानीय न्यायालय द्वारा इन दो निर्दोश भारतीय नागरिकों को जमानत देना ,विदेशियों के टुकड़ों पर पलने वाली व देश के दुशमनों के इसारे पर काम करने वाली भारतविरोधी PUCL को इतना नागवार गुजरा कि उसने सारी न्यायपालिका को ही सांप्रदायिक करार दे डाला।

हमारे विचार में इस भारतविरोधी संस्था पर यथासीघ्र प्रतिबन्ध लगाकर इसके भारतविरोधी कार्यों व देश के शत्रुओं से इसे मिलने वाले धन की जांच कर इसे इसके कुकर्मों की सजा मिलनी चाहिए।

 










रविवार, 7 अगस्त 2011

जब कांग्रेसी नेता भारतीय संस्कृति के प्राण भगवान राम को ही नहीं मानते तो फिर कट्टर ईसाई के स्वास्थय लाभ के लिए मन्दिरों में पूजा-पाठ-यज्ञ के मायने क्या?

वेशक हिन्दू संस्कृति वोले तो भारतीय संस्कृति का दर्शन इतना विशाल है कि हिन्दूओं वोले तो भारतीयों ने दुनियाभर से भारत में आनेवाले गैर हिन्दूओं को अपने यहां उसी तरह जगह दी जिस तरह मां वच्चों को अपने आंचल में जगह देती है।


ये बात और है कि जैसे-जैसे इन गैर हिन्दूओं की जनसंख्या बढ़ी बैसे-बैसे इनकी दुष्टता सामने आने लगी ।अपनी नीच सोच के चलते ही इन गैर हिन्दूओं ने भारत को कई टुकड़ों में विभाजित करवा दिया।आज बचे-खुचे भारत में भी इन गैर हिन्दूओं ने हर तरफ कोहराम मचा रखा है।

जब से CIA ऐजेंट इटालियन एडवीज एंटोनियाअलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी ने 6-6 भारतीयों का कत्ल करवाकर कांग्रेस पार्टीपर कब्जा कर अपनी गुलाम सरकार भारत में बनवाई है तब से ये
कट्टर ईसाई देशभक्त हिन्दूओं को ठिकाने लगाने का कोई मौका नहीं चूक रही है।


अब ये भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी इसाई Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011  के नाम से एक ऐसा कानून बनाबाने की फिराक में है जिससे गैर हिन्दूओं को हिन्दूओं पर हमला करने के बाद कानूनी रूप से सजा मिलना लगभग असम्भव हो जाएगा।

फिर भी ये बौद्धिक गुलाम कॉंग्रेसी मन्दिरों मे जाकर इस भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी के स्वास्थयलाभ के लिए पूजा-अरचना व यज्ञ कर रहे हैं ताकि ये फिर से भारत आकर भारत के मूल निवासी हिन्दूओं को और नुकसान पहूंचा सके।

जब कांग्रेसियों ने भारतीय संसकृति के मूल को ही नकार दिया तो फिर ये सब करने का क्या औचित्य है?

अगर ये सब इस इटालियन अंग्रेज को खुश करने के लिए किया जा रहा है तो कांग्रेसियों को समझना चाहिए कि इस अंग्रेज को भारतीय संसकृति से इतनी नफरत है कि हो सकता है ये कांग्रेसी जो भारतीय संसकृति के अनुसार इस अंग्रेज के स्वास्थय लाभ की कामना कर रहे हैं इसके निशाने पर आ जायें।










शनिवार, 6 अगस्त 2011

जब अन्ना जी को आतंकवादियों के मददगार अग्निवेश से कोई परहेज नहीं तो फिर देशभक्त स्वामीराम देव जी से परहेज क्यों?




देश का हर जागरूक व्यक्ति जानता है कि अग्निवेश हमेशा भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ खड़े दिखाई दिए हैं न केवल भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ खड़े दिखाई दिए हैं वल्कि अग्निवेश ने बढ़चढ़ कर आतंकवादियों का खुलकर साथ भी दिया है।

क्या जनता को याद नहीं कि जब अन्ना जी ने पहलीवार अन्नसन किया तो किस तरह अग्निवेश ने सरकार के प्रति जरूरत से ज्यादा उत्साह दिखाकर अन्ना की टीम को एक अपरिपक्व समझौता करने के लिए गुमराह किया जिसके परिमामस्वारूप सरकार ने न केवल अन्ना के अन्दोलन को बौना सावित करने में सफलता हासिल की पर साथ ही सरकार को स्वामी राम देव जी के अन्दोलन को कुचलने के लिए भी एक आधार मिला।

लेकिन आम लोगों की जिन्दगी में भ्रष्टाचार ने इस कदर जहर घोला है कि हमारे जैसे भारतविरोधी आतंकवादियों के कट्टरविरोधीयों को भी लगता है कि अगर अग्निवेश जैसे भारतविरोधी लोग भी अगर भ्रष्टाचार के विरूद्ध आबाज उठाकर अपने पाप धोकर भारत का कुछ भला करना चाहते हैं तो उनका विरोध नहीं वल्कि समर्थन होना चाहिए ।

लेकिन अग्निवेश जैसे लोग जिस तरह अन्ना जी को उन स्वामी राम देव जी के विरूद्ध खड़ा करने की कोसिस कर रहे हैं जो न केवल भारतीय जीवन पद्धति वल्कि भ्रष्टाचारविरोधी लड़ाई के भी मुख्य प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। ये काम अपने आप आम जनता को भ्रमित करने के लिए काफी है।आम जनता को भ्रमित करने का मतलब है चोरों ,गद्दारों और आतंकवादियों की समर्थक सरकार द्वारा अन्दोलन को कुचलने क काम आसान करना।

कौन नहीं जानता कि आज अन्ना की टीम को उतर भारत में आम जनता तक पहूंचाने का सारा श्रय स्वामी राम देव जी को ही जाता है। अगर स्वामी राम देव जी अन्ना व उनके साथियों का परिचय भारत की आम जनता से नहीं करवाते तो अन्ना की टीम भी वाकी लाखों छोटी-मोटी टीमों की तरह दर-दर की ठोकरें खा रही होती कभी एक गली में तो कबी दूसरी गली में।

हमारा कतई ये मकसद नहीं कि इन दोनों की तुलना की जाए लेकिन जिस तरह की हठधर्मिता अन्ना जी की टीम दिखा रही है उससे भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।

अन्ना जी की टीम को समझना चाहिए कि ये मामला न उनकी टीम का निजी मामला है ,न स्वामी राम देव जी का, वल्कि ये मामला देश की जनता का है । देश की जनता की दुख तकलीफों को दूर करने खातिर अन्ना की टीम को स्वामी राम देव जी का विरोध त्यागकर एकजुट होकर चोरों और गद्दारों के विरूद्द लड़ना चाहिए ।

अन्त में हम इतना ही कहेंगे कि अन्ना जी की टीम को खुद से एक स्वाल जरूर पूछना चाहिए कि कहीं सवामी राम देव जैसे देशभक्त का विरोध कर व स्वामी अग्निवेश जैसे भारत विरोधी को साथ लेकर वो लोग खुद ही तो भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई की कहीं कबर तो नहीं खोद रहे?

अब अन्ना की टीम को कौन समझाए कि एकता में बल है Means United we stand divide we fall.






गुरुवार, 4 अगस्त 2011

Half Indian(Rahul Gandhi) व गद्दार कांग्रेसियों का भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी दुशप्रचार Christian USA को प्रभावित करने में सफल रहा…


वोट पाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना कोई बुरी बात नहीं । लेकिन कांग्रेस द्वारा RSS के बहाने हिन्दूओं व भारत के विरूद्ध किया जा रहा दुशप्रचार देशद्रोह व गद्दारी की हर सीमा को पार कर चुका है।

 जिस तरह देशभक्ति व स्वादेशी की भावना से संचालित RSS ने 0% INDIAN मतलब Italian एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी का भारत का प्रधानमन्त्री वनना लगभग नामुमकिन बना दिया उससे जले-भुने चर्च ने एडवीज व उसकी कुलाद  Half Indian(Rahul Gandhi) के साथ मिलकर एक ऐसी योजना बनाई जिसमें मुसलमानों (आज वेशक मुसलमान खुश हो रहे हैं लेकिन आगे चलकर बहुत पछतायेंगे)को हथियार वनाकर RSS को आतंकवादी संगठन घोषित कर भारत में उठने वाली देशभक्ति की हर आबाज को हमेशा के लिए कुचल देना प्रमुख है।

चर्च का RSS पर इस तरह आगबबूला होना कोई आसामान्य घटना नहीं क्योंकि चर्च ने अपनी एजेन्ट एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी  को भारत के सबसे बड़े राजनितिक दल का प्रमुख बनाने के लिए 6-6 लोगों का कत्ल करवाया था। ये वो लोग थे जिनके जिन्दा रहते चर्च की ऐजेंट का भारत का सताधारी पार्टी का सर्वेसर्वा बनना लगभग नामुमकिन था।(अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें)


अब आप सोचो कि जिस चर्च ने इतने षडयन्त्र कर अपनी ऐजेंट को यहां तक पहुंचाया था उसी को RSS ने जिस तरह से रोक दिया क्या चर्च इसकी कीमत चुकाए विना RSS को यूं ही छोड़ देगा तो यह कभी सम्भव नहीं।

अमेरिका, जिसके राष्ट्रपति का पहला काम चर्च की रक्षा करना मतलब चर्च की योजनाओं को आगे बढ़ाना है, के इसारे पर चिदंवरम दिन-रात एक कर RSS को आतंकवादी सिद्ध करने के लिए एक के बाद एक निर्दोष हिन्दूओं को जेल में डालकर(वेशक अभी तक उनमें से एक पर भी आरोप सिद्द नहीं हुआ उल्टा अदालतों ने पाया कि ये लोग निर्दोष हैं) भगवा आतंकवाद-भगवा आतंकवाद चिलाकर  भारत को आतंकवादी देश करार दे रहे हैं तो ये एक लम्बी योजना का हिस्सा है।

इस योजना पर UPA बढ़े आराम से आगे बढ़ रहा था उसे लगता था कि RSS को बदनाम कर देने के साथ ही देश में कोई भी अब देशभक्ति की दिशा में आगे बढ़ने का साहस नहीं करेगा लेकिन स्वामी राम देव जी के नेतृत्व में भारतस्वाभिमान ने  UPA के इस भ्रम के तोड़ा ही नहीं वल्कि चकनाचूर भी कर दिया। स्वामी जी के इस काम में अन्ना जी ने भी हाथ बंटाया ।इसीलिए तो कांग्रेस इन्हें RSS के बता रहे हैं। बात फंसती देखकर चोरों और गद्दारों की सरदार इटालियन व उसकी Half Indian कुलाद ने अमेरिका से सीधे हस्तक्षेप की गुहार लगाई

इसी योजना को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका ने ये घोषणा की है
 अब तो जागो मेरे देसभक्त भाईयो वरना कहीं ऐसा न हो कि हालात वहां तक पहंच जांयें जहां आपके जागने पर भी बात न बन पाए.....

बुधवार, 3 अगस्त 2011

लिखें तो क्या और क्यों व किसके लिए?

सच कहें तो अब लिखने का विलकुल मन नहीं करता

हम लिखते थे गद्दार भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष 

आतंकवादियों की असलियत अपने  सुप्त बौद्दिक गुलाम

देशवासियों खासकर हिन्दूओं के सामने रखकर

उन्हें जागृत करने के लिए। लेकिन आज हालात ये हैं

कि  electronic व print media  आए दिन कभी दवी तो

कभी खुली जुवान में देशवासियों को

धर्मनिरपेक्षतावादियों की काली करतूतों चाहे वो

भ्रष्टाचार के रूप में हों या फिर भारतविरोधी

आतंकवादियों का समर्थन कर देश की सभ्यता और

संसकृति को नष्ट करने के षडयन्त्र के रूप में हों, का खूब

प्रचार कर रहा है।

उधर जो सच में देश के लिए मर मिटने का जजबा रखते

हैं  वो आज जेलों का रूख कर चुके हैं। चाहे वो साध्वी

प्रज्ञा सिंह ठाकुर जी हों या फिर लैफ्टीनैंट कर्नल पुरोहित

जी या फिर दाय नन्द पांडे जी या फिर शवरी माता

कुम्भ के माध्यम से एक साथ 300 गांव को वापिस

भारतीय संसकृति और सभ्यता के प्रति लाने वाले

परम्पूजनीय सवामी आसीमानन्द जी हों और  तो और

अब तो युगपुरूष स्वामी रामदेब जी व आचार्य बालकृष्ण

जी भी, गद्दार धर्मनिर्पेक्षतावादियों की लूट के विरूद्ध मुंह

खोलकर खासकर इन सब गद्दारों की मां इटालियन

एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया

गांधी  के 840000 करोंड़ रूपए के काले धन के विरूद्ध

जुवानखोलकर अब जेल की ओर रूख करते हुए लगते हैं।


CAG में काम कर रहे देशभक्त क्रांतिकारियों ने इस


धर्मनिरपेक्ष गिरोह की लूट के हर किस्से को देश के


सामने रखा है  कम से कम दो अधिकारियों ने तो चोरों


और गद्दारों की सरदार इटालियन एडवीज एंटोनिया

अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी द्वारा लुटे व लुटाए

जा रहे देश के धन पर प्रश्न उठाकर  अपने पद तक गंवा

दिए।

माननीय सर्वोच न्यायालय ने  धर्मनिरपेक्ष गिरोह की


सरकार  द्वारा किए जा रहे देशविरोधी कार्यों के वि्रूद्ध हर


हाल में आबाज उठाई और इतनी बुलंद आबाज उठाई कि


कोई बैहरा भी सुन ले।


RSS ने भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष गिरोह  द्वारा देश से की


जा रही गद्दारी के विरूद्ध आबाज उठाई तो RSS

आतंकवादी

स्वामी रामदेव जी व आचार्य वालकृष्ण जी ने धर्मनिर्पेक्ष


गिरोह की चोर बजारी के विरूद्ध आबाज उठाई तो 


स्वामीराम देव जी आतंकवादी

CAG ने कांग्रेस द्वारा मचाई गई लूट जनता के सामने


रखी तो CAG गैरकानूनी और झूठा


माननीय न्यायालय ने कांग्रेस द्वारा किए जा रहे गैर


कानूनी  कुकर्मों पर चाबुक चलाया तो माननीय


न्यायालय का काम गैर कानूनी


अन्ना जी ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध आबाज उठाई तो वह भी


आतंकवादी


अब आप सोचो कि जिस चोरों और गद्दारों की सरकार पर

इस सब का कोई असर नहीं भला उस पर हमारे लिखने

का क्या असर होगा?