देश का हर जागरूक व्यक्ति जानता है कि अग्निवेश हमेशा भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ खड़े दिखाई दिए हैं न केवल भारतविरोधी आतंकवादियों के साथ खड़े दिखाई दिए हैं वल्कि अग्निवेश ने बढ़चढ़ कर आतंकवादियों का खुलकर साथ भी दिया है।
क्या जनता को याद नहीं कि जब अन्ना जी ने पहलीवार अन्नसन किया तो किस तरह अग्निवेश ने सरकार के प्रति जरूरत से ज्यादा उत्साह दिखाकर अन्ना की टीम को एक अपरिपक्व समझौता करने के लिए गुमराह किया जिसके परिमामस्वारूप सरकार ने न केवल अन्ना के अन्दोलन को बौना सावित करने में सफलता हासिल की पर साथ ही सरकार को स्वामी राम देव जी के अन्दोलन को कुचलने के लिए भी एक आधार मिला।
लेकिन आम लोगों की जिन्दगी में भ्रष्टाचार ने इस कदर जहर घोला है कि हमारे जैसे भारतविरोधी आतंकवादियों के कट्टरविरोधीयों को भी लगता है कि अगर अग्निवेश जैसे भारतविरोधी लोग भी अगर भ्रष्टाचार के विरूद्ध आबाज उठाकर अपने पाप धोकर भारत का कुछ भला करना चाहते हैं तो उनका विरोध नहीं वल्कि समर्थन होना चाहिए ।
लेकिन अग्निवेश जैसे लोग जिस तरह अन्ना जी को उन स्वामी राम देव जी के विरूद्ध खड़ा करने की कोसिस कर रहे हैं जो न केवल भारतीय जीवन पद्धति वल्कि भ्रष्टाचारविरोधी लड़ाई के भी मुख्य प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। ये काम अपने आप आम जनता को भ्रमित करने के लिए काफी है।आम जनता को भ्रमित करने का मतलब है चोरों ,गद्दारों और आतंकवादियों की समर्थक सरकार द्वारा अन्दोलन को कुचलने क काम आसान करना।
कौन नहीं जानता कि आज अन्ना की टीम को उतर भारत में आम जनता तक पहूंचाने का सारा श्रय स्वामी राम देव जी को ही जाता है। अगर स्वामी राम देव जी अन्ना व उनके साथियों का परिचय भारत की आम जनता से नहीं करवाते तो अन्ना की टीम भी वाकी लाखों छोटी-मोटी टीमों की तरह दर-दर की ठोकरें खा रही होती कभी एक गली में तो कबी दूसरी गली में।
हमारा कतई ये मकसद नहीं कि इन दोनों की तुलना की जाए लेकिन जिस तरह की हठधर्मिता अन्ना जी की टीम दिखा रही है उससे भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
अन्ना जी की टीम को समझना चाहिए कि ये मामला न उनकी टीम का निजी मामला है ,न स्वामी राम देव जी का, वल्कि ये मामला देश की जनता का है । देश की जनता की दुख तकलीफों को दूर करने खातिर अन्ना की टीम को स्वामी राम देव जी का विरोध त्यागकर एकजुट होकर चोरों और गद्दारों के विरूद्द लड़ना चाहिए ।
अन्त में हम इतना ही कहेंगे कि अन्ना जी की टीम को खुद से एक स्वाल जरूर पूछना चाहिए कि कहीं सवामी राम देव जैसे देशभक्त का विरोध कर व स्वामी अग्निवेश जैसे भारत विरोधी को साथ लेकर वो लोग खुद ही तो भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई की कहीं कबर तो नहीं खोद रहे?
अब अन्ना की टीम को कौन समझाए कि एकता में बल है Means United we stand divide we fall.
2 टिप्पणियां:
aap ki bat bilkul sahi hai,jab dono ka maksad ak hai to ;;BABA RAM DEV JI''ko alag karke anna kabhi bhi safal nahi ho sakte ....badhiya lekh ..badhyee
Gadhi badiyo aur rashtra badiyo me yahi antar hai ,anna hazare to soniya dwara prayojit hai kyo ki agnivesh jaisa desh drohi उनके साथ हो सकता hai lekin desh bhakt nahi.
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