मित्रो आप सब जानते हैं कि भाजपा आज ऐसे निठलों से भरी पड़ी
है जो दिल्ली में बैठकर हिन्दू हित के लिए काम करने के बजाए हर वक्त निजी हित के
वारे में सोचते रहते हैं अब अगर ऐसे निठलों के साथ भाजपा की कमान मोदी जी जैसे
जुझारू व्यक्ति को मिल भी जाए तो वो कुछ भी ऐसा नहीं कर पायेंगे जिसकी आज देश उम्मीद
कर रहा है...अडवानी जी ने गोआ न जाकर मोदी जी को ये सपष्ट कर दिया कि कौन-कौन लोग
हैं जो भारत और भाजपा में क्रांतिकारी परिवर्तन के बजाए यथास्थिति बनाए रखकर अपनी
राजनिती चमकाय रखना चाहते हैं ...अगर हम अडवानी, उमा भारती और विनय कटियार जी को
छोड़ दें तो गोआ न जाने वालों में एक भी वयक्ति ऐसा नहीं जिसने कभी हिन्दू-हित के
लिए बाज उठाई हो...आप सब जानते हैं कि यशवन्त सिंन्हा, शत्रुधन सिन्हा, जसवन्त
सिंह जैसे दर्जनों नेता ऐसे हैं जिनकी अपनी कोई हैसियत नहीं किसी को चुनाब जिताने
की...बैसे भी मोदी जी को अपना काम चलाने के लिए जयादा नेताओं की जरूर नहीं...One Man Army हैं मोदी जी....यही सबसे बड़ी बजह है मोदी जी के विरोध की ...मित्रो अगर मोदी
जी एकवार भाजपा की कमान अपने हाथ में लेने में समर्थ हो गए तो वो समय दूर नहीं जब
ये सब निठले नेता या तो काम करते हुए नजर आयेंगे या फिर हासिए पर चले जायेंगे...आप
सबको पता है कि अडवानी जी का असली वक्त था 2004 लेकिन सेकुलर अटल के सामने मोदी की
एक न चली और भाजपा आज अपने अन्तिम दौर की ओर अग्रसर है... आज मोदी जी भी अगर
सेकुलर अडवानी से हार गए तो भाजपा को पूर्णविराम लगने में देरी नहीं लगेगी इतनी छोटी
सी बात इतने बड़ी बड़े नेताओं को समझ क्यों नही आ रही ये हमारी समझ से परे
है....हम सब जानते हैं कि सेकुलर गद्दारों की फूट डालो और राज करो की योजना इतनी
जबरदस्त है कि उसमें से देश को बाहर निकालना किसी के बस की बात नहीं बस मोदी जी से
एक उम्मीद बनती है उम्मीद इसलिए कि आज तक मोदी ने सेकुलर ग्दारों को हर क्षेत्र मे
पछाड़ा है इसीलिए तो कल सलमान कुर्शीद कह रहे थे कि मोदी के नाम से अगर भाजपा के
ही नेता काँपते हैं तो जरा सोचो कि सेकुलर ग्दार नेताओं की क्या दुर्गति होती होगी
...मोदी जी भी तभी सफल हो सकते हैं जब वो हर टिक्ट सोच समझ कर ऐसे नेताओं को दें
जो हर तरह की गुटवाजी के बजाए सिर्फ और सिर्फ हिन्दूहित-देशहित के लिए समर्पित हैं
न कि अपने-अपने हित व खानदान के लिए ...बरना जेतली, सुषमा जैसे सेकुलर ऐसे नेताओं
को टिकट दिलवायेंगे कि भाजपा जीत के भी हार जाएगी...इस सारे संघर्ष ने मोदी जी को
बता दिया है कि पूरी की पूरी भाजपा को Shock Treatment…की जरूरत है और हाँ जो नेता हर वक्त एन डीए का राग अलापते रहते हैं उन्हे
चाहिए कि वो घुटन में जीने के बजाए या फिर भाजपा व देश से छुपकर गद्दारी करने के
बजाए सीधे जाकर सेकुलर गद्दारों के साथ मिल जायें और खुलकर गद्दारी करें ताकि
हिन्दू क्राँतिकारियों को ये पहचानने में दिक्कत न हो कि किस सेकुलर गद्दार को
गोली मारनी है और किसको नहीं … मित्रो अन्त में हम सिर्फ इतना ही कहेंगे कि हिन्दूओं को
भारतविरोधी आतंकवादियों और उनके सेकुलर गद्दार समर्थकों से उतना खतरा नहीं जितना खतरा उन आसतीन के साँपों से है जो
हिन्दूहित देशहित का काम करने वाले संगठनों से जुड़कर सेकुलर गद्दारों के साथ Fixing कर भारत और हिन्दूओं को लहुलुहान करने में उनकी मदद करते हैं और पिर खुद धर्मनिरपेक्षता का राग अपना कर हिन्दू संगठनों की विश्वसनीयता को खतरे में डालते
हैं अडवानी जी ने गोआ न जाकर मोदी जी को ऐसे ही आसतीन के सांपो से मुक्ती पाने का
सुनहरा अबसर प्रदान किया है... हमें उम्मीद ही नहीं
भरोसा भी है कि मोदी जी इस अबसर का भरपूर लाभ उठाकार भाजपा और भारत को इन सेकुलर
गद्दारों से मुक्त करायेंगे...
2 टिप्पणियां:
बहुत सही लेकिन बिचार पुर्बक संगठन में सबको नसत लेकर चलने की जरुरत है लेकिन इस समय आडवानी का कृत्या निंदनीय है.
door ke dhol suhavne .
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