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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

शनिवार, 25 मई 2013

मित्रो अगर सरकार ने सैनिकों , सिपाहियों और आम जनता को इनसान माना होता तो आज नेताओं का इस तरह कत्ल न होता


मित्रो हमें बहुत दुख है कि बामपंथी आतंकवादियों के प्रखर विरोधी व देशभक्त नेता महेन्द्र कर्मा जी शहीद हो गए वो भी वामपंथी आतंकवादियों के हाथों ।जो वाकी लोग मारे गए उनमें से भी अधिकतर निर्दोष थे जिनका केन्द्र सरकार की आतंकवाद समर्थक नीतियों से कोई बास्ता नहीं था। लेकिन बामपंथी आतंकवादियों का ये कोई पहला हमला नहीं ...इससे पहले भी ये वामपंथी आतंकवादी दर्जनों हमले कर चुके हैं लेकिन इससे पहले इन आतंकवादियों के हाथों एक साथ इतने नेता कभी नहीं मारे गए...इससे पहले वामपंथी आतंकवादियों के हमलों में सबसे ज्यादा सुरक्षा बलों के जवान और आम लोग मारे गए
(अब तक हुए हमले:-17 जुलाई, 2007: करीब 800 हथियारबंद नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में हमला किया। 25 मरे, 32 घायल हुए और 250 लोग लापता हो गए।-मार्च 2008 में सांसद बलीराम कश्यप के काफिले पर हमला -मार्च 2008 में वन मंत्री विक्रम उसेंडी के काफिले पर हमला।-जुलाई, 2009: राजनंदगांव में 28 सुरक्षाकर्मियों की सुरंग विस्फोट कराकर हत्या।-26 सितंबर, 2009: भाजपा सांसद बलिराम कश्यप की जगदलपुर में हत्या।-अप्रैल, 2010: माओवादियों ने 73 सीआरपीएफ जवानों की हत्या कर दी।-17 मई, 2010: नक्सली धमाके में 14 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 35 लोग मारे गए।-अक्टूबर 2011 को विधायक डमरूधर पुजारी के निवास पर धावा -जुलाई, 2011 को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के काफिले पर हमला -अक्टूबर, 2011: बस्तर में छह सुरक्षाकर्मियों की हत्या।-जुलाई, 2011: दंतेवाड़ा में 10 पुलिसकर्मियों की हत्या।-अगस्त, 2011: नक्सली हमले में 11 पुलिसकर्मी मारे गए।-जनवरी, 2012 में विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला -मई, 2012 में महिला बाल विकास मंत्री लता उसेंड़ी के बंगले में हमला -अप्रैल, 2012 में संसदीय सचिव महेश गागड़ा के काफिले पर हमला -नवंबर, 2012 में पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के बुलेटफ्रूफ वाहन पर हमला।-12 मई, 2013: सुकमा में दूरदर्शन केंद्र पर हमला। चार जवान शहीद।) ......
अगर हम थोड़ा ध्यान से मुल्यांकन करें तो पायेंगे कि सुरक्षा बलों में भर्ती होने वाले अधिकतर जवान आम आम परिवारों से ही होते हैं ...यही बजह है कि युवराज और महारनी की गुलामी की मानसिकता बाले सेकुलर गद्दारों और मिडीया को ये हमले मामूली  हमले नजर आए ...वरना ऐसे कैसे हो सकता था कि मिडीया और सेकुलर गिरोह 73  जवानों को जिन्दा जलाने की घटना को सबसे बड़ा हमला कहने के बजाए ...12 नोताओं के मारे जाने को सबसे बड़ा हमला कहता...मित्रो अगर सरकार ने सैनिकों , सिपाहियों और आम जनता को इनसान माना होता तो आज नेताओं का इस तरह कत्ल न होता लेकिन बहुत दुख से कहना पड़ता है कि सेकुलर गिरोह ने देशभक्तों को हराने के लिए आतंकवादियों को ही अपना वोट बैंक मान लिया है इसीलिए तो इस गिरोह की सरकार 100000 निर्दोश देशभक्त जनता पर तो रात के अन्धेरे(4 जून रामलीला मैदान) में हमला करवा सकती है लेकिन देश के दुशमन आतंकवादियों के लिए इस सकार की हर तरह की ममता हिलोरे लेने लगती है...आपको याह होगा इसी सरकार के गृहमन्त्री ने भारतविरोधी वामपंथी और इसलामिक आतंकवादियों को अपना भाई बताया था...आपको याद होगा कि दिल्ली में आतंकवादियों को मारने के बाद शहीद होने वाले शहीद मोहनचन्द शर्मा को किस तरह अपमानित किया गया और किस तरह सलमान खुर्शीद के अनुशार मारे गए इसलामिक आतंकवादियों के लिए सोनिया गाँधी फूट-फूट कर रोई....इसी तरह लन्दन में हिथरो हबाई अड़्डे पर हमले के आरोप में पकड़े गए इसलामिक आतंकवादी की  मनमोहन सिंह को इतनी चिन्ता हुई कि उसे सारी रात नींद न आई...आम लोगों से गद्दारी यहीं रूक जाती तो गनीमत थी ...लेकिन देश से गद्दारी नहीं रूकी आपको याद होगा कि जब छतीसगढ़ सरकार ने वामपंथी आतंकवाद के मास्टर मांईड विनायक सेन को पकड़ा और उस पर देशद्रोह का मुकद्दमा चलाया तो सारे सेकुलर गिरोह ने एकजुट होकर उसको छुडवाने के लिए जोर लगा दिया और केन्द्र सरकार के सहयोग से उसे छुड़वाने में सफलता भी हासिल कर ली...मित्रो हद तो तब हो गई जब इस वामपंथी आतंकवादी विनायक सेन को सोनिया गांधी ने अपनी सलाहकार परिषद में सामिल कर लिया मतलब उस परिषद में जिसके ईसारे पर केन्द्र सरकार काम कर रही है अब जब सरकार ही आतंकवादियों के इसारे पर काम करेगी तो वो आतंकवादियो की तरह देशभक्त लोगों पर हमला वोलेगी और आतंकवादियों का बचाब करेगी ...वही हो रहा है आतंकवादियों के हमले में मारे गए कांग्रेसियों व उनके परिजनों की मुसीबतों के लिए आतंकवादियों को अपना मित्र बनाने वाली सोनिया गाँधी है न कि कोई और...आपको याद होगा कि जब गृहमन्त्री P Chidambaram वामपंथी आतंकवादियों से निपटने के लिए योजना लागू करने लगे तो किस तरह दिगविजय सिंह जैसे सोनिया गांधी के समर्थकों ने उनकी योजना की सार्वजनिक रूप से अलोचना कर उस पर दबाब बनाकर उसे रूकवा दिया ...इसी तरह राज्य सरकार द्वारा जब कभी भी आतंकवादियों के बिरूद्ध कार्यवाही की गई तो बजाए सरकार के साथ खड़े होने के सोनिया गांधी आतंकवादियों के साथ खड़ी हो गई...आप सबको पता होगा कि पिछले 9 वर्षों में जिस किसी ने भी आतंकवादियों को मारा या फिर आतंकवादियों के बिरूद्ध जुवान खोली वो सब आज जेल में हैं हैरानी की बात तो ये है कि आतंकवादियों को मारने वाले सैनिकों तक को न बख्सा गया...पुलिस की तो ताकत ही क्या है...और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे लोगों जो आतंकवादियों के बिरूद्ध सिर्फ बोलते थे  तक को जेलों में बन्द कर दिया...आगे भी कोई आतंकवादियों भारतविरोधियों के बिरूद्ध न वोल सके इसका पक्का प्रबन्ध करने के लिए Communal Violence Act 2011 लाया गया...Encounter Specialists तक को न बख्सा गया...आज मोदी जी को छोड़कर सतापक्ष और विपक्ष में एक भी बड़ा नेता ऐसा नहीं जिसका खौफ आतंकवादियों को हो क्योंकि SAUDI ARBIA & US  से मिलने वाले DOLLAR  से मालामाल होकर सबकेसब नेता सेकुलर(भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी) हो लिए...अब तो लगता है चीन ने भी इनकी जेबें बरना शुरू कर दिया है ...मित्रो बुरा न मानना यही बास्तविकता है कि गाँधीबाद और धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में इन सब सेकुलर नेताओं ने भारत की समस्याओं को इस हद तक उलझा दिया है कि अब हालात गृहयुद्ध की तरफ तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और अगर इन सेकुलर गद्दारों को न रोका गया तो सब भारतविरोधी आतंकवादी एकसाथ हमला वोलकर भारत में कुछ भी करने की ताकत हासिल कर चुके हैं इसका सबसे बड़ा प्रमाण है राहुल विन्शी का दोस्त अकबरूद्दीन ओबैसी जो बारबार खुलेआम कह रहा है कि हमारी पार्टी वेशक छोटी है लेकिन हमने पूरे भारत को बम धमाके तरके हिला दिया है और हम जब चाहें तब हिन्दूओं का कत्ल कर भारत को खत्म कर दें ..मजेदार बात ये कि इसके बाद भी ये आतंकवादी जेल में होने के बजाए अपनी विधानसभा और लोकसभा सदस्यता बरकरा रखते हुए खुलेआम घूम रहे हैं .....बैसे भी 16 लाख सेना वाली सरकार जिस आतंकवादी के साथ खड़ी हो जाए उस आतंकवादी को कौन हाथ डाल सकता है...मित्रो 16 लाख की सेना वाली ये सरकार जब आतंकवादियों के बिरद्ध खड़ी हो जाएगी तब आतंकवादियों और उनके समर्थकों का नमोनिसान तक वाकी न बचेगा...एकवार सच्चे देसभक्त को चुनकर तो देखो

Why I Support RAJA VIRBHADRA SINGH & NOT P K DHUMAL


मित्रो आज हम सिर्फ आपको ये सप्षट करने के लिए लिख रहे हैं कि किस तरह ये दो लोग जो आज हिमाचल की राजनीति का केन्द्र हैं अपनी-अपनी पार्टियों में होते हुए भी पार्टियों के कार्यक्रमों से उपर उठ कर अपनी-अपनी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं...एक प्रखर राष्ट्रवाद का मार्ग छोडकर और दूसरा उसे अपनाकर
ऐसा क्यों?
आओ पहले बात करते हैं प्रमे कुमार धूमल जी की ...धूमल जी दो वार हिमाचल के मुख्यमन्त्री रहे और अपने कार्यकाल में इन्होंने एक भी ऐसा धमाकेदार काम ऐसा नहीं किया जिससे भाजपा के मूल वोटर से सबन्धित लोगों को कोई भी राहत मिल सके...जैसे अधिकर Think Tank ये मानते हैं कि भाजपा को स्वर्ण मतलब अगड़ी जातियों के ज्यादा बोट मिलते हैं लेकिन प्रेमकुमार धूमल ने एक भी कार्यक्रम ऐसा नहीं चलाया जिससे इन जातियों से सबन्धित वेरोजगार नौजवनों को किसी भी तरह की राहत मिल सके...उल्टा ऐसे कार्यक्रम जरूर चलाए जिससे इन जातियों से सबन्धित वेरोजगार नौजवानों की मुसकिलें और बढ़ीं...
राजा साहब की पार्टी की हैं पर धूमल साहब यहां क्यों?
हम सब जानते और सुनते हैं कि भाजपा और संघ के रिस्ते बहुत अच्छे रहे हैं हिमाचल में लेकिन हमारे विचार में असलियत इसके विलकुल विपरीत है...धूमल जी ने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में एक भी कानून ऐसा नहीं बनाया जिससे हिन्दूत्वनिष्ठ वोटर खुलकर कह सके कि देखो हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार ने हिन्दू हित में ये काम किया है...हमारा मानना है कि जो सरकार हिन्दूहित में काम न करे वो देशहित में काम नहीं कर सकती।
आप कहेंगे कि हिमाचल में ऐसा क्या काम हो सकता था? आप सब जानते हैं कि हिमाचल के अधिकतर बड़े मन्दिर सरकार के कब्जे में हैं और इन मन्दिरों में भक्तों द्वार दान किया गया पैसा सरकार द्वार गैर धार्मिक कार्यक्रमों में खर्च किया जाता है ...हमारा साफ विचार है कि जब मसजिद-चर्च में होने वाली कमाई के मालिक सिर्फ मुसलमान और ईसाई हैं तो फिर हिन्दूओं के मन्दिरों से होने वाली कमाई के मालिक सिर्फ हिन्दू हैं और इस कमाई को सिर्फ हिन्दू हित में ही प्रयोग किया जाना चाहिए ...इसके लिए हमने संघ के एक अधिकारी के माध्यम से सरकार तक ये बात पहुंचाई थी कि हिमाचल में हिन्दू मन्दिर प्रबन्ध कमेटी(HMPC) का गठन कर सब मन्दिरों को उसके अधीन कर हिन्दूओं का हक हिन्दूओं के हबाले किया जाए...बैसे भी जब सरकारें सेकुलर हैं तो फिर सांप्रदायिक(हिन्दू)  पैसे पर कब्जा कैसे कर सकती हैं हमारे(हिन्दूओं) लिए सेकुलर गद्दार इसी शब्द का प्रयोग करते हैं...हमारा विचार बिलकुल सपष्ट है कि ऐसे महौल में जब केन्द्र सरकार की अधिकतर योजनायें हिन्दूओं के हक छीन कर गैर हिन्दूओं के हबाले करने के लिए बनाई जा रही हैं तो फिर मन्दिरों के पैसे से गरीब हिन्दूओं के बच्चों की पढ़ालिखाई, गरीब लड़कियों की शादी के लिए, व असहाय गरीब बीमार हिन्दूओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाना चाहिए ।
आप सबको जानकारी है कि पिछले पांच वर्ष सरकार चलाकर धूमल जी ने ऐसा कुछ नहीं किया उल्टा हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को असुविधा पैदा करने के लिए उच्च सरकारी पदों पर गैर हिन्दूत्वनिष्ठ अधिकारियों(खासकर बामपंथियों) को बिठाकर इन संगठनों के लोगों द्वारा अपने प्रभाव का प्रयोग कर कमजोर हिन्दूओं की सहायता करने की किसी भी मन्शा पर पानी फेर दिया।
दूसरी तरफ राजा साहब एक ऐसी पार्टी में हैं जिसका मूल ऐजेंडा हिन्दूविरोध खासकर स्वर्ण जातियों के विरोध पर अधारित है लेकिन राजा साहब ने कभी भी केन्द्रीय नेतृत्व की हिन्दूविरोधी नितीयों का अनुशरण न करते हुए ऐसे कामों को अंजाम दिया जो एक प्रखर देशभक्त ही अन्जाम दे सकता है।
सच कहें तो हमने कभी भी जाति अधारित संरचना का समर्थन नहीं किया लेकिन जब हम देखते थे कि स्वर्ण जातियों के लोग 1983 में कार्यालय में नाम दर्ज करवाने के बाबजूद वेरोजगार हैं व उनके लिए सोचने वाल कोई नहीं ऐसे में राजा साहब एक ऐसी निती बनाकर सामने आए जिसमें कि योग्य वेरोजगार लोगों से कुछ जिलों में नौकरी के लिए आबेदन मांगे गए और मजेदारबात ये है कि जिसने भी आबेदन किया उसकी नौकरी लग गई...
इसी तरह राजा साहब कई बार ऐसी योजनायें लेकर सामने आए जिसमें कि पार्टी के लिए काम करने वाले लोगों को रोजगार का अबसर प्रदान हुआ जबकि धूमल जी ने एकबार भी अपने कैडर की परवाह नहीं की ..
हो सकता है कि कुछ लोगों को हमारी ये बात सही नहीं लगे लेकिन उन्हें समझना होगा कि राजनीतिक दलों का आधार उनका कैडर होता है और जब कैडर भूखा मरेगा तो उस दल का वोट बैंक अपने आप कम हो जाएगा..यही गलती अटल जी ने की थी अपने कैडर को खुश करने के बजाए उर्दू शिक्षकों की भर्ती, राममन्दिर के वाकी बचे परिसर को सरकारी कब्जे में करने जैसी घोषणायें कर हिन्दूविरोधियों  को खुश करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों की छाती पर मूंग दलने जैसी स्थिति का निर्माण कर दिया परिणाम सबके सामने है पिछले 10 वर्ष से भाजपा सता के बाहर है और अगर मोदी जी को आगे नहीं किया तो तीसरी बार भी कोई सम्भावना नहीं कयोंकि भाजपा अपने हिन्दूत्वनिष्ठ ऐजेन्डे को छोड़कर सेकुलर गद्दारों के ऐजेन्डे पर काम कर रही है।
राजा साबह का हिन्दूहित देशहित में सबसे बड़ा काम है धर्मस्वतन्त्रता बिधेयक पारित करवाना ...ये ऐसा काम है जिसके लिए हिन्दू समाज राजा साहब को हमेशा याद करेगा...आपको हम बता दें कि 1990-2000 तक हिमाचल को ईसाई मिसनरियों ने उसी तरह हिन्दूविहीन करने का षडयन्त्र आगे बढ़ाया जिस तरह धर्मांतरण के इन ठेकेदारों ने उतरपूर्व के कई राज्यों को हिन्दूविहीन कर दिया मतलब वहां पर 98-100% अबादी ईसाई हो गई जिन हिन्दूओं ने बिरोध किया उन्हें चर्च ने ईसाई आतंकवादियों का उपयोग कर या तो मरवा दिया गया या फिर भगा दिया गया...संघ के कई प्रचारक इन ईसाई आतंकवादियों के हाथों मारे गए...कमोबेश यही स्थिति हिमाचल में थी जगह-जगह हिन्दूओं और ईसाई मिनरियों के बीच लड़ाई हो रही थी और हैरानी की बात तो ये है कि धूमल जी की सरकार के समय भी ये संघर्ष जारी रहा और संघ के लाख कहने पर ऐसा कानून नहीं बना लेकिन राजा साहब ने एक ऐसे कानून का निर्माण किया जिसके अनुशार अगर किसी भी हिन्दू को ईसाई या मुसलमान बनना है तो उसे बनने से एक महीना पहले प्रशासन के पास प्रार्थना पत्र देना होगा जिसके बाद उसके मित्रों व परिजनों के पास ये पता लगाने का समय़ होगा कि वो ऐसा कदम क्यों उठा रहा है और वो उसे रोक सकते हैं उसकी समस्य़ा है तो निराकरण कर और दबाब है तो उसके साथ खड़ा होकर ...इसी कानून का दूसरा हिस्सा ये है कि जो भी हिन्दू किसी दबाब या लालच में मुसलमान या ईसाई बन चुका है उसे घर बापसी के रास्ते हमेशा खुले रहेंगे विना किसी सरकारी हस्तक्षेप के...
धर्मातरण करवाने वाले ईसाईयों को गले लगाओ सन्तों को दूर भगाओ

जैसे ही राज साहब ने ये कानून बनाया चर्च ने उनपर हर तरफ से मतलब एडबीज एंटोनिया अलवीना माइनो से लेकर UK US  तक से दबाब डलवाया और राजा साहब ने इनसब हिन्दूविरोधियों की एक न सुनते हुए इस कानून को अमलीजामा पहनाया... राजा साहब के इस हि्नदूहित-देशहित समर्थक कदम से संघ ने अपने मुखपत्र में राजा साहब को हिमाचल का लौहपुरूष करार दिया...ये बात अलग है कि राजा साहब को इस भारतसमर्थक कदम की कीमत चुकानी पड़ रही है... अन्त में चर्च ने इस कानून को माननीय न्यायलय में चुनौती दी और मजेदार बात ये है कि न्यायलय ने इस कानून को सही पाया..
जब से राजा साहब ने हिन्दूहित-भारतहित में ये कदम उठाया है तब से उन्हें हिमाचाल की राजनिती से बंचित करने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है...पहले तो कानून बनाने के बाद जब राजा साहब अमेरिका में इलाज करवाने गए थे तो चर्च ने अपने ऐजेन्ट के माध्यम से चुनाब आयोग पर दबाब बनाकर 6 महीने पहले ही चुनाब करबा दिए...और राजा साहब को हरबा दिया...फिर राजा साहब को विपक्ष का नेता भी नहीं बनने दिया गया वल्कि एक धर्मांतरित ईसाई को विपक्ष का नेता बनाया गया ...फिर दो तिहाई बहुतमत से जीते राजा साहब के बेटे को उनके पद(President Youth Congress) से हटाकर उसके चुनाब लड़ने पर ही प्रतिबन्ध लगा दिया गया और 2013 के चुनाब में भी पूरी कोशिश की गई कि चर्च के ही एक और ऐजेन्ट को हिमाचल की कमान सौंपी जाए लेकिन हिमाचल के लौहपुरूष के सामने किसी की एक न चली ...हाल ही का इस्तीफा भी इसी साजिस का हिस्सा प्रतीत होता है हमें


अब आप ही बताओ ऐसे प्रखर देशभक्त बीरभद्र सिंह जी का कौन बिरोध कर सकता है और क्यों?       

सोमवार, 20 मई 2013

Every Boy Need Girl Friend But…


हम जानते हैं कि हमारे अधिकतर दोस्त नौजवान हैं और इन नौजवानों के वल पर ही हम भारत को पूरी तरह आजाद करवाने के लिए अभियान चला रहे हैं फिर भी एकबात जो सताती है वो है हमारे बहुत से नौजवानों की एकतरफा सोच...किसी ने दो पल मुस्कुराकर प्यार से क्या बात करली ..उसके पीछे हाथ धोकर पड़ जाना
 
 
इसका कारण उनके द्वारा कभी माता-पिता के प्यार का एहसास न करना या फिर माता पिता द्वारा अपने बच्चों को प्यार का एहसास न करवाना...अधिकतर माता-पिता सोचते हैं कि उनके बच्चे दुनिया की हर बुराई से दूर रहें और जब भी मात-पिता को अपने बच्चे किसी बुराई की तरफ जाते हुए प्रतीत होते हैं तो वो बहुत क्रोध दिखाकर  उनको रोकते हैं या फिर रोकने की कोशिश करते हैं यहीं पर बच्चों को लगता है कि उनके मात-पिता उनसे प्यार नहीं करते जबकि बास्तविकता यही है कि जितना प्यार माता-पिता अपने बच्चे को करते हैं उतना तो क्या उसका आधा भी कोई दूसरा नहीं कर सकता लेकिन हिन्दूओं की कमजोरी है प्यार का दिखाबा न करने की जिसे अब हमें सुधारना होगा जिससे हमें प्यार करते हैं उसे जताना बताना हमारा फर्ज है .... बैसे तो माता-पिता के प्यार की तुलना नहीं की जा सकती लेकिन अगर तुलना की जाए तो मां के प्यार का मुकाबला दुनिया में कोई नहीं कर सकता बास्तब में मां ही भगवान का असली दूत है इस जमीन पर ...जिसको अपनी मां के प्यार पर भरोसा नहीं वो दुनिया में किसी के प्यार पर भरोसा नहीं कर सकता...और सच कहें तो फिर जो अपनी माँ-बहन से प्यार नहीं करता वो किसी और से कभी प्यार नहीं कर सकता...अगर बात को थोड़ा और आगे ले जायें तो अपनी मां बहन से प्यार न करने वाले ही अपने माता-पिता और दूसरों के मान-सम्मान को ठेश पहुंचाने वाले काम करते हैं....
आज आप किसी भी लड़के से इस विषय पर बात करो तो उसका एक ही जबाब होगा कि हां मुझे Girl Friend (T)चाहिए अगर आगे पूछो कितनी चाहिए तो जबाब होगा No Limit…अगर ये पूछो कि अगर आपकी बहन—पत्नी...वेटी या मां को Boy Friend चाहिए हो तो क्रोध से लालपीला होकर पूछने वाले पर हमला कर देगा अगर उसके पास ताकत होगी तो ...कम से कम पूछने वाले से हमेशा के लिए रिस्ते खराब कर लेगा...
हमारा ऐसे नौजवानों से एक सीधा सा प्रश्न है कि लड़की जिसे हम Girl Friend बनाना चाहते हैं वो आएगी कहां से वो किसी न किसी की तो वेटी-बहन-बहु-मां होगी ही इसीलिए सभ्यता का तकाजा वही है जो हमारे पूर्बजों से हमें शिखाया है एक नर और एक नारी हमेशा दूर रहेगी हर तरह की सामाजिक और शारीरिक वीमारी..बस अमल करने की जरूरत है जिसने मिडीया, फिल्म इंडसटरी और मैकाले शिक्षा ने मुसकिल बना दिया है
हम जानना चाहते हैं कि अगर ये Boy Friend / Girl friend Concept  इतनी ही अच्छी है तो फिर एकतरफा क्यों लेकिन कहते हैं कि हमाम में सब नंगे हैं यही सच्चाई है सब जानते हैं कि प्यार की लम्बी-लम्बी बातें करने वाला कब साथ छोड़ जाए किसी को नहीं पता और एक ही वक्त में इसको कितनों से प्यार हो जाए ये भी नहीं पता ..जब मन भर जाए तो दोस्तों के बीच किन हालात में बांट दे ये भी नहीं पता आजकल तो अधिकतर यही घटनायें हो रही हैं कि प्यार करने वाले शादी के बायदे करने वाले ने गैंगरेप करवाया..
नौजवानों हमारा इरादा सच में प्यार करने वालों(क्योंकि सच्चा प्यार वो भावना है जिसे परिभाषित करना नामुकिन है लेकि इस भावना में दूसरों को सिर्फ खुशीयां दी जाती हैं जख्म नहीं) को ठेस पहुंचाने का कदापि नहीं औ शंका का निर्माण करने का भी नहीं लेकिन हमें इतना तो जरूर पता है कि जब हम किसी से सच में दिल से प्यार करते हैं तो उसका नाम गलती से भी तब तक जुवां पर नहीं आने देते जब तक रिस्ते का कोई पक्का नाम न हो
आज तो किसी ने दो पल प्यार से हंश के बात कर ली तो हम सब दोस्तों को उसके वारे में तरह-तरह की बातें बताकर उसका जीना हराम कर देते हैं और अगर कहीं गलती से उसने स्वीकार कर लिया तब तो उसको हम कुछ इस तरह से पेश करते हैं कि मानो दुनिया में उससे बड़ा गुनाहगार कोई और नहीं...
कभी एकांत में बैठकर सोचो कि अगर कोई आपकी ....से प्यार करता हो तो आप उससे कैसे ब्यबहार की अपेक्षा रखेंगे बैसा ही ब्यबहार आपर दूसरे की....के साथ करो 

शनिवार, 18 मई 2013

ये शहीदों की जयहिन्द वोली


ये शहीदों की जयहिन्द वोली
 ऐसी वैसी ये वोली नहीं है
 इनके माथे पे खून का टीका देखो-देखो ये रोली नहीं है।।।
 सर कटाऊँ हिन्दू क्राँतिकारीयों को लेकर,
चल पड़े वे कशमीर से आगे हम हैं संतान राणा शिवा की,
 कायरों की ये टोली नहीं है।।।
 चल दिया जब जवाँ हँसते-हँसते ,
 भारत माँ की ममता तड़़प के वोली,
 आओ सो जाओ लाल मेरी गोद में ,
अब तेरे पास गोली नहीं है।।। 
अब बिदा जाने वाले शहीदों खून की सुर्ख पगड़ी पहनकर,
 खून की आज बौछार देखी, आज रंगों की होली नहीं है।।।
 हिन्दूओं को आंख दिखलाने वाले ,भस्म हो जायेंगे सारे दुश्मन,
 सेकुलर गद्दारो खैर मनाओ के हिन्दूओं ने अब तक खून के बदले खून की वोली वोली नहीं है।।।

शुक्रवार, 17 मई 2013

शुद्ध सात्विक प्रेम(TRUE LOVE)


शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है। दिव्य ऐसे प्रेम में ईश्वर स्वयं साकार है।। प्रेम जो केवल समर्पण भाव को ही जनता है, उसमें ही स्वयं की ध्नयता केवल मानता है, राष्ट्रभर में स्नेह भरना साधना का सार है।। शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है। भारत जननी ने किया ,वात्सल्य से पालन हमारा, है कृपा इसकी मिला यह प्राण तन जीवन हमारा भक्ति से हम हों समर्पित ,बस यही अधिकार है।। शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है। जाति,भाषा, प्रान्त आदि वर्ग भेदों को मिटाने, दूर अर्थाभाव करने, तम अविद्या का मिटाने, नित्य ज्योतिर्मय हमारा, ह्रदय स्नेहागार है।। शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है। कोटि आँखों से निरन्तर , आज आँसू वह रहे हैं, आज अगणित वन्धु अनगिन यातनायें सह रहे हैं. दुख हरें सुख दें सभी को, बस यही अधिकार है ।। शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है।

IPL नहीं पाप लीग कहो मित्रो


आज भारत में जो भी जागरूक हिन्दू हैं उन्हें पता है कि IPL वेश्यवृति , नशाखोरी , कालेधन को लगाने और आतंकवादियों को मदद पहुंचाने का अड्डा है सब लोग जानते हैं कि भारत में आतंकवाद और वेश्यवृति मतलब दुराचार के दो ही केन्द्र हैं एक cricket+ Share Market और दूसरा Film Industry+ Electronic Media । भारत में जितने भी लुटेरे और आतंकवादियों के मददगार हैं उनसबके कालेधन को ठिकाने लगाने के हथियार हैं ये दोनों केन्द्र । कल जब श्रीसंत और कुछ अन्य क्रिकेटरों द्वारा Match Fixing करने के बदले पैसे लेने और रंगरलियां मनाने का समाचार आया तो इन पाखंडियों ने ऐसे दिखाने की कोशिश की कि जैसे IPL वेश्यवृति , नशाखोरी , कालेधन को लगाने और आतंकवादियों को मदद पहुंचाने का अड्डा नहीं वल्कि कोई समाजिक कार्य है जबकि सच्चाई यही है कि सभी पार्टियों के लुटरों के गलत कामों को आगे बढ़ाने और छुपाने का जरिया है ये पाप लीग…कौन नहीं जानता कि अरबों-खरबों के बारे न्यारे करने वाली इस पापलीग को देश की हर राजनितीक पार्टी हर तरह से मदद कर गरीबों के पेट पर लात मार रही है …आप सब जानते हैं कि इस पापलीग को मध्यम वर्ग की खून-पशीने की कमाई से भरे गए टैक्स से बहुत सारी सुबिधायें दी जा रही हैं जिन सुविधाओं के असली हकदार वो देशभक्त गरीब जनता है जिनके बच्चे आज दर-दर भटकने को मजबर हैं ।अगर इन सरकारों को भारत की जरा भी चिन्ता होती तो ये सरकारें इस पाप लीग को बन्द करवा देती या फिर इस पापलीग पर टैक्स लगाकर अपना काम धन्दा छोड़कर इस नौटंकी को देखने पर मजबूर गरीबों को कुछ सुविधायें प्रदान करतीं लेकिन नहीं क्योंकि पापलीग का कुछ माल इन सब गद्दारों की जेब में जाता है इसलिए मद्यम वर्ग के खून पसीने की कमाई व गरीबों के दो जून रोटी के पैसे को इस पाप लीग पर खर्च किया जा रहा ।अब आप ही बताओ हर वक्त गरीबों के हक की बात करने वाली ये पार्टियोंद्वरा पाप लीग की आर्थिक सहायाता करन पाप नहीं तो और क्या है..हमें सबसे बड़ी हैरानी तो AAP पार्टी पर है जिसकी जुवान पर ताला लगा हुआ है इस पाप लीग के वारे में वोलने पर। अगर आज आप क्रिकेट से बरबाद हुए नौजवानों के वारे में आंकड़े जुटाने निकलें तो आपके होश उड़ जाँयेगे ये देखकर कि कई होनहार छात्र जो पढ़ाई में बहुत होशियार थे लेकिन परीक्षा के दिनों में क्रिकेट मैच होने व खुद को देखने से न रोक पाने के कारण वो तो बरबाद हुए ही वल्कि उनके माता पिता का जिन्दगी का एकमात्र स्वपन भी टूट गया... सच कहूँ तो हमें कई बार लगता है कि इस देश को भारतीय नहीं वल्कि आज भी भारत के दुशमन ही चला रहे हैं वरना अपने ही देश के युवाओं को बरबाद करने के लिए अपनी ही सरकारें इस तरह से युवाओं को दुराचार और नशे का सिकार कैसे होने देतीं.. मेरे नौजवान मित्रो अभी भी वक्त है जागरूक होकर अपनी जिन्दगी को सम्भालों वरना लुटेरों और गद्दारों की ये सरकारें आपको व आपकी आने वाली नशलों को जिन्दगी जीने के काविल नहीं छोड़ेंगी.......................................................

D U का ये लड़का अब यही कहता फिरेगा हिन्दू लड़की को नहीं ....


हुआ यूँ कि Delhi University में पढने वाले एक कायर(आपको जानकारी होगी ही कि भारत में रहने वाले सबके सब गैर हिन्दू वो कायर हैं जो गैर हिन्दूओं के जुल्मों से घबराहाकर अपना घर-धर्म छोड़कर मुसलमान और ईसाई हो लिए) ने एक बहादुर हिन्दू की वेटी को अपने जाल में फंसा लिया लेकिन लड़की का पिता रहा असली योद्धा...जैसे ही लड़की ने ये बात अपने पिता राजेश को बताई पिता ने अपने दोस्तों को बताई और दोस्त ठहरे TIT FOR TAT की कहाबत पर भरोसा करने वाले ...दोस्तों ने इस गैर हिन्दू लड़के राविन को फारम हाऊस ले जाकर उसके साथ अप्राकृतिक ... बनाकर उसकी तसली करवाई और उसके बाद उसके पीछे कुते छोड़ दिए... ये समाचार आज की पंजाब केसरी में है हमें तो पढ़कर बहुत हँसी आई और गैर हिन्दू लड़कों को सजा देने का ये तरीका भी पसन्द आया आपको भी अगर डटकर हँसी आए और ये तरीका अच्छा लगे तो पसंद का चटाका लगाना न भूलना...

गुरुवार, 16 मई 2013

मातृ वन्दना


राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्देमातरम्। राष्ट्र भक्ति प्रेरणा का गान वन्देमातरम।। वंशी के वहते स्वरों का प्राण वन्देमातरम। झलरी झनकार झलके नाद वन्देमातरम्।। शंख के संघोष का सन्देश वन्देमातरम्।।। सृष्टी वीज मंत्र का है मर्म वन्देमातरम्। राम के वनवास का है काव्य वन्देमातरम्।। दिव्य गीता ज्ञान का संगीत वन्देमातरम्।।। हल्दी घाटी के कणों में वयाप्त वन्देमातरम। दिव्य जौहर ज्वाला का है तेज वन्देमातरम्।। वीरों के वलिदान की हुंकार वन्देमातरम्।।। जन-जन के हर कण्ठ का हो गान वन्देमातरम्। अरदिल थर-थर काँपे सुनकर नाद वन्देमातरम्।।

रविवार, 12 मई 2013

सेकुलर गद्दारों की कहानी फोटो की जुवानी


मित्रो इस Photo Album में ISI Agent गुलामनवी फई मुख्य पात्र है गुलाम नवी फई अमेरिका में ISI की Branch KAC का सरगना है इस एलबम में आप खुद देख सकते हैं कि कौन-कौन सेकुलर गद्दार भारत मां से गद्दारी करते हुए ISI की Branch KAC के लिए काम कर रहे थे । https://www.facebook.com/media/set/?set=a.603073336384687.1073741829.100000460782224&type=3&uploaded=1

मंगलवार, 7 मई 2013

भाजपा क्यों हारी?????


हमारे बहुत से देशभक्त मित्र बहुत मेहनत से कर्नाटक में भाजपा की विजय सुनिशचित करने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे लेकिन भाजपा फिर भी हार गई...हम समझ सकते हैं कि बहुत से मित्र इसे अपनी-अपनी तरह से देखेंगे ...लेकिन हम समझते हैं कि हमारे मित्रों को अब दिन रात एक कर भाजपा को उन कमियों को दूर करने के लिए बाध्य करना होगा जिनकी बजह से भाजपा हारी...सबसे पहली बात तो ये कि भाजपा को भारतीय जनता तब चुनती है जब वो सेकुलर गद्दारों के हिन्दूविरोधी-भारतविरोधी कुकर्मों से त्रस्त हो जाती है लेकिन जब भाजपा भी सेकुलर गद्दारों के कुकर्मों को खत्म करने के बजाए उन्ही को आगे बढ़ाती है तो लोग भाजपा को बहुत बुरी तरह से हराते हैं और दोवारा उसकी तरफ नहीं आने का प्रण करते हैं हमारे बहुत से विस्लेषक इस बात को देखकर दंग रह जाते हैं कि जिस काँग्रस या फिर सेकुलर गिरोह ने भारतविरोधी आतंकवादियों से मिलकर भारत को इतनी बुरी तरह लहुलुहान किया है लो क्यों उन्हीं को दोवारा चुनते हैं हमारा मानना है कि लोग इस बात के आदी हो चुके हैं कि सेकुलर गिरोह का काम ही भारत को लूटना और लहुलुहान करना है इसलिए इस गिरोह की किसी भी गद्दारी को हमारे बौद्धिक गुलाम लोग बहुत गम्भीरता से नहीं लेते और जब भाजपा गद्दारी करती है तब यही लोग भाजपा की गद्दारी को बिस्वासघात की तरह देखते हैं और उससे नाराज हो जाते हैं बैसे भी नाराजगी अपनों से ही अधिक होती है परायों से नहीं ...अगर हम कर्नाटक की बात करें तो कर्नाटक में भाजपा ने भारत से गद्दारी और हिन्दूओं के कतलोगारद की शिक्षा देने वाले मौलवियों को मासिक भता दिया या उसे जारी रखा...इसी तरह जब कर्नाटक में इसलामिक आतंकवादियों ने आसाम में इसलामिक घुसपैठियों द्वारा भारत के मूल निवासियों पर किए जा रहे हमलों के समर्थन में हमले शुरू किए तो भाजपा ने उन हमलों को रोकने के लिए कोई कठोर कदम उठाने के बजाए वही सेकुलेरिसम की चटनी लोगों को चटाई जिसे चटाकर आज तक काँग्रेस ने हिन्दूओं का लहू पानी की तरह आपने वोट बैंक की रक्षा के लिए बहाया है...इसी तरह काँग्रेस दशकों से कर्नाटक की खदानों को मनमाने ढंग से लूट रही थी भाजपा ने भी उस लूट को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के बजाए उस लूट को यथाबत जारी रखा ...कुलमिलाकर भाजपा ने लोंगों को ये एहसास ही नहीं करवाया कि कर्नाटक में अब सेकुलर गद्दारों के बजाए देशभक्तों की सरकार है अब आप ही बताओ कि देशभक्त वोटरों का जोश कैसे बनता ...अन्त में चुनाबों की पूरी कमान भाजपा ने नरेन्द्र भाई मोदी के हाथों में देने के बजाए उसी जुंडली के हाथों में दे रखी जो भाजपा को पिछले दो लोकसभा चुनाब व कई बिधानसभा चुनाब हरवा चुकी है जब तक भाजपा इस सुषमा-जेटली—अन्नत कुमार जैसी जुंडली से खुद को मुक्त नहीं करती तब तक न भाजपा प्रखर राष्ट्रबाद के मार्ग पर आगे बढ़ेगी और नही भाजपा को कहीं भी अपेक्षित जीत मिलेगी अगर भाजपा ने इसी जुंडली को आगे रखकर लोकसभा चुनाब लड़ा तो भाजपा की 50-75 से अधिक सूटें किसी भी सूरत में नहीं आयेंगी ...भाजपा को ये समझना होगा कि हम काँग्रेस के नेतृत्व वाले सेकुलर गिरोह को जितनी भी गाली निकाले लेकिन एक बात हमेशा उनके हित में जाती है कि वो जो कहते हैं करते हैं और जो करते हैं उसे पूरे जोरसोर से आगे बढ़ाते हैं जैसे कि इस गिरोह ने भारतविरोधी आतंकवादियों और गद्दारों को बचाने का बीड़ा उठाया है तो उसे हर हाल में निभाया है जब भी कोई इसलामिक या वामपंथी आतंकवादी हमला होता है ये सेकुलर गिरोह अपने द्वारा पोषित चैनलों के माध्यम उस अपराध का दोष हिन्दूओं के सिर मढ़ देता है और यही नहीं इस सेकुलर गिरोह ने कशमीर घाटी सहित देश के कई हिस्सों में इसलामिक आतंकवादियों को मारने वाले सैनिकों व पुलिस के जवानों और अधिकारियों को जेलों में ढालकर उन जुल्म ढाकर सब आतंकवादियों को खुला सन्देश दिया कि तुम लोग खुलकर हिन्दूओं का कतलयाम करो तुम्महारा हमारे रहते कोई बाल भी वांका नहीं कर सकता और कुछ कसर रह गई तो काँग्रेस ने सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए आतंकवादियों को मासिक पैंसन व 300000 की एकमुस्त जमा राशि देकर अपने इरादों का सपष्ट प्रमाण दे दिया...फिर भी कुछ कमी रह गई हो तो सरकार ने अर्धसैनिक बलों के जवानों को शहीद होने पर मिलने वाली राशिश को बन्द कर सपष्ट सन्देश दिया कि सेकुलर गिरोह को भारतीय रक्षकों के बजाए भारतविरोधी आतंकवादियों की ज्यादा चिन्ता है और भाजपा ने क्या किया भजपा ने काँग्रेस द्वारा इसलामिक आतंकवादियों को छोड़कर उनकी जगह जेलों में डाले गए निर्दोश हिन्दूओं के पक्ष में वोलने के बजाए उन्हें जेलों में सड़ने को चोड़ दिया...इसी तरह कांग्रेस इटालियन अंग्रेज द्वारा भारत को लूटने के प्रण को हर तरह से आगे बढ़ा रही है और भाजपा उसका खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रही है कुलमिलाकर जबतक भाजपा प्रखर राष्च्रबाद के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ती तब तक भाजपा की यही दुर्गति होगी और होनी भी चाहिए इस पर किसी भी देशभक्त को दुखी होने के बजाए या तो हिन्दूविरोधी जुंडली के बिरूद्ध सीधी कार्यवाही करते हुए भाजपा को इस जुंडली से मुक्त करना चाहिए या फिर हिन्दूहित-देशहित के लिए काम करने वाला न्या दल त्यार करना चाहिए...