कांग्रेस ने पहले देश के सबसे बड़े देशभक्त संगठन RSS को मुसलिम विरोधी करार देकर RSS द्वारा भारत के नागरिकों के वीच भावनात्मक एकता पैदा करने के लिए उन्हें उनके खून के रिस्तों को याद करवाने के लिए किए जा रहे प्रयत्नों को अबरूद्ध करने की कोशिश की। जिसमें कांग्रेस काफी हद तक मुसलमानों के मन में RSS के प्रति संदेह की भावना पैदा करने में सफल रही। क्योंकि कांग्रेस के इस प्रयत्न को भारत के दुस्मनों द्वारा नियन्त्रित मिडीया का भरपूर साथ मिला। इस मिडीय ने ISI द्वारा प्रयोजित पत्रकारों व गौतम नबलखा जैसे दानवाधिकारवादियों के माध्यम से कांग्रेस के देशविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्रों को आम भारतीयों के मुंह से कहलवाने का भरपूर प्रयास किया जिसका खुलासा अमेरिका में आतंकवादी गुलामनवीफई की गिरफतारी के बाद हुआ।
भारत की खुशनसीबी देखिए कि जिस वक्त कांग्रेस ने मुसलिम आतंकवादियों को हथियार बनाकर अपना पूरा जोर RSS को ठिकाने लगाने में लगाया हुआ था ठीक उसी वक्त देश को भावनात्मक एकता के शूत्र में बांधने के लिए एक ऐसी आबाज उठी जिसने RSS से एक कदम आगे बढ़कर ब्यबस्था परिवर्तन का नारा देकर आज तक चली आ रही गुलामी की सब जंजीरों को तोड़कर एक ताकतबर भारत के निर्माण की बात आगे बड़ाई। ये आबाज RSS से भी बुलन्द व सपष्ट सुनाई दी। पहले तो कांग्रेस ने इस आबाज को RSS के विरूद्ध प्रयोग करने के लिए षडयन्त्र रचे लेकिन जब देखा कि जिस तरह खून-खून को पुकारता है उसी तरह इस आबाज ने भी संघ को पुकारा और दोनों आबाजें भारत मां की सेवा में एक होती दिखीं तो कांग्रेस ने इस आबाज को कुचलने के लिए इसे भी मुसलिम-विरोधी करार देकर देश की सब सुरक्षा ऐजेंसियों को स्वामी जी को पंसाने व बदनाम करने के काम में लगा दिया। ये आबाज है स्वामी राम देव जी की। ये वो आबाज है जो बहुत जल्द कांग्रेस के असली भारतविरोधी चरित्र को जनता के सामने वेनकाब कर देगी।
भारतविरोधी कांग्रेस ने जब अपना पूरा जोर RSS और सवामी जी को कुचलने के लिए लगाया हुआ था तभी एक और आबाज उठी जिसने भारत की आजादी की दूसरी लड़ाई का विगुल बजा दिया। इस आबाज में वेसक किसी संगठन की ताकत नहीं थी लेकिन इस आबाज में वो बात थी जो हर स्वाभिमानी देशभक्त भारतीय के सीधे दिल तक जा पहूंची। यहां भी कांग्रेस ने पहले तो अपने ऐजेंट अग्निवेश जैसे भारतविरोधियों को पलांट कर इस आबाज को भी भारत वोले तो RSS के विरूद्ध मोड़ने की कोशिश की । फिर इनका चरित्र हनन करने की और फिर अपनी ऐजेंट अरूणा राय को आगे कर इस आबाज को कमजोर करने की कोशिस की।जब कोई षडयन्त्र कामयाब न हो सका तो इसे भी मुसलिम विरोधी करार देकर इसे अमेरिका का ऐजेंट बताकर देश की ऐजेंसियों को इस आबाज को बुलन्द करने में जुटे देसभक्तों को बदनाम करने में लगा दिया।
जब JJ Singh जी सेना प्रमुख थे तो इसी कांग्रेस ने सेना को भी मुसलिम विरोधी करार देकर सेना में मुसलमानों की गिनती की बात उठाकर भारतीय सेना को विभाजित करने की असफल कोशिस की। अगर JJ Singh जी ढटकर विरोध न करते तो जरा सोचो इन गद्दारों की योजना क्या थी?
आज तो प्रधानमन्त्री ने प्रधानमन्त्री पद की सारी गरिमा को ताक पर रखकर सभी सुरक्षाबलों को मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित बताकर सबके सब देशभक्त जवानों को मुसलिमविरोधी करार दे दिया। इसकी बातों को सुनकर ऐसा लगा मानो भारत का नहीं पाकिस्तान का प्रधानमन्त्री बोल रहा हो। ये भारतविरोधी आतंकवाद समर्थक मनमोहन खान यहीं रूक जाता तो गनीमत थी इस आतंकवादी ने एक कदम आगे बढ़क यहां तक कह दिया कि बम धमाका होने की स्थिति में सिर्फ मुसलमानों को न पकड़ों। अब इस गद्दार को कौन समझाए कि जब दुनियाभर में आतंकवाद मुसलमान पैला रहें तो तो मुसलमान ही पकड़ें जा रहे हैं पिर ये कौन सा न्याय है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं को मुसलमान अंजाम देते और उन्हें न पकड़ा जाए।
ऐसे ही भारतविरोधी आतंकवाद समर्थक गद्दार नेताओं की हिन्दूविरोधी सोच के परिमामस्वारूप मुसलिम आतंकवादी कशमीरघाटी व देश के अन्य हिस्सों में हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान को सफलता पूर्वक अन्जाम देने में सफल हो रहे हैं और हमारे 20 लाख जवान कुछ नहीं कर पा रहे हैं। आज ऐसे ही गद्दार नेताओं के कारण 20 लाख जवानों द्वारा देशभक्त भारतीयों की रक्षा करना तो दूर उल्टा ये अपनी रक्षा करने में भी सफल नहीं हो पा रहे हैं। हां ऐसे गद्दार नेताओ के आदेशों का पालन कर अफजल-जिलानी-गिलानी-कसाब-उमर जैसे भारतविरोधी आतंकवादियों की रक्षा के लिए अपना खून पसीना बहाकर जरूर सफल हो रहे हैं।
मामला यहां भी नहीं रूका इससे आगे जाकर इस गद्दार ने अपनी विदेशी आका एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी व इस अंग्रेज के भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी गद्दारों द्वारा पाकिस्तान में वने ईशनिंदा कानून के नकसेकदम पर तैयार किया गया एक ऐसा कानून (Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011)सुझाया जिसके अनुसार किसी मुसलमान या ईसाई आतंकवादी द्वारा किया गया हिन्दू का कत्ल या हिन्दू की मां-बहन का बालात्कार या फिर हिन्दू की आस्था पर प्रहार कोई अपराध नहीं है लेकिन किसी हिन्दू द्वारा Self Defence की गई कोई भी कार्यवाही जघन्य अपराध है।
भारत की खुशनसीबी देखिए कि जिस वक्त कांग्रेस ने मुसलिम आतंकवादियों को हथियार बनाकर अपना पूरा जोर RSS को ठिकाने लगाने में लगाया हुआ था ठीक उसी वक्त देश को भावनात्मक एकता के शूत्र में बांधने के लिए एक ऐसी आबाज उठी जिसने RSS से एक कदम आगे बढ़कर ब्यबस्था परिवर्तन का नारा देकर आज तक चली आ रही गुलामी की सब जंजीरों को तोड़कर एक ताकतबर भारत के निर्माण की बात आगे बड़ाई। ये आबाज RSS से भी बुलन्द व सपष्ट सुनाई दी। पहले तो कांग्रेस ने इस आबाज को RSS के विरूद्ध प्रयोग करने के लिए षडयन्त्र रचे लेकिन जब देखा कि जिस तरह खून-खून को पुकारता है उसी तरह इस आबाज ने भी संघ को पुकारा और दोनों आबाजें भारत मां की सेवा में एक होती दिखीं तो कांग्रेस ने इस आबाज को कुचलने के लिए इसे भी मुसलिम-विरोधी करार देकर देश की सब सुरक्षा ऐजेंसियों को स्वामी जी को पंसाने व बदनाम करने के काम में लगा दिया। ये आबाज है स्वामी राम देव जी की। ये वो आबाज है जो बहुत जल्द कांग्रेस के असली भारतविरोधी चरित्र को जनता के सामने वेनकाब कर देगी।
भारतविरोधी कांग्रेस ने जब अपना पूरा जोर RSS और सवामी जी को कुचलने के लिए लगाया हुआ था तभी एक और आबाज उठी जिसने भारत की आजादी की दूसरी लड़ाई का विगुल बजा दिया। इस आबाज में वेसक किसी संगठन की ताकत नहीं थी लेकिन इस आबाज में वो बात थी जो हर स्वाभिमानी देशभक्त भारतीय के सीधे दिल तक जा पहूंची। यहां भी कांग्रेस ने पहले तो अपने ऐजेंट अग्निवेश जैसे भारतविरोधियों को पलांट कर इस आबाज को भी भारत वोले तो RSS के विरूद्ध मोड़ने की कोशिश की । फिर इनका चरित्र हनन करने की और फिर अपनी ऐजेंट अरूणा राय को आगे कर इस आबाज को कमजोर करने की कोशिस की।जब कोई षडयन्त्र कामयाब न हो सका तो इसे भी मुसलिम विरोधी करार देकर इसे अमेरिका का ऐजेंट बताकर देश की ऐजेंसियों को इस आबाज को बुलन्द करने में जुटे देसभक्तों को बदनाम करने में लगा दिया।
जब JJ Singh जी सेना प्रमुख थे तो इसी कांग्रेस ने सेना को भी मुसलिम विरोधी करार देकर सेना में मुसलमानों की गिनती की बात उठाकर भारतीय सेना को विभाजित करने की असफल कोशिस की। अगर JJ Singh जी ढटकर विरोध न करते तो जरा सोचो इन गद्दारों की योजना क्या थी?
आज तो प्रधानमन्त्री ने प्रधानमन्त्री पद की सारी गरिमा को ताक पर रखकर सभी सुरक्षाबलों को मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित बताकर सबके सब देशभक्त जवानों को मुसलिमविरोधी करार दे दिया। इसकी बातों को सुनकर ऐसा लगा मानो भारत का नहीं पाकिस्तान का प्रधानमन्त्री बोल रहा हो। ये भारतविरोधी आतंकवाद समर्थक मनमोहन खान यहीं रूक जाता तो गनीमत थी इस आतंकवादी ने एक कदम आगे बढ़क यहां तक कह दिया कि बम धमाका होने की स्थिति में सिर्फ मुसलमानों को न पकड़ों। अब इस गद्दार को कौन समझाए कि जब दुनियाभर में आतंकवाद मुसलमान पैला रहें तो तो मुसलमान ही पकड़ें जा रहे हैं पिर ये कौन सा न्याय है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं को मुसलमान अंजाम देते और उन्हें न पकड़ा जाए।
ऐसे ही भारतविरोधी आतंकवाद समर्थक गद्दार नेताओं की हिन्दूविरोधी सोच के परिमामस्वारूप मुसलिम आतंकवादी कशमीरघाटी व देश के अन्य हिस्सों में हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान को सफलता पूर्वक अन्जाम देने में सफल हो रहे हैं और हमारे 20 लाख जवान कुछ नहीं कर पा रहे हैं। आज ऐसे ही गद्दार नेताओं के कारण 20 लाख जवानों द्वारा देशभक्त भारतीयों की रक्षा करना तो दूर उल्टा ये अपनी रक्षा करने में भी सफल नहीं हो पा रहे हैं। हां ऐसे गद्दार नेताओ के आदेशों का पालन कर अफजल-जिलानी-गिलानी-कसाब-उमर जैसे भारतविरोधी आतंकवादियों की रक्षा के लिए अपना खून पसीना बहाकर जरूर सफल हो रहे हैं।
मामला यहां भी नहीं रूका इससे आगे जाकर इस गद्दार ने अपनी विदेशी आका एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी व इस अंग्रेज के भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी गद्दारों द्वारा पाकिस्तान में वने ईशनिंदा कानून के नकसेकदम पर तैयार किया गया एक ऐसा कानून (Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- 2011)सुझाया जिसके अनुसार किसी मुसलमान या ईसाई आतंकवादी द्वारा किया गया हिन्दू का कत्ल या हिन्दू की मां-बहन का बालात्कार या फिर हिन्दू की आस्था पर प्रहार कोई अपराध नहीं है लेकिन किसी हिन्दू द्वारा Self Defence की गई कोई भी कार्यवाही जघन्य अपराध है।
4 टिप्पणियां:
bharat ke pradhanmantri ko aap kya samjhte hai ? unki mansikta to pakistani hai .
??
ab na samje to khatamho jaoge..
What you typed made a tоn of sense.
Вut, conѕidеr this, suρpose yοu weгe tο wгіte a aωeѕome titlе?
I am nοt suggesting уouг content is not solіd.
, but what if you aԁԁed a heaԁlіne that makeѕ
peoрle desiгe more? I meаn "ऐसा लगा मानो भारत का नहीं पाकिस्तान का प्रधानमन्त्री बोल रहा हो।" iѕ a littlе ѵanilla.
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