धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों द्वारा रचे जा रहे हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को उजागर करने की कोशिश। हमारा मानना है कि भारत में कानून सांप्रदाय,जाति,भाषा,क्षेत्र,लिंग अधारित न बनाकर भारतीयों के लिए बनाए जाने चाहिए । अब वक्त आ गया है कि हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाने वाले भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को उनके समर्थकों सहित खत्म करने के लिए सब देशभक्तों द्वारा एकजुट होकर निर्णायक अभियान चलाया जाए।
सोमवार, 29 नवंबर 2010
आन्ध्र प्रदेश में उठा तुफान कुछ कहता है।
आप सब जानते हैं कि हम YSR रेड्डी के कतई प्रशंसक नहीं। कारण भी साफ है एक तो उन्होंने हिन्दू मत त्याग कर इसाई मत स्वीकार कर अपनी मौकापरसत सोच का प्रमाण दिया । दूसरे ईसाई हो जाने के बाद उन्होंने कई हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कदम उठाए।
जिसके परिमामस्वारूप वो हिन्दूविरोधी-देशविरोधी विदेशी ताकतों को एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी से अधिक उपयोगी नजर आने लगे । क्योंकि चर्च ने ऐसे ही हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कामों को करवाने के लिए एंटोनिया को चुना था लेकिन अब चर्च को लगने लगा कि एक विदेशी इसाई से भारतीय इसाई चर्च के भारतविरोधी कामों को अन्जाम देने के लिए जयादा उपयोगी है। लेकिन एंटोनिया जो कभी चर्च की कठपुतली मात्र थी अब एक दमदार खिलाड़ी बन चुकी है। YSR रेड्डी के तातकवर होने का खमियाजा उन्हें अपने प्राण देकर उठाना पड़ा। कुल मिलाकर जब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी के पुत्र और कांग्रेसी सांसद जगनमोहन रेड्डी ये आरोप लगाते हैं कि उनके पिता का कत्ल करवाया गया तो उनकी बात में न केबल दम नजरआता है वल्कि उनकी बात ही सच्चाई प्रतीत होती है। वाई. एस. राजशेखर रेड्डी जी का कत्ल इससे पहले कत्ल किए गए 6-6 भारतीयों के कत्ल के समान प्रतीत होता है।(अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें )
हम वंसबाद के कट्टर विरोधी हैं । लेकिन जब कांग्रेस में वंशवाद के अधार पर ही उतराधिकारी तय किए जाते हैं तो फिर जगनमोहन रेड्डी के साथ ये वेइनसाफी क्यों? अगर वाई. एस. राजशेखर रेड्डी जी की मौत एक दुर्घटना होती तो कोई भी इस तरह जगनमोहन रेड्डी के रास्ते में रोड़े नहीं अटकाता जिस तरह अटकाए जा रहे हैं। आज आप हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस में एंटोनिया के सिवाए किसी और में दम नहीं कि वो परिवारिक उतराधिकारियों के रास्ते में रोड़े अटका सके क्यों ऐसे किसी भी कदम को जोकर राहुल का विरोध माना जाएगा ।
अब प्रश्न यह उठता है कि एंटोनिया क्यों जगनमोहन रेड्डी के रास्ते में रोड़े अटका रहीं है?
चलो कारण कोई भी हो पर एक बात पक्की है कि जगमोहन में दम है विरोध करने व अपने हक की लड़ाई लड़ने का। हमें ये जानकर बहुत खुशी हुई कि जगनमोहन रेड्डी ने एंटोनिया व राहुल की वो सच्चाई जनता के सामने रखी जिन्हें वाकी डरपोक हिन्दूविरोधी-देशविरोधी चैनल रखने के वारे में सोच तक नहीं सकते। इस नाते जगनमोहन रेड्डी बधाई व शुभकामनाओं के पात्र हैं। वेशक उनके पिता ने कुछ हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कदम उठाए थे लेकिन कुलमिलाकर उनके पिता एक अच्छे इनसान थे।भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे । हम भगवान से यही प्रार्थना करेंगे कि अगर जगनमोहन रेड्डी की लड़ाई देशहित की लड़ाई है तो उन्हें जरूर सफलता मिले वरना जो भगवान करेंगे सही ही करेंगे।
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2 टिप्पणियां:
ब्यूटीफुल!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
देश का क्या होगा...
जानकारी देने के लिए आभार
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