धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों द्वारा रचे जा रहे हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को उजागर करने की कोशिश। हमारा मानना है कि भारत में कानून सांप्रदाय,जाति,भाषा,क्षेत्र,लिंग अधारित न बनाकर भारतीयों के लिए बनाए जाने चाहिए । अब वक्त आ गया है कि हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाने वाले भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को उनके समर्थकों सहित खत्म करने के लिए सब देशभक्तों द्वारा एकजुट होकर निर्णायक अभियान चलाया जाए।
रविवार, 14 नवंबर 2010
अलकायदा के मददगारों को आप आतंकवादी नहीं तो और क्या कहेंगे?
आप देख रहे हैं कि किस तरह एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो की गुलाम UPA सरकार एक के वाद एक ऐसे कदम उठाती जा रही है जिनसे इस बात में कोई सन्देह नहीं रह जाता कि ये सरकार हिन्दूरोधी-देशविरोधी आतंकवादियों की सरकार है।
आप देख रहे हैं कि वर्षों से ये कांग्रेसी दाऊद इबरहाहीम जैसे मुसलिम आतंकवादियों की मदद कर न्हें कानून से बचा रही है ।
इतनी ही नहीं यही धर्मनिर्पेक्ष गिरोह कशमीरघाटी को भारत से अलग करने के लिए लगातार षडयन्त्र करने वाले वाले जिलानी,गिलानी व यासीन मलिक जैसे मुसलिम आतंकवादियों की भी मदद करता चला आ रहा है।
अब तो इस धर्मनिरपेक्ष गिरोह की UPA सरकार ने सारी हदें लांघते हुए अलकायदा जैसे आतंकवादी गिरोह की भी मदद करना शुरू कर दी ।
उम्मीद है कि इस समाचार को पढ़ने के बाद आप भी यही कहेंगे कि य़े सेकुलर गिरोह की UPA सरकार आतंकवादियों की सरकार है । इस सरकार के कर्ताधर्ता राजनितिज्ञ नहीं वल्कि कातिल आतंकवादी कहलाने लायक हैं। इन आतंकवादियों का समूलनाश भारत को बचाने के लिए जरूरी है।
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6 टिप्पणियां:
aise kamo par turant rok laga deni chahiye.... Mujhe to lagta hai ki Soniya Ghandhi Laden se ja mili hain.
nice post
कांग्रेस हटाओ , देश बचाओ
A Church is not a
Tample for saints,
But rather a hospital
For sinners.
धर्म मनुष्यों ने ही बनाये है मनुष्यों ने ही लिखे हैं। धर्म का मार्ग दिखाने वाले लिखने वालों का क्या हुआ क्या इनको स्वर्ग की प्राप्ती हुई उन्होने जो लिखा है उसने कितनी सच्चाई है या जो उसमे चमत्कार बताये हैं क्या ये संम्भव है आज भी होते है। या काल्पनिक कपोल कल्पना है ।
मगर आंधों की तरह उसके मानने वाले अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने की होड़ में लगे है।अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने के लिये दूसरे धर्म की कमी
निकालते है। ताकि अपने धर्म को श्रेष्ठ बता सकें।हर कोई अपने आपको बुद्धीजीवी ज्ञानवान समझाता है।हमारे बाप दादाओं से हम मानते आ रहे है अब हम मान रहे है सही है।
प्रश्न हैरू. ये बताये आप खाना आंख बन्द करके खाते है
या खाते समय आपकी नजर थाली पर रहती है कि कही
कीड़ा या बाल तो नही है निवाले मे कंकंड़ आ जाता है
तो आप उसे खा लेते है या उगल देते है। जरा सोचें।
मेरा मानना है कि हम खाना देख कर खाते हैं कि कुछ
गलत पेट मे न चला जाये । तो जब हम अपने शरीर के
लिये ख्याल रखते हैं।
तो धर्म के लिये आंख क्यो बन्द करे है।
हमे खुद अपने धर्म के बारे मे पता नही है ईश्वर के बारे
मे पता नही है। हमने खुद ईश्वर को पाया नही है और
दूसरे को मनवा रहे है। हम हिन्दू और मुसलमान आपस
मे एक दूसरे को नीचा दिखाने मे लगे है।
मनुष्यों ही ने धर्म शास्त्रो को लिखा है हम कैसे मान लें
की उन्होने जो लिखा है वो सही ही लिखा है अगर सही
लिखा है तो हम उसे परखेंगें। सही पायेगे तो मानेगे भी।
अरे हम 10रु का घड़ा या मटका खरीदते है तो 20 बार ठोक
बजा कर दखते है अंन्दर झांक कर देखते हैं।
अत्यन्त बहुमूल्य कीमती अपने जीवन के लिये और मरने के बाद क्या होगा हम जिस रास्ते पर हम चल रहे है वो सही है कि नही हमने और आपने अपने धर्मो को झांक कर देखा है ठोक बजा कर देखा है
अरे इतनी मेहनत और ताकत ईश्वर को ढूंढने मे लगा दो
तो ईश्वर मिल जाये और हमारा आपका और सब का जीवन
सफल हो जाये।
राजनैतिक दल और सम्प्रदायिक संगठन राजनैतिक लाभ पाने के लिये धर्माे
को आपस मे लड़ा रहे हैं। सारे नेता डकैत है और सहयोगी संगठन भी चोर हैं।
चोर से कहें चोरी करो साहूकार से कहें जागते रहो।
जनता के सामने सबसे धार्मिक प्रवत्ती के ये लोग जब पावर मे आते हैं तो सबसे भ्रष्ट हो जाते है कंहा रही धार्मिकता। और अपनी पीढ़ियो के लिये धन इकठ्ठा कर लेते है। नेता अपने बच्चो को कानवेंन्ट मे पढ़ाये।
और हमे धर्म का पाठ पढ़ाते है हमे कहते है कि सरस्वती स्कूल मे बच्चो को पढ़ाओ संस्कृत पढ़ाओ ताकि हमारे बच्चे अंग्रेजी न पढ़ पायें क्योकि दुनिया का ज्ञान लिटरेचर और कम्प्यूटर सब अंग्रेजी मे है।
अगर हमारे बच्चे ज्ञानी हो गये तो इनकी धकियानूसी कहां चलेगी
आपको मालूम होगा कि चीन अंग्रेजी को कितना महत्व दे रहा है इंग्लिश टीचरो को बुला कर सारी सुविधायें और तगड़ी पेमेन्ट दे रहा है। उसको मालूम है कि अंग्रेजी कितनी महत्व पूर्ण है।
जिनको आप बेचारे बोल रहे है ये आने वाले समय मे भारत को
पाकिस्तान और अफगानिस्तान बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
मै भी हिन्दू हूं मगर मै दूरदर्शी परिणाम जान रहा हूं।
ये कुण्ठा ग्रस्त लोग अपनी कुत्सित मानसिकता और छड़िंक राजनैतिक लाभ के लिये भारत के नौजवानो की ताकत का गलत उपयोग कर रहे है। और नौजवानो के अन्दर जहर घोल रहे है।
पड़ोसी देश की राह पर चला रहे है। अरे भईया ये जो जीवन है बहुत अनमोल है।
पड़ोसियो को तो 72-73 का सुख और नदियां मिलेगी।
अपना क्या होगा?
गनीमत है कि अपने मे ऐसा कुछ नही हैं नही तो पड़ोसी से सौ गुना आगे होते हम
धर्म स्थलों में तोड़फोड़ संतों का अपमान करना भारत की संस्कृति नही
उड़ीसा,मध्य प्रदेश,कर्नाटक एंव देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाईयों पर हो रहे अत्याचार हमले और चर्चों को जलाये जाने की घटना दुखद है।
देश मे चन्द लोग धर्म के ठेकेदार राजनैतिक लाभ के लिये लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर हमारे देश की भोली-भाली जनता,नौजवान,युवा वर्ग को मानवता,भाईचारा, आपसी सद्भाव, देश प्रेम की शिक्षा, अच्छे आदर्श की मजबूत नीव डालने के बजाये। हमारे देश की नीव, हमारे देश के मजबूत खम्बे,हमारे देश का गौरव, भारत देश का भविष्य हमारे नौजवान,युवा वर्ग के हाथों से जघन्य अपराध करवा कर पाप के भागी बना कर भारत देश की नीव को कमजोर खोखला कर रहे हैं।और देश में फूट डालने का काम कर रहे है। कहावत है:-जिस घर देश मे फूट पड़ जाती है वो घर बर्बाद हो जाता है। हम सब जानते है बुजुर्गों ने भी कहा है जैसा हम बीज बोते है वैसा हम काटते हैं तात्पर्य जैसी करनी वैसी भरनी। हर बुरे और अच्छे कार्य का प्रतिफल इसी मनुष्य योनी मे मिलता है। और पीढियों तक भुगतना पड़ता है।हमारी आने वाली पीढी ये न कहे कि हमारे बाप दादों ने अंगूर खाये थे दांत हमारे खट्टे हुऐ। हम सब देखते और जानते हैं इतिहास भी गवाह है।
ईसाई समाज यीशु मसीह की आज्ञा जैसे कि:- अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करना आदर करना, हत्या न करना, चोरी न करना, किसी के विरुद्ध झूठी गवाही न देना किसी भी प्रकार का लोभलालच न करना,झूठ न बोलना,व्यभिचार न करना,मनुष्य से अपने समान प्रेम रखना,झगड़ा न करना ईर्ष्या न करना आदि हैं।
भूखे को रोटी भोजन देना, नन्गे को कपड़ा पहनाना, गरीबों लाचारों की मदद करना, बीमारों की सेवा और उनके लिये प्रार्थना करना,बन्दीग्रह मे कैदियों की सुधी लेना, अनाथों और विधवाओं पर अन्याय नही करना इनकी मदद करना, मनुष्य का हृदय ईश्वर का मंदिर है ईश्वर मनुष्य के हृदय मे वास करता है यही मानव सेवा है जिसे हम मानवता या मानव धर्म कहते हैं।
ईश्वर की सेवा है। जो कंगालों पर अनुग्रह करता है वो ईश्वर परमात्मा को उधार कर्ज देता है। ईश्वर के इन्ही आदर्शों का पालन करते हुऐ भारत देश के मूल निवासी मसीही समाज अपने जीवन का निर्वाहन कर रहा है।
मै आपसे यह पूछना चाहता हंू कि क्या ये गलत काम है अगर ये गलत काम है तो फिर अच्छे काम क्या हैं। जो चन्द लोग अपने राजनैतिक लाभ के लिये करवा रहे हैं:- गुरुओं को अपमानित करना उनकी हत्या करना,भोले भाले लोगों की हत्या, लोगों के घरो मे आग लगाना और बेघर करना, धार्मिक स्थानो को आग लगा कर उजाड़ना, साघू संतों पर अण्डे फेकना, समाज को अच्छी शिक्षा देने वाले पूज्यनीय धर्म गुरुओं, ईश्वर के दूतों को जूते चप्पल से मारना लात घूसों से मारते हुऐ अपमानित करना,क्या ये ही इन लोगों का धर्म एंव धर्म की परिभषा है क्या ये ही हमारे भारत देश की संस्कृति और सभ्यता है
समाज के सभी वर्गों के लोंगों और देश का भविष्य नौजवान युवा वर्ग से यह आग्रह है कि ये चन्द लोग मानवता, भाईचारा, आपसी सद्भाव को छोड़ कर अपने घृणित मंसूबे पूरे करवाते आ रहे हैं। और देश के लोंगों को युवा वर्ग को पाप के गर्त में ढकेलने वाले धर्म की गलत शिक्षा देने वाले ऐसे लोगों से हमें एंव भारत देश के प्रत्येक व्यक्ति को सावधान रहने की जरुरत है। भारत देश में मानवता,आपसी सद्भाव भाई-चारा एंव एकता बनाये रखने मे अपना अमिट सहयोग प्रदान करना प्रत्येक भारतीय व्यक्ति का कर्तव्य है।
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