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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

सोनिया गांधी का मनमोहन सिंह पर जबरदस्त हमला।




आप और हम लगातार देख रहे हैं कि किस तरह एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो उर्फ सोनिया गांधी अपने गुलाम प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के माध्यम से भारत को तबाह करने की चर्च की योजना को अन्जाम देती रही । लेकिन अब जब ऐसा लगने लगा कि ये गुलाम प्रधानमन्त्री एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो उर्फ सोनिया गांधी के लिए गद्दारी और चोरी करते-करते खुद ही चोर और गद्दार नजर आने लगा है तो इस इटालियन एंटोनिया ने बजाए उसका साथ दने के उस पर ही हमला वोल दिया।


बैसे USE AND THROW अंग्रेजों की पुरानी आदत है। भारत पर अपने कब्जे के दौरान अंग्रेजों ने अपनी इसी निती का प्रयोग कर बेबकूफ हिन्दूओं को लालच देकर उनसे अपने ही भाईयों के विरूद्ध युद्ध करवाए।जिनमें हजारों देशभक्त हिन्दू अपने इन गुलाम हिन्दू भाईयों की बजह से अंग्रेजों के अत्याचारों व हिंसा के सिकार बने।


आज विभाजित भारत में मनमोहन सिंह ने जयचन्द के मार्ग पर चल कर इस इटालियन अंग्रेज के कहने पर हर वो हिन्दूविरोदी-देशविरोधी कुकर्म अन्जाम दिया जो बरबर आतंकवादी मुगलों ने अन्जाम देने का साहस नहीं किया था।


कहां से शुरू करें।


1)भारत के इतिहास में पहलीवार इस गुलाम की सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर मर्यादा पुर्षोत्तम भगवान श्रीराम के अस्तिव को नकारने का पाप किया।


2)निर्दोष साध्वी व सैनिक को जेल में बन्द कर हिन्दू आतंकवाद की काल्पनिक अबधारणा को जन्म देने की कोशिश की। इस पर आगे बढ़कर इस गुलाम की सरकार ने आज दर्जनों हिन्दू नौजवानों को झूठे आरोप लगाकर जेलों में वन्द करने का अभियान चलाया हुआ है।


3)इस गुलाम ने भारतीय सेना में सांप्रदायिक आधार पर गिनती करवाने की शर्मनाक कोशिस कर सेना को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने का षडयन्त्र किया।


4) माननीय न्यायालय द्वारा सुनवाई गई मुसलिम आतंकवादी अफजल की फांसी को लगातार चार वर्ष तक रोककर गद्दारी का एक न्या आयाम स्थापित किया।


5)आतंकवाद विरोधी कानून पोटा हटाकर चार वर्षों तक न्या कानून न बनाकर मुसलिम आतंकवादियों को खुली छूट देकर अपनी देशविरोधी-हिन्दूविरोधी सोच का एक बहुत बड़ा प्रमाण दिया।


6)आतंकवादियों को मार-गिराने वाले सुरक्षावलों के जवानों को जेलों में डालकर इस गुलाम की सरकार ने अपनी गुलाम मानसिकता को उजागर किया।हद तो तब हो गई जब सेना की एक पूरी बटालियन पर ही केश दर्ज कर दिया गया।


ऐसे दर्जनों काम हैं जो एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो उर्फ सोनिया गांधी के गुलाम प्रधानमन्त्री ने अपनी इस आका के इसारे पर अन्जाम दिए।


हां देश के साथ सबसे बढ़ी गद्दारी व एंटोनिया के प्रति बफादरी का प्रमाण इस गुलाम ने तब दिया जब इसने इस इटालियन अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो उर्फ सोनिया गांधी के इटालियन मित्र क्वात्रोची के लन्दन में जब्त धन को छुड़वाकर उसके उपर भारत में चल रहे सब मुकद्दमे समाप्त करवा दिए।


देश से इन सब गद्दारियों व एंटोनिया के प्रति इन सब बफादारियों का सिला मनमोहन सिंह को एंटोनिया द्वारा मनमोहन सरकार को महाभ्रष्ट व कमजोर बताकर दिया गया।


एंटनिया ने कहा कि वेशक आर्थिक प्रगति हुई है लेकिन सराकर भर्ष्टाचार के दल-दल में पूरी तरह डूब चुकी है। इस अंग्रेज ने आगे कहा कि हमें एक ताकतवर सरकार की जरूरत है। मतलब मनमोहन सिंह गुलाम के दिन पूरे हो चुके हैं।


अभी ताजा मामला है DMK को लिखित ग्रांटी देकर भर्ष्टाचार की खुली छूट देने का ।क्योंकि DMk के साथ सबन्ध एक राजनीतिक फैसला है व आज तक 100% राजनैतिक फैसले एंटोनिया ने ही किए हैं । तो जनता समझ रही है कि गारंटी मनमोहन ने एंटोनिया के आदेश पर ही दी है । मतलब इस 1,76,000 करोड़ के घोटाले में एंटोनिया का ही हाथ है।


जनता को इस सच्चाई से दूर रखने के लिए ही इस अंग्रेज ने मनमोहन सिंह पर हमलावोल कर खुद को पाक-साफ करार देने की असफल कोशिस की है। आपको याद होगा कि CWG घोटाने में भी हजारों करोड़ रूपए जारी करने के लिए भी PMO का ही नाम समाने आया था।


मनमोहन वेशक गुलाम है,कमजोर है लालची है पर चोर तो नहीं है। बैसे भी जो प्रधानमन्त्री एक चपड़ासी तक खुद नहीं रख सकता वो भला तने बड़े फैसले कैसे कर सकता है?


मतलब CWG घोटाला भी PMO के माध्यम से ऐंटोनिया ने ही अन्जाम दिया। मुम्बई के आदर्श सोसायटी घोटाले में इसी अंग्रेज के बेटे के चहेते मुख्यमन्त्री का नाम सामने आया वही मुख्यमन्त्री जिसे इस अंग्रेज ने अपनी रैली के लिए 200 करोड़ रूपए देने को मजबूर किया। अनाज के बदले तेल कार्यक्रम में भी घोटाले के लिए चिट्टठी इसी अंग्रेज ने नटवर सिंह के पास दी थी।


अब चोरों और गद्दारों की सरदार एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो उर्फ सोनिया गांधी मनमोहन पर हमला कर ये जता रही है कि इन सब घोटालों में इसका अपना कोई हाथ नहीं। बैसे इस अंग्रेज को याद रखना चाहिए कि वेशक हिन्दू थोड़े समय के लिए भावुक होकर मूर्ख बन जायें लेकिन आगे चलकर वो अच्छी तरह समझ जाते हैं कि उनका असली शत्रु कौन है और जब वो शत्रु को पहचान लेते हैं तो उसका नमोनिशान मिटाकर ही दम लेते हैं। हमारे विचार में ऐटोनिया को मनमोहन पर हमला करने के बजाए खुद इटली जाकर छुपने की तैयारी कर लेनी चाहिए ।






2 टिप्‍पणियां:

सूबेदार ने कहा…

सुनील जी नमस्ते सोनिया के ही इशारे पर सब घोटाले हुए है राहुल भी सामिल है अरबो रूपया राजीव गाधी फाउन्डेसन में जमा है उसकी जाच होनी चाहिए कांग्रेस तो भ्रष्टाचार की जननी है --यहाँ कहा सज्जन कर बासा ---- ब्याभिचारी और भ्रष्टाचारी दोनों की जमात इकठ्ठा है भगवान बचाए देश को .

Unknown ने कहा…

क्या करेंगे श्रीमान....कॉमन वेअल्थ पर ७०००० करोण रुपये खर्च होते हैं....और स्टेडियम का पुल ढह जाता है i...खेल से पहले ही.इनसे पूछे कौन...और इनको दर किसका है...सैयां बहाए कोतवाल बाली बात है...सीबीआई इनकी...तो जाँच कौन करे....जनता....हमारे पास समय नहीं है...१० जनपथ की शुरक्षा में में जितना धन खर्च हो रहा है...क्या राहुल गाँधी की एक दिन की ट्रेन यात्रा से पूरा होगा.२०० रुपये की टिकट बचेगी और लाखो रुपये ट्रेन की शुरक्षा में लग जायेंगे...और हम सोचेंगे...ये तो आम आदमी की तरह जीता है....महान है...लेकिन...समय जल्द बदलेगा.....