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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

भारत से गद्दारी कर पाकिस्तान का गुणगान करने बाले गद्दारों के नाम खुला संदेश

भारत से गद्दारी कर पाकिस्तान का गुणगान करने बाले गद्दारों के नाम खुला संदेश
13 फरबरी 2010 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में मुसलिम आतंकवादियों द्वार किए गए जिहादी हमले में 9 लोग मारे गए व लगभग पचास लोग घायल हुए । पाकिस्तानियों के लिए लड़ने बाले व देशभक्तों को गाली गलौच करने बाले शाहरूख व उस जैसे सब लोगों से हम सिर्फ इतना ही कहेंगे कि समझदार लोग जिस पत्र में खाते हैं उस पत्र में छिद्र नहीं करते । हां अगर इन लोगों को पाकिस्तानियों से इतना ही लगाब है तो ये लोग पाकिस्तान क्यों नहीं चले जाते क्योंकि 1947 में पाकिस्तान का निर्माण ही इन जैसे गद्दारों के लिए किया गया था । पाकिस्तान उन लोगों के लिए बनाया गया था जो वन्देमातरम् का गान अमनी शान के खिलाफ समझते हैं गद्दारी और नमक हरामी जिनकी रग-रग में है । जो खाते–रहते भारत में हैं गुणगान पाकिस्तान और मुसलिम आतंकवादियों का करते हैं । कहां है इन गद्दारों की मां एंटोनियो माईनो मारियो ,उसका लाल और इन दोनों का गुलाम दिगविजय सिंह कोई जाकर बताए उसे कि पुलिस के लोग अपनी जान की बाजी लगाकर मुसलिम आतंकवादियों को पकड़ने बाले हैं । कहीं ये आतंकवादी इन पुलिसबालों के हाथ न आ जायें इसके लिए ये गद्दार जल्दी से इन आतंकवादियों के घर जाकर बैठ जाए और कह दे ये निर्देष हैं एंटोनियों के लाल हैं इन्हें कोई न पकड़े । पकड़ना है तो जाकर देशभक्त संगठनों के कारकर्ताओं को पकड़ें जो हर वक्त देशभक्ति का राग अलाप कर इन गद्दारों के बने बनाए खेल को विगाड़ रहे हैं । पर इस दिगविजयसिंह को यह भी बता देना कि इन आतंकवादियों का अगला निशाना इटली के निवासी हैं कहीं ये पहुंचते –पहुंचते इन सब गद्दारों की मां एंटोनियो तक न पहुंच जायें। फिर क्या करोगे।
जागो मेरे प्यारे सर्वधर्मसम्भाव में विस्वास रखने बाले हिन्दू भाईयो ,इस देश को अपनी मां मानकर वन्देमातरम् का गान करने बाले देशभक्त मुसलिम भाईयो बचा लो अपने तिल- तिल मिटते हिन्दू राष्ट्र भारत को क्योंकि जिस दिन ये पाकिस्तान हो जाएगा तो न हिन्दू बचेंगे न शांतिप्रिय देशभक्त मुसलिम भाई ही बचेंगे । अगर कोई बचेगा तो सिर्फ मुसलिम आतंकवादी व उनके गुलाम।
हम देशभक्त हिन्दूमुसलिम भाईयों से यही कहेंगे कि पहचानो उन मुसलिम गद्दारों को जो ये आतंकबाद फैला रहे हैं व उन मुसलमानों को जो इन आतंकवादियों को सरण दे रहे हैं इन्हें निर्दोश बताकर इस मुसलिम आतंकवाद को आगे बढ़ा रहे हैं पहचानों उन हिन्दूओं को जो हिन्दू होकर हिन्दूओं से गद्दारी कर न मुसलिम आतंकवादियों का साथ देकर आपके बच्चों को मौत की ओर धकेल रहे हैं ।
देशभक्तों के शव्र का इमत्हान न लो गद्दारो
अगर ये सवर टूट गया
तो न कोई गद्दार बचेगा न कोई इन गद्दारों का मददगार
समझो हम समझा रहे हैं जो न समझे तो मिट जाओगे
खुद तो मिटोगे पर हिन्दूओं की बर्षों से कमाई सहनशीलता को भी मिटा डालोगे

6 टिप्‍पणियां:

Jeet Bhargava ने कहा…

बंधू, आपका प्रयास बहुत अच्छा है. बस जरूरत है तो इसमें निरंतरता और नियमितता बनाए रखने की. आपसे आग्रह है कि इसे जारी रखिये, यदि समयाभाव हो तो आप लेखन रूचि वाले अन्य मित्रो को भी अपने ब्लॉग से जोड़ सकते हैं. एक और राय कि इसे ब्लोगवाणी से भी जोड़ दे. क्योंकि बिकाऊ सेकुलर मीडिया के इस दौर में ब्लोगिंग का यह वैकल्पिक प्रयास हिन्दू समाज और राष्ट्र के हित में जरूरी है. समय मिले तो सुरेश चिपलूनकर या मेरे ब्लॉग पर भी पधारे. एक और ब्लॉग है..हिन्दूबुलेटिन , जिसमे आप अपनी लेखनी का योगदान दे सकते हैं. इसके अलावा सभी राष्ट्रवादी और हिन्दू वादी ब्लोगर्स के साझा मंच 'आह्वान' पर पधारे और उससे जुड़े. सादर शुभकामनाओं के साथ.

Jeet Bhargava ने कहा…

Important Links:
ब्लोगवाणी: www.blogvani.com
सुरेश चिपलूनकर: www.sureshchiplunkar.blogspot.com
मेरे ब्लॉग: www.secular-drama.blogspot.com
www.lal-dalal.blogspot.com
हिन्दूबुलेटिन: www.hindubulletin.blogspot.com
'आह्वान': www.groups.google/ahwan1

kshama ने कहा…

Swagat hai!

Taarkeshwar Giri ने कहा…

भाई वाह, मजा आ गया , काश मेरे देश मैं आप जैसे सोच रखने वाले की संख्या कुछ ज्यादा होती तो हम बता देते की पाकिस्तान का निर्माण सिर्फ इस लिए हुआ की भारत के मुस्लमान भारत को छोड़कर के पाकिस्तान मैं रह सके। सचमुच अगर हमें हिंदुस्तान को बचाना है तो सभी को आगे आना होगा। उन हरामी आंतकवादियों को खोज -खोज कर मारना होगा।
और मेरे देश के देशभक्त मुसलमानों हमारे साथ आगे आवो और मिटा दो इस देश से आंतकवाद नाम की बीमारी। नहीं तो परिणाम वही होगा जो आज की तारीख मैं इरान , इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान मैं हो रहा है। आंतकवादियों की बन्दूक और बम के निशाने पर कोई धर्म नहीं है , उनके निशाने पर चाहे हिन्दू आये या मुस्लमान सब के प्रति उनका रवैया एक जैसा ही है।

Taarkeshwar Giri ने कहा…

कृपया मेरा ब्लॉग भी देखें। www.taarkeshwargiri.blogspot.com

vedvyathit ने कहा…

mohn chnd gye hi kyon the aatnki se ldne ko
bhart mata ke chrno me jivn arpn krne ko
aise 2prshno ki ydi chhoot milegi shasn se
kaun chlega yhan desh hit jivn arpn krne ko

ab bhi shrm nhi aai hai desh ke in gddaron ko
aatnki to bhag gyehain chkma de mkkaron ko
jel keandr se hi jb ve aaka se btiyate the
sja to ab milni hi chhiye desh ke thekedaron ko

lal chauk pr hmla krna un ka shauk purana hai
aur surksha bdha rhe hain ye to vaky purana hain kuchh krna n kuchh dhrna kevl kursi bni rhe
aatnki se rishta un ka dekho khoob purana hai

dr.vedvyathit@gmail.com