देशभक्त कांग्रेसियों के नाम एक खुला पत्र
आज तक हमने जो देखा-सुना-समझा वो लिखा।हमने कोसिस की सैकुलर गिरोह के हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कुकर्मों को देश के सामने रखने की । इन कुकर्मों को देख कर हमारे अन्दर जो आक्रोश पैदा हुआ उसके परिणामस्वारूप हमने एक पुस्तक नकली धर्मनिर्पेक्षता लिख डाली जो अपने ब्लाग http://samrastamunch.spaces.live.com पर उपलब्ध है । सुना था मन की बात लिखने के बाद मन हल्का हो जाता है और मनुष्य हिंसक होने से बच जाता है एसा हुआ भी।परन्तु जैसे ही हमने अपना ध्यान किसी और रचनात्मक विषय पर लगाने की कोशिश की तब तक सैकुलर गिरोह ने कोई और बड़ा हिन्दूविरोधी देशविरोधी कुकर्म कर दिया ।इस सैकुसर गिरोह का सबसे बड़ा घटक अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी है।आज हमने फैसला किया है कि इसी पीर्टी के अन्दर काम कर रहे देशभक्त कांग्रेसियों से सीधी बात की जाए ।
मेरे प्यारे देशभक्त कांग्रेसी भाईयो हम समझते हैं कि कांग्रेस की सथापना से लेकर आज तक कांग्रेस में जहां एक तरफ नेताजी सुभाषचन्द्र बोस,शहीद भगत सिंह ,वीर साबरकर जैसे घोर राष्ट्रवादी रहे हैं तो दूसरी तरफ गद्दारों या यूं कहें देशविरोधियों-हिन्दूविरोधीयों की भी कभी कमी नहीं रही है। हम अपना ध्यान केंद्रित करेंगे सिर्फ 1947 के बाद की घटनाओं पर।
15 अगस्त 1947 को धर्म(सांप्रदाय) के आधार पर भारत का विभाजन होने के बाद जब पाकिस्तान और बंगलादेश को हिन्दूविहीन कर दिया गया तो भारत में मुसलमानों को रखने का क्या औचित्या था उसवक्त कांग्रेस के अनेक देशभक्त लोगों ने बार-बार मुसलमानों को देश में न रहने देने की बकालत की थी फिर भी गद्दार कांग्रेसियों ने मुसलमानों को भारत में रखने का फैसला क्यों किया?
आज देश पर बार-बार हो रहे मुसलिम आतंकवादी हमलों के बाद आप समझ सकते हैं कि कौन सही था कौन गलत ?
अगर मुसलमानों को भारत में इस आधार पर रखा गया कि मुसलमान देशभक्त हैं और सर्वधर्मसम्भाव में विस्वास रखते हैं तो फिर वन्देमातरम् की चार पंक्तियों को छोड़ कर वाकी पंक्तियों को क्यों काट दिया गया?
जब भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं घोषित किया गया तो फिर देश में अल्पसंख्यकबाद के नाम पर धर्म के आधार पर कानून क्यों बनाए गए?
जब सारा देश एक है तो फिर मुसलिमबहुल कश्मीरघाटी की बजह से जम्मु-कश्मीर में अलग संविधान,अलग कानून,धारा 370 क्यों ?
1955 में जब हिन्दू पर्सनल ला समाप्त कर हिन्दूओं को देश के संविधान के अनुसार जीवन यापन करने के लिए कहा गया तो फिर मुसलिम पर्नसनल ला को समाप्त कर क्यों मुसलमानों को संविधान के दायरे में नहीं लाया गया?
समाजिक बुराईयों के नाम पर हिन्दूओं की अनेक मान्याताओं पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया तो फिर बुर्के और आतंकलादियों की नर्सरी मदर्सों पर प्रतिबंध क्यों नहीं?
जब संविधान में धर्मनिर्पेक्ष शब्द नहीं था तो 1977 में इसे संविधान में क्यों जोड़ा गया?
जब संविधान में समानता का अधिकार है तो फिर नियम जाति,क्षेत्र,सांप्रदाय,भाषा के आधार पर क्यों?
जब केरल में मुसलीम लीग को सरकार बनाने का अधिकार प्राप्त है तो फिर पंजाब में सिखों की सरकार न बनने देने के प्रयास कर क्यों भिंडराबाले को पाला गया?
1984 में जब साहवानो केश में माननीय सर्वोच न्यायलया ने मुसलिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून पारित किया तो उसे त्तकालीन कांग्रेस सरकार ने क्यों शरीयत का हबाला देकर रद्द कर दिया ?
1986 में जब खुद स्वर्गीय राजीब गांधी जी ने पूजा अर्चना कर अयोध्या में मन्दिर के कार्यों को आगे बढ़ाया तो फिर बाद में उस मन्दिर को क्यों मस्जिद कहकर पुकारा गया ?
कांग्रेस बार-बार गुजरात का मुद्दा उछाल कर हिन्दूओं को घेरने की बात करती है जहां मुसलांनों द्वारा लगाई गई आग के परिणामस्वारूप 2000 से कम मुसलमानों का कत्ल हुआ तो फिर कशमीर घाटी पर चुप्पी क्यों जहां 60000 हिन्दुओं को कत्ल कर पांच लाख के घार बार उजाड़ दिए गए ?
2004-2009 के वीच में
क्यों मुसलिम जिहादी आतंकवादियों को बचाने के लिए पोटा हटाकर न्या कानून नहीं बनाया गया?
क्यों प्रधानमन्त्री ने मुसलिम बहुल जिलों के विकास की बात कर एक तो मुसलमानों को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए उकसाया दूसरा विकास को हिन्दू-मुसलिम के नाम पर बांटने का कुकर्म किया?
क्यों सेना में मुसलमानों की गिनती कर सुरक्षबलों में सिर्फ मुसलमानों की भर्ती कर सुरक्षाबलों को धर्म के आधार पर बांटन का प्रयास किया?
सेना के सैनिकों को बहनों द्वारा भेजी राखी को पहनने पर आपती क्यों ?क्या खतना करवा चुके लोगों को सेना में भरती न करने का साहस है? क्योंकि दोनों ही धार्मिक चिन्ह हैं।
बच्चों की छात्रवृतियों का सांप्रदायिक आधार पर बंटबारा क्यों?
क्यों भगवान राम के अस्तित्व को नकारने का दुस्साहस किया गया?
क्यों बाबा अमरनाथ जमीन के बहाने हिन्दू को नीचा दिखने का छडयन्त्र रचा गया?
क्यों बजट को हिन्दू-मुसलिम के नाम पर बांटा गया ऐसा देश के विभाजन से पहले किया जाता था जिसका परिणाम देश के विभाजन के रूप में सामने आया
जब संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण का निषेध करता तो फिर क्यों पहले आंध्रप्रदेश में फिर देश में मुसलमानों को आरक्षण देने का बार-बार षडयन्त्र रचा जा रहा है?
जब कांग्रेस सरकार सिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी,हज कमेटी व वक्फ बोर्ड जैसी सांप्रदाय आधारित संस्थाओं को लगातार आगे बढ़ा रही है फिर हिन्दु संगठनों को बार-बार बदनाम करने के षडयन्त्र क्यों?
जब मुसलीमलीग,देववन्द जैसे देशविरोधी संगठनों पर सरकार लगातार मेहरबान है तो फिर देशभक्त संगठनों को अपमानित करने के बार-बार प्रयास क्यों?
जब हिन्दू साधु सन्तों सैनिकों को अपमानित कर जोर जबरदस्ती से मकोका लगाकर(जिसे माननीय न्यायालया ने गलत करार देकर हटा दिया) जेलों में विना किसी अपराध के जेलों में बंद कर दिया गया तो फिर मुसलिम जिहादी आजंकबादी कातिलों के प्रति हमदर्दी व नर्मी क्यों ?
पंजाब में भिंडराबाले को पालकर देश को लहुलूहान कर दने के बाबजूद भिंडराबाले की तर्ज पर राज ठाकरे को बढ़ाबा क्यों?
सरकार का काम होता है लोगों को सुरक्षा देना फिर महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री द्वारा क्षेत्रबाद का जैहर फैलाकर आग लगाने का काम क्यों ?
जिन सुरक्षाबलों के सैनिकों ने पार्लियामैंट पर हमले के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर इन कांग्रेसी नेताओं की जान बचाई उन्हीं का अपमान कर मुसलिम जिहादी आतंकवादी की फांसी पर इतनी देर क्यों?
हज यात्रा के लिए प्रति मुसलमान 60000 रूपए की सहायता और हिन्दुओं पर कुम्भ मेले में जाने के लिए अतिरिकत जजिया कर क्यों ?
बटाला हुऊस इन्काउंटर के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों के जान-माल की रक्षा करने बाले शहीद मोहन चन्द शर्मा का अपमान कर मुसलिम आतंकवादी सहजाद को बचाने के लिए कांग्रेसियों द्वारा सुरक्षाबलों पर हमला क्यों ?
जरा सोचो कि कांग्रेस वही सब नहीं कर रही है जो औरंगजेब व बाबर जैसे मुसलिम आतंकवादी राक्षसों ने किया था?
मेरे प्यारे देशभक्त कांग्रेसियो जरा सोचो सांप्रदायिक आधार पर सबकुछ बांट दने के बाद क्या देश बचेगा ?
अगर देश नहीं बच पायेगा तो फिर क्या आप बचोगे ?
क्या कश्मीर घाटी,पाकिस्तान बंगलादेस अपगानीस्थान में गद्दार-मुसलिमप्रस्त कांग्रेसियों को बख्स दिया गया ?
नहीं न
तो फिर ये मुसलिम आतंकवादी देशभक्त कांग्रेसियों को बख्स देंगे ऐसा आप कैसे सोच सकते हैं ?
हम समझते हैं कि देश को बचाने के लिए कांगेस को गद्दारों से मुक्त करवा देशभक्तों के हाथ में देना जरूरी है क्या आप ये काम कर पांयेंगे ?
अगर हां तो उठाओ आबाज सब देशभक्त आपको अपने साथ खड़े मिलेंगे...
जागरूक लोगों को भी सोचना चाहिए कि इतने सारे फूट डालो और राज करो के कदम कांग्रेस द्वारा उठाये जाने के बाद भी क्यों मिडीया इनके विरूद्ध आबज नहीं उठाता ?
प्रतिक्रिया जरूर दीजिएगा बरना हम समझेंगे कि ...
1 टिप्पणी:
Bhaiya Ji, aap hamain aatmhatya se kyun rokna chahte ho? Aatmhatya karana hamara janmsidhdh aadhikar hai.Aap bhi kaise murkh hain jo nahin jaante ke hamen ek angreez ne janm diya aur aaj bhi ITALIAN MOM ke qadmon ke bose lena hi hamara dharm hain. Is desh main dharm palan ki swatantrata hai is liye hamen bhi apna dharm pal lene do.Deshbhakti,Swabhiman jaise fasist aur hamare"GULAM VANSHTVA" se theek vipreet shabdon se hamara hridaya chalni mat karo. Tumhe apne "BAAP KI SAUGANDH" hai.Hum wo parwanen hain jo DHARMNIRPEKSHTA KI MEETHI MEETHI AAG main khak ho jana chahte hain.Humen rokne ka bevakoofi se bhara vichar tumhare sadiyal dimag mein aa kaise gaya.Mujhe to lagata hai tumhara D N A test karana padega.1000 saalon tak ghulami ka ras peene ke baad bhi tum sudhar nahin sake to ALLAH hi malik hai aur woh achchi tarah se jaanta hai ki qayamat ke waqt tera kaise MURG MUSALLAM banana{not kela~a fruit} hai. DUKHIYARA
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