हिन्दूओं की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण है हिन्दूओं को जय पराजय का बोध न होना...अभी हमने हिन्दूओं को इतना बड़ा समाचार दिया लेकिन एक भी हिन्दू की नजर इस समाचार पर नहीं पड़ी..ये समाचार है गोआ में ततकाली काँग्रेस सरकार द्वारा चर्च के इसारे पर हिन्दूओं पर बम बिस्फोट का आरोप लगाकर 6 हिन्दूओं को जेल में डालना जिन्हें माननीय अदालत ने निर्दोष करार दिया...इन हिन्दूओं को काँग्रेसियों ने झूठे आरोप लगाकर चार व...र्ष तक यातनायें दी लेकिन आज जब ये नौजवान निर्दोश साबित हुए तो हिन्दूओं के पास इनके द्वारा झेले गए दुख-दर्द को साँझा करने व इनकी आजादी की खुशी में सामिल होने का वक्त नहीं यही हैं विदेशी सोच के गुलाम हिन्दू जिनके पास विदेशी नव वर्ष की शुभकामनायें देने के लिए तो वक्त है लेकिन हिन्दूओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद-भगवा आतंकवाद जैसी गाली निकालने वाली काँग्रेस के षडयन्त्र का बिरोध करने के लिए वक्त नहीं.......ये रहा इन हिन्दूओं के निर्दोष साबित होने का समाचार
Dharma is finally victorious in the battle between Dharma and Adharma ! - Virendra Marathe, Managing Trustee, Sanatan Sanstha
Congress Government has given a free hand to haters of Sanatan Sanstha to defame Sanatan by needlessly entangling our 6 seekers in the 'Madgaon bomb blast' case.
Congress Government had made efforts to finish 'Sanatan Sanstha', a spiritual organisation through various means, with the help of Goa Police. Six seekers of Sanatan Sanstha had to undergo needless persecution for 4 years due to investigation by the Police in a wrong direction, and unfortunately, 4 years in their prime life have been wasted due to their stay in prison.
The Police has not found any participation of Sanatan Sanstha in this case. Even the Hon. Court has not made any comments about the participation of Sanatan Sanstha. This point was never even raised during the court proceeding. Therefore, we feel that innocence of Sanatan Sanstha proved after going through all legal processes is a slap on the cheek of haters of Sanatan Sanstha. Fact behind the saying of Dharma 'Satyamev Jayati' meaning 'Finally the truth remains victorious' as stipulated in scripture 'Mundkopnishad' has at last been proved. Dharma is finally victorious in the war between Dharma and Adharma ! Will the so-called intelligentsia and media bent on defaming Sanatan Sanstha take atonement now that the innocence of Sanatan Sanstha is proved ?......हमें 2009 में तब भी पता था जब इटालियन अंग्रेज के गुलाम काँग्रेसियों ने हिन्दूओं को हिन्दू आतंकवादी -भगवा आतंकवादी कहा था लेकिन हसी झूठ के सहारे ये भारत विरोधी 2009 जीत लिए चिल्लाते रह गए... भरोसा न हो तो इसे पढ़ लो
गोआ में मडगांव के बहाने हिन्दुविरोधी-भारतविरोधी मिडीया ईसाई मिसनरी एंटोनियो की गुलाम सरकार का देशभक्त हिन्दूओं पर एक और हमला
मेरे प्यारे हिन्दूओ आपको जरूर याद होगा कि किस तरह ईसाई मिसनरी एंटोनियो माइनो मारियो के इसारे पर लैफ्टीनैंट कर्नल पुरोहित जैसे देशभक्त सैनिक व साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे क्रंतिकारियों को झूठे मामलों में फंसाकर उन पर मकोका लगा दिया गया जिसे माननीय मकोका न्यायलय ने वाद में मनघड़ंत(झूठा) पाकर खारिज कर दिया गया ।
आपको यह भी याद होगा कि किस तरह एंटोनियो माइनो मारियो के इसारे पर तत्कालीन कानून मंत्री हंसराजभारद्वाज को एंटोनियो माइनो मारियो के हमबतन-हमराज व पार्टनर क्वात्रोची के लंदन बैंक में जब्त बोफोर्स-दलालीकांड की रकम को छुड़बाने के लिए लंदन भेजा गया और रातों-रात सारी रकम निकलवा ली गई। जब मानीय नयायलय ने उस रकम को जब्त रखने के आदेश दिए तब तक सारा काम निपट चुका था।
आपको यह भी जरूर ध्यान में होगा कि अभी हाल ही में एंटोनियो की गुलाम मनमोहन सरकार ने किस तरह बोफोर्स दलाली कांड में एंटोनियो माइनो मारियो के सह अभियुक्त क्वात्रोची को सब मुकदमों से मुक्त करने की अंतिम सफल कोशिश की । माननीय न्यायलया में कोइ अड़चन न आये इसके लिए एक अभियुक्त के सहयोगी को सरकारी बकील नियुक्त करबा दिया । क्या इससे बढ़ी बेशर्म और गद्दार सरकार आपने कभी देखी है ।
आपको जरूर यह भी याद होगा कि माननीय सर्वोच न्यायालय ने जिहादी आतंकवादी मुहम्मद अफजल को 19 नमम्वर 2006 को फांसी तय की थी जिसे गद्दारों की समर्थक ये हिन्दुविरोधी सरकार आज तक लटकाय हुए है। यह वही सरकार है जिसने हैदराबाद बम्मविस्फोटों के दोसियों को जेल से रिहा कर एक-एक आटोरिक्सा दिया ।
· आज यही हिन्दुविरोधी-भारतविरोधी मुसलिम आतंकवादियों व ईसाई दलालों की समर्थक सरकार सरारती तत्वों द्वारा किए गए बम्मविस्फोटों मे मारे गए निर्दोष शांतिप्रिय देशभक्त धार्मिक संस्था के सदस्यों के परिबारजनों को संतावना देने के बजाए उन मारे गए देशभक्तों के विरद्ध ही आरोप पर आरोप लगाय जा रही है।(for more information visit Hindu Jaguriti Samiti) आपको याद होगा कि यह वही गद्दारों की सरकार है जिसने मुसलिमजिहादी आतंकवादी इसरत जहां के मरने पर मुआबजा दिया था और देशभक्तों के मरने पर देशद्रोह का केश दर्ज कर दिया उस मुसलिम जिहादी आतंकवादी को निर्दोस सिद्ध करने के लिए ये गद्दार आज भी प्रयत्न कर रहे हैं ।
· मुम्बइ में इस गद्दारों की सरकार ने जिन मुसलिम जिहादीयों को बचाने के लिए हिन्दूक्रंतिकारियों पर झूठे आरेप लगाये और इन आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए जिस अधिकारी का दुरूपयोग किया कुदरत का न्याय देखो वो अधिकारी उन्हीं मुसलिम जिहादी आतंकवादियों के हाथों मारा गया ।तब भी इस गद्दार मिडीया व राजनितिक दलों के घर-कुदालों ने उस हमले में हिन्दुओं को फंसाने का भरपूर प्रयास किया।
· कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका भगवान होता है आज देशभक्त हिन्दु लगभग लावारिस व अनाथ सा जीबन जीने को मजबूर हैं । इन हालात में हम भगबान से यही प्रर्थना कर सकते हैं कि जिस तरह उसने आज तक धर्म-रक्षकों का साथ दिया है आगे भी अपना आशीर्बाद धर्मरक्षक देशभक्तों पर बनाए रखे ताकि हम इन गद्दारों के षडयन्त्रों को असफल कर अपनी प्यारी भारतमाता को इन गद्दारों से मुक्त करवा सकें। पर गीता में कहा गया है कर्म प्रधान है आओ मेरे प्यारे जागरूक हिन्दुओ खुद सक्रिए हो जाओ व बौद्धिक गुलाम हिन्दुओं को जगाकर इस हिन्दूक्रति का निर्णायक शूत्रपात करो ..... जागो हिन्दू जागो
4 टिप्पणियां:
बहुत प्रेक्टिकल लेख है हिन्दू समाज कि उअद्रता ही उसकी शत्रु बनी हुई है उसे जय पराजय का भान नहीं है लेकिन लिखते रहिये परिणाम जरुर आयेगा बहुत-बहुत धन्यवाद
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
हों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीय
Tiwari
इस स्रष्टि मे आर्यो के जन्म को 1अरब 96 करोड 8 लाख 53 ह्जार 117 वर्ष हो चुके है महाभारत काल तक हम आर्य रहे ये देश आर्यवर्त रहा फिर वेदो का पढना छूटा "जिस कारण1100 वर्षो कि गुलामी झेली ओर धर्म का कर्म का सर्वनाश हुआ ओर मुगलो ने हमे हिंदु नाम दिया जिसका अर्थ है काफिर ओर चोर, अब पुन:हिंदु से आर्य बनने का दायित्व आपका है" इसलिये गुलामी से मुक्त होने के लिये आर्य समाज की ओर चले
कृपया!ब्रटिश गवर्नमेंट ऑफ इंडिया रूल एक्ट 1935, इंडियन इंडिपेंडेंट एक्ट 1947 और भारत के संविधान पर भी प्रकाश डालें कि वे कैसे विदेशी पार्टी कांग्रेस ने अंग्रेजों के बनाये कानून को भारत के संविधान में घुसेड़कर भीमराव रामजी अम्बेडकर के नाम पर पेटेंट दिलवा दिया..? धन्यवाद!
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