आज हम प्रमाण सहित वो बताने वाले हैं जिसे समझने के बाद कोई भी देशभक्त कांग्रेस द्वारा श्रीमद भगवद गीता + रामायण को काल्पनिक, मानवता के हत्यारे ओसामा को जी, भारत के दुशमन हाफिज को साहब , स्वामी राम देव को ठग या फिर हिन्दू व RSS को आतंकवादी कहने पर कतई चौंकेगा नहीं …
आओ सबसे पहले आप इस से मिलो ये है अमेरिका में
इसलामिक आतंकवादियों के आर्थिक स्त्रोत साऊदी अरब की सहायता से Inter-Services Intelligence of Pakistan(ISI )द्वारा संचालित संस्था Kasmir Amrican Council(KAC) का प्रमुख गुलाम नबी फई जो आजकल अमेरिका में जेल में बन्द है क्योंकि इसने अमेरिका के Senators को इसलामिक आतंकवादियों के लिए काम करने के लिए ठीक उसी तरह खरीदने की कोशिश की जिस तरह इसने KAC के माध्यम से भारतीय सांसदों, फिल्मकारों, पत्रकारों, तथाकथित मानवाधिकारवादियों व समाजिक कार्यकर्ताओं को खरीदा था।
गृहमन्त्री सुशील कुमार शिन्दे द्वार हिन्दूओं को आतंकवादी साबित करने के पक्ष में ये कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार द्वारा गिरफ्तार हिन्दूओं में से एक ने ये स्वीकार किया है कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट पूरी होने से करने से पहले ही
Hindus Wanted to Kill Justice Rajinder sachar
राजेन्द्र सच्चर को मारना सही है या गलत कहने से पहले ये जान लें कि राजेन्द्र सच्चर किसके लिए काम कर रहा था भारत के लिए या फिर भारत के शत्रुओं के लिए?
आओ जरा इस तस्वीर पर नजर दौड़ायें
अरे ये क्या कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में काँग्रेस के 50 वर्ष के शासनकाल में मुसलमानों की दुर्गति की रिपोर्ट लिखने के लिए चुना गया Justice Rajinder sachar, इसलामिक आतंकवादियों के आर्थिक स्त्रोत साऊदी अरब की सहायता से Inter-Services Intelligence of Pakistan(ISI )द्वारा संचालित Kasmir Amrican Council(KAC) के मंच पर ?
अगर आप सोच रहे हैं कि इसे इसलामिक आतंकवादी बन्धक बनाकर ले गए हैं तो आप गलत हैं क्योंकि
इस गद्दार की इन तस्वीरों को देखकर साबित हो जाता है कि ये खुशी-खुशी भारत के शत्रुओं के लिए काम कर रहा है जिसका इनमा भारत के शत्रु इसे इस तरह से दे रहे हैं। अगर आपको इसकी गद्दारी पर जरा भी शंका है तो सच्चर कमेटी रिपोर्ट उठाकर एकबार पढ़ लें आप खुदबाखुद समझ जायेंगे कि किस तरह इस गद्दार ने ISI के इसारे पर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के माध्यम से भारतीयता पर हमला किया है।
अब आप बताओ कि अगर हिन्दू भारतविरोधियों के लिए काम करने बाले ऐसे गद्दार को मारने की योजना बना रहे थे तो क्या गलत कर रहे थे?
क्योंकि हमारे पूजनीय गुरू गोविन्द सिंह जी जैसे देशभक्त क्रांतिकारियों ने हमें यही तो सिखाया है कि जो भारत के शत्रुओं के लिए काम करे उसे जिन्दा रहने का कोई हक नहीं …
खैर छोड़ो मरना-मारना हमारे हाथ में नहीं लेकिन आप ये सोचो कि जिस काँग्रेस सरकार ने इस ISI ऐजेंट को इतनी महत्तवपूर्ण कमेटी का अध्यक्ष बनाया वो किसके लिए काम कर रही है भारत के लिए या फिर भारत के शत्रुओं के लिए?
कांग्रेस सरकार में भी बो कौन है जो भारत के शत्रु आतंकवादियों से पैसे खाकर हिन्दूओं को आतंकवादी कहकर बदनाम करने के लिए कभी करकरे तो कभी चिदंमबरम तो कभी दिगबिजय सिंह और अब सिंदे का इस्तेमाल कर रहा है?
बेचारा खुद कठपुतली है इसकी क्या औकात जो किसी और का इस्तेमाल कर सके। ये नहीं तो फिर मौत का सौदागर है कौन?
अभी आप अपना धैर्य बनाए रखें क्योंकि ये मामला जल्दी में निपटाने का नहीं बल्कि गहन चिन्तन करने का है कि काँग्रेस सरकार ने सिर्फ यही काम ISI के ईसारे पर किया या फिर कुछ और काम भी ?
जरा ध्यान से देखें ये है अमेरिका में भारत के शत्रु कातिलों के गिरोह ISI की ब्राँच KAC का सरगना गुलाम नबी फई अपने प्रधानमन्त्री के साथ जिसे कांग्रेस के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने शांतिदूत करार दिया क्यों?
क्या भारतीयों का कतलयाम करवाने वाले को कोई देशभक्त शांतिदूत कह सकता है? नहीं न
अब जरा इन्हें देखें ये हैं राध कुमार और दिलीप पांडगो़डकर जिन्हें काँग्रेस सरकार ने कशमीर समस्य़ा का समाधान करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया।
लेकिन ये क्या ये राधा कुमार तो भारत की शत्रु ISI द्वारा संचालित KAC के सरगना गुलाम नबी फई की बगल में बैठकर भारत को बरबाद करने के षडयन्त्र रच रही है ध्यान रहे दिलीप पांडगोटकर भी इसी हत्यारे का साथी है।
अब आप खुद सोचो कि जिस कांग्रेस सरकार ने भारत की असमिता से सबन्धित दो कमेटिया बनाईं और दोनों में ISI ऐजेंटो को रखा वो काँग्रेस क्या कभी किसी देशभक्त के साथ खड़ी हो सकती है? नहीं न
ISI द्वारा संचालित KAC के सरगना गुलाम नबी फई के इरादों को समझने के लिए इसे भी देखें
अब आप सोच रहे होंगे कि आजकल मिडीया का जमाना है तो फिर ये सब बातें तथाकथित मानवाधिकारबादियों ,समाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों ने क्यों नहीं उठाईं ?
दोस्तो जिन गद्दारों ने अपनी कलम का सौदा भारत के शत्रुओं के साथ भारत को बदनाम कर बरबाद करने के लिए कर लिया हो उन दलालों से भला आप राष्ट्रहित के मुद्दे उठाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
भरोसा नहीं होता तो ये देखो ये बो गद्दार है
जिसे हमारे जैसे लोग बचपन से पत्रकारिता का आदर्श मानते आए हैं वही शख्श इतना बड़ा गद्दार निकलेगा हमने कभी स्वपन में भी नहीं सोचा था।
देखो तो जरा किस तरह ये गद्दार इसलामिक आतंकवादियों के सरगना गुलामनबी फई के साथ बैठकर भारत को बदनाम करने हिन्दूओं को आतंकवादी साबित करने की कसमें उठा रहा है…
दोस्तो आप सब जानते हैं कि 1986 से लेकर 2006 तक अकेले कशमीर घाटी में ही इसलामिक आतंकवादियों ने साठ हजार हिन्दूओं का कत्ल कर पांच लाख हिन्दूओं को बेघर किया लेकिन इस गद्दार की कलम आज तक इन हिन्दूओं के दुख दर्द को समझने समझाने के लिए नहीं चली इसकी कलम चलती है तो सिर्फ गुजरात में मुसलमानों द्वारा हिन्दूओं को जिन्दा जलाए जाने के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों में मारे गए मुठी भर हमलावर मुसलमानों के लिए क्यों? क्या आपने कभी सोचा कि इस गद्दार की कलम सिर्फ मुसलमानों व इसलामिक आतंकवादियों के लिए ही साहनुभूति क्यों पैदा करती है क्यों इसे देशभर में इसलामिक आतंकवादियों द्वारा बहाया जा रहा लाखों हिन्दूओं का खून पानी की तरह नजर आता है कारण सिर्फ एक ही है क्योंकि ये गद्दार अपनी कलम को इसलामिक आतंकवादियों के हाथों बेच चुका है ?
ये वही कातिल है जिसने भारत के लोकतन्त्र के मन्दिर पर हमले के मुख्य आरोपी आतंकवादी SAR Gillani को बचाने के लिए मोमबती जलाओ व हस्ताक्षर करवाओ अभियान चलाकर ततकालीन सरकार पर दबाब बनाकर इस आतंकवादी को छुवाड़ाने में सफलता हासिल की और इसका दूसरा साथी अफजल आज भी इसलामिक आतंकवादियों के हाथों बिके हुए Politicians की बजह से माननीय न्यायालय द्वारा इस भारत के इस शत्रु को 19 नम्मबर 2006 को फांसी पर लटकाने के आदेश के बाबजूद आज तक जिन्दा रहकर भारतीय न्यायव्यवस्था व शहीदों का अपमान कर रहा है।
दोस्तो यही कारण है कि गुजरात के बहाने हिन्दूओं को बदनाम करने के लिए ये कातिल आज तक दर्जनों लेख लिख चुका है जबकि कशमीर घाटी के इसलामिक आतंकवादियों की बरबरता को लिखते वक्त इसकी कलम की स्याही सूख जाती है।
दोस्तो इसलामिक आतंकवादियों के हाथों बिका हुआ ये गद्दार पत्रकार गद्दार जज से मिलकर भारत को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा चुका है उसकी कल्पना करना भी आज हम लोगों के अनुमान से परे है।
ऐसा नहीं कि भारतविरोधी इस सेकुलर गिरोह में सिर्फ जज और पत्रकार ही शामिल हैं वास्तव में इस गिरोह में समाज को प्रभावित कर सकने में समर्थ हर स्तर का व्यक्ति सामिल है ।अब इसे ही देखो जो खुद को समाजिक कार्यकर्ता कहकर अक्कसर भारतविरोधियों के हाथों बिके हुए समाचार चैनलों के सटुडियो में बैठकर भारतविरोधी आतंकवादियों की हर कार्यवाही का समर्थन करते हुए भारतीय सेना ,पुलिस व देसभक्त संगठनों को गाली निकालता फिरता था हम दुविधा में पड़ जाते थे कि समाजिक कार्यकर्ता को देशभक्तों को गाली गलौच करने की क्या जरूरत लेकिन इन तसवीरों को देखने के बाद हमें पता चल गया कि ये गद्दार भी इसलामिक आतंकवादियों के पैसे पर पलने बाला वो आसतीन का सांप है जो भारत माता की गोद में जन्म लेकर भारत माता की बर्बादी के हर खेल में सामिल है भारतविरोधी कोई भी आतंकवादी भारत पर हमला करे ये हमेशा उन आतंकवादियों का चौकीदार बनकर भारत को बदनाम करने के लिए तत्पर रहता था। वैसे हम तो शुरू में इसे इसे बामपंथी आतंकवादियों का मददगार मानते थे लेकिन बाद में पता चला ये तो इसालमिक आतंकवादियों का भी ऐजेंट है।
काँग्रस सरकार की भारतविरोधी मानसिकता की नीचता तो देखो ये गद्दार भारत में व भारत से बाहर भारत को लहूलुहान करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं लेकिन ये भारतविरोधी काँग्रेस सरकार इन आसतीन के साँपों को कुचलने के बजाए उन सैनिकों—सन्तों-साध्वियों—पुलिस के जवानों व अधिकारियों और अन्य देशभक्तों को कुचलने में लगी हुई है जो भारतविरोधी आतंकवादियों के बिरूद्ध आवाज उठा रहे हैं व उन्हें मार गिरा रहे हैं।
दोस्तो आप सोच रहे होंगे कि इसालिम आतंकवादियों के हाथों बिके हुए ये मुठीभर लोग भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकते तो आप भ्रम का सिकार हैं क्योंकि इन्हीं बिके हुए Politicians विशेषकर कांग्रेसियों व सेकुलर गद्दारों —पत्रकारों---तथाकथित मानवाधिकारवादियों---समाजसेवको-----फिल्मकारों ने हिन्दूओं के बहाने भारत को इस हद तक बदनाम कर दिया है कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी दूसरे देश ने भारत को आतंकवादी राष्ठ्र घोषित करने की मांग की है चलते-चलते आप इस ऐजेंट को भी पहचानते चलें ये है भारतविरोधियों की खास पत्रिका तहलका की हरेन्द्र बबेजा तथा ये हैं भारतविरोधियों के मददगार प्रफैसर
अब आप जानना चाहेंगे कि इन गद्दारों ने इसलामिक आतंकवादियों से पैसा व सुविधायें लेने के बदले में क्या किया
सबसे पहले तो इस सेकुलर गिरोह ने मिलकर हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाया जिसमें देशभर में आतंकवादी हमलों में लाखों हिन्दूओं को कत्ल कर लाखों को उजाडा़ गया। इस अभियान में किस तरह इस गिरोह ने एकजुट होकर भारत को लहुलुहान किया इस बात को खुद कातिलों के गिरोह के सरगना गुलामनबी फई ने अमेरिकी अदालत में कबूल किया।
जब भी कभी देश में इन भारतविरोधी आतंकवादियों के विरूद्ध महौल बना तब इन बिके हुए गद्दारों ने बिके हुए चैनलों पर बैठकर भारतीय सैनिकों---पुलिस व अन्य देशभक्त संगठनों के बिरद्ध आगर उगलकर इन आतंकवादियों की मदद की।
दोस्तो इस सेकुलर गिरोह से जुड़े गद्दारों ने जो किया सो किया लेकिन जब बाढ़ ही खेत को खाने लग जाए तो भला कोई क्या करे…मतलब इस सेकुलर गिरोह के दुशप्रचार का शिकार होकर जिस कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाकर देश की आम जनता ने भारत की रक्षा की जिम्मेदारी एक विदेशी इटालियन अंग्रेज को सौंप दी जब उसी अंग्रेज ने चर्च के इसारे व इसलामिक आतंकवादियों के सहारे भारत को कुचने की ठान ली तो आज वो हुआ जो आज तक कभी नहीं हुआ था ……………….मतलब सीमापार से इसलामिक आतंकवादियों ने भारत की 16 लाख की सेना के होते हुए भी पहले असम में भारतीयों पर हमला बोला और अब जम्मु-कशमीर में घुसकर भारतीय सैनिक का सिर काटकर सीमा पार ले गए और हम देखते रह गए ।
मुसीबत की इस घड़ी में काँग्रेस ने भारत के शत्रुओं से लड़ने के बजाए भारत को ही आतंकवादी करार दे दिया…गुलामी की हद तो तब हो गई जब कांग्रेस सरकार और पाकिस्तान मिलकर भारत को आतंकवादी राष्ट्र कहकर बदनाम करने लगे…
इससे पहले भी इसी काँग्रेस सरकार ने शर्मअलशेख में लिखकर दिया कि बलूचीस्तान में आतंकवाद भारत पैला रहा है----
यही नहीं इसी काँग्रेस सरकार ने भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए भारतीय सेना के अधिकारी लैप्टीनैंट कर्नल पुरोहित को आतंकवादी कहकर जेल में बन्द कर दिया क्योंकि उसने सरकार को आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए चिठी लिखी …
इसी इटालियन अंग्रेज की गुलाम सरकार ने भारतीयों के हत्यारे दो इटालिन सैनिकों को जेल से क्रिसमिस की छुट्टी देकर इटली भेज दिया और इसलामिक आतंकवादियों को मारने के झूठे आरोप लगाकर जेल में बन्द की गई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर जुल्म ढाकर उसे कैंसर का शिकार बना दिया और कोर्ट द्वारा उसे इलाज के लिए जमानत देने की बात कहने पर भी इस गद्दारों की सरकार ने विरोध किया….जरा सोचो इटालिन कातिलों को क्रिसमिस की छुटी देने बाली इस भारतबिरोधी सरकार ने क्या भारतीय सैनिक लैप्टीनैंट कर्नल पुरोहित को दीपावली की छुट्टी दी….
नहीं न जरा सोचो कि जिस कांग्रेस सरकार ने ISI के साथ मिलकर ISI ऐजेंट राजेन्द्र सच्चर को सचर कमेटी का अध्यक्ष बनाकर ISI के देशविरोधी-हिन्दूविरोधी षडयन्त्रों को वैधानिक दर्जा दिलवाने के लिए रिपोर्ट तैयार करबाई…
ISI के साथ मिलकर दलीप पांडगौंकर+राधा कुमार जैसे ISI ऐजेंटों को कशमीर पर ISI के षडयन्त्रों को बैधानिक दर्जा दिलवाने के लिए कमेटी का सदस्य बनाया…
भारत के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का बताकर हिन्दूओं और मुसलमानों के बीच बैमनस्य बढ़ाया व हिन्दूओं में असुरक्षा की भावना को और बढ़ाया …
मुसलिम बहुल जिलों के विकास की बात कर मुसलमानों को अपनी जनसंख्य बढ़ाने के लिए उकसाया…
सुरक्षाबलों को आतंकवादी घटना के बाद इस्लामिक आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने को कहकर हिन्दूओं को फंसाने के लिए उकासाय…
पाठशाला में प्रवेश लेने पर मिलने वाली छात्रवृति को सिर्फ गैर हिन्दूओं तक सीमित किया… यहां तक कि SC,ST,OBC के बच्चों को भी वन्चित करवया….
हिथरो हवाई अड्डे पर बम धमाका करने वाले इस्लामिक आतंकवादी के पकड़े जाने पर शोर-शराबा मचाकर इसलामिक आतंकवादियों का हौसला बढ़ाया….
रामलीला मैदान में निर्दोष देशभक्तों पर हमला करवाकर उसे जायज ठहराया…
CBI का दुरूपयोग कर इसरत जहां व सोराबुद्दीन जैसे दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराने वाले जवानों को जेलों में ढलवाया…सांप्रदायिक हिंसा बिल के माध्यम से मुसलमानों व मुसलिम आतंकवादियों के हर अपराध के लिए हिन्दूओं को दोषी ठहराने का षडयन्त्र रचाया…
सेना को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का षडयन्त्र रचाकर भारत की नींब को हिलाया…
क्या अब भी आप इटालियन अंग्रेज की गुलाम ऐसी भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी काँग्रेस से ये उम्मीद कर सकते हैं कि वो देशभक्त हिन्दूओं को हिन्दू क्राँतिकारी कहकर भारतविरोधी आतंकवादियों का नमोनिसान मिटाने के लिए उनका साहस बढाए…http://bhagatsinghkrantisena.blogspot.in/2012/05/medha-patkar-exposed.html(Nothing ever came out of it. Yet, since then, there has emerged even more disturbing evidence of NBA's nefarious collusion with foreign elements This is in the form of an exchange of confidential emails between Ms. Patkar and by Mr. Patrick McCully, Ex. Director, International Rivers Network (IRN) based at Berkeley (United States). Now who is this Patrick McCully? He is a man who cavorts with enemies of India, particularly with Angana Chatterjee, on the board of IRN, a known India baiter, who was very close to
Ghulab Nabi Fai
, recently arrested by the FBI for being an ISI spy. Angana Chatterjee is married to Richard Shapiro, Director and Associate Professor of the Graduate Anthropology Program at CIIS. Now both Shapiro and Chatterjee were regular at the ISI sponsored junkets. She was charged of being propped up by the ISI to launch an anti-India campaign. Further, her partner Richard Shapiro was denied entry to India in 2010 for what was reported to be his anti-India propaganda.)
कुल मिलाकर हिन्दूओं को बार-बार आतंकवादी कहकर इसलामिक आतंकवादियों को बचाने के षडयन्त्र के पीछे और कोई नहीं सिर्फ और सिर्फ एडबीज एंटोनिया असलवीना माइनो ही है जो चर्च द्वारा भारत को तबाह करने के लिए रचे जा रहे हर षडयन्त्र को बौद्धिक गुलामों व बिके हुए सेकुलर गद्दारों के सहयोग से इसलामिक आतंकवादियों को हथियार बनाकर बड़ी चतुराई से अंजाम दे ही है…
3 टिप्पणियां:
विचारणीय आलेख!
सुन्दर प्रस्तुति!
वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!
करीब डेढ़ साल पहले भारत सरकार की तरफ़ से नियुक्त किए गए वार्ताकारों ने जम्मू-कश्मीर पर एक रिपोर्ट सरकार को पेश की थी. राधा कुमार उन वार्ताकारों में से एक थीं.
नकारात्मक असर
समस्या
"इस कदम से मुझे निराशा हुई है. राष्ट्रीय पार्टियाँ भी इस कदम से खुश नहीं हैं. हमारी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं. कश्मीर कुछ और समय के लिए हमारे लिए समस्या बना रहेगा"
कश्मीरी वार्ताकार
राधा कुमार के मुताबिक अफजल को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी. उनका मानना है कि फांसी के दूरगामी क्लिक करें परिणाम भले ही चाहे कुछ भी हों लेकिन फिलहाल इसका असर नकारात्मक ही होगा.
कश्मीर से जुड़े रहे एक दूसरे वार्ताकार ने बीबीसी से कहा कि उन्हें सरकार के कदम से निराशा हुई है और फांसी जिए जाने के कारण हुर्रियत के विभिन्न धड़े एक दूसरे के नजदीक आ सकते हैं.
उन्होंने कहा, “इस कदम से मुझे निराशा हुई है. राष्ट्रीय पार्टियाँ भी इस कदम से खुश नहीं हैं. हमारी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं. कश्मीर कुछ और समय के लिए हमारे लिए समस्या बना रहेगा.”http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/02/130209_afzal_analysis_vk.shtml
http://bhagatsinghkrantisena.blogspot.in/2012/05/medha-patkar-exposed.html
एक टिप्पणी भेजें