ओढ़े हुये हैं और दिमाग मे पूरी अंग्रेज़ियत भारी हुई है !!
और अंत राजीव भाई के कहते है कि ये जो कुतर्क है ये शरद पवार का नाम मैंने इसलिए ले लिया क्यूकि वह के प्रतीक व्यक्ति है वरना ये कुतर्क हिंदुस्तान के बहुत सारे पढे लिखे व्यक्तियों के कुतर्क बन चुके हैं !खासकर ऐसे पढे लिखे लोग जिनको कुछ अंग्रेज़ियत की शिक्षा मिली है जो कान्वेंट आदि मे पढे है इंजीनियर डाक्टर आदि बन चुके है उनके भी ये कुतर्क बन चुके हैं ! शरद पवार तो प्रतीक मात्र है वहाँ कोई और भी हो सकता है जो इसी तरह की बात करे !
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