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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

आओ शहीद राजीव दीक्षित जी को श्रद्धांजली दें।






राजीब दीक्षित जी बर्तमान भारत के सच्चे–पक्के क्रांतिकारी थे।राजीब जी को जब हमने पहलीवार सुना तो उनकी बातों ने मन को झकझोर दिया। हमें एहसास हुआ कि हम गुलामी की जंजीरों व बौद्धिक गुलामी के किस कदर आदी हो गए हैं। उनकी बातों ने मन में आजदी की एक नई रोशनी जगाकर हमें नया मार्ग दिखाया। हमने इससे पहले भी स्वादेशी की बहुत बातें सुनी थी लेकिन वो बातें कुछ उपभोग की बस्तुओं से आगे नहीं बढ़ पाती थीं। ऐसा नहीं कि उन बातों के कोई उपयोग नहीं लेकिन राजीव दीक्षित जी ने हमें स्वादेशी का विराट स्वारूप दिखाकर सच्ची आजादी का अर्थ समझा दिया।


हम अक्सर ये सोच-सोच कर दुखी रहते थे कि आज भारत के कानून क्यों भारत के आम आदमी के विरूद्ध अत्याचार को बढ़ाबा देकर अत्याचारियों ,आतंकवादिय़ों, व्याभिचारिचों व भ्रष्टाचारियों की रक्षा करते हुए प्रतीत होते हैं? जब राजीव दीक्षित जी ने हमें बताया कि बर्तमान भारत में लागू अधिकतर कानून विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बनाए हुए हैं तो हमें ये बात समझ में आयी कि जब ये कानून ही भारत के नहीं तो फिर भारतीयों की रक्षा भला ये क्यों करेंगे?


हमने महसूस किया कि भारत का संविधान भी भारतीयों के बजाए विदेशियों के हित साधता हुआ प्रतीत होता है जब राजीव दीक्षित जी ने बताया कि भारत का संविधान युरोपियन देशों के संविधानों की पंक्तियां उठाकर लिखा गया मतलब विना किसी मौलिक चिन्तन-मन्थन के विभिन्न ईसाई देशों की नकल कर ये अपंग संविधान तैयार किया गया जो आज अपने भारत के क्रांतिकारियों की तो दूर आम आदमी तक के अधिकारों की रक्षा करने के बजाए विदेशियों के हित साधने का हथियार बना हुआ है।


राजीव दीक्षित जी ने बताया कि स्वादेशी का अपने जीबन में उपयोग ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जो भारत को विश्वगुरू बनाने के साथ-साथ भारत के नौजवानों में वेरोजगारी की समस्या का पूर्ण समाधान कर उनमें आशा की किरण जलाने में सक्ष्म है।


कुल मिलाकर राजीव दीक्षित जी ने भारतीयों को बौद्धिक गुलामी से आजाद होकर पूर्ण स्वतन्त्रता से आत्मस्वाभिमान व आत्मनिर्भरता का जीवन जीने का मार्ग दिखाया।


राजीव दीक्षित जी ने अपनी जिन्दगी का हर क्षण देश के लिए जीकर हम सब भारतीयों को वलिदान का सबसे बढ़ा मार्ग दिखाया।


आओ वर्तमान भारत के इस महान क्रांतिकारी को श्रद्धांजली देने के लिए अपने जीवन को पूर्ण रूप से भारतीयता के रंग में रखने का संकल्प करें।


5 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

राजीव दीक्षित जैसे सच्चे इन्सान को हार्दिक श्रधांजलि.....

एक बेहद साधारण पाठक ने कहा…

भावभीनी श्रद्धांजली।

एक बेहद साधारण पाठक ने कहा…

भावभीनी श्रद्धांजली।

VICHAAR SHOONYA ने कहा…

इस महान इन्सान को मेरी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि.

सूबेदार ने कहा…

राजीव जी जल्दी चले गए ऐसे लोग कम ही होते है बेबाक स्वदेशी कि बात करते है उनकी आत्मा को शांति मिले, उनका मिशन भारत क़ा मिशन था हमें पूरा करना है यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.