धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों द्वारा रचे जा रहे हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को उजागर करने की कोशिश। हमारा मानना है कि भारत में कानून सांप्रदाय,जाति,भाषा,क्षेत्र,लिंग अधारित न बनाकर भारतीयों के लिए बनाए जाने चाहिए । अब वक्त आ गया है कि हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाने वाले भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को उनके समर्थकों सहित खत्म करने के लिए सब देशभक्तों द्वारा एकजुट होकर निर्णायक अभियान चलाया जाए।
बुधवार, 27 अक्टूबर 2010
इन्द्रेश जी शिकार हैं या शिकारी?
दुनिया में कुछ लोग ऐसा षडयन्त्र कर बैठते हैं जिसका अन्जाम शायद उन्हें भी ज्ञात नहीं होता। कुछ ऐसा ही हाल है विदेशी अंग्रेज एंटोनिया की गुलाम UPA सरकार का।
मुंमबई पर मुसलिम आतंकवादी हमले से पहले UPA सरकार ने पुलिस के कर्मचारियों पर दबाब बनाकर हिन्दू क्रांति की झूठी अबधारणा पैदा करने का षडयन्त्र किया।
जब इस षडयन्त्र की प्रतिक्रियस्वारूप हिन्दू उग्र होकर इसे वास्तविक स्वारूप देने लगे तो इस सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के मन्त्री अबदुल रहमान अंतुले( ध्यान रहे स्वर्गीय हेमंत करकरे जी इसी मंत्री के घर के पास घात लगाकर किए गय हमले में मारे गए) ने अपने पाकिस्तानी मित्रों के सहयोग से मुसलिम आतंकवादी हमला करवाकर मामले की कार्यवाही में सामिल पुलिस अधिकारी को मरवा दिया।
हमले को हिन्दू क्रांतिकारियों का हमला बताने के लिए धर्मनिरपेक्ष गिरोह के इशारे पर मिडीया ने आतंकवादियों के हाथों में कंगन(डोरी) पहने होने की बात का जबरदस्त प्रचार किया।
ये तो शुक्र है महाराष्ट्र पुलिस के उन जवानों का जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक मुसलिम आतंकवादी कसाब को जिन्दा पकड़ लिया वरना इस हमले का दोश भी हिन्दूओं के सिर मढ़ने की पूरी तैयारी थी। कारण भी सपष्ट था कि इस हमले में एक वो अधिकारी मारा गया था जिस पर हिन्दूओं का UPA सरकार के दबाब में काम करने का आरोप था।
जैसे इस अधिकारी की मौत हुई हिन्दू क्रांतिकारियों की वोलती बन्द हो गई क्योंकि शहीद जवान की शहीदी पर प्रश्न खड़े करना हिन्दूओं के सवभाव के विरूद्ध है। ये काम तो दिगविजय सिंह जैसे जयचन्दों का है। इस जवान की शहीदी के बाद हिन्दूओं ने मन बना लिया कि बेशक निर्दोश हिन्दू फांसी पर लटक जांयें पर जवान की शहीदी के बाद उनके बारे में कोई प्रश्न खड़े नहीं किए जायेंगे। अपने इस प्रण पर हिन्दू आज तक अढिग हैं।
जब UPA ने महारष्ट्र सरकार के माध्यम से हिन्दू क्रांति की झूठी अबधारणा पैदा करना शुरू की तो उसका एकमात्र निसाना था RSS। मिडीया के माध्यम से पकड़े गय हिन्दूओं के सम्बन्ध RSS से बताने के हर सम्भव प्रयास किए जाने लगे । तभी हिन्दू क्रांतिकारियों में से एक दयानन्द पांडे के साथ डा. अबदुल कलाम के रिस्ते जगजाहिर हुए और UPA सरकार की RSS को फंसाने की मुहिम पर ताला लग गया ।
क्योंकि जिन मुसलमानों को खुश करने के लिए कांग्रेस ये सब कर रही थी उन्हीं के सांप्रदाय से सम्बन्धित पर अगर कार्यवाही की जाती तब तो सारा खेल बिगड़ जाता। अगर UPA को मुसलमानों के विरूद्ध ही कार्यवाही करनी होती तो अफजल आज तक जिन्दा न होता।
हम दावे से कह सकते हैं कि अगर कसाब जिन्दा न पकड़ा गया होता तो मुंबई पर हमले के आरोप में आज सैंकड़ों हिन्दू नौजवान जेलों में वाकी 30 हन्दू नौजवानों की तरह बन्द होते।
फिर महाराष्ट्र सरकार के साथ केन्द्र सरकार का बयान आया कि हिन्दू क्रांतिकारियों के निशाने पर RSS के नेता भी हैं खासकर इन्द्रेश जी । ध्यान रहे कि इस ब्यान को अभी तक बदला नहीं गया है । अब कांग्रेस की राजस्थान सरकार कह रही है कि इन्दरेश जी इन हिन्दू क्रांतिकारियों के साथ हैं मतलब शिकारी हैं।
असलियत यह है कि इन्द्रेश जी एक देशभक्त है जो मुसलिम राष्ट्रीय मंच के माध्यम से देशभक्त मुसलमानों को धर्मनिर्पेक्ष गिरोह के विरूद्ध खड़ा कर रहे हैं ।
यही वो दहशत है जो कांग्रेस के नेतृत्व वाले हिन्दूविरोधी देशविरोधी गिरोह को बेचैन किए हुए है।क्योंकि इस गिरोह की सारी राजनिती ही फूट डालो और राज करो पर अधारित है अगर इन्द्रेश जी लोगों को खासकर मुसलमानों को इस गिरोह की असलियत समझाने में समर्थ हो गए तो इस गिरोह का इस देश से नामोनिशान मिट जाएगा ।
बस इसी परेसानी में UPA लगातार वेबकूफी पर वेबकूफी किए जा रहा है। ये बिलकुल बैसी ही वेबकूफी है जैसी इस गिरोह ने भगवान श्रीराम जी की जन्मभूमि को मसजिद बताकर की।
परिणाम सबके सामने है आज माननीय न्यायालय के सर्वसमत निर्णय के बाद ये गिरोह बगलें झांकता फिर रहा है और अनापसनाप ब्यानबाजी कर देसभक्त संगठनों व हिन्दूओं को बदनाम करने की साजिसों को आगे बढ़ाकर अपनी गद्दारी के कुछ और प्रमाण देश के सामने रख रहा है।
अन्त में हम इतना ही कहेंगे के कि इन्द्रेश जी शिकारी नहीं वल्कि विदेशी अंग्रेज एंटोनिया की गुलाम UPA सरकार के हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों के शिकार हैं।
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2 टिप्पणियां:
सच सामने अवश्य आयेगा..
इन्द्रेश न शिकारी है न तो शिकार है वे संघ के प्रचारक है भारतीयों ने जिस देश को हज़ार वर्षो की लड़ायी से आज़ादी दिलाई वह देश उन्ही पर्कियो के चंगुल में फास्ता जा रहा है प्रकारांतर से देश गुलामी की तरफ बढ रहा है हमने आज़ादी इस नाते नहीं ली की इस पर पुनः चर्च क़ा शासन होगा हमें चर्च से मुक्ति पानी होगी , ये तो राष्ट्र बादियो को आतंकबादी बना कर जानता के सामने बदनाम करना- जो अंग्रेज देश भक्तो -क्रांतिकारियों के साथ करते थे आज वही काम सोनिया,मनमोहन एंड कंपनी कर रही है हमें सतर्क होकर नयी आज़ादी की लडाई की तरफ बढ़ना होगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हाथ डालकर कांग्रेश ने देश भक्तो को ललकारा है हमर उस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए --- इस देश में हिन्दू क़ा शासन या मुस्लिम क़ा ,क्या यह देश इस्लामिक है प्रत्येक प्रदेश में हज हॉउस बने हुए है हजयात्रियो को करोणों क़ा अनुदान मिल रहा है हिन्दुओ पर जजिया कर हिन्दू नंबर दो क़ा नागरिक हिन्दुओ के तीर्थ स्थलों की आय चर्च,और मख्तबो में ब्यय किया जा रहा है . .
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