पैप्सी बोली कोका कोला, भारत का इनसान है भोला।
विदेश से में आयी हूं, साथ मौत को लायी हूँ।।
लहर नहीं जहर हूँ मैं ,गुर्दों पर बढ़ता कहर हूँ मैं।
मेरी पी एच दो पवांट सात,मुझ में पड़कर गल जायें दांत।।
जिंक आर्सेनिक लेड हूँ मैं, साड़े आंतों को वो जहर हूँ मैं।
मुझसे बढ़ती एसिडिटी, फिर क्यों पीते भैया-दीदी ?
ऐसी मेरी कहानी है, मुझ से अच्छा तो सादा पानी है।
दूध दवा है, दूध दुआ है, मैं जहरीला पानी हूं।।
जब दूध मुझ से अच्छा है तो फिर पीकर मुझको क्यों मरता है?
हजारों करोड़ कमाती हूं, सबका सब भारत से बाहर ले जाती हूं।।
शिव ने भी कभी जहर-उतारा ,अपने कण्ठ से नीचे।
तुम बौद्धिक गुलाम नादान हो बहरो! पड़े हुए हो जो मेरे पीछे।
देखो इंडियन लालच में अन्धा, बना लिया है मुझको धन्धा।
मैं नहीं पहूँची हूँ आज वहां पर ,पीने का नहीं पानी जहां पर।।
छोड़ो नकल अब अकल से जीयो,जो कुछ पीना सँभल के पीयो!
सेहत का रखना अब तुम ध्यान , धर में आयें जब मेहमान।।
इतनी तो तुम रसम निभाना, उनको भी कुछ कसम दिलाना ।
दूध जूस गाजर रस पीना-पिलाना,डालकर छाछ में जीरा पुदीना।।
अनन्नास आम का अमृत, बेदाना बेलफल का शरबत्।
स्वासथ्यवर्धक नींबू का पानी, जिसका नहीं है कोई सानी।।
भारतीय पेय अब तुम पीना और पिलाना, पैप्सी-कोक अब नहीं घर में लाना।
अब तो समझो बौद्दिक गुलामो, इस जहर के सटाक से करो टायलेट साफ।।
नहीं तो होगा वो अन्जाम कर देगा मेरा जहर तुम सबका काम तमाम।।।
9 टिप्पणियां:
सुनील दत्त जी
बहुत दिन बाद आपका ब्लॉग कबिता क़े रूप में पढ़ा लगता है कि आपका दर्द कबिता क़े रूप में फूट पड़ा ,बहुत सुन्दर लिखा है शिक्षा प्रद है हम भारतीयों को विदेशी स्वदेशी में कुछ तो अंतर समझना चिहिया.
अरे बाप रे बाप
मै आज से दूर रहुगा
आप की कविता में सच्चाई है| हर हिन्दुस्तानी को इस पर अमल करना चाहिए|
आप सब को हम बताना चाहते हैं कि यह कविता हमारी रचना नहीं। हम स्वामी राम देब जी के कार्यक्रम में गए थे। वहां पर एक पत्रक के रूप में बांटी गई। हमने थोड़े बहुत परिवर्तन किए हैं।
लेकिन ये कविता हमारी विचारधारा व सोच को प्रतिविन्वित करती है इसलिए हमने इसे आपके साथ सांझा किया ।आप चाहें तो इसे आगे पत्रक के रूप में बांट सकते हैं या कहीं भी छाप सकते हैं।
सुनील जी
आपने तो बहस का एक नया बिषय दिया
धन्यवाद
सुनील जी राम देव जी महाराज के कार्यक्रम २०१४ के लिए सभी का एक होना अधिक लाभ प्रद होगा | आपने बहुत अच्छा प्रयास किया जो यह कविता यहाँ प्रकाशित कर दी |
सचाई सबके हक मे. धन्यवाद!
Drinking large quantities of Coca-Cola was a "substantial factor" in the death of a 30-year-old woman in New Zealand, a coroner has said.
http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-21423499
Drinking too many sugary beverages appears to raise the risk of high blood pressure, experts are warning.
http://www.bbc.co.uk/news/health-12597970
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