अगर हम परिबार की बात करें तो परिबार में मात-पिता और देश में सरकार का एक
ही दायित्व होता है ...माता-पिता का दायित्व है बच्चों के साथ समानता का व्यबहार
करना और गलती करने वाले बच्चे को उसी गलती का एहसास करवाना ...गलती न सुधारने पर
उसे दंडित करना...सरकार का दायित्व है नागरिकों के साथ समानता का ब्यवहार करना और
गलती करने वाले नागरिकों को अन्त में दंडित करना....लेकिन ये भारत का दुर्भाग्य है
कि पिछले 10 वर्ष से एक ऐसी भारतविरोधी सरकार देश में है जो अपने ही नागरिकों को आपस
में लडवाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है व हर वक्त कानून तोड़ने वाले---हत्या
करने वाले नागरिकों के साथ खड़ी हुई प्रतीत होती है....
हमें कई बार लगा कि शायद सरकार पर राहुल गाँधी की पूरी पकड़ नहीं लेकिन आज
जब राहुल गांधी ने ये कहा कि मुजफरनगर में दंगों के सिकार लोग पाकिस्तान जाना
चाहते हैं को राहुल गाँधी ने ये साबित कर दिया कि दिमाग में भारत के प्रति इतना
जहर भरा पड़ा है कि उसे शब्दों में दर्ज करवाना मुसकिल ही नहीं असम्भव है...
देश का हर जागरूक नागरिक जानता है कि दंगों की शुरूआत अलगाववादियों द्वारा
हिन्दूओं की मां-बहन-बहु-बोटियों के बिरूद्ध चलाए जा रहे लब जिहाद के रास्ते की
रूकाबट बने लड़की के भाई और उसके दोस्त के कत्ल से हुई। जिस पर पुलिस ने कार्यवाही
करते हुए कातिलों को जेल में डाल दिया लेकिन अलगाववादियों के मन्त्री आजम खान ने
दबाब डालकर उन कातिलों को छुड़वा दिया ....अलगाववादी इतने ही पर नहीं रूके बल्कि
जुमे की नमाज के बाद काँग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के
नेताओं ने अलगाववादियों को हिन्दूओं का नमोनिशान मिटाने के लिए उकसाया जिसके परिणामस्वारूप
पैदा हुए दहशत से भयभीत हिन्दूओं ने संगठित होकर वेटी बचाओ सभा का आयोजन किया जिस
पर इन सेकुलर गद्दारों ने अलगाववादियों के साथ मिलकर हमला वोल दिया और जानबचाकर
भारग रहे हिन्दूओं पर मस्जिद से AK 47 से गोलियां दाग कर
हिन्दूओं का खून बहाया उनकी गाड़ियों भी फूंक डाली...क्योंकि इस सभा में आने वाले
अधिकतर किसान थे जो अपने ट्रैकटर साथ लेकर आए थे उनके ट्रैकटर भी जला दिए गए...और
हिन्दूओं पर इतना बड़ा हमला करवाने वाले मौलवी को वहां की भारतविरोधी सरकार ने
विशेष विमान भेजकर सम्मानित किया... और वेशर्मी देखो इस सपोले की कि ये कह रहा है कि
मुजफरनगर के दंगाई अलगाववादी इसलिए
पाकिस्तान जाना चाह रहे हैं कि उन पर हिन्दूओं ने हमला किया ...सब जानते हैं कि आज
उतर प्रदेश और केन्द्र दोनों में दंगाईयों की ही सरकार है फिर भला दंगाई क्यों
पाकिस्तान जाने लगे...लेकिन राहुल गाँधी की जहरीली जुवान में इतनी भी शर्म या
लोकलाज वाकी नहीं जो ये कह सके कि केन्द्र और राज्य सरकार के सांझें हमले में जान-माल
का नुकशान उठाने वाले हिन्दूओं के साथ जो अन्याय हुआ है उसके लिए 1984 के दंगों की
ही तरह पूरी काँग्रेस पार्टी शर्मिंदा है....एकतरफ जहां रहुल गांधी ने पाकिस्तान
का जिकर कर न केबल मुसलमानों को हिन्दूओं के बिरूद्ध भडकाया वल्कि दुनिया को ये
सन्देश भी देने की कोशिश की कि इसलामिक आतंकवादियों का देश पाकिस्तान मुसलमानों के
लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित है....दूसरी तरफ सिखों द्वारा इन्दरागँधी की हत्या का
जिकर कर राहुल गाँधी ने हिन्दूओं को सिखों के विरूद्ध भड़काने की कोशिश की ...मतलब
राहुल की जहर उगलती जुवान में एक ही मकसद नजर आता है कि किस तरह भारत को दंगों की
आग में धकेल कर धर्मनिर्पेक्षता का बुर्का ओड़ कर आने वाले चुनाबों को जीता
जाए....
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
साझा करने के लिए आभार।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
साझा करने के लिए आभार।
आपकी पोस्ट पर बहुत दिन बाद आया तुष्टीकरण पर एक अच्छी प्रस्तुति हिन्दू समाज का जागरण ही एक मात्र उपाय-------!
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