पहसे उसके गले व शरीर के वाकी हिस्सों में कट लगाए गए फिर उसके सिर पर इटों-पत्तथरों से प्रहार किए गए फिर उसके शरीर को भी मारा गया ठीक उसी तरह जिस तरह ये गऊ माता को हलाल करते वक्त पहले उसके गले में कट लगाते हैं फिर उसके शरीर पर तब तक प्रहार करते हैं जब तक गऊ माता के शरीर से उसकी खाल अलग न हो जाए फिर भी हमारे ही अपने हमें कहते हैं कि हम इन इसलामिक राक्षसों की असलियत लिखकर उनका विरोध कर रहे हैं सच कहें तो हमारा मानना साफ है कि बिना इसलाम को संसार से खत्म किए मानबता की रक्षा करना मुसकिल ही नहीं वल्कि असम्भव है लेकिन भारत की सरजमी से इसलाम का नमोनिसान तब तक नहीं मिटाया जा सकता जब तक हमारे सब प्यारे हिन्दू भाई-बहन-मित्र-यार व सेकुलर विरोधी इसलाम की इस राक्षसी प्रवृति को अच्छी तरह नहीं पहचान लेते अफसोस 1000 वर्ष से इन राक्षसों के जुल्मों जियादती की लाखों दास्तानों को देखने सुनने के बाद भी--- भारत के 5-5 टुकड़े होने के बाद भी---कशमीरघाटी में 60000 हिन्दूओं के कत्ल के बाद भी---व 500000 हिन्दूओं के वेघर होने के बाद भी …आसाम में लगातार इन जानवरों के हमलों के बाद भी----पूरे भारत में इन राक्षसों द्वारा हाल ही के वर्षों में 50000 आतंकवादी हमलों के बाद भी हमारे प्यारे हिन्दू भाई-बहन-मित्र-यार व सेकुलर विरोधी इसलाम की असलियत वोलने समझने-समझाने में संकोच करते हैं अब आप ही बताओ मानबता की रक्षा हो तो कैसे ….भारतीयों की सुरक्षा हो तो कैसे भारत बचे तो कैसे?
धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों द्वारा रचे जा रहे हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को उजागर करने की कोशिश। हमारा मानना है कि भारत में कानून सांप्रदाय,जाति,भाषा,क्षेत्र,लिंग अधारित न बनाकर भारतीयों के लिए बनाए जाने चाहिए । अब वक्त आ गया है कि हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाने वाले भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को उनके समर्थकों सहित खत्म करने के लिए सब देशभक्तों द्वारा एकजुट होकर निर्णायक अभियान चलाया जाए।
रविवार, 28 अप्रैल 2013
क्या सरबजीत सिंह जी को हलाल नहीं किया गया?
पहसे उसके गले व शरीर के वाकी हिस्सों में कट लगाए गए फिर उसके सिर पर इटों-पत्तथरों से प्रहार किए गए फिर उसके शरीर को भी मारा गया ठीक उसी तरह जिस तरह ये गऊ माता को हलाल करते वक्त पहले उसके गले में कट लगाते हैं फिर उसके शरीर पर तब तक प्रहार करते हैं जब तक गऊ माता के शरीर से उसकी खाल अलग न हो जाए फिर भी हमारे ही अपने हमें कहते हैं कि हम इन इसलामिक राक्षसों की असलियत लिखकर उनका विरोध कर रहे हैं सच कहें तो हमारा मानना साफ है कि बिना इसलाम को संसार से खत्म किए मानबता की रक्षा करना मुसकिल ही नहीं वल्कि असम्भव है लेकिन भारत की सरजमी से इसलाम का नमोनिसान तब तक नहीं मिटाया जा सकता जब तक हमारे सब प्यारे हिन्दू भाई-बहन-मित्र-यार व सेकुलर विरोधी इसलाम की इस राक्षसी प्रवृति को अच्छी तरह नहीं पहचान लेते अफसोस 1000 वर्ष से इन राक्षसों के जुल्मों जियादती की लाखों दास्तानों को देखने सुनने के बाद भी--- भारत के 5-5 टुकड़े होने के बाद भी---कशमीरघाटी में 60000 हिन्दूओं के कत्ल के बाद भी---व 500000 हिन्दूओं के वेघर होने के बाद भी …आसाम में लगातार इन जानवरों के हमलों के बाद भी----पूरे भारत में इन राक्षसों द्वारा हाल ही के वर्षों में 50000 आतंकवादी हमलों के बाद भी हमारे प्यारे हिन्दू भाई-बहन-मित्र-यार व सेकुलर विरोधी इसलाम की असलियत वोलने समझने-समझाने में संकोच करते हैं अब आप ही बताओ मानबता की रक्षा हो तो कैसे ….भारतीयों की सुरक्षा हो तो कैसे भारत बचे तो कैसे?
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2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार के "रेवडियाँ ले लो रेवडियाँ" (चर्चा मंच-1230) पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद जी
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