धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों द्वारा रचे जा रहे हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को उजागर करने की कोशिश। हमारा मानना है कि भारत में कानून सांप्रदाय,जाति,भाषा,क्षेत्र,लिंग अधारित न बनाकर भारतीयों के लिए बनाए जाने चाहिए । अब वक्त आ गया है कि हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान चलाने वाले भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को उनके समर्थकों सहित खत्म करने के लिए सब देशभक्तों द्वारा एकजुट होकर निर्णायक अभियान चलाया जाए।
रविवार, 28 अप्रैल 2013
क्या सरबजीत सिंह जी को हलाल नहीं किया गया?
गुरुवार, 25 अप्रैल 2013
ओउम हनुमते नम: ओउम हनुमते नम: ओउम हनुमते नम: ओउम हनुमते नम: ओउम हनुमते नम:
बुधवार, 24 अप्रैल 2013
भाजपा को अगर सच में सेकुलर बनना है तो उसे भी वही करना होगा जो Congress,SP,CPM,JDU TMC,NCP , NC, PDP कर रहे हैं वरना मोदी के अलाबा कोई और विकल्प नहीं...सन्दर्भ गोरखपुर धमाका
मंगलवार, 23 अप्रैल 2013
वरना इस अराजकता के फलस्वारूप हथिरबन्द गृहयुद्ध के हालात तो लगातार बनते ही जा रहे हैं
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013
भारतीय जीवन पद्धति की सबसे बड़ी जरूरत आज भारत को है संदर्भ 5 वर्ष की बच्ची से बलाताकार के बाद उसके पेट में मोमवती और सीसी का डाला जाना
बुधवार, 17 अप्रैल 2013
जय माता की जय माता की जय माता की जय माता की जय माता की
मंगलवार, 16 अप्रैल 2013
मित्रो जब दंगा ही धन्दा बन जाए तो भला कोई क्या जबाब दे…
मेरे प्यारे देशवासियो आज भारत में बड़े ही अदमभुद हालात पैदा होते जा रहे हैं एक तरफ जहां संघ परिवार.. जैसे संगठन हैं जो हर हाल में हिन्दू-मुसलिम-सिख-ईसाई के भेद को मिटाकर समस्त भारतीयों को भारतीयता के सूत्र में बान्धना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर खुद को सेकुलर कहने वाला गिरोह हैं जो हर वक्त हर हर जखम को उस हद तक कुरेदना चाहते हैं जहां से हिन्दू-मुसलिम-सिख-ईसाई का एक दूसरे के साथ बैठना तक असम्भव बना दिया जाए।
दोस्तो सच बतायें तो कई बार सेकुलर गिरोह के दुशप्रचार का सिकार होकर हमारे मन में भी इस तरह की नफरत पैदा होती है कि मन करता है कि भारत की पवित्र भूमि से उन सबका नमोनिशान मिटा दिया जाए जिनके लिए ये सेकुलर गिरोह हर वक्त भारतीयों और भारतीय संस्कृति को कोशता रहता है लेकिन तभी हमें संघ द्वारा दी गई वो शिक्षा याद आती है जिसमें हर वक्त ये ऐहसास करवाया जाता था कि ये सब हमारा ही खून हैं भारतीयों का ही खून हैं इनकी कुछ मजबूरियांरही हैं जो इन लोगों ने अपनी पूजा पद्धती बदल ली।
भारतीय परिवार का मुखिया होने के नाते ये हम हिन्दूओं का फर्ज बनता है हम अपने इन भाईयों को अपनेपन व इनके पूर्वजों से अपने खून के रिस्तों का ऐहसास करवायें व बातयें कि इनके पूर्बजों पर बिद्शी अक्रांताओं ने किस तरह जुल्म ढाए ताकि एक न एक दिन ये भारतीयता को पूरी तरह आत्मसात कर लें..
अगर आप मोदी जी के विरोधी हैं या फिर आपको मोदी जी के वारे में शंकायें हैं तो आप हमें मोदी जी का सिर्फ एक ऐसा ब्यान बता दें जो कि सांप्रदाय विशेष के बिरूद्ध हो। मित्रो आप ऐसा एक भी बयान नहीं ढूंढ सकते क्योंकि संघ की शाखा से निकला वयक्ति कभी अलगाव की भाषा नहीं वोल सकता न ही वोट की चाहत में अलगावाद को बढ़ाबा दे सकता है गुजरात में मोदी जी ने जो भी योजनायें बनाई हैं उनका लाभ सब सांप्रदायों व अमीर-गरीब को एक समान मिला है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया क्योंकि कोई भला अपने ही खून के साथ कैसे भेदबाव कर सकता है?
अब रही बात 2002 के दंगो की तो जरा ध्यान से मन शांत करके सोचो कि अगर 2000 मुसलमानों की भीड़ जिसमें सेकुलर गिरोह से जुड़े पार्षद भी सामिल थे अगर 59 तीर्थ यात्रियों मतलब राम भक्तों मतलब कारसेवकों को जिन्दा न जलाती तो क्या दंग होता नहीं होता आप सबका यही जबाब होगा …
अब आप कहेंगे कि रामभक्तों की रक्षा ततकालीन सेकुलर रेलमन्त्री नितीस कुमार नहीं वल्कि वल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी लेकिन अगर ट्रेन में कोई दंगा फसाद हो रहा है तो उसकी सूचना तो पहले रेल मन्त्रालय को ही जाएगी न और फिर रल मन्त्रालय राज्य सरकार को सूचित करेगा तब जाके राज्य सरकार उस मामले को सम्भालेगी। अगर सेकुलर नितीश कुमार ने समय पर सूचना दी होती तो न तो रामभक्त जिन्दा जलाए जाते और न ही दंगा फसाद होता।
अगर आप इमानदारी से दंगों का इतिहास खंगालेंगे तो पायेंगे कि मोदी जी ने सबसे तीब्र गति से दंगा रोकने का भरसक प्रयास किया वरना 92% हिन्दू एक भी मुसलमान को जिन्दा न छोड़ते ये तो मोदी जी के सख्त निर्देशों का असर था कि हिन्दूओं को जिन्दा जलाए जाने व कशमीर घाटी में 60000 हिन्दूओं के कत्ल की प्रतिक्रियास्वारूप पैले दंगों में सिर्फ 1024 लोग मारे गए जिनमें से 250 से अधिक हिन्दू थे जो पुलिस की गोली का सिकार हुए मतलब कुलमिलाकर सिर्फ 500 मुसलमान मारे गए…
आप सब जानते हैं कि 1984 में इन्दिरा गाँधी जी की हत्या की प्रतिक्रियास्वारूप 3000 सिख सेकुलर गिरोह के हमलों का सिकार हुए थे लेकिन हमने कभी इस जख्म को नहीं कुरेदा वेशक हमारा मानना है कि सिखों के इतिहास का एक-एक दिन भारत के लिए की गई कुर्वानियों के लिए भरा पड़ा है सिखों पर हमला बास्तव में भारतीयता के मूल पर हमला था लेकिन सच्चाई यही है कि भारत में भारत विरोधी ताकतें इस हद तक सक्रिए हैं कि वो कुछ भी करवा सकती है हमारे विचार में तो हम सब भारतीयों को इन बिदेशी ताकतों के बहकावे में आने के बजाए पुराने जख्मों को कुरेदने के बजाए उन सबसे सबक लेकर मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए…
फिर भी पिछले 12 वर्षों से हर चैनल व हर सेकुलर पार्टी की जुवान पर एक ही बात है और वो है गुजरात दंगा।मित्रो क्या आपने कभी ध्यान से सोचा कि क्यों ये हर वक्त गुजरात दंगों के जखमो को कुरेदते रहते हैं आखिर इनको मिलता क्या है इन जख्मों को कुरेदने से …अगर आपको नहीं पता तो हम आपको बता देते हैं बास्तब में ये एजंडा इनका नहीं वल्कि भारत के उन शत्रुओं को है जो भारत को आगे बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहते । ये भारत के शत्रु इन सेकुलर पार्टियों चैनलों व काटजूँ + सच्चर जैसों की जेबें गरम करते हैं और बदले में ये सेकुलर गिरोह भारत के जख्मो को कुरेदता रहता है ताकि ये जख्म कैंसर का रूप ले ले और भारत इस कैंसर का सिकार हो जाए और हम और हमारे जैसे बहुत से लोग कई बार इस सेकुलर गिरोह के उकसावे में आकर वही वोलने लग पड़ते हैं जो ये गिरोह व इसको पैसे देने वाले भारत के सत्रु चाहते हैं हमने फैसला किया है कि आज से हम इस सेकुलर गिरोह के उकसावे का सिकार न होते हुए हम वही कहेंगे जो हम सब भारतीयों के हित में है…
अन्त में हम भारतीय मुसलमानों से यही कहेंगे कि उन्हें हिन्दूओं से सहनशीलता का सबक लेते हुए सेकुलर गिरोह के उकसावे में आने के बजाए हिन्दूओं के साथ सीधा सम्पर्क रखना चाहिए …मुसलमानों को समझना होगा कि क्यों हिन्दू कभी भी 1985 से 2006 तक कशमीर घाटी में मुसलमानों द्वार मारे गए 60 हजार हिन्दूओं व घरबार से उजाड़े गए 5 लाख हिन्दूओं की बात नहीं करता …हिन्दू जानता है कि अगर उसने अपने जखमों को उसी तरह कुरेदना सुरू कर दिया जिस तरह भारत के शत्रु भारत के वाकी जख्मों को कुरेद रहे हैं तब तो उन्ही लोगों का फाजयाद होगा जिनके लिए दंगा ही धन्दा बन गया गया है चैनल चलाने का पार्टी चलाने का चुनाब में मंहगाई-वेरोजगारी-भर्ष्टाचार और गद्दारी को छुपाने का अब भी आप लोंगो को बात समझ न आए तो हम तो इतना ही कहेंगे कि मित्रो जब दंगा ही धन्दा बन जाए तो भला कोई क्या जबाब दे…