हम भारतीय नव वर्ष का प्रारम्भ हिन्दू, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानते हैं क्योंकि ?
• इस तिथि से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण प्रारम्भ किया।
• मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र जी का इस दिन राज्याभिषेक हुआ।
• इस दिन नवरात्रों का महान पर्व आरम्भ होता है।
• देव भगवान झूले लाल जी का जन्म दिवस ।
• महाराजा विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का शुभारम्भ ।
• राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस।
• महर्षि दयानन्द जी द्वारा आर्य समाज का स्थापना दिवस।
• संसार के अधिकतर देशों के बजट की भी इन्हीं दिनों(पखवाड़े में) शुरूआत होती
इसके अतिरिक्त ये वो वक्त है जब हमारे शरीर में नए खून का ज्वार उठता है व हमारे आसपास की प्रकृति भी नए कपड़े डालकर नव वर्ष शुरू होने का संकेत दुनिया के जागरूक लोगों तक पहुंचाती है…
दूसरी तरफ बहुत से बौद्धिक गुलाम लोग ग्रेगेर्रियन कलैंडर के अनुसार 1 जनवरी को, एक वयक्ति इसामशीह के मरनोउपरांत खुशियां मनाकर उसे नववर्ष का नाम देकर दुनिया को भ्रमित करने की पुरजोर कोशिश करते हुए मानवता का मखौल उड़ाते हैं अब ये आपके अपनी इच्छा है कि
आप अपनी आने वाली पिढ़ीयों को कैसा बनाना चाहते हैं
ऐसा
(अंग्रेजी नव वर्ष पहली जनवरी मनाने वाला)
या फिर ऐसा
(भारतीय नव वर्ष वर्षप्रतिपदा मनाने वाला)
ऐ वतन तेरी कसम ,कुर्बान हो जांएगे हम ।
तेरी खातिर मौत से भी , जा टकरांएगे हम ।
संस्कार एक दिन में न बनता है न बिगड़ता है यह एक सतत प्रक्रिया है आप अपने आपको कौन सी प्रक्रिया के हवाले करते हैं वही आपका संस्कार निर्माण करेगा।
जागो भारतीयो जागो पहचाने अपने अन्दर वह रहे भारतीय खून को और इस खून से जुड़ी महान सच्चाईयों को… जिनमें से नव वर्ष,
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
से प्रारम्भ होता है…. भी एक सच्चाई है
आप सबको हिन्दू नबवर्ष के शुभ अवसर पर एक वार फिर हार्दिक शुभकामनायें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें