आओ सबसे पहले अपनी सेवा के अन्तिम दिन सेवा के बाद मिलने वाले किसी भी पद के लालच को त्याग कर न्याय व देशहित में फैसला सुनाने वाले Justice A K Gaungly जी को प्रणाम करते हुए
आगे भरोसा रखें कि Justice G S Singhvi न्याय व देशहित की इस कड़ी को इसी तरह आगे बढ़ाते रहेंगे…
आज देश में चोरों और गद्दारों की सरगना सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो ,इसके सपोले राहुल विन्शी व इनके गुलामों द्वारा मचाई गई लूट और गद्दारी से पैदा हुए अविश्वास के महौल में माननीय सर्वोच्च न्यायालय एक के बाद एक ऐसे फैसले सुना रहा है जो भारत की देशभक्त जनता में संयम पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं वरना तो आज देशभक्त जनता इस कदर आक्रोशित है कि न जाने कब देश उस आग में झुलस जाए जिस आग में कभी नहीं झुलसा। मतलब कभी भी देश की जनता हथियार उठाकर इस भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी सरकार में व बाहर बैठे लुटेरों और गद्दारों को मौत के घाट उतारने पर मजबूर हो सकती है।
देशभक्त जनता में आक्रोश का सबसे बड़ा कारण है भारत की सत्ता पर काबिज भारतिरोधी-हिन्दूविरोधी लुटेरों की वो गैंग जो चोरी और गद्दारी करने के बाद देशभक्तों को झूठे मुक्द्दमों में फंसाकर न केवल बदनाम कर रही है वल्कि जेलों में डालकर यातनायें भी दे रही है।
मतलब चोरी और सीना जोरी की कहाबत इस इटालियन लुटेरी व इसके गुलामों पर पूरी तरह चरित्राथ होती है।आप सब जानते हैं कि इस लुटेरी की लूट के बिरूद्ध अन्दोलन खड़ा कर रहे डा. सुब्रामणम स्वामी जी पर किस तरह भड़काऊ लेख लिखने का झूठा मामला दर्ज कर दिया गया । जबकि इस लेख में सब भारतीयों को उनके खून के रिस्ते के आधार पर एकजुट कर भारत को अपना नहीं मानने वाले विदेशियों को अलग-थलग कर उनके लिए परमिट सिस्सटम लागू करने की बात कही गई है। इसमें कहीं भी हिन्दू-सिख-मुसलिम-ईसाई के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि जिनकी रगों में भारत का लहू दौड़ रहा है व जिनकी बफादारी भारत के प्रति है वो सब इस भारत के बराबर दर्जे के नागरिक हैं लेकिन जिनकी रगों में भारत का लहू नहीं दौड़ रहा है व जो फार्मभरकर नागरिकता प्राप्त कर इस देश को हिंसा ,आतंकवाद व अलगाववाद की आग में धकेल रहे हैं वो कतई यहां किसी भी अधिकार के काविल नहीं। अधिक जानकारी के लिए इस लेख का हिन्दी अनुबाद यहां पढ़ें।
यहँ हम डा. सुब्रामणियम स्वामी जी व उनके समर्थकों से अपील करते हैं कि वो सब डा. स्वामी जी की रक्षा के लिए हर सम्मभव प्रयास करें क्योंकि स्वामी जी पर कभी भी भारत की दुशमन सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो व इसके गुलामों द्वारा कभी भी हमला करवाया जा सकता है जिस तरह कुछ महीने पहले दिल्ली में डा. स्वामी जी के घर पर करवाया गया था। यही सब कदम स्वामी रामदेव जी व उनके समर्थकों को भी उठाने की जरूरत है क्योंकि जो काँग्रेस 25 लाख देकर स्याही फैंकवा सकती है वही काँग्रस करोंड़ों रपए देकर स्वामी जी को कतल भी करवा सकती है..
आप अच्छी तरह से जानते हैं कि इस लुटेरी सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो द्वारा देश को लूटकर विदेशों में जमा करवाय जा रहे कालेधन को राष्ट्रीय सम्पति घोषित करने की मांग उठाने वाले सन्त स्वामी रामदेब जी पर किस तरह इसी गुलाम सरकार ने NGO के वहाने 25 लाख रूपए देकर, मुसलमान से स्याही फैंकवाकर स्वामी जी की जुवान बन्द करने की कोशिश।
ये विलकुल बैसी ही घटना है जैसी उस वक्त घटी थी जब चर्च ने एक मुसलिम रसोयिए के माध्यम से प्रखर देशभक्त लालबहादुर शास्त्री जी को जहर देकर मरवा दिया गया व उनका पोस्ट मार्टम तक नहीं होने दिया गया।ऐसा नहीं कि स्वामी जी पर भारत के दुशमनों का ये पहला हमला था । इससे पहले भी भारत की ही ताकत का प्रयोग कर इन लुटेरों और गद्दारों ने स्वामी जी को रामलीला मैदान में मरवाने की कोशिश की थी।
चर्च द्वारा सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर देश को गुलाम बनाने के लिए किए गए कतलयाम के वारे में यहां पढ़ें http://samrastamunch.blogspot.in/2010/09/6.html
उधर आप जान चुके हैं कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध अन्दोलनरत रहने वाले अन्ना जी को डाकटरों के माध्यम से गलत दबाईयां दिलवाकर चुनाबों के दौरान खामोश करने की किस तरह कोशिश की गई। अब कोशिश चुनाबों तक खामोश करने की थी या फिर हमेशा के लिए ये तो आप खुद समझ सकते हैं। आपकी जानकारी में होगा ही कि अन्ना जी को खामोश करने की कोशिश करने वाले को पदमभूषण नाम का सरकारी इनाम भी दे दिया गया। हैरानी की बात तो ये है कि उस औषधालय से बाहर आने के तीन दिन बाद ही आज अन्ना जी को दिल्ली के मेदांता औषधालय से स्वस्थ होने पर छुट्टी मिल गई। जरा सोचो अगर स्वामी जी ने प्रश्न न खड़े किए होते और अन्ना जी उसी औषधालय मे ही रहते तो क्या होता..,
अभी हाल ही में सोनिया गाँधी को बिदेशी खतरा बताने वाली व मोदी जी को अपने सपथ समारोह में सामिल कर अपनी प्रखर देशभक्ति का परिचय देने वाली मुख्यमंन्त्री जयललिता को उसी की सहयोगी शशिकला के माध्यम से धीमा जहर देकर मरवाने की कोशिश कर वहां पर चर्च ने इस इटालियन लुटेरी के अनुकूल सरकार बनबाने की असफल कोशिश की।चर्च किस, तरह इस्लामिक आतंकवाद समर्थकों को उपयोग कर मोदी जी को लगातार बदनाम करने की कोशिश कर रहा है उस सबसे तो आप परिचित ही हैं।
इसी वक्त भारत के विशिष्ट नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर व उनके सहयोगी विज्ञानिकों को भी काली सूची में डालकर अपमानित कर वाकी विज्ञानिकों को निरूत्साहित करने का षडयन्त्र अमल में लाया गया। बजह यहां भी साफ है कि इन विज्ञानिकों ने इस लुटेरी द्वारा अपने गुलाम प्रधानमन्त्री के माध्यम से देवास-एंट्रिक्स सौदे के नाम पर मचाई गई लूट को दुनिया के सामने लाकर इस लुटेरी के भारतविरोधी ष़डयन्त्र को वेनकाब कर दिया। आपको याद होगा कि अमेरिका जो कि भारतीय विज्ञानिकों द्वारा की जा रही खोजों से घृणा करता है वो अक्कसर विज्ञानिक क्षेत्र में भारत के विकाश को रोकने के लिए ऐसे कदम उठाता रहा है वही काम ये इटालियन अंग्रेज के गुलाम भी कर रहे हैं। भारतविरोधी सरकार के इस कदम से दुखी होकर माधवन जी ने कहा, “मैं वर्तमान सरकार के अंतर्गत किसी भी संगठन , पद या समिति के लिए काम नहीं करना चाहता, लेकिन यह अन्यायपूर्ण है। किसी निरंकुश और सैन्य शासन में भी काली सूची में डाले गये लोगों को एक मौका दिया जाता है, लेकिन मुझे तो यह मौका भी नहीं दिया गया है। मैं सकते में हूँ।”
उधर कशमीर में इस्लामिक आतंकवादियों व उतरपूर्व में ईसाई आतंकवादियों को भारतीय सैनिकों पर हमला करने की सुविधा देने के लिए इस विषकन्या की गुलाम सरकार द्वारा AFSPA हटाकर सेना को कमजोर करने के लिए की जा रही कोशिशों का पूरी तरह विरोध करने वाले सेनाध्यक्ष वी के सिंह जी को एक वर्ष पहले ही पद से मुक्त कर आनेवाले सेनाध्यक्षों पर इस विदेशी की गुलामी करने के लिए दबाब बनाने के लिए षडयन्त्र रचा गया ।जिसपर मानीय न्यायालय कल सुनवाई करेगा। भगवान करे ये भारतविरोधी सरकार माननीय न्यायलय को भ्रमित करने में सफल न हो और माननीय न्यायलय सरकार द्वारा अपनाई जा रही भारतविरोधी नीति को एकवार फिर वेनकाब करने में सफल हो।
अपने दिल पर हाथ रखकर सोचो कि भारत की ऐसी कोन सी संवैधानिक संस्था है जिस पर इस सरकार ने हमला नहीं किया मामला चाहे CAG(After 2g Scandal) से जुड़ा हो या चुनाब आयोग(After ban on 4.5 reservation ) से या फिर भारतीय सेना(After Support to AFSPA) से या फिर संविधान (Constitution bans reservation on religion basis)से या फिर माननीय सर्वोच्च न्यायल (Whenever forced govt to corect antinational policies)से या AIIMS या फिर किसी और संवैधानिक संस्था से ,जिस भी संवैधानिक संस्था ने इस भारतविरोधी सरकार को लूट और गद्दारी से रोका है उसी संस्था पर इस गुलाम सरकार ने हमला वोल दिया है..
इसी तरह अपनी तार्किक बुद्धि पर जोर देकर सोचो कि ऐसा कौन सा देशभक्त वयक्ति या संगठन है जिसने इस सरकार के बुरे कामों पर अंगुली उठाई हो और सरकार ने उसे बदनाम करने या फिर फंसाने के लिए सरकारी संस्थाओं का दुरूपयोग न किया हो।
अन्त मे ये भी सोच लो कि क्या कभी आपने किसी देसबक्त सरकार को अपनी ही संवैदानिक सेनाओं से लगातार युद्दरत रहते हुए देख है अगर नहीं तो सोचो ऐसा क्यों हो रहा है?
क्योंकि आज एक इटालियन अंग्रेज सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो गुलाम राष्ट्रपति,गुलाम प्रधनमन्त्री,गुलाम गृह व रक्षामन्त्री के बाद हर संवैधानिक संस्था पर अपना गुलाम विठाकर भारत के मूल निवासियों को उनके अधिकारों से वंचित कर भारत को बर्बाद करना चाहती है क्या आप ऐसे ही ये सब होने देंगे या फिर इस लुटेरों की सरगना को देशभकक्तों के साथ मिलकर सबक सिखाने के लिए जरूरी कदम उठायेंगे….
आगे भरोसा रखें कि Justice G S Singhvi न्याय व देशहित की इस कड़ी को इसी तरह आगे बढ़ाते रहेंगे…
आज देश में चोरों और गद्दारों की सरगना सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो ,इसके सपोले राहुल विन्शी व इनके गुलामों द्वारा मचाई गई लूट और गद्दारी से पैदा हुए अविश्वास के महौल में माननीय सर्वोच्च न्यायालय एक के बाद एक ऐसे फैसले सुना रहा है जो भारत की देशभक्त जनता में संयम पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं वरना तो आज देशभक्त जनता इस कदर आक्रोशित है कि न जाने कब देश उस आग में झुलस जाए जिस आग में कभी नहीं झुलसा। मतलब कभी भी देश की जनता हथियार उठाकर इस भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी सरकार में व बाहर बैठे लुटेरों और गद्दारों को मौत के घाट उतारने पर मजबूर हो सकती है।
देशभक्त जनता में आक्रोश का सबसे बड़ा कारण है भारत की सत्ता पर काबिज भारतिरोधी-हिन्दूविरोधी लुटेरों की वो गैंग जो चोरी और गद्दारी करने के बाद देशभक्तों को झूठे मुक्द्दमों में फंसाकर न केवल बदनाम कर रही है वल्कि जेलों में डालकर यातनायें भी दे रही है।
मतलब चोरी और सीना जोरी की कहाबत इस इटालियन लुटेरी व इसके गुलामों पर पूरी तरह चरित्राथ होती है।आप सब जानते हैं कि इस लुटेरी की लूट के बिरूद्ध अन्दोलन खड़ा कर रहे डा. सुब्रामणम स्वामी जी पर किस तरह भड़काऊ लेख लिखने का झूठा मामला दर्ज कर दिया गया । जबकि इस लेख में सब भारतीयों को उनके खून के रिस्ते के आधार पर एकजुट कर भारत को अपना नहीं मानने वाले विदेशियों को अलग-थलग कर उनके लिए परमिट सिस्सटम लागू करने की बात कही गई है। इसमें कहीं भी हिन्दू-सिख-मुसलिम-ईसाई के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि जिनकी रगों में भारत का लहू दौड़ रहा है व जिनकी बफादारी भारत के प्रति है वो सब इस भारत के बराबर दर्जे के नागरिक हैं लेकिन जिनकी रगों में भारत का लहू नहीं दौड़ रहा है व जो फार्मभरकर नागरिकता प्राप्त कर इस देश को हिंसा ,आतंकवाद व अलगाववाद की आग में धकेल रहे हैं वो कतई यहां किसी भी अधिकार के काविल नहीं। अधिक जानकारी के लिए इस लेख का हिन्दी अनुबाद यहां पढ़ें।
यहँ हम डा. सुब्रामणियम स्वामी जी व उनके समर्थकों से अपील करते हैं कि वो सब डा. स्वामी जी की रक्षा के लिए हर सम्मभव प्रयास करें क्योंकि स्वामी जी पर कभी भी भारत की दुशमन सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो व इसके गुलामों द्वारा कभी भी हमला करवाया जा सकता है जिस तरह कुछ महीने पहले दिल्ली में डा. स्वामी जी के घर पर करवाया गया था। यही सब कदम स्वामी रामदेव जी व उनके समर्थकों को भी उठाने की जरूरत है क्योंकि जो काँग्रेस 25 लाख देकर स्याही फैंकवा सकती है वही काँग्रस करोंड़ों रपए देकर स्वामी जी को कतल भी करवा सकती है..
आप अच्छी तरह से जानते हैं कि इस लुटेरी सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो द्वारा देश को लूटकर विदेशों में जमा करवाय जा रहे कालेधन को राष्ट्रीय सम्पति घोषित करने की मांग उठाने वाले सन्त स्वामी रामदेब जी पर किस तरह इसी गुलाम सरकार ने NGO के वहाने 25 लाख रूपए देकर, मुसलमान से स्याही फैंकवाकर स्वामी जी की जुवान बन्द करने की कोशिश।
ये विलकुल बैसी ही घटना है जैसी उस वक्त घटी थी जब चर्च ने एक मुसलिम रसोयिए के माध्यम से प्रखर देशभक्त लालबहादुर शास्त्री जी को जहर देकर मरवा दिया गया व उनका पोस्ट मार्टम तक नहीं होने दिया गया।ऐसा नहीं कि स्वामी जी पर भारत के दुशमनों का ये पहला हमला था । इससे पहले भी भारत की ही ताकत का प्रयोग कर इन लुटेरों और गद्दारों ने स्वामी जी को रामलीला मैदान में मरवाने की कोशिश की थी।
चर्च द्वारा सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर देश को गुलाम बनाने के लिए किए गए कतलयाम के वारे में यहां पढ़ें http://samrastamunch.blogspot.in/2010/09/6.html
उधर आप जान चुके हैं कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध अन्दोलनरत रहने वाले अन्ना जी को डाकटरों के माध्यम से गलत दबाईयां दिलवाकर चुनाबों के दौरान खामोश करने की किस तरह कोशिश की गई। अब कोशिश चुनाबों तक खामोश करने की थी या फिर हमेशा के लिए ये तो आप खुद समझ सकते हैं। आपकी जानकारी में होगा ही कि अन्ना जी को खामोश करने की कोशिश करने वाले को पदमभूषण नाम का सरकारी इनाम भी दे दिया गया। हैरानी की बात तो ये है कि उस औषधालय से बाहर आने के तीन दिन बाद ही आज अन्ना जी को दिल्ली के मेदांता औषधालय से स्वस्थ होने पर छुट्टी मिल गई। जरा सोचो अगर स्वामी जी ने प्रश्न न खड़े किए होते और अन्ना जी उसी औषधालय मे ही रहते तो क्या होता..,
अभी हाल ही में सोनिया गाँधी को बिदेशी खतरा बताने वाली व मोदी जी को अपने सपथ समारोह में सामिल कर अपनी प्रखर देशभक्ति का परिचय देने वाली मुख्यमंन्त्री जयललिता को उसी की सहयोगी शशिकला के माध्यम से धीमा जहर देकर मरवाने की कोशिश कर वहां पर चर्च ने इस इटालियन लुटेरी के अनुकूल सरकार बनबाने की असफल कोशिश की।चर्च किस, तरह इस्लामिक आतंकवाद समर्थकों को उपयोग कर मोदी जी को लगातार बदनाम करने की कोशिश कर रहा है उस सबसे तो आप परिचित ही हैं।
इसी वक्त भारत के विशिष्ट नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर व उनके सहयोगी विज्ञानिकों को भी काली सूची में डालकर अपमानित कर वाकी विज्ञानिकों को निरूत्साहित करने का षडयन्त्र अमल में लाया गया। बजह यहां भी साफ है कि इन विज्ञानिकों ने इस लुटेरी द्वारा अपने गुलाम प्रधानमन्त्री के माध्यम से देवास-एंट्रिक्स सौदे के नाम पर मचाई गई लूट को दुनिया के सामने लाकर इस लुटेरी के भारतविरोधी ष़डयन्त्र को वेनकाब कर दिया। आपको याद होगा कि अमेरिका जो कि भारतीय विज्ञानिकों द्वारा की जा रही खोजों से घृणा करता है वो अक्कसर विज्ञानिक क्षेत्र में भारत के विकाश को रोकने के लिए ऐसे कदम उठाता रहा है वही काम ये इटालियन अंग्रेज के गुलाम भी कर रहे हैं। भारतविरोधी सरकार के इस कदम से दुखी होकर माधवन जी ने कहा, “मैं वर्तमान सरकार के अंतर्गत किसी भी संगठन , पद या समिति के लिए काम नहीं करना चाहता, लेकिन यह अन्यायपूर्ण है। किसी निरंकुश और सैन्य शासन में भी काली सूची में डाले गये लोगों को एक मौका दिया जाता है, लेकिन मुझे तो यह मौका भी नहीं दिया गया है। मैं सकते में हूँ।”
उधर कशमीर में इस्लामिक आतंकवादियों व उतरपूर्व में ईसाई आतंकवादियों को भारतीय सैनिकों पर हमला करने की सुविधा देने के लिए इस विषकन्या की गुलाम सरकार द्वारा AFSPA हटाकर सेना को कमजोर करने के लिए की जा रही कोशिशों का पूरी तरह विरोध करने वाले सेनाध्यक्ष वी के सिंह जी को एक वर्ष पहले ही पद से मुक्त कर आनेवाले सेनाध्यक्षों पर इस विदेशी की गुलामी करने के लिए दबाब बनाने के लिए षडयन्त्र रचा गया ।जिसपर मानीय न्यायालय कल सुनवाई करेगा। भगवान करे ये भारतविरोधी सरकार माननीय न्यायलय को भ्रमित करने में सफल न हो और माननीय न्यायलय सरकार द्वारा अपनाई जा रही भारतविरोधी नीति को एकवार फिर वेनकाब करने में सफल हो।
अपने दिल पर हाथ रखकर सोचो कि भारत की ऐसी कोन सी संवैधानिक संस्था है जिस पर इस सरकार ने हमला नहीं किया मामला चाहे CAG(After 2g Scandal) से जुड़ा हो या चुनाब आयोग(After ban on 4.5 reservation ) से या फिर भारतीय सेना(After Support to AFSPA) से या फिर संविधान (Constitution bans reservation on religion basis)से या फिर माननीय सर्वोच्च न्यायल (Whenever forced govt to corect antinational policies)से या AIIMS या फिर किसी और संवैधानिक संस्था से ,जिस भी संवैधानिक संस्था ने इस भारतविरोधी सरकार को लूट और गद्दारी से रोका है उसी संस्था पर इस गुलाम सरकार ने हमला वोल दिया है..
इसी तरह अपनी तार्किक बुद्धि पर जोर देकर सोचो कि ऐसा कौन सा देशभक्त वयक्ति या संगठन है जिसने इस सरकार के बुरे कामों पर अंगुली उठाई हो और सरकार ने उसे बदनाम करने या फिर फंसाने के लिए सरकारी संस्थाओं का दुरूपयोग न किया हो।
अन्त मे ये भी सोच लो कि क्या कभी आपने किसी देसबक्त सरकार को अपनी ही संवैदानिक सेनाओं से लगातार युद्दरत रहते हुए देख है अगर नहीं तो सोचो ऐसा क्यों हो रहा है?
क्योंकि आज एक इटालियन अंग्रेज सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो गुलाम राष्ट्रपति,गुलाम प्रधनमन्त्री,गुलाम गृह व रक्षामन्त्री के बाद हर संवैधानिक संस्था पर अपना गुलाम विठाकर भारत के मूल निवासियों को उनके अधिकारों से वंचित कर भारत को बर्बाद करना चाहती है क्या आप ऐसे ही ये सब होने देंगे या फिर इस लुटेरों की सरगना को देशभकक्तों के साथ मिलकर सबक सिखाने के लिए जरूरी कदम उठायेंगे….
3 टिप्पणियां:
एक विचारोत्जक लेख। जानकारी के लिए धन्यवाद। जन जागरण का यह क्रम ऐसे ही बनाए रखें।
कलयुगे संघे शक्ति .....इस युग में एकता ही शक्ति है.
सुब्रामनियम स्वामी,बाबा रामदेव,रविशंकर व अन्ना हजारे
आदि मिलकर देश को बचाने का प्रयास कर रहे हैं अतः सभी
देशभक्तों को उन्हें सपोर्ट करना चाहिए.
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