मित्रो आज जब में बद्दी से चंडीगढ जा रहा था तो New Chandigarh
में T point पर बने flyover
से 400 मीटर पहले शब्जी खरीदने के लिए रूका । जब सब्जी लेकर बापस जाने लगा तभी तीन बच्चे अरवी टोपी पहन कर मेरे पास
से गुजरने लगे । मेंने उनसे बात की वो रूक गए। जैसा कि सरकार की नीति है कि सभी
बच्चों को विद्दयालय भेजना चाहिए। मैंने बच्चों से प्रश्न किया। बातचीत इस
प्रकार से हुई।
अध्यापक बच्चो क्या आप सकूल
जाते हो ?
बच्चे: नहीं हम मदरसे में जाते हैं ।
अध्यापक मदरसे में पढकर क्या
करोगो ?
बच्चे अपने लिए और दुनिया के
लिए काम करेंगे और आगे के लिए भी
अध्यापक लेकिन क्या काम
करोगे?
बच्चे .........
अध्यापक सकूल जाओगे तो
पढ़ाई करके रोजगार मिलेगा जो मदरसे में पढकर नहीं मिल सकता । क्या आप अरब देशों के
बारे में जानते हैं?
बच्चे हां।
अध्यापक वहां तो सबलोग मदरसे में ही जाते हैं और सब एक दूसरे की
मारकाट मचाए हुए हैं क्या यह सही है?
बच्चे सही है न ।
अध्यापक क्यों ?
बच्चे जो नमाज
नहीं पढता उसे मार देना चाहिए।
अध्यापक यह तो गलत बात
है।
बच्चे नहीं यह सही है ।
अध्यापक आपको किसने बताया
बच्चे यह किताब में
लिखा है
अध्यापक कुरान में नहीं
लिखा है
बच्चे लेकिन ... में लिखा है ।
अध्यापक किताब किसने लिखी
?
बच्चे किताब नबियों ने लिखी।
अध्यापक लेकिन अल्लहा ने तो
नहीं लिखी। जरा सचो मैँ भगवान राम को मानता हूँ
बच्चे ऱाम नहीं है
अध्यापक लेकिन यैं मानता
हूँ कि राम है और मैँ हनुमान चालीसा पढ़ता हूँ
बच्चे फिर तो अल्लाह
को ही राम कहते होंगे
अध्यापक अब अगर मैं यह
कहूँ कि जो हनुमान चालीसा नहीं पढ़ते उन सबको मार देना चाहिए तो क्या यह सही है
बच्चे नहीं यह सही
नहीं है
अध्यापक लेकिन अगर नबाज न पढ़ने बालों को मारना सही है फिर तो हनुमान
चालीसा न पढ़ने बालों को मारना कैसे गलत हो सकता है? बैसे भी जो इन्सान को मारने की शिक्षा दे वो ईन्सान नहीं राक्षस है
जानवर है क्योंय़
बच्चे हमें क्या पता ?
अध्यापक लेकिन जरा
सोचो अगर देश में 80 करोड़ हिन्दू बच्चों को यह शिक्षा दें कि नबाज न पढ़ने बालों
को मारने की शिक्षा देने बालों को मारो तो देश में क्या होगा ?
बच्चे फिर तो दोनों
ही गलत हैं
अध्यापक अगर आपको मदरसे में दूसरों को मारना सिखाया जा रहा है तो यह
शिक्षा गलत है और आप अपने मां बाप को बताओ कि हमें एसा पढा रहे हैं आपकी मां जरूर
मना करेगी । अगर आप सकूल जायेंगे तो आपको खाना किताबें कपड़े फ्री मिलेंगे और पढलिखकर
अप बहुत पैसे कमाओगे अपने माता पिता को भी शुख दोगे और खुद भी शुख पाओगे । और अगर
दूसरों को मारोगे तो आपको भी कोई मारेगा जैसे अमेरिका अरब देशों व पाकिस्तान में
आतंकवादियों को मार रहा है ।
बच्चे हां पाकिस्तान में
ऐसे ही लोग क दूसरे को मारते हैं इसीलिए हम पाकिस्तान से यहां आए हैं।
अध्यापक कब आए आप
पाकिस्तान से?
बच्चें हम नहीं हमारे
अबू आए थे।
अध्यापक कितने दिन पहले ?
बच्चे बहुत दिन हो गए।
अध्यापक कहां आपके अबु
उनके पास जाओ।
बच्चे मेबात में रहते
हैं।
अध्यापक अगर आप अपने माता पिता के पास जाओगे तो आपकी पढ़ाई लिखाई का
खर्चा हम उठायेंगे बायदा रहा ये लो मेरे फोन नम्वर । जाना जरूर बरना दूसरों को
मारने की शिक्षा देने बाले आपको बर्बाद कर देंगे
तब तक अध्यापक के परिचित लोगों की गाड़ी आ गई तो वो थोड़ा आगे रूकी
अध्यापक उनको सारी बात बताने और बच्चों से मिलाने उनके पास गया लेकिन उन्नहोंने
कोई रूची नहीं ली यह जरूर कहा यहां अकेले मत रूको। जब तक अध्यापक बापस आया बच्चे
रोड़ के सामने से जा रहे थे अध्याक ने बच्चो को टाटा किया और बच्चों ने भी बच्चों
के चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी यह सारी घटना लगभग 3 बजकर 50 मिन्ट पर हुई।
4:33 अध्यापक के फोन नम्वर पर एक पोन नम्मवर 9988967225 से फोन फोन आता है
अध्यापक फोन उठाता है उधर से धमकी आती ...बहन के .....(गाली) ...दोवारा ईधर से आ
तुझे देखते हैं तेरा यह साहस कैसे हुआ कहने का कि यहां गलत शिक्षा मिलती है तुझे
छोड़ेंगे नहीं.....और पता नहीं क्या क्या
अध्यापक बेटा गाली नहीं निकालते । हमारा काम है बच्चों को लड़ाई झगड़े से बचाना क्योंकि बच्चे अगर एक दूसरे को मार देंगे तो तो किसका फायदा होगा?(अध्यापक के सकूल में बच्चों का झगड़ा हुआ था अध्यापक ने सोचा बच्चों के दोस्तों का फोन है)
अध्यापक बेटा गाली नहीं निकालते । हमारा काम है बच्चों को लड़ाई झगड़े से बचाना क्योंकि बच्चे अगर एक दूसरे को मार देंगे तो तो किसका फायदा होगा?(अध्यापक के सकूल में बच्चों का झगड़ा हुआ था अध्यापक ने सोचा बच्चों के दोस्तों का फोन है)
धमकी देने बाला ..किसी का नहीं ।
अध्यापक एक बच्चा दूसरे बच्चे से कह रहा था कि मैं ...जाति का हूँ
दूसरे को नहीं छोडूँगा । मैंने उसको समझाया कि हिन्दू न ब्राहमण होता हा न
क्षत्रिए न वैश्य न शूद्र ..हिन्दू सिर्फ हिन्दू होता है ।जब इसलामिक आतंकवादियों
ने भारत के तीन टुकड़े कर दिए तो ....जाति के लोग कहां थे इसलिए हिन्दू हम सब एक
हैं न कोई छोटा न कोई बढ़ा ....
धमकी देने बाला... ईसीलिए हर मुसलमान एक जैसा नहीं होता ।
अध्यापक तो आप मुसलमान वोल
रहे हैं बाई दा वे आप बोल कहां से रहे हैं ?
फोन काट दिया
अध्यापक ने फोन मिलाया
अध्यापक तो आप
मदरसे से बोल रहे हैं
धमकी देने बाला हाँ
मदरसे से बोल रहा हूँ
अध्यापक अगर आप बच्चों को
गैर मुसलमानों को मारने की शिक्षा दे रहे हैं तो गलत कर रहे हैं और ऐसी शिक्षा ही
गलत है।
धमकी देने बाला आपको कैसे पता हम गैर मुसलमानों को मारने की शिक्षा दे रहे हैं
अध्यापक बच्चों ने बताया
धमकी देने बाला....बच्चे मन कर दें तो
अध्यापक बच्चे हमेशा सच बोलते हैं और सच ही बोलेंगे हमारे या आपको बोलने से वो झूठ नहीं बोलेंगे
धमकी देने बाला आपको
हमारी शिक्षा का नहीं पता हमें आपकी शिक्षा का नहीं पता
अध्यापक रही बात
आने की बात तो मैं आऊंगा ही और मित्रों को साथ लेकर आऊँगा और अगर मैं इतना ही
कमजोर और डरपोक होता तो पोन नम्वर देकर नहीं आता...
धमकी देने बाला ..आना देख लेंगे फोन कट
अब मित्रो आप खुद ही देख लो कि किस तरह से मदरसों में पाकिस्तान से
गरीब लोगों को यहां बसाकर उनकी लाचारी का फायदा उठाकर उनके बच्चों को गैर
मुसलमानों को मारने की शिक्षा दी जा रही है इसलाम की शिक्षा के नाम पर।
बच्चों को समझाने बाले हमारे
जैसे लोगों को धमकी दी जा रही है वो भी हिन्दू सिख बहुल क्षेत्रों में । जरा सोचो
......
रही बात धमकी की तो हम घबराने या डरने बाले नहीं लेकिन अगर अगर ईस
मदरसे से हमारे उपर कोई हमला होता है हमें नुकसान पहंचाया जाता है या मार दिया
जाता है तो आपको क्या करना है इसका फैसला हम आप पर छोड़ते हैं बैसे अभी हम मरने
बाले नहीं क्योंकि श्रीमदभगवत गीता में लिखा है कि मौत को न एक पल आगे किया जा
सकता है न ही पीछे।
अगर आप में से किसी के सम्पर्क पंजाब सरकार में हैं तो अगर पंजाब
पुलिस वहां रेड डालकर उस किताब को जब्त कर ले जिसमें नमाज न पढ़ने बालों को मारने
की शिक्षा दी जा रही है तो वाकी काम कानून कर देगा अन्यथा भारत में ही
गैरमुसलमानों को कत्ल करने की शिक्षा देकर भारत को इसी तरह से लहुलुहान कर तोड़ा
जाता रहेगा...और हम अपने मरने की बारी का इन्तजार करते रहेंगे