tag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post8986311702460312296..comments2023-10-16T04:05:43.017-07:00Comments on जागो हिन्दू जागो (JAGO HINDU JAGO): कुंबर जी दुख तो इसी बात का है कि बलागरस ने भी इस मामले में वही किया जो सेकुलर गिरोहAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-35167817639404848222010-05-11T02:37:28.703-07:002010-05-11T02:37:28.703-07:00??????????????????Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-17590079708424395402010-05-11T00:03:07.698-07:002010-05-11T00:03:07.698-07:00प्रेम और सेक्स दोनो सहज हैं। असहज अगर कुछ है तो यह...प्रेम और सेक्स दोनो सहज हैं। असहज अगर कुछ है तो यही कि ये पढे-लिखे लोग कई बार अनपढों से भी ज्यादा बेवकूफ साबित होते हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-84075566994399697752010-05-10T22:47:11.982-07:002010-05-10T22:47:11.982-07:00हिन्दू मान्यताओं के अनुसार प्यार और वासना में वैसा...हिन्दू मान्यताओं के अनुसार प्यार और वासना में वैसा ही अंतर है जैसा गंगा के जल और पोखर के कीचड़ में होता है |<br />लेकिन आज इस विज्ञापन के युग में और दिखावे के भ्रम में इस देश के कुछ लोग वासना को ही प्यार समझ बैठे हैं |<br /><br /> इसमें सिनेमा और आज के तथाकथित बुद्धिजीवी जो भारतीय मान्यताओं के वास्तव के विरोधी हैं इस बात को बढ़ावा दे रहे हैं |<br /><br />बहार हाल... भारतीयता के लिए समर्पित हम आपके साथ हैं |<br /><br />अब समय आ गया है जब भारतीयता को बाबा रामदेव पुनर्प्रतिष्ठित कर रहे हैं और मैं समझता हूँ कि हम और आप जैसे लोगों को अपने ब्लौग द्वारा भी उनके समर्थन में भी आवाज उठानी चाहिए |tension pointhttps://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-13058118990086515782010-05-10T20:56:10.832-07:002010-05-10T20:56:10.832-07:00सुनील जी सर्वप्रथम तो आपका मै आभारी हूँ जो आपने मे...सुनील जी सर्वप्रथम तो आपका मै आभारी हूँ जो आपने मेरे नाम का जिक्र अपनी पोस्ट के शीर्षक में कर दिया!मुझ तुच्छ को ये सम्मान देने के लिए आपका धन्यवाद है जी!<br /><br />समस्या बढती जा रही है जी!ये आम जन-मानुस कि भी बात है!पहले जो कोई कुछ समाज के हिसाब से गलत करता था तो वाह तो स्वय में ग्लानी महसूस करता ही था,समाज भी उसका यथोचित बहिष्कार करता था!लेकिन आज कल नजारा कुछ अलग सा है!बुरा या गलत करने वाला पहले की भाँती खुल कर जी रहा है,गलत को गलत कहने वाले बहुत कम दिखाई पड़ रहे है!<br /><br />हाँ!उसकी पीठ के पीछे जितनी मर्जी बुराई किसी की करवा लो पर उसके सामने आते ही नजारा बदल जाता है!<br /><br />आपके प्रयास सही दिशा में बढ़ रहे है!हर कोई जो सच और समाज के बारे में खुद को चिंतित मानता है वो आपके साथ है!<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-63867458115742688542010-05-10T05:38:32.800-07:002010-05-10T05:38:32.800-07:00पहले तो सुरेश जी आपका स्वागत और साथ ही मार्गदर्शन ...पहले तो सुरेश जी आपका स्वागत और साथ ही मार्गदर्शन के लिए धन्यावाद<br />हम आपसे सहमत हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-45046762959281994992010-05-10T05:34:49.987-07:002010-05-10T05:34:49.987-07:001) सुनील दत्त जी की पोस्ट की मूल भावना से सहमत हूं...1) सुनील दत्त जी की पोस्ट की मूल भावना से सहमत हूं… (यदि प्रियभांशु वाकई निरुपमा से प्यार करता होता तो वह उसके अन्तिम संस्कार में शामिल होने अवश्य जाता, भले ही वहाँ पुलिस द्वारा खदेड़ा जाता। और प्रियभांशु-निरुपमा तो पत्रकारिता के छात्र हैं, क्या उन्हें इतना भी नहीं पता कि भारत अभी "भारत" ही है, अमेरिका नहीं बना है?) <br /><br />2) फ़िरदौस जी आपको स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता नहीं है… कुछ "खास लोगों" को छोड़कर हिन्दी ब्लॉग जगत में कोई भी आपके खिलाफ़ नहीं है… बल्कि आपने समय-समय पर कट्टरता के खिलाफ़ आवाज़ बुलन्द करके अपनी ही साख बढ़ाई है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-85345822784419713092010-05-10T05:28:56.395-07:002010-05-10T05:28:56.395-07:00हम तो चाहते हैं कि आप जैसे लोग दिल खोल कर लिखेंहम तो चाहते हैं कि आप जैसे लोग दिल खोल कर लिखेंAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-16363284832005767092010-05-10T05:27:42.964-07:002010-05-10T05:27:42.964-07:00जिनक जानवरों का आपने बहिसकार किया उन्हीं की बात हम...जिनक जानवरों का आपने बहिसकार किया उन्हीं की बात हम कर रहे हैं।<br />उस तसवीर को हटाने के लिए उन महोदय को हमने भी कहा था । अब उन्होंने वो तसवीर हटा भी दी है रही उनके द्वारा आपको गाली गलौच करने की बात तो उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं ।<br />फिरदौस जी जो हमला आप पर है उससे कहीं जयादा बड़ा हमला हम पर उन जानबरों के मित्र सेकुलर हिन्दूओं का है।<br />हम आपसे यही कह सकते हैं कि जब तक ये सेकुलर गिरोह समाप्त नहीं हो जाता तब तक हम और आप चैन से नहीं बैठ सकते ।<br />रही जाती की बात तो हम जाति-सांप्रदाय पर आधारित हर तरह के भेदभाव के खिलाफ हैं ।<br />जिस तरह आप मुसलमानों मे अलपसंख्यक हैं उसी तरह हम हिन हिन्दूओं में अलपशंखयक है<br />ऐसा नहीं कि हिन्दूओं और मुसमानों में हमारे जैसे लोगों की कमी है पर उनकी अभी मिडीया में पकड़ नहीं। जिस दिन हो जायेगी उस दिन लोग खुद सेकुलर गिरोह से जुड़े लोगों को पत्थर मार-मार कर भगा देंगे...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-66820883246390422382010-05-10T05:10:15.396-07:002010-05-10T05:10:15.396-07:00कमेन्ट लंबा हो गया है...उसके लिए मुआफ़ी चाहते हैं.....कमेन्ट लंबा हो गया है...उसके लिए मुआफ़ी चाहते हैं...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-63271473747614597032010-05-10T05:09:20.554-07:002010-05-10T05:09:20.554-07:00सुनील जी,
आपने किस सन्दर्भ में हमारे नाम का ज़िक्र...सुनील जी,<br /><br />आपने किस सन्दर्भ में हमारे नाम का ज़िक्र किया है, हम नहीं समझ सके हैं... हो सके तो बताइएगा (आप मेल कर सकते हैं) <br /><br />पिछले दिनों हमारे कुछ लेखों को लेकर जो बिना वजह का हंगामा खड़ा किया गया...उससे हमें बेहद अफ़सोस हुआ कि ख़ुद को पढ़-लिखा कहने वाले लोग भी किसी समस्या के समाधान के बारे में सोचने की बजाय 'ओछेपन' पर उतर आए...<br /><br />हम पत्रकार हैं... हमारा काम है समाज की हर अच्छी और बुरी बात को अवाम तक पहुंचाना...<br /><br />हमें अपने हिन्दुस्तानी मुसलमान होने पर फ़क्र हैं... हमने पहले भी कहा है कि हम मज़हब से ज़्यादा रूहानियत और इंसानियत में यक़ीन करते हैं...<br /><br />हमारी यही बात 'कुछ लोगों' को बुरी लग गई और उन्होंने हमें 'काफ़िर' घोषित कर दिया...<br /><br />ख़ैर, हमें अपने ईमान के बारे में 'उन लोगों' से 'सर्टिफ़िकेट' लेने की ज़रूरत नहीं... अल्लाह बेहतर जानता है...<br /><br />अलबत्ता हमने 'उन लोगों' का बहिष्कार कर दिया... अपने स्तर पर... और ब्लोगर्स के बारे में हमें जानकारी नहीं, क्योंकि हम 'उन लोगों' के ब्लोग्स पर नहीं जाते...<br /><br /><br /><br /><br />अभी हाल ही में एक महोदय अपनी पोस्ट में अश्लील तस्वीरें लगा राखी थीं... हमने उस पर कमेन्ट लिखकर अपनी शिकायत दर्ज करा दी...अगले दिन उन महाशय ने हमें निशाना बनाते हुए ही पोस्ट लिख डाली...<br /><br />फिर हमने तय किया कि चुनिन्दा लोगों के ब्लोग्स पर ही कमेन्ट लिखेंगे...<br /><br /><br /><br /><br />निरुपमा मामले में हम इतना ही कहना चाहते हैं कि ग़लती दोनों की ही थी... अगर उनसे ग़लती हुई थी तो उन्हें उसे सुधार लेना चाहिए था... इससे दोनों परिवारों इज्ज़त रह जाती...<br /><br />ज़ाती (निजी) तौर पर हमारा मानना है कि "फ़र्ज़ का मुक़ाम प्रेम से बड़ा होता है"... ज़िन्दगी में उसूल नाम की भी कोई चीज़ होती है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-34456430879264711972010-05-10T05:07:30.389-07:002010-05-10T05:07:30.389-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-56869012807672718432010-05-10T04:34:44.096-07:002010-05-10T04:34:44.096-07:00धन्याबाद मिथलेश जी शुक्र है कोई तो हमारे साथ है ।धन्याबाद मिथलेश जी शुक्र है कोई तो हमारे साथ है ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-48497114101273025212010-05-10T04:30:23.955-07:002010-05-10T04:30:23.955-07:00hum aapke sath hainhum aapke sath hainMithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.com