tag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post4409937080907316004..comments2023-10-16T04:05:43.017-07:00Comments on जागो हिन्दू जागो (JAGO HINDU JAGO): ये तो मुंह से गरीबों की बात कर गरीवों का खून चूस कर उन्हें भूखा मारने पर उतारू हैंAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-12778327790904248202010-05-02T10:17:20.305-07:002010-05-02T10:17:20.305-07:00निशांत के रूप में कौन है?? जानते हैं इन्हीं का एक ...निशांत के रूप में कौन है?? जानते हैं इन्हीं का एक मददगार...भारतीय नागरिकnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-60116211090339376472010-04-18T05:39:20.573-07:002010-04-18T05:39:20.573-07:00दिग्गी राजा का पोलिटिकल कैरियर लगभग ख़त्म हो चुका ...दिग्गी राजा का पोलिटिकल कैरियर लगभग ख़त्म हो चुका है. <br />सुर्खियों में रहने के लिए वे यह सब कर रहें हैं. आपने सही लिखा १० साल जब <br />वे मुख्यामंत्री थे तब तो उन्होंने कुछ नहीं किया.Mayur Malharhttps://www.blogger.com/profile/16319558288970409301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-31559202356358113932010-04-17T09:38:38.164-07:002010-04-17T09:38:38.164-07:00Shukriya jawab dene hetu...
मैं दूसरों के घर में ...Shukriya jawab dene hetu...<br /><br />मैं दूसरों के घर में घुसपैठिये, भिखारी या गुलाम के रुप में रहने से इंकार करता हूं।’’<br /><br />Aisa to kuch bhi nahi kaha hamne...na hi aap kah rahe hai....gandhi ji ki baat na hamare bas ki nikli na aapke...<br /><br />बौद्धिक गुलाम हिन्दूओं....... bauddhikta ka gulam nahi hua jaata bandhu...bauddhikta ek stage hai...aur yah nirantar increase hoti hai...is ka gulam na hua ja sakta hai, na hi sambhav hai...na ye gulami se sambaddh koi vivechna hai..Unknownhttps://www.blogger.com/profile/15395799318268435973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-58172967023257635092010-04-17T05:20:41.199-07:002010-04-17T05:20:41.199-07:00अच्छी पोस्ट हेतु आपका साधुवाद.अच्छी पोस्ट हेतु आपका साधुवाद.दिवाकर मणिhttps://www.blogger.com/profile/03148232864896422250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-85642514522967752472010-04-17T04:11:52.767-07:002010-04-17T04:11:52.767-07:00हमारे विचारमें बौद्धिक गुलाम हिन्दूओं के मार्गदर्श...हमारे विचारमें बौद्धिक गुलाम हिन्दूओं के मार्गदर्शन के लिए गांधी जी की ये दो पंक्तियां एकदम उतम हैं <br /><br />‘‘ मैं नहीं चाहता कि मेरा मकान चारो तरफ से बंद हो और खिड़कियां भी बंद होने से मेरा दम घुटे। मैं चाहता हूं कि सब जगह की संस्कृतियों की हवा मेरे मकान के अंदर स्वतंत्रतापूर्वक बहती रहे। किन्तु मैं ऐसी हवा नहीं चाहता हूं कि मेरे पैर ही उखड़ने लगे। मैं दूसरों के घर में घुसपैठिये, भिखारी या गुलाम के रुप में रहने से इंकार करता हूं।’’Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-5917419175749260702010-04-16T23:01:06.478-07:002010-04-16T23:01:06.478-07:00अशोक सही कहा.सांकेतिक तौर पर ही आपका उदाहरण काफी ह...अशोक सही कहा.सांकेतिक तौर पर ही आपका उदाहरण काफी है..<br />दरअसल इन्हें साम्यवादी या धार्मिक या फिर वैश्विक स्तर का इतिहास भी उतना ही मालूम है जितना परोसा गया है इन्हें अपने अजीब तर्क मजबूत करने के लिए.....ये छोटे छोटे अधूरे तर्क देना बंद करिए युगोस्लाविया या नेपाल या रूस..ये सिर्फ थोथी बौद्धिक अय्याशी है...अगर इस पर बहस की सम्भावना है तो ज़रूर होनी चाहिए...और अगर इनपर होती है तो राष्ट्रवादी विचारधारा और तमाम धार्मिक वांग्मय के पन्ने भी खुलेंगे...जिसमें वेद,उपनिषद,वेदांग,दर्शन सभी पर खुलकर चर्चा हो....वेद और संस्कृति या साम्यवाद किसी की भी जागीर नहीं है...अध्ययन भी किसी की पनौती नहीं है...मगर आधी अधूरी बातों से अपने ही अधूरेपन को प्रस्तुत किया जा सकता है....कृपया आप अगर चाहते हैं...इस तरह की बातों को उठाना..तो सिर्फ उन्हें ही नहीं ये सांस्कृतिक तर्क दीजिये जो आपके समर्थक हैं, उन्हें भी जो आपके धुर विरोधी हैं....प्रतिवाद के सामानांतर चलते हुए...<br /><br />NishantUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15395799318268435973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-82998085022569294792010-04-16T20:55:56.373-07:002010-04-16T20:55:56.373-07:00भाई निशांत यह भी पूछा जाना चाहिये कि आज़ादी के लड़...भाई निशांत यह भी पूछा जाना चाहिये कि आज़ादी के लड़ाई के गद्दार अचानक राष्ट्रभक्ति का सर्टिफ़िकेट कैसे बांटने लगे? इन्हें देखकर अपने साथ पढ़ा और दसवीं में तीन बार फेल हुआ वह लड़का याद आता है जिसके बाप ने पैसे के बल पर उसके लिये इन्टर कालेज़ खुलवा दिया और अब वह नक़ल का धंधा करता है और पास-फेल का सर्टिफ़िकेट…<br /><br />इनसे बहस की उम्मीद बेकार है…ये बस गाली-गलौच कर सकते हैं…और करेंगे ही!Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-12545640105307632852010-04-16T11:36:59.502-07:002010-04-16T11:36:59.502-07:00यूँ तो मैं संस्कृति से कुछ और अर्थ लेता हूँ...किन्...यूँ तो मैं संस्कृति से कुछ और अर्थ लेता हूँ...किन्तु...आप जिस तरह संस्कृति को प्रचारित करते हैं..उसके ह्रास की बात करते हैं...तो उसके अनुसार में ने कमेन्ट दिया है.....संस्कृति से मेरा आशय ये तो बिलकुल नहीं है.ये वे बातें हैं जिनके बारे मैं अक्सर प्रचार किया जाता है.जानना चाहें आशय तो बताएं वो भी बता दूंगा...किन्तु......जो संस्कृति में प्रायोगिक और त्याज्य की बातें चल रही हैं..उसके अनुसार मैंने लिखा है...संस्कृति इन सब से बिलकुल भी सम्बद्ध नहीं है..हाँ भाषा को छोड़कर...<br /><br />Nishant <br />kaushiknishant2@gmail.comUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15395799318268435973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-28189950959207538842010-04-16T11:23:07.178-07:002010-04-16T11:23:07.178-07:00शायद यह टिपण्णी यहाँ के लिए नहीं है, किन्तु है इस ...शायद यह टिपण्णी यहाँ के लिए नहीं है, किन्तु है इस पूरी विचारधारा के परिप्रेक्ष्य में आप संस्कृति पर बेहद जोर देते हैं, कृपया स्पष्ट करें कि संस्कृति से क्या आशय है... हिन्दू संस्कृति और भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में हो हल्ला करके आप क्या कहना चाहते हैं.... आपके परिवेश, परिधान, क्षेत्र में किन संस्कृतियों का सम्मिश्रण है आप बेशक इस बात से परिचित नहीं होंगे...अतुल्य भारत में ऐसी कितनी चीज़ें हैं जो सनातन चली आ रही हैं, वह कौन सा भय है जो एक अँगरेज़ के आने से आपको सताने लगता है. ...आपके आधुनिक परिधान, आपके द्वारा प्रयोग किये जाने वाले दैनिक प्रधोयोगिक संसाधन, संस्कृति की बात करना है तो..सिगरेट जो अंग्रेजों की है उसे बंद कर दीजिये..सिगार जो कि गल्फ देशों की वास्तु है, छोड़ दीजिये तम्बाकू पुर्तगालियों की है उसे छोड़ दीजिये, हुक्का भी हमारा नहीं है..हाँ बीडी पीजिये ये हमारी है. कुतुबमीनार,विक्टोरिया मेमोरियल,लाल किला,ताज महल यह सब एतिहासिक जगहों को ख़त्म कर दीजिये ये सब मुगलों और अंग्रेजो की बनाई हुई हैं. भारतीय रेलवे की नींव भी अंग्रेजो ने रखी....उसे भी खत्म कर दीजिये.....मैक्समुलर जो वेदों का संशोधित संस्करण लेकर आया उन वेदों को प्रयोग मत करिए.....आपकी हिंदी भाषा में जितने उर्दू,अरबी,तुर्की,फ्रांसीसी, जापानी शब्द है सब निकाल फेंकिये...हाँ अबदुल कलाम को मारिये गोली, और ऐ आर रहमान को भी सूली पर चढ़ा दीजिये .और अपनी बचे खुचे समान को रखिये संभालकर...और इसी के सहारे..लड़िये जब तक लड़ना है जीना है.....और अगर संस्कृति का अर्थ नियम में बंधकर जीना है, असमानता है ... तो ऐसी संस्कृति गई भाड़ में....संस्कृति की आत्मा न आप बचाते हैं न आप बनाते हैं. बल्कि इसकी आड़ में गोरखधंधा कर रहे हैं....संस्कृति अपने अनुसार बदलती है...अपने अनुसार रूकती है...इतनी कमज़ोर नहीं की एक बटालियन खड़ी करके उसकी रक्षा की जाए....आपको शिकायत है कि सामने आकर कोई इस तरह टिपण्णी नहीं देता...मेरा नाम निशांत कौशिक है...और मेरी आई डी यही है..बेख़ौफ़ प्रतिवाद करें..मैं तैयार हूँ...लेकिन तर्क के सामान नियमों और भाषा की शालीन प्रतिबद्धता के साथ... <br /><br />Nishant kaushikUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15395799318268435973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-32614786960509611612010-04-16T00:25:37.131-07:002010-04-16T00:25:37.131-07:00ji bahut badhiya,
aise hi nage karte raho in .......ji bahut badhiya,<br /><br />aise hi nage karte raho in ...... ko.<br /><br />kunwar ji,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-49630677486371669712010-04-15T10:45:24.575-07:002010-04-15T10:45:24.575-07:00lajwaab hailajwaab haiसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-14975094630497076082010-04-15T09:26:55.988-07:002010-04-15T09:26:55.988-07:00भाई इतनी धार लाते कहाँ से हो? कमाल है!
रत्नेशभाई इतनी धार लाते कहाँ से हो? कमाल है!<br />रत्नेशaaryahttps://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1302079363443936947.post-71022167877401333702010-04-15T08:57:52.265-07:002010-04-15T08:57:52.265-07:00BAHUT KHOOBBAHUT KHOOBSANSKRITJAGAThttps://www.blogger.com/profile/12337323262720898734noreply@blogger.com