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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

बुधवार, 1 जनवरी 2014

आज बौद्धिक गुलामों ने जब दिनभर HNY कह-कहकर जब नाक में दम कर दिया तो हमें एक अंग्रेज याद आ गया


आज बौद्धिक गुलामों ने जब दिनभर HNY कह-कहकर जब नाक में दम कर दिया तो हमें एक अंग्रेज याद आ गया । उस अंग्रेज का नाम है मैकाले। मैकाले ने बहुत अध्ययन के बाद पाया कि 500 वर्ष की मुसलमानों की गुलामी और लगभग 250 वर्ष की अंग्रेजों की गुलामी बाद भी भारतीय संस्कृति अपने मूल स्वारूप में यथाबत है...तब उसने योजना बनाकर 1835 में वह शिक्षा निती लागू की जिसमें आज हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं इस शिक्षा निती को लागू करने के बाद मैकाले ने अपने Father को लिखे खत में कहा कि Father आज से 100 वर्ष बाद भारत का हर नागरिक शकल शूरत से वेशक भारतीय होगा लेकिन अकल से अंग्रेज होगा।  मैकाले के काम को 1947 में बिभाजन के बाद बचे भारत में नैहरू ने अंग्रेजी कलैडर लागू कर पूरा कर दिया। इन बौद्धिक गुलामों द्वारा  वार-वार HNY कहने से हमें लगा कि मैकाले कितना दूरदर्शी था और हमारे नेता कितने मूर्ख जो मैकाले आज भारत के हर गली मुहल्ले में बिजय का जशन मनाने में सफल रहा                                                                                          

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