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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

हिन्दूओं की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण है हिन्दूओं को जय पराजय का बोध न होना

हिन्दूओं की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण है हिन्दूओं को जय पराजय का बोध न होना...अभी हमने हिन्दूओं को इतना बड़ा समाचार दिया लेकिन एक भी हिन्दू की नजर इस समाचार पर नहीं पड़ी..ये समाचार है गोआ में ततकाली काँग्रेस सरकार द्वारा चर्च के इसारे पर हिन्दूओं पर बम बिस्फोट का आरोप लगाकर 6 हिन्दूओं को जेल में डालना जिन्हें माननीय अदालत ने निर्दोष करार दिया...इन हिन्दूओं को काँग्रेसियों ने झूठे आरोप लगाकर चार व...र्ष तक यातनायें दी लेकिन आज जब ये नौजवान निर्दोश साबित हुए तो हिन्दूओं के पास इनके द्वारा झेले गए दुख-दर्द को साँझा करने व इनकी आजादी की खुशी में सामिल होने का वक्त नहीं यही हैं विदेशी सोच के गुलाम हिन्दू जिनके पास विदेशी नव वर्ष की शुभकामनायें देने के लिए तो वक्त है लेकिन हिन्दूओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद-भगवा आतंकवाद जैसी गाली निकालने वाली काँग्रेस के षडयन्त्र का बिरोध करने के लिए वक्त नहीं.......ये रहा इन हिन्दूओं के निर्दोष साबित होने का समाचार

Dharma is finally victorious in the battle between Dharma and Adharma ! - Virendra Marathe, Managing Trustee, Sanatan Sanstha

Congress Government has given a free hand to haters of Sanatan Sanstha to defame Sanatan by needlessly entangling our 6 seekers in the 'Madgaon bomb blast' case.
Congress Government had made efforts to finish 'Sanatan Sanstha', a spiritual organisation through various means, with the help of Goa Police. Six seekers of Sanatan Sanstha had to undergo needless persecution for 4 years due to investigation by the Police in a wrong direction, and unfortunately, 4 years in their prime life have been wasted due to their stay in prison.
The Police has not found any participation of Sanatan Sanstha in this case. Even the Hon. Court has not made any comments about the participation of Sanatan Sanstha. This point was never even raised during the court proceeding. Therefore, we feel that innocence of Sanatan Sanstha proved after going through all legal processes is a slap on the cheek of haters of Sanatan Sanstha. Fact behind the saying of Dharma 'Satyamev Jayati' meaning 'Finally the truth remains victorious' as stipulated in scripture 'Mundkopnishad' has at last been proved. Dharma is finally victorious in the war between Dharma and Adharma ! Will the so-called intelligentsia and media bent on defaming Sanatan Sanstha take atonement now that the innocence of Sanatan Sanstha is proved ?......हमें 2009 में तब भी पता था जब इटालियन अंग्रेज के गुलाम काँग्रेसियों ने हिन्दूओं को हिन्दू आतंकवादी -भगवा आतंकवादी कहा था लेकिन हसी झूठ के सहारे ये भारत विरोधी 2009 जीत लिए चिल्लाते रह गए... भरोसा न हो तो इसे पढ़ लो

गोआ में मडगांव के बहाने हिन्दुविरोधी-भारतविरोधी मिडीया ईसाई मिसनरी एंटोनियो की गुलाम सरकार का देशभक्त हिन्दूओं पर एक और हमला


मेरे प्यारे हिन्दूओ आपको जरूर याद होगा कि किस तरह ईसाई मिसनरी एंटोनियो माइनो मारियो के इसारे पर लैफ्टीनैंट कर्नल पुरोहित जैसे देशभक्त सैनिक व साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे क्रंतिकारियों को झूठे मामलों में फंसाकर उन पर मकोका लगा दिया गया जिसे माननीय मकोका न्यायलय ने वाद में मनघड़ंत(झूठा) पाकर खारिज कर दिया गया ।




आपको यह भी याद होगा कि किस तरह एंटोनियो माइनो मारियो के इसारे पर तत्कालीन कानून मंत्री हंसराजभारद्वाज को एंटोनियो माइनो मारियो के हमबतन-हमराज व पार्टनर क्वात्रोची के लंदन बैंक में जब्त बोफोर्स-दलालीकांड की रकम को छुड़बाने के लिए लंदन भेजा गया और रातों-रात सारी रकम निकलवा ली गई। जब मानीय नयायलय ने उस रकम को जब्त रखने के आदेश दिए तब तक सारा काम निपट चुका था।



आपको यह भी जरूर ध्यान में होगा कि अभी हाल ही में एंटोनियो की गुलाम मनमोहन सरकार ने किस तरह बोफोर्स दलाली कांड में एंटोनियो माइनो मारियो के सह अभियुक्त क्वात्रोची को सब मुकदमों से मुक्त करने की अंतिम सफल कोशिश की । माननीय न्यायलया में कोइ अड़चन न आये इसके लिए एक अभियुक्त के सहयोगी को सरकारी बकील नियुक्त करबा दिया । क्या इससे बढ़ी बेशर्म और गद्दार सरकार आपने कभी देखी है ।



आपको जरूर यह भी याद होगा कि माननीय सर्वोच न्यायालय ने जिहादी आतंकवादी मुहम्मद अफजल को 19 नमम्वर 2006 को फांसी तय की थी जिसे गद्दारों की समर्थक ये हिन्दुविरोधी सरकार आज तक लटकाय हुए है। यह वही सरकार है जिसने हैदराबाद बम्मविस्फोटों के दोसियों को जेल से रिहा कर एक-एक आटोरिक्सा दिया ।



· आज यही हिन्दुविरोधी-भारतविरोधी मुसलिम आतंकवादियों व ईसाई दलालों की समर्थक सरकार सरारती तत्वों द्वारा किए गए बम्मविस्फोटों मे मारे गए निर्दोष शांतिप्रिय देशभक्त धार्मिक संस्था के सदस्यों के परिबारजनों को संतावना देने के बजाए उन मारे गए देशभक्तों के विरद्ध ही आरोप पर आरोप लगाय जा रही है।(for more information visit Hindu Jaguriti Samiti) आपको याद होगा कि यह वही गद्दारों की सरकार है जिसने मुसलिमजिहादी आतंकवादी इसरत जहां के मरने पर मुआबजा दिया था और देशभक्तों के मरने पर देशद्रोह का केश दर्ज कर दिया उस मुसलिम जिहादी आतंकवादी को निर्दोस सिद्ध करने के लिए ये गद्दार आज भी प्रयत्न कर रहे हैं ।



· मुम्बइ में इस गद्दारों की सरकार ने जिन मुसलिम जिहादीयों को बचाने के लिए हिन्दूक्रंतिकारियों पर झूठे आरेप लगाये और इन आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए जिस अधिकारी का दुरूपयोग किया कुदरत का न्याय देखो वो अधिकारी उन्हीं मुसलिम जिहादी आतंकवादियों के हाथों मारा गया ।तब भी इस गद्दार मिडीया व राजनितिक दलों के घर-कुदालों ने उस हमले में हिन्दुओं को फंसाने का भरपूर प्रयास किया।



· कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका भगवान होता है आज देशभक्त हिन्दु लगभग लावारिस व अनाथ सा जीबन जीने को मजबूर हैं । इन हालात में हम भगबान से यही प्रर्थना कर सकते हैं कि जिस तरह उसने आज तक धर्म-रक्षकों का साथ दिया है आगे भी अपना आशीर्बाद धर्मरक्षक देशभक्तों पर बनाए रखे ताकि हम इन गद्दारों के षडयन्त्रों को असफल कर अपनी प्यारी भारतमाता को इन गद्दारों से मुक्त करवा सकें। पर गीता में कहा गया है कर्म प्रधान है आओ मेरे प्यारे जागरूक हिन्दुओ खुद सक्रिए हो जाओ व बौद्धिक गुलाम हिन्दुओं को जगाकर इस हिन्दूक्रति का निर्णायक शूत्रपात करो ..... जागो हिन्दू जागो
 

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

अपने भक्तों के बापू आशा राम बनाम सेकुलर गद्दारों के आदर्श तैहलका के मालिक तरूण तेजपाल...इतना भेदभाव क्यों?


मित्रो पहले तो ये सपष्ट कर दें कि न तो  हम आशा राम जी के समर्थक हैं और न ही तहलका के मालिक तरूण तेजपाल के । दोनों का अपना अलग-अलग भूतकाल है दोनों का अपना-अपना बजूद है।

आशा राम ठहरे कथाबचक और तरूण तेजपाल ठहरा महिलाओं के अधिकारों और इमानदारी का तथाकथित रखवाला ।

आशा राम ठहरे इटालियन अंग्रेज के कट्टर बिरोधी और तरूण तेजपाल ठहरा इस अंग्रेज के टुकड़ों पर पलने वाला सपोला।

आशा राम के जीवन पर कितने भी लांछन सरकारों द्वारा क्यों न लगाए गए हों पर आसाराम जी का सामाजिक जीवन हमेशा समाज को सही दिशा देने का प्यत्न करता हुआ प्रतीत होता है दूसरी तरफ सेकुलर गद्दार और मिडीया अपने चहेते सेकुलर तरूण तेजपाल को कितना भी सर आँखों पर रखे पर तरूण तेजपाल का सामाजिक जीवन नशे, दुराचार, बयभिचार और षडयन्त्रों से भरपूर नजर आता है।

आशा राम ने बहुत पैसा बनाया लेकिन इस पैसे को बनाने के लिए आशा राम ने देश से गद्दारी नहीं की जबकि तरूण तेजपाल ने पैसा बनाने के लिए देश के दुशमनों के साथ हाथ मिलाकर भारत में एक विदेशी की गुलाम सरकार बनाने में मदद कर देश के साथ बहुत बड़ी गद्दारी की। एक तरफ जहां आशा राम ने अपने अन्दर कमजोरियां होते हुए भी समाज को सही दिशा देने की कोशिश की वहीं तरूण तेजपाल ने खुद नशे, ब्यभिचार और लूट में सामिल होने के साथ-साथ समाज को  भी उसी दिशा में ले जाने की कोशिश की और दुराचार के अनुकूल महौल बनाने में अपनी पूरी ताकत लगाई।

आशा राम पर छेड़छाड़ का आरोप लगते ही मडीया ने लगभग तीन महीने लगातार आशा राम को बदनाम करने के लिए सेकिलर गद्दारों से पैसा लेकर काल्पनिक कहानियं बनाकर उनके बिरूद्ध समाज में घृणा का बाताबरण बनाने का भरपूर प्रयास किया वहीं तरूण तेजपाल पर बालातकार का संगीन आरोप लगने के बाभी सेकुलर गद्दारों और मिडीया ने उसे नेक सेकुलर इनसान साबित करने का भरपूर प्रयास किया कहांनिया चलाने का तो प्रशन ही पैदा नहीं होता।

जहां आशा राम पर लगे छेड़छाड़ के आरोप को बालातकार बताने की भरपूर कोशिश की गई वहीं तेजपाल पर लगे बालाताकर के आरोप को आपसी मन मुटाब कहकर दबाने की भरपूर कोशिश की गई।

जहां आशा राम पर लगे आरोप के बाद उसकी बेटी और पत्नी को बदनामकर फंसाने की भरपूर कोशिश सेकुलर गद्दारों और मिडीया ने वहीं तरूण तेजपाल दारा अपनी बेटी की सहेली से बालातकार करने के बाबजूद उसके परिवार के उपर एक शब्द कहने की कोई भी कोशिश सेकुलर गद्दारों द्वारा नहीं की गई(करनी भी नहीं चाहिए लेकिन आशा राम के परिवार पर क्यों?)।    

आशा राम पर आरोप लगने के साथ ही हरामी सेकुलर गद्दारों द्वारा उनकी सम्मपति और वयक्तिगत जीवन के बारे में इतनी घृणा फैलाई गई कि सेकुलर सरकारों व बोद्धिक गुलामों ने प्रभाव में आकर  उनकी सम्मपतियों पर हमले शुरू कर दिए जबकि तरूण तेजपाल द्वारा दामिनी पर हुई दरिंदगी के जैसी ही दरिंदगी साबित हो जाने के बाबजूद सेकुलर गद्दारों और सेकुलर सरकारों व उनके पालतु मिडीया ने इस दरिंदे के बिरूद्ध न तो कोई घृणा का बाताबरण बनाया और नहीं कोई कार्यवाही करने की जहमत उठाई इस दरिंदे द्वारा बनाय गए ऐशो आराम के अड्डों पर आज भई  नशे से लेकर जुए औऱ वेशयवृति तक के हर तरह के गैर कानूनी ब आसामाजिक कुकर्म यथाबत जारी हैं।

आशाराम पर लगे आरोपों के कई महीने बीत जाने के बाद आज भी उनको बदनाम कर उनके प्रति घृणा पैदा के का कुकर्म यथाबत जारी है जबकि दरिंदे तरूण तेजपाल पर सेकुलर गद्दारों की खामोशी यथाबत जारी है।

मन में एक ही पर्श्न पैदा होता है कि आशा राम पर तो एक आरोप मात्र है तो भी आशाराम , उसकी बेटी, उसकी पत्नी उसके भक्त सबके सब को बदनाम कर उनके बिरूद्ध घृणा का बातबारण का निर्माण कर उनकी जिन्दगी को तबाह कर देने का षडयन्त्र आखिरकार इन सेकुलर गद्दारों द्वारा क्यों किया गया? जबकि दरिंदे तरण तेजपाल और तरूण तेजपाल की दरिंदगी पर पर्दा डालने का अपराध करने वाली सोमा चौधरी को हर तरह से बचाने का प्रयत्न सेकुलर गद्दारों द्वारा क्यों किया गया ?

मित्रो गहन विचार करने के बाद  यही कारण नजर आते हैं

1)पहला ये कि आसा राम सेकुलर गद्दारी हमेशा पोल खोलते रहे  जबकि तरूण तेजपाल सेकुलर गद्दार का अपना चहेता है।

2) आशा राम ने वयक्गत कमजोरिया होते हुए भी समाज को भारतीय संस्कृति का अनुशरण करने का रास्ता दिखाया वही रास्ता जिससे दुराचारी , ब्याभिचारी और नसैड़ी सेकुलर गद्दार नफरत करते हैं  और तरूण तेजपाल क्योंकि खुद   दुराचारी , ब्याभिचारी और नसैड़ी है इसीलिए सेकुलर गद्दार औरकार इसे पसन्द करते हैं।

3)आशा राम बिदेशी नेता, विदेशी सोच, बिदेशी मिडीया , बिदेशी बस्तुओं का विधीरो रहा है जबकि तरूण तेजपाल खुद भारत के बिदेशी शत्रुओं का ऐजेंट रहा  है और इस मामले में सेकुलर सरकारों और सेकुलर गद्दार उसके साथ हैं।

4) आशा राम र्चच द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण व अन्य भारतविधी षडयन्त्रों के हमेशा बिरोधी रहे हैं जबकि तरूण तेजपाल और सेकुलर मिडीया व सेकुलर सरकारें पूरी तरह चर्च के इसारे पर काम करती हैं।

5)बापू आशा राम ने हिन्दूओं को आतंकवादी कहे जाने के बिरूद्ध  अन्य सन्तों के साथ मिलकर सेकुलर गद्दारों , सेकुलर सरकारों, सेकुलर मिडीया के बिरूध पानीपत की तीसरी लड़ाई की घोषणा की ।

अगर सेकुलर गद्दारों ने पाकिसतानी आतंकवादियों से मिलकर हेमंत करकरे को न मरवाया होता तो इसी तीसरी लड़ाई में petro dollar & Us dollar पर पलने वाले सेकुलर गद्दारों , सेकुलर पार्टियों और सेकुलर मिडीया का आज तक नमोनिशान मिट गया होता...         

गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

बालातकार किया दरिंदे तरूणतेजपाल ने फँस गई भाजपा...


हम सब जानते हैं कि भारत में तथाकथित सेकुलर दार्शनिक और राजनितीज्ञ धर्मनिर्पेक्षता का चोला अपने अनैतिक व भारत विरोधी कुकर्मों को छुपाने के लिए ओड़ते हैं तरूण तेजपाल ऐसे ही सेकुलर गिरोह का एक पिल्ला है जिसने भारत के इतिहास की सबसे अधिक विकाशोउन्मुख व देशभक्त सरकार को अस्थिर करने के लिए भारत के भीतरी व विदेशी शत्रुओं से पैसे लेकर काल्पनिक रक्षा सौदे दिखाकर  भारत की जनता को इस हद तक गुमराह करने में सफलता हासिल की कि लोगों ने इस सरकार के प्रमुख घटक भाजपा को अगले दो चुनाबों में लगातार हरा दिया। अब जब इस गद्दार की असलियत धीरे –धीरे जनता के सामने आ रही है तो पता चल रहा है कि इसे काँग्रेस सरकारों से करोड़ों नहीं वल्कि अरबों रूपय की सहायता मिली विज्ञापन व दान के नाम पर...अकेले कपिल सिवल ने ही एक ही किस्त मैं इस भारतविरोधी पत्रिका तहलका के लिए पाँच लाख रूपए दान किए ...आप सब जानते हैं कि ये वही कपिल सिबल है जिसने लुटेरों द्वारा भारत से लूटकर बिदेशों में जमा करवाए गए काले धन को भारतीयों की सम्मपति घोषित करने की मांग करने वाले स्वामीरामदेब जी व उनके लाखों समर्थकों पर आधी रात को ही हमला करवा दिया मतलब कपिल सिबल द्वारा भारत विरोधी पत्रिका तहलका को पाँच लाख का दान देना व भारत समर्थक  प्रखरदेशभक्त स्वामीरामदेव पर हमला करवाना इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि तहलका पत्रिका भारतीयों के हितों की रक्षा की नौटंकी करते हुए देश के दुशमनों के लिए काम कर रही थी क्योंकि इस पत्रिका द्वारा करवाए गए झूठे स्टिंग के कारण भारत की सेना के लिए साजोसमान खरीदने की प्रक्रिया लगभग 10 वर्ष देरी से चल रही है।

मित्रो तहलका पत्रिका ने भाजपा के पहले दलित अध्य़क्ष को पैसे लेते हुए ऐसे दिखाया मानो इससे से पहले भाजपा या काँग्रेस के किसी अध्यक्ष ने कभी किसी  से कोई पैसे न लिए हों ...आप और हम सब जानते हैं कि पार्टियों द्वारा चुनाब का खर्चा चलाने के लिए लगभग हर किसी से दान लिया जाता है और जो दान देते हैं उनके काम इन पार्टियों को करने पड़ते हैं और इस कुरीति के जन्मदाता भी काँग्रेस के नैहरू-गाँधी ही हैं कोई और नहीं...लेकिन तहलका ने काँग्रोस के इसारे पर इस दलित अध्यक्ष को बदनाम कर भाजपा द्वारा दलितों को आगे बढाने के लिए किए जा रहे इमानदार प्रयत्न को पीछे धकेल दिया....

आप सब जानते हैं कि काँग्रेस के पहले दलित अधयक्ष को इटालियन इसाई एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गाँधी ने धक्के मार कर अध्यक्ष के पद से हटाकर सब दलितों को अपमानित किया था । दलितों के इसी अपमान से क्रोधित होकर भाजपा ने एक दलित को अध्यक्ष बनाकर दलितों का अपमान करने वाली काँग्रेस के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा था लेकिन तहलका के एक झूठ ने भाजपा द्वारा हिन्दूएकता के लिए किए जा रहे इमानदार प्रयास को जोरदार क्षति पहुंचाई।

मित्रो इससे पहले भी भाजपा ने ही हिन्दू एकता की खातिर दलित मायावती को भारत के सबसे बड़े राज्य उतर प्रदेश का मुख्यमन्त्री बनाकर हिन्दू एकता का इमानदार प्रयत्न किया है जो कि हिन्दूओं में नजदीकियां बढाने में कुछ हद तक सफल रहा।

2014 चुनाब के लिए भाजपा द्वारा हिन्दूएकता की इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए भारत के सबसे बड़े सम्बैधानिक पद के लिए दलित मोदी जी का नाम आगे करना एक ऐसा मील का पत्थर है जो हिन्दू समाज के साथ-साथ भारत की दशा-दिशा बदलने का दम रखता है इसी कारण भाजपा का ये कदम दलालों के भारतविरोधी सेकुलर गिरोह को रास नहीं आ रहा इसीलिए मोदी जी को बदनाम करने के लिए बैसे ही झूठ फैलाए जा रहे हैं जैसे झूठ तहलका के माध्यम से 2003-04 में बाजपेयी सरकार को बदनाम करने के लिए फैलाए गए थे।

गुजरात में पिता के कहने पर लड़की की रक्षा के लिए उसको सुरक्षा क्वच प्रदान करने का मामला सेकुलर गद्दारों द्वारा असभ्यता की सारी सीमायें लांघते हुए मोदी जी को लांछित करने के लिए लगातार गलत तरीके से उठाया जा रहा है । सच कहें तो हमें हौरानी हो रही है ये सोचकर कि इन सेकुलर गद्दारों ने आज तक मोदी के वारे में गुजरात दंगों के बहाने जितने भी झूठ फैलाए हैं उन सबका जनता पर उल्टा असर हुआ है और जनता ने और जोरदार तरीके से मोदी जी का साथ दिया है फिर भी ये मूर्ख इस तरह का घिनौना षडयन्त्र करने से बाज नहीं आ रहे। इन भारतविरोधियों को ये अच्छी तरह समझ आ जाना चाहिए कि मोदी जी के वारे में ये जितने झूठ फैलायेंगे मोदी जी उतने ही जोरदार तरीके से भारत की पावन धरती से इन गद्दारों का नमोनिशान मिटायेंगे......

 इस लड़ाई में भारतविरोधियों द्वारा किस तरह से षडयन्त्र रचे जा रहे हैं उसका सबसे बड़ा प्रमाण है तहलका के मालिक तरूणतेजपाल द्वारा अपनी वेटी की सहेली व तहलका की कर्मचारी से बालातकार का मामला...जैसे ही साहसी लड़की ने तरूणतेजपाल द्वारा कि गई दरिंदगी का विरोध किया लगभग सारे सेकुलर मिडिया ने मामले को दबाने की इस घिनौनी हरकत में तहलका का हरसम्भव साथ दिया और जब मामले को दबाने में असफलता हाथ लगी तो ऐसी कहानियां चलाने की कोशिश की जिससे लगने लगा माने वालातकार तहलका के मालिक ने नहीं व्लकि भाजपा ने किया हो....सबसे पहले विजय जौली को घेरा गया क्योंकि विजय जौली ने पीड़ित लड़की को न्याय से वंचित करने की कोशिश करने वाली सोमा चौधरी के घर प्रदर्शन करवाया...सब सेकुलर पार्टियों और चैनलों ने विजय जौली को महिला विरोधी करा दिया लेकिन तरूण तेजपाल को मानबता विरोधी कहने में इनकी मुँह पर ताला लगा रहा फिर सेकुलर सरकार ने मीनाक्षी लेखी का फोन हैक कर उसे महिलाविरोधी करार दिलवा दिया....इतने से काम नहीं चला तो और कई कहानियां चलाकर ऐसा महौन बनाया गया जैसे अपराध तरूण तेजपाल व सोमा चौधरी ने नहीं वल्कि पीड़िता को न्याय दिलवाने की मांग उठाने वाले लोगों ने किया .....जिस तरह इस मसले में अपराधी को पीड़ित और पीड़िता को अपराधी की तरह पेश करने की कोशिश की गई उसी तरह भ्रष्ट और बिभाजनकारी  सेकुलर गद्दारों को इमानदार व एकतावादी दिखाने के लिए सच में इमानदार व एकतावादी देशभक्त संगठनों को भ्रष्ट और वेइमान साबित करने की कोशिश हरदम इन सेकुलर गद्दारों द्वारा की जाती है और वेचारी भोली भाली जनता इन लुटेरे सेकुलर गद्दारों द्वारा फैलाए गए झूठों का सिकार होकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारकर इनका काम आसान करती रही है लेकिन मोदी उस जादू का नाम है जिसने इन गद्दारों के हर षडयन्त्र को असफल किया है और 2014 में भी करेंगे

बुधवार, 11 दिसंबर 2013

दिल्ली में भाजपा को मिडीया के कुतर्कों को नजर अंदाज करते हुए आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि....


मित्रो हम और आप सब जानते हैं कि दिल्ली में सबके सब मिडीया चैनलों के कार्यालय हैं और मिडीया चैनल कभी नहीं चाहेंगे कि दिल्ली में भाजपा जैसी हिन्दुत्वनिष्ठ पार्टी की सरकार बने क्योंकि ऐसी सरकार बनने से मिडीया चैनलों को हर वक्त अपने कुकर्मों के पकड़े जाने का डर सताता रहेगा ...इसलिए मिडीया लगातार आदर्शवाद एक ऐसी घुटी भाजपा को पिलाने की कोशिश कर रहा है जिसे आज तक जिसने भी पिया है या फिर पीने की कोशिश की है वो वेमौत मारा गया है।

दिल्ली की समझदार जनता ने भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाकर भाजपा को दिल्ली में अच्छा काम कर सारे देश का दिल जीतने का एक सुनहरा मौका दिया है जिसे भाजपा द्वारा फजूल के आदर्शवाद में बर्बाद करना हमारे विचार से मूर्खता होगी। हम सब जानते हैं कि दिल्ली में दूसरे नम्वर पर आप पार्टी 28 सीटों के साथ और तीसरे पर काँग्रेस आठ सीटों के साथ है। कुलमिलाकर दिल्ली में काँग्रेस सरकार ने अपने प्रभाव को प्रयोग कर आप की 27 सीटों को 28 में बदलकर सेकुलर सरकार बनाने की सम्भावनाओं को जिन्दा रखा ...लेकिन दिल्ली की जनता का रूझान देशभक्त सरकार बनाने के लिए है सेकुलर सरकार के लिए नहीं..

हमारी जानकारी के अनुसार काँग्रेस के कम से कम 5 बिधायक व दो निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ आने के लिए ततपर हैं क्योंकि वो अच्छी तरह जानते हैं कि दिल्ली को विकाश और सुरक्षा के मार्ग पर भाजपा ही आगे बढ़ा सकती है सेकुलर काँग्रेस और आप नहीं क्योंकि आज दिल्ली में जो अरजकता की स्थिति है वो सेकुलर गद्दारों द्वारा संचालित सरकारों की ही देन है और अगर दिल्ली में फिर से देशभक्तों की जगह सेकुलर गद्दारों की सरकार बनती है तो दिल्ली को वर्बादी से कोई नहीं बचा सकता ...इन सेकुलर गद्दारों ने बंगलादेशी घुसपैठियों और वर्मा से आए घुसपैठियों को दिल्ली में बसाकर दिल्ली की Demography को बहुत बुरी तरह खराब कर दिया है अगर इन घुसपैठियों को सेकुलर आप पार्टी का तीसरा विकल्प न होता तो इसवार भी काँग्रेस को ही अधिकतर सीटें मिलती क्योंकि घुसपैठियों के देश या राज्य से कोई सरोकार नहीं उन्हें तो सिर्फ अपनी घुसपैठ को बैधता देने वाले दल को ही चुनना होता है अगर आप पार्टी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में इन घुसपैठियों के साथ न हीती और देशभक्ति के मार्ग पर चलती तो हम भी आप का समर्थन करते लेकिन आज की कड़वी सच्चाई यही है कि आप पार्टी की दशा और दिशा वही है जो वाकी सेकुलर पार्टियों की है इसलिए भाजपा को दिल्ली के देशभक्त वोटरों की भावनाओं का ध्यान ऱखते हुए व दिल्ली के विकाश और शान्ति की खातिर यथाशीघ्र सरकार बनाने का दाबा पेशकर सरकार बनाकर दिल्ली को सेकुलर गद्दारों के चुंगल से मुक्त करवाकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए...

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

क्या होगा 8 दिसम्बर को...सब कह रहे हैं भाजपा जीतेगी लेकिन हमें लगता है कि...


आज भारत में जो भी जागरूक है है और देशभक्त है वो अच्छी तरह जानता है कि अगर 2014 में नरेन्द्र भाई मोदी की जीत होती है तो काँग्रेस खत्म हो जायगी गुजरात की तरह लेकिन अगर कहीं गलती से भी काँग्रेस की जीत हो गई तो भारत नहीं बचेगा न भारत माता की जय करने वाले बचेंगे...आज आप देख सकते हैं कि किस तरह काँग्रेस की सरकारें देशभर में देशभक्तों के उपर जूठे मुक्द्दमे बनाकर उन्हें सता रही हैं ...सबसे पहले तो आप नरेन्द्र भाई मोदी जी का ही हाल देख लो ..जिस वयक्ति को आज भारत के लगभर हर नौजवान का समर्थन हासिल है उसी नरेन्द्र भाई मोदी जी को पिछले 10 वर्ष से मौत का सौदागर कहकर अपमानित करने की लगातार कोशिश की जा रही है और वो भी तब जब उनके राज्य में पिछले 11 वर्ष से एक भी दंगा नहीं हुआ है व राज्य ने उनके नेतृत्व में हर नई उंचाई को छूकर संसार में गुजरात नही नहीं वल्कि पूरे भारत का गौरब बढाया है दूसरी तरफ काँग्रेस सरकारों ने खेलों , खदानों से लेकर रक्षा सौदों तक लूट मचाकर भारत का नाम बदनाम किया है...लेकिन लूट के इस पैसे से काँग्रेस के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि वो सन्तों तक का चरित्रहनन करने से गुरेज नहीं कर रही...आप सब जानते होंगे कि 2004 में सरकार बनते ही जिस सन्त जयन्द्र सरस्वती जी को कत्ल के आरोप में दीपावली के दिन गिरफ्तार किया गया था उसी सन्त को 9 वर्ष के बाद माननीय न्यायलय ने निर्दोष पाया लेकिन किसी भी मिडीया चैनल ने सेकुलर गद्दारों की इस करतूत पर इन गद्दारों को शर्मिंदा करे की जहमत नहीं उठाई...आप सब जानते हैं कि किस तरह काँग्रेस सरकार ने  प्रखर देशभक्त स्वामी रामदेव को पहले तो मरवाने की कोशिश की फिर बदनाम करने की और जब कुछ न हो सका तो अब उनके द्वारा भारत को लूट से बचाने के लिए चलाए जा रहे प्रकल्पों पर एक के बाद बाद एक मुकद्दमे दर्ज कर उनके उत्पादों की विक्री रूकवाकर विदेशी लुटेरों को फायदा पहुंचाने की कोशिश इटालिन लुटेरी एजवीज एंटोनिया अलवा माइनो द्वारा की जा रही है...हम दाबे से कह सकते हैं कि इम इटालियन अंद्रेज के विरोधी आशा राम पर अगर बालातकार का आरोप न लगाया गया होता तो ये आरोप स्वामी रामदेब जी पर लगाया जाना था ये तो भगवान का शुक्र है कि भगवान ने इन राक्षसों को कुबुद्धी देकर स्वामीराम देब जी की रक्षा कर भारत के हित को आगे बचाने का क्रम जारी रखने के लिए चुना।

मित्रो जिस जनरल ने रक्षा मन्त्रालया में सोनिया गाँदी और उसके खासमखास रक्षा मन्त्री द्वारा जलाई जा रही लूट का विरोध किया उस जनरल को एक वर्ष पहले ही रिटायर करवा दिया गया और अब उस जनरल को मुकद्दमों मे फंसाने की लगातार कोशिश की जा रही है...

इसी तरह घोटालों पर सबसे बड़ा हथौड़ा मारने वाले जसटिस गौंगली को मानबाधिकार की जिम्मेदारी देकर ये दिखाने की कोशिश की गई कि काँग्रेस उसके साथ है लेकिन वाद में उसके उपर बालातकार का आरोप लगवाकर उसकी जिन्दगीभर की कमाई पर पानी फेरते हुए उसे सौदे रद्द करवाने की सजा दी जा रही है ऐसा हमें लगता है सच्चाई क्या है ये भगवान ही जाने...

आप और हम सब देख रहे हैं कि चारों राज्यों में भाजपा की ही सरकारें वनेंगी लेकिन हमें लगता है कि भाजपा को इन चारों रार्ज्यों में जोरदार झटका लग सकता है...पहले दिल्ली में ही देखो की 5 बजे के बाद लगभग 30% वोटिंग करवाई गई वो भी 18 विधानसभा सीटों पर ...जो संदेह पैदा करता है कि ये सब चुनाब आयोग और केन्द्र सरकार की मिलीभगत का परिणाम हो सकती है...इसी तरह छतीसगढ़ में अजीत जोगी ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर जिस तरह काँग्रेस के भारतसमर्थक नेताओं को मरवाया चर्च के साथ मिलकर उसी तरह वो चर्च के साथ मिलकर धांधली भी करवा सकता है उपर से लगातार दो चुनाब की उदासीनता...लगभग यही स्थिति मध्यप्रेदश में भी है बैसे भी शिवराज सिंह चौहान में इतनी चालाकी नहीं कि वो काँग्रेस के षडयन्त्रों का जबाब उसी तरह दे सकें जिस तरह मोदी जी देते हैं..राजस्थान में महारानी जिद और तरह-तरह के शौक भी परेसानी का कारण बन सकते हैं सरकारी षडयन्त्रों के साथ-साथ...इसीलिए देशभक्त मित्रों को 8 दिसम्बर को इन चारों राज्यों में जोरदार झटके के लिए त्यार रहना चाहिए...जीत हुई तो बहुत बढ़िया नहीं हुई तो 2014 में तो होनी ही है अगर सबमिलकर मेहनत करेंगे तो