Pages

मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

मंगलवार, 18 जून 2013

हिन्दूओ ऐसे ही सड़ोगे अगर सैकुलर गद्दारों का साथ दोगे तो...सन्दर्भ केदारनाथ में भारी तबाही


मित्रो केदारनाथ में हुई भारी तबाही पर जितनी भी संवेदना प्रकट की जाए कम है भगवान भोले शंकर इस तबाही में मारे गए बच्चों, महिलाओं, सैनिकों, सिपाहियों की आत्मा को शांति प्रदान करे व उनके परिजनों को इस सदमे को सहने की ताकत प्रदान करे...
मित्रो आप और हम सब जानते हैं कि पिछले दिनों कुछ हिन्दू संगठनों ने गंगोत्री और उसके आसपास व उपर के क्षेत्र में की जा रही छेडछाड़ के विरूद्ध जोरदार अभियान चलाया था लेकिन हिन्दू समाज का प्रयाप्त समर्थन न मिल पाने के कारण वो अन्दोलन अपनेआप समाप्त हो गया क्योंकि आज का हिन्दू हर बात को मनोरंजन मानकर उसकी गम्मभीरता को समझने में असमर्थ हो चुका है परिणामस्वारूप हिन्दूहित में खड़ा किया गया कोई भी अनदोलन सिरे नहीं चढ़ पा रहा है परिणाम सबके सामने है ..बताया जा रहा है कि कदारनाथ जी के उपर बने गांधी बांध से इतनी बड़ी बाढ़ आई जो हर चीज को दफनाती व बहाती चली गई ...और ये बाँध प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ का ही परिणाम है...
मित्रो आप सबको जानकारी है कि किस तरह ये सेकुलर सरकारें सांप्रदायिक अलगाववाद और आतंकवाद की जड़ मक्का मदीना के लिए हिन्दूओं द्वारा खून पसीने से कमाई गई कमाई को पानी की तरह बहाती हैं लेकिन आज ये सेकुलर सरकारें तब भी हिन्दूओं की सहायता करने को त्यार नहीं जब इन्हीं सरकारों द्वारा प्रकृति से की गई छेड़छाड़ के परिमामस्वारूप हिन्दू अपने आस्था के केन्द्रो पर ही मरने और मर कर सड़ने को मजबूर है...मित्रो हमारी सेना के पास ऐसे ऐसे जहाज और हैलीकपटर हैं जो ऐसे क्षेत्रो व आपदाओं के लिए ही खरीदे गए हैं लेकिन सेना उनका उपयोग युद्धसतर पर तब तक नहीं कर सकती जबतक केन्द्र सरकार उसको ऐसा करने के लिए न कहे...मित्रो जिस आपदा में हजारों लोगों के शब जगह-जगह बिखरे पड़े हों और लाखों लोग भूखे आपदा का कहर झेलते हुए मरने को मजबर हों उससे बड़ा युद्ध क्या हो सकता है...लगता है सरकार इन हिन्दूओं को साँप्रदायिक मानकर इनकी कोई सहायता नहीं कर रही है...
मित्रो आपको याद होगा कि बटला हाऊस मुढभेड़ में मारे गए इसालमिक आतंकवादियों के लिए सोनिया गाँधी उर्फ एडवीज एंटोनिया अलवीना माईनो सारी रात फूट-फूट कर रोई थी और हिथ्रो हबाई अड्डे पर बम बिस्फोट करने वाले इसलामिक आतंकवादी के लिए इसके गुलाम मनमोहन सिंह को सारी रात नींद नहीं आई लेकिन तीन दिनों से पड़ी हिन्दूओं की इन हजारों लाशों  व तडप-तड़प कर सहायता के लिए चिल्ला रहे लाखों हिन्दूओं के लिए इन कातिलों के मन में कोई दया नहीं क्यों क्योंकि हिन्दूओं को मरवाना ही तो इनका असल मकसद है...चाहे वो इस तरह हो या फिर उस तरह आतंकवादियों की सहायता करके हो ...
मित्रो हमें याद है कि कुछ वर्ष पहले इसलामिक आतंकवादियों पर ऐसी ही विपदा आई थी जब आतंकवादियों के गढ़ POK और उसके साथ लगते कशमीरघाटी के कुछ इलाकों में भारी भूकम्प में हजारों आतंकवादियों के मारे जाने का खतरा पैदा हो गया था तब इस भारतविरोधी हिन्दूविरोधी सरकार ने अपनी सारी ताकत  लगाकर उन इसलामिक आतंकवादियों की मदद न केवल कशमीर घाटी वल्कि POK में भी की थी यहां तक कि उतर भारत के कई राज्यों के कर्मचारियों का एक दिन का बेतन तक जबरदस्ती काटकर उन आतंकवादियों की रक्षा के लिए दे दिया गया था और ये सारी सहायता रातों रात की गई थी लेकिन आज जब हमारे हिन्दू भाई हमारे ही देश में सहायता के लिए तड़प रहे हैं तो मित्रो ये हिन्दूविरोधी सरकार हिन्दूओं की पीड़ा तक को सुनने के लिए त्यार तक नहीं सहायता तो दूर की बात है...
·        मित्रो हिन्दूओं की इस लाचारी को देखकर मन भारी हो जाता है लेकिन जब हिन्दूओं की हिन्दूओं से जुड़े मुद्दों के प्रति उदासीनता देखते हैं तो लगता है कि हमारी सब समस्याओं के लिए हमारी अपनी ही बौद्धिक गुलामों वाली सोच जिम्मेदार है हर वक्त हम लोग हमारे भाई बहनों का हक छीन कर गैर हिन्दूओं के हबाले करने वालों का साथ देने की मानसिकता, हमारी गऊ माता का सरेआम कत्ल करने वालों व उनका समर्थन करने वालों के प्रति हमारे ही हिन्दूओं की सहनशीलता, अपनी धार्मिक यात्राओं को अंग्रेजी सटाईल पिकनिक में बदलने की मानसिकता, अपने ही आस्था के कन्द्रों पर जाकर अपबित्रता फैलानी की मानसिकता, हमारे लिए अबाज उठा रहे हिन्दूओं हिन्दू संगठनों के प्रति हमारी शंका , कुल मिलाकर हिन्दूों की पीढ़ा से सबन्धित जानकारी पढ़ने जानने पर भी उसके प्रति शंका और उदासीनता का भाव...
·        आओ मित्रो अभी भी वक्त है कि हम पूरी तरह से आंखें बन्द कर अपने भगवान पर भरोसा करते हुए एक भव्य हिन्दू राष्ट्र के लिए हर तरह से हिन्दू संगठनों के साथ संगठित होकर निरंतर प्रयत्न करें और किसी भी हिन्दू भाई-बहन की पीढ़ा को अपनी पीढ़ा मानते हुए किसी भी हिन्दू पर हुए हमले को अपने पर हुए हमले की तरह प्रतिक्रिया करते हुए...अपने रक्षा क्वच गऊ माता की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए अपनी व अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें
·        अन्त में हम इतना ही ही कहेंगे कि सेकुलर गद्दारों को जाने अनजाने साथ देना वो पाप है जिससे हम कोई भी पुन्य करके उऋण नहीं हो सकते इसलिए सबएकजुट होकर सनातन को मिटाने पर तुले सेकुलर गद्दारों को हर मोर्चे पर हराकर अपने कर्तव्य का पालन करें...श्रीमद भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण जी ने खुद कहा है कि धर्म उनकी रक्षा करता है जो धर्म के अनुशार आचरण करते हैं और ...
  

सोमवार, 10 जून 2013

अडवानी जी नहीं चाहिए हमें सेकुलर भाजपा.....हिन्दुत्वनिष्टों को अपने इरादों को चट्टान की तरह मजबूत बनाना होगा वरना अडवानी जी की तरह अन्त में यही कहना पड़ेगा...दुविधा में दोनों गए न ... मिली न राम


मित्रो आप जानते हैं कि जब दमदमी टकसाल जैसे सिख संगठनों में चुनाब होते हैं तो सरेआम तलावारों,गोलियों और करपाणों से लड़ाई होती है तब जाके ऐसे नेता आगे आते हैं जो सिखों पर हमला होते ही उनकी रक्षा ब बदला लेने के लिए सिरधड़ की बाजी लगा देते हैं और रक्षा करने में सफल भी होते हैं...दूसरी तरफ हिन्दूओं में एक आदत सी बन गई है कोई भी जिम्मेदारी लेने से पहले नखरे मारने की और तब तक जिम्मेदारी किसी गैर हिन्दू के पास या फिर अयोग्य वयक्ति के पास जा चुकी होती है...यही कारण है कि काँग्रेस में आज भी हिन्दूओं की संख्या 90% से अधिक होने के बाबजूद काँग्रेस के कर्ताधरता सोनिया गाँधी की Core Committee( 1)Advij Antonia Albeena Mino,2)A K Antony,3)Ahamad Patel…) में एक भी हिन्दू नहीं सबकेसब गैर हिन्दू....1996 से पहले भाजपा का ऐजेंडा विलकुल साफ था सांस्कृतिक राष्ट्रबाद लेकिन 1996 से 1998 के बीच सेकुलर अटल ने अडवानी जी को एक ऐसी पटखनी दी कि पता नही नहीं चला कि कब अडवानी जी के विरोध के बाबजूद भाजपा सेकुलर हो गई ...तब से पटरी से उतरी हुई भाजपा अब जाकर 2013 में लगभग 14 वर्ष के वनवास के बाद फिर से अपनी मूल विचारधारा हिन्दूत्व की ओर लौटने का सफल प्रयास करती हुई प्रतीत हो रही है...जिसका नेतृत्व एकदम से लगभग 20 वर्ष जवान होकर मोदी जी जैसे कुशल प्रबन्धक के हाथो में आने को आतुर है.... लेकिन 14 वर्ष के इस अन्तराल में हिन्दुत्व के लौहपुरूष अब धर्मनिर्पेक्षता के हिन्दूविरोधी-भारतविरोधी मकड़जाल में ऐसे उलझे हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें भाजपा का अपनी मूल विचारधार की ओर लौटना नागंवार गुजर रहा है....बहुत से परजीवि भाजपा के सता में न आने पर अपनी चिन्ता जता रहे हैं ...हम उनसे जानना चहते हैं कि जब देश में पहले ही दर्जनों सेकुलर गद्दार पार्टियां हिन्दूओं को लहुलुहान कर भारत को खत्म करने पर तुली हुई हैं तो ऐसे में एक औक सेकुलर पार्टी के दौड़ में आ जाने से क्या फर्क पड़ने वाला है इससे तो हिन्दूओं पर हमला और तेज होगा और हिन्दूओं के हित में कोई आबाज उठाने वाला भी नहीं होगा...हम तो सिर्फ इतना चाहते हैं कि भाजपा इन सेकुलर गद्दारों से डटकर मुकाबल करते हुए चुनाब हार भी जाए तो कोई बात नहीं लेकिन एक भी हिन्दू पर सेकुलर गद्दारों द्वारा पोषित इसलामिक और वामपंथी  आतंकवादियों के हमले के बाद भाजपा लोकसभा, राज्यसभा और देशभर में हिन्दूओं की पीड़ा को आबाज तो दे...घर-घर जाकर हिन्दू समरसता अभियान चलाय...पिछले 10 वर्षों की तरह खामोश तो न रहे... 2004 से 2013 तक इन 10 वर्षों में सेकुलर गद्दारों की सरकार ने जिस तरह आतंकवादियों को जेलों से छोड़कर उनकी जगह निर्दोश हिन्दूओं, सिपाहियों और सैनिकों को जेलों में डाला, हिन्दूओं के बच्चों के हक छीन कर गैर हिन्दूओं के हबाले किए और अडवानी, सुषमा,जेटली जैसे सेकुलर नेताओं ने उफ तक न की ये दर्शाने के लिए काफी है कि धर्मनिर्पेक्षता का एक ही अर्थ है और वो है हिन्दूओं का लहू बहाना...हिन्दूओं के हक छीनकर गैर हिन्दूओं के हवाले करना ...इसलिए अडवानी जी हमें नही चाहिए सेकुलर भाजपा ...हमें जरूरत है हिन्दुत्वनिष्ठ भाजपा की जो हिन्दूओं पर लगातार हो रहे इस हमले के वक्त कम से कम हिन्दूओं के साथ कन्धे से कन्धा मिलकर खड़ी तो रहे क्योंकि हम अच्छी तरह जानते हैं कि  ये धर्मनिर्पेक्षता नहीं गद्दारी है देशद्रोह है हिन्दूविरोध है शैतानीयत है। नहीं चाहिए हिन्दुओं को ऐसी धर्मनिर्पेक्षता जो हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर हिन्दुओं का खून बहाकर फलतीफूलती है आज इसी वजह से जागरूक हिन्दू इस धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में छुपे हिन्दूविरोधियों को पहचान कर अपनी मातृभूमि भारत से इनकी सोच का नामोनिशान मिटाकर इस देश को धर्मनिर्पेक्षता द्वारा दिए गये इन जख्मों से मुक्त करने की कसम उठाने पर मजबूर हैं….

शनिवार, 8 जून 2013

अडवानी जी ने मोदी जी को आसतीन के सांपो से छुटकारा पाने का सुनहरा अबसर प्रदान किया है


मित्रो आप सब जानते हैं कि भाजपा आज ऐसे निठलों से भरी पड़ी है जो दिल्ली में बैठकर हिन्दू हित के लिए काम करने के बजाए हर वक्त निजी हित के वारे में सोचते रहते हैं अब अगर ऐसे निठलों के साथ भाजपा की कमान मोदी जी जैसे जुझारू व्यक्ति को मिल भी जाए तो वो कुछ भी ऐसा नहीं कर पायेंगे जिसकी आज देश उम्मीद कर रहा है...अडवानी जी ने गोआ न जाकर मोदी जी को ये सपष्ट कर दिया कि कौन-कौन लोग हैं जो भारत और भाजपा में क्रांतिकारी परिवर्तन के बजाए यथास्थिति बनाए रखकर अपनी राजनिती चमकाय रखना चाहते हैं ...अगर हम अडवानी, उमा भारती और विनय कटियार जी को छोड़ दें तो गोआ न जाने वालों में एक भी वयक्ति ऐसा नहीं जिसने कभी हिन्दू-हित के लिए बाज उठाई हो...आप सब जानते हैं कि यशवन्त सिंन्हा, शत्रुधन सिन्हा, जसवन्त सिंह जैसे दर्जनों नेता ऐसे हैं जिनकी अपनी कोई हैसियत नहीं किसी को चुनाब जिताने की...बैसे भी मोदी जी को अपना काम चलाने के लिए जयादा नेताओं की जरूर नहीं...One Man Army हैं मोदी जी....यही सबसे बड़ी बजह है मोदी जी के विरोध की ...मित्रो अगर मोदी जी एकवार भाजपा की कमान अपने हाथ में लेने में समर्थ हो गए तो वो समय दूर नहीं जब ये सब निठले नेता या तो काम करते हुए नजर आयेंगे या फिर हासिए पर चले जायेंगे...आप सबको पता है कि अडवानी जी का असली वक्त था 2004 लेकिन सेकुलर अटल के सामने मोदी की एक न चली और भाजपा आज अपने अन्तिम दौर की ओर अग्रसर है... आज मोदी जी भी अगर सेकुलर अडवानी से हार गए तो भाजपा को पूर्णविराम लगने में देरी नहीं लगेगी इतनी छोटी सी बात इतने बड़ी बड़े नेताओं को समझ क्यों नही आ रही ये हमारी समझ से परे है....हम सब जानते हैं कि सेकुलर गद्दारों की फूट डालो और राज करो की योजना इतनी जबरदस्त है कि उसमें से देश को बाहर निकालना किसी के बस की बात नहीं बस मोदी जी से एक उम्मीद बनती है उम्मीद इसलिए कि आज तक मोदी ने सेकुलर ग्दारों को हर क्षेत्र मे पछाड़ा है इसीलिए तो कल सलमान कुर्शीद कह रहे थे कि मोदी के नाम से अगर भाजपा के ही नेता काँपते हैं तो जरा सोचो कि सेकुलर ग्दार नेताओं की क्या दुर्गति होती होगी ...मोदी जी भी तभी सफल हो सकते हैं जब वो हर टिक्ट सोच समझ कर ऐसे नेताओं को दें जो हर तरह की गुटवाजी के बजाए सिर्फ और सिर्फ हिन्दूहित-देशहित के लिए समर्पित हैं न कि अपने-अपने हित व खानदान के लिए ...बरना जेतली, सुषमा जैसे सेकुलर ऐसे नेताओं को टिकट दिलवायेंगे कि भाजपा जीत के भी हार जाएगी...इस सारे संघर्ष ने मोदी जी को बता दिया है कि पूरी की पूरी भाजपा को Shock Treatment…की जरूरत है और हाँ जो नेता हर वक्त एन डीए का राग अलापते रहते हैं उन्हे चाहिए कि वो घुटन में जीने के बजाए या फिर भाजपा व देश से छुपकर गद्दारी करने के बजाए सीधे जाकर सेकुलर गद्दारों के साथ मिल जायें और खुलकर गद्दारी करें ताकि हिन्दू क्राँतिकारियों को ये पहचानने में दिक्कत न हो कि किस सेकुलर गद्दार को गोली मारनी है और किसको नहीं मित्रो अन्त में हम सिर्फ इतना ही कहेंगे कि हिन्दूओं को भारतविरोधी आतंकवादियों और उनके सेकुलर गद्दार समर्थकों से उतना खतरा  नहीं जितना खतरा उन आसतीन के साँपों से है जो हिन्दूहित देशहित का काम करने वाले संगठनों से जुड़कर सेकुलर गद्दारों के साथ Fixing कर भारत और हिन्दूओं को लहुलुहान करने में उनकी मदद करते हैं और पिर खुद धर्मनिरपेक्षता का राग अपना कर हिन्दू संगठनों की विश्वसनीयता को खतरे में डालते हैं अडवानी जी ने गोआ न जाकर मोदी जी को ऐसे ही आसतीन के सांपो से मुक्ती पाने का सुनहरा अबसर प्रदान किया है... हमें उम्मीद ही नहीं भरोसा भी है कि मोदी जी इस अबसर का भरपूर लाभ उठाकार भाजपा और भारत को इन सेकुलर गद्दारों से मुक्त करायेंगे...  

शुक्रवार, 7 जून 2013

लगता है भाजपा की स्थापना का मकसद भूल गए हैं कुछ नेता


मित्रो आज जो भाजपा में हो रहा है उसे देखकर आप लोगों का चौंकना या फिर हैरान होना या फिर परेशान होना जायज है...मित्रो भाजपा के विधटन की कहानी उसी दिन लिख दी गई थी जब भाजपा के कुछ नेताओं ने देशहित-हिन्दूहित से जुड़े सब मुद्दों को छोड़कर सेकुलर गद्दारों के साथ गठवन्धन कर एक ऐसी सरकार चलाई जिसके बहुत से कामों ने सेकुलर गद्दारों को भी पीछे छोड़ दिया...आज परिणाम सबके सामने है कल तक जो लड़ाई भाजपा बनाम सेकुलर गद्दारों की होती थी आज वही लड़ाई भाजपा बनाम भाजपा में बदल चुकी है...अटलविहारी बाजपेयी जी ने उस वक्त के प्रखर हिन्दूत्वनिष्ठ लालकृष्ण अडवानी जी को धर्मनिर्पेक्षता के ऐसे मकडजाल में उलझाया कि खुद अडवानी जी जैसा लौहपुरूष इस धर्मनिर्पेक्षता के चक्कर में ऐसा फंसा कि उसने धर्मनर्पेक्ष बनने के लिए राजनितीक आत्महत्या कर ली पाकिस्तान जाकर...जो अडवानी जी एकवक्त अटल जी की धर्ननिरेपक्ष जुंडली रंजन भट्टाचार्य,ब्रजेश मिश्र, बामपंथी सुधेन्द्र कुलकरणी, जसवन्त सिंह, यसवन्त सिन्हा से संघर्ष कर भाजपा को उसके मूल मुद्दे की ओर लाने के लिए संधर्षरत थे आज वही अडवानी जी भाजपा को उसके मूल मुद्दे से भटकाकर अटल जी द्वार दिखाए गए आतमघाती धर्मनिर्पेक्ष रास्ते की ओर ले जाने की जिद कर रहे हैं...मित्रो अटल जी के 6 वर्ष के धर्मनिर्पेक्ष राज ने हिन्दूक्राँति को दर्जनों वर्ष पीछे धकेल दिया और अगर अबकी बार अगर अडवानी जी सफल हो गए तो  भाजपा के विभाजन के शिवा और कोई रास्त वाकी न बचेगा...हमें लगता है कि भजपा की स्थापना का मकसद और एन डी ए का मकसद पूरी तरह से अलग-अलग है...एन डी ए भी बैसा ही हिन्दूविरोधी गठवन्धन है जैसा यु पी ए..फर्क सिर्फ इतना है कि यु पी ए लगातार इसलामिक आतंकवादियों को जेलों से छोड़कर उनकी जगह सैनिकों , जवानों और देशभक्तों को जेलों में वन्द कर रहा है जबकि एन डी ए ने ऐसा कुछ भी नहीं किया...लेकिन मित्रो हिन्दूहित में न तो युपीए है और नही एन डी ए ...अगर हिन्दुत्वनिष्ठ भाजपा में कोई सेकुलर गद्दारी की राह पर आगे बड़ने का दिवास्वपन देख रहा है तो उसे चाहिए कि देशभक्तों का वक्त और न बरबाद करते हुए भाजपा से अलग होकर एक एसे एन डी ए का निर्माण करे जिसमें नितीश, ममता, जैसे सबकेसब सैकुलर गद्दार सामिल हों और भाजपा में सिर्फ वही लोग रहे जिनकी हिन्दुत्व के प्रति निष्ठा में कोई खोट नहीं ...इसके परिमास्वारूप वेशक सेकुलर गद्दार 10 वर्ष और राज कर हिन्दूओं का और खून बहायें,,हिन्दूओं पर और अत्याचार करें... लेकिन उसके वाद किसी भी सेकुलर गद्दार का भारत की पवित्र धरा पर जिन्दा रहना नामुमकिन होगा अगर भाजपा बिशुद्ध हिन्दुत्वनिष्ठ मार्ग पर आगे बढ़ते हुए सता की परवाह किए विना सिर्फ और सिर्फ हिन्दूओं की समस्याओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए एक तरफ हिन्दूओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दूसरी तरफ हिन्दूओं के अन्दर समरसता अभियान चलाकर हिन्दूओं को एकजुट कर निर्मायक हिन्दूक्राँति की धूरी बने वरना ... 

गुरुवार, 6 जून 2013

काँग्रेस और समाजवादी पार्टी हिन्दूओं का खून बहाने वालों को जेलों से छुड़वाकर व हिन्दूओं के बच्चों का हक छीनकर गैर हिन्दूओं को देकर हिन्दूओं से किस बात का बदला ले रहे हैं?


मित्रो आप सब देख रहे हैं कि हिन्दूओं पर जब भी कोई आंतकवादी हमला होता है तो सबके सब सेकुलर गद्दार और सेकुलर पार्टियां कत्ल किए गए हिन्दूओं के साथ खड़े होने के बजाए देशभक्त हिन्दूओं का खून बहाने वाले भारतविरोधी आतंकवादियों को निर्दोष,अनपढ़ सताया हुआ बताकर इन खूनियों को बचाने के काम में लग जाते हैं।
पहले तो ये सब मिलकर पुलिस पर दबाब बनाकर पुलिस को इन आतंकवादियों के बिरूद्ध कार्यवाही करने से रोकते हैं और अगर कहीं ये आतंकवादी सुरक्षाबलों के हाथ आ ही जायें तो ये पार्टियां इन आतंकवादियों खासकर इसलामिक आतंकवादियों को छोड़ने के काम में लग जाती है और हिन्दूओं को साफ सन्देश देती हैं कि हिन्दू मरते हैं तो मरें पर इन पार्टियों को हर हाल में  आतंकवादियों के साथ खड़ा होना है..
मित्रो इन पार्टियों की इस तरह की कार्यवाही जहां आतंकवादियों का हौसला बढ़ाती हैं वहीं दूसरी तरफ अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवादियों को पकड़ने वाले सुरक्षाबलों का हौसला भी तोड़ती हैं और हद तो तब हो जाती है जब आतंकवादियों की मददगार ये पार्टियां सैनिकों को आदेश देती हैं कि जब आतंकवादियों से लड़ने जाना है तो निहत्थे होकर जाना है साथ ही सुरक्षा बलों द्वार चलाई गई एक एक गोली का हिसाब मांगकर उन पर ये दबाब बनाती हैं कि आतंकवादियों को न मारा जाए परिमामस्वारूप आजकल आतंकवादियों से कही ज्यादा शंख्या में हमारी सेना के जवान मारे जा रहे हैं और जो काम एक गंटें में खत्म हो सकता है उसके लिए सैनिकों को की दिनों तक अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ा रहा है...
आप सबको जानाकरी होगी ही कि आज जब हम ये समाचार लिख रहे हैं तो कशमीर घाटी में पिछले दो दिनों से इसलामिक आतंकवादियों और सेना के बीच में जंग चल रही है...
इसी वक्त उतर प्रदेश में माननीय न्यायलय समाजवादी पार्टी को इस बात के लिए कटघरे में खड़ा कर रहा है कि क्यों समाजबादी पार्टी विना कोर्ट में सुनबाई हुए वाराणसी में संक़मोचक मन्दिर में बमबिस्फोट करने वाले इसलामिक आतंकवादी को छोड़ने की जिद कर भारतीयों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है...
मित्रो अभी-अभी 8-8:30pm NDTV(Eng) पर इसी मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें एंकर निधी ने विलकुल सही ढंग से आतंकवादियों के मददगारों की खबर ली ...यहां पर ये सपष्ट देख गया कि इसलामिक आतंकवादी उमर फारूकी और मनु सिंघवी इस बात पर पूरी तरह से सहमत थे कि मुसलिम आतंकवादियों जिन्हें वो मासूम करार दे रहे थे को हर हाल में छोड़ा जाना चाहिए...
आपको याद होगा कि अभी हाल ही में प्रखर देशभक्त महेन्द्र कर्मा सहित 27 काँग्रेसियों का कत्ल बामपंथी आतंकवादियों ने किया और मजेदार बात ये है कि इन बामपंथी आतंकवादियों ने न तो मुसलामनों को मारा और न ही ईसाई अजीत जोगी के मित्रों को ...सिर्फ चुन-चुन कर हिन्दूओं को मौत के घाट उतारा गया....
इतने बड़े हमले के बाद भी ईसाई(?) दिगविजय सिंह ने इन खूनी बामपंथी आतंकवादियों को अपना भाई बताकर अपनी हिन्दूविरोधी-देशबिरोधी मानसिकता का परिचय दिया...
आप सबको याद होगा कि यह दिगविजय सिंह वही गद्दार है जिसने वटला हाऊस मुठभेड़ के बाद शहीद मोहन चन्द जी के साथ खड़ा होने के बजाए इसलामिक आतंकवादियों का साथ दिया और सलमान खुरशीद के अनुशार बटला हाऊस मुठभेड़ में मारे गए इसलामिक आतंकवादियों के लिए काँग्रेस अध्यक्षा एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो सारी रात फूट-फूट कर रोई ...इससे पहले मनमोहन सिंह भी हिथरो हबाई अड़्डे पर हमला करने वाले इसलामिक आतंकवादी के लिए सारी रात रोते रह चुके हैं...
आप सबको जानकारी होगी ही कि यही मनमोहन सिंह और एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो दो दो कमेटियां एक सच्चार कमेटी और दूसरी  कशमीर पर बना चुके हैं जिनका जिम्मा इन हिन्दूविरोधीयों ने ISI Agent Justice Rajender  Suchar और राधा कुमार जैसे भारतविरोधी दुशमनों को दिया... ISI Agent Justice Rajender  Suchar के नेतृत्व वाली सच्चर कमेरी का सहारा लेकर काँग्रेस हिन्दूओं के बच्चों के अधिकार छीनकर गैर हिन्दूओं को देने के लिए हर वक्त कोई न कोई षडयन्त्र अन्जाम दे रही है....
आप सबको याद होगा कि 2008 में मुम्मबई पर हुआ हमला ईसलामिक आतंकवादियों ने किया  लेकिन  काँग्रेस का कहना है कि ये हमला RSS यानिके हिन्दूओं ने किया और मजेदार बात ये है कि इस बात पर एक इसलामिक आतंकवादी ने एक पुस्तक लिखी जिसका विमोचन काँग्रेस के महासचिब ने किया...
मित्रो आपको ये भी जरूर जानकारी होगी ही कि अभी कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में एक इसलामिक आतंकवादी की मौत लू लगने से हो गई जिसके लिए SP सरकार ने 42 पुलिस बालों को Suspend किया...इस आतंकवादी को आतंकवादियों की इस सरकार ने 6 लाख रूपए दिए जबकि आतंकवादियों द्वारा मारे गए 27 काँग्रेस से जुड़े हिन्दूओं के परिवारों को सिर्फ 5-5 लाख....
मित्रो आपको ये भी याद होगा ही कि उतर प्रदेश में मारे गए DSP जियाऊल हक के परिवार को  SP सरकार ने 25 लाख मुआबजा और परिवार के तीन सदस्यों को नौकरी मिडीया में लगातार कबरेज ...पिछले कल ही सहारनपुर में DSP का कत्ल हुआ जिसकी कोई बात नहीं कर रहा हम दावे से कह सकते हैं कि मरने वाला हिन्दू होगा और मारने वाला मुसलमान......
आप सबको इस बात की जरूर जानकारी होगी कि कशमीर घाटी में काँग्रेस इसलामिक आतंकवादियों को 3 लाख की FD दे रही है व मारे गए आतंकवादियों के परिवारों को पेंसन... प्रश्न सिर्फ इतना है कि
 काँग्रेस और समाजवादी पार्टी हिन्दूओं का खून बहाने वालों को जेलों से छुड़वाकर हिन्दूओं के बच्चों का हक छीनकर गैर हिन्दूओं को देकर हिन्दूओं से किस बात का बदला ले रहे हैं