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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

बुधवार, 16 नवंबर 2011

साबधान देशभक्तों के लिए अब यहां कोई जगह नहीं


हमारे परिबार में माता जी व पिता जी दोनों तरफ के पूर्वज कांग्रेस को बोट करते रहे हैं माता जी और पिता जी ने काँग्रेस को बोट करना तब छोड़ा जब हमने उन्हें काँग्रेस के बास्तविक स्वारूप के बारे में बिस्तार से बताया। सच कहें तो हम भी एक कांग्रेसी ही होते अगर कांग्रेस हिन्दूओं के प्रति शत्रुता के भाव को इस हद तक न ले जाती कि उसे माननीय न्यायालय में ऐसा सपथपत्र देना पड़ता कि भारत की आत्मा मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्रीराम जी हुए ही नहीं।
हम बच्चपन में इन्दिरा गांधी और बाद में राजीब गांधी जी के प्रशंसक रहे हैं इसीलिए जब इन दोनों का कत्ल हुआ तो हमें बहुत बुरा लगा वेशक हम इन्दिरा जी गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के कभी विरोधी नहीं रहे लेकिन कांग्रेस द्वारा किए गए सिखों के कतलयाम को हम गद्दारी और मानबता के कत्ल के शिवा कुछ भी और मानने को तैयार नहीं। आज तक हमारे व्यक्तिगत हित में जो भी काम हुए हैं वो सब कांग्रेस के सासनकाल में ही हुए हैं और हमारे बिरूद्ध जो भी षडयन्त्र हुए वो … के सासनकाल में।
खैर छोड़ो इन व्यक्तिगत हितों व विचारों का राष्ट्रहित व राष्ट्रीय विचार के सामने कोई मोल नहीं। आज की कड़वी सच्चाई यही है कि आज की कांग्रेस न केवल हिन्दूहित बल्कि देशहित को भी तिलांजली दे चुकी है । आज की कांग्रेस वो कांग्रेस नहीं जो राजीब जी के समय तक थी। वेशक राजीब जी से पहले भी कांग्रेस ने भारत को अनेक जख्म दिए फिर भी देशभक्तों में काँग्रेस के प्रति ऐसा नाउमीदी का भाव कभी पैदा न हुआ जैसा अब है
क्योंकि राजीब जी की मृत्यु के बाद कांग्रेस का नेतृत्व कुछ ऐसे भारतविरोधियों-हिन्दूविरोधियों के हाथों में चला गया है जिसने कांग्रेस को एक ऐसी दिशा दे दी है जिसके अनुसार कांग्रेस पार्टी में किसी भी देशभक्त के लिए कोई जगह नहीं। आन्ध्र प्रदेश में YSR रेडी के बेटे जगनमोहन ने इसी गद्दार नेतृत्व को चुनौती दी जिसके परिमामस्वारूप आज सारी सुरक्षा ऐजैंसियां उसको प्रताड़ित कर वापिस इस गद्दार नेतृत्व के आगे झुकाने का प्रयास कर रही हैं।
यही सब इस गद्दार नेतृत्व द्वारा विदेशों में जमा करवाए गए कालेधन को राष्ट्रीय धन घोषित करने की मांग उठाने वाले क्रांतिवीर स्वामीरामदेव जी के साथ भी किया जा रहा है।
इसी तरह जब हिमाचल में वीरभद्र सिंह जी ने धर्म स्वतन्त्रता विधेयक पास करवाकर हिमाचल की शांति के लिए सबसे बढ़ा खतरा बनकर उभर रही विदेशी ईसाई धर्मांतरणवादी शक्तियों की गैरकानूनी गतिविधियों पर नकेल कसी उसी दिन से इस नेतृत्व ने वीरभद्र सिंह जी को ठिकाने लगाने के षडयन्त्र रचने शुरू करदिए ताकि इस भारतविरोधी नेतृत्व की खासमकास को आगे चल कर मुख्यमन्त्री बनबाया जा सके। लेकिन वीरभद्र के सामने इस गद्दार नेतृत्व की एक न चली और वीरभद्र ने युवा कांग्रेस के चुनाब में अपने बेटे विक्रमाद्त्य को जबरदस्त विजय दिलवाकर ये सिद्ध कर दिया कि बीरभद्र सिंह जी से टकराना इतना आसान नहीं। बहुत जल्द आप देखेंगे कि स्वामी जी के मुद्दे पर भी इस गद्दार नेतृत्व को मुंह की खानी पड़ेगी।
आपको याद होगा कि जब शहीद मोहन चन्द जी शर्मा का अपमान करने वाले अमर सिंह को कांग्रेस प्रवक्ता सत्यब्रत चतुर्वेदी जी ने पागल करार दिया तो किस तरह रातोंरात उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया गया क्योंकि उनका देशभक्ति से परिपूर्ण आक्रोश गद्दार नेतृत्व को रास न आया ।
दूसरी तरफ कांग्रेस का महासचिब Diggi वार-वार आतंकवादियों का पक्ष लेने के साथ-साथ देशभक्तों यहां तक कि सुरक्षाबलों तक को गाली निकालकर अपनी गद्दारी का परिचय दे रहा है वो आज तक कांग्रेस के महासचिब पद पर बना हुआ है क्योंकि गद्दार नेतृत्व यही तो चाहता है कि हर कांग्रेसी उसके नक्सेकदम पर चलते हुए देश के साथ Max गद्दारी कर देश को लहूलुहान कर भारत की बरबादी का कारण बने।
हम तो कहते हैं कि कांग्रेसियों को आए दिन देशभक्तों के विरूद्ध अनाप-सनाप बकने के बजाए अपने सब कार्यालयों-बैनरों पर बढ़ा करके ये लिखबा देना चाहिए
साबधान कांग्रेस अब गांधी की जगह ओसामा जी को अपना आदर्श मानती है इसलिए देशभक्तों के लिए यहां कोई जगह नहीं…

3 टिप्‍पणियां:

सूबेदार ने कहा…

देश भक्तो को अपनी जगह स्वयं बनानी होगा और रहा कांग्रेस की बात तो ये पार्टी हमेशा ही देश द्रोही और आतंक बादियो की समर्थक रही है.

VK Kaushik ने कहा…

bahut hi steek vichar

Unknown ने कहा…

कुछ हाँथ से उसके फिसल गया,
वह पलक झपक कर निकल गया.
फिर लाश बिछ गई लाखो की,
सब पलक झपक कर बदल गया,
जब रिश्ते राख में बदल गए,
इंसानों का दिल दहल गया,
में पूँछ पूँछ कर हार गया,
क्यों मेरा भारत बदल गया,
जय हिंद जय माँ भारती .