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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

GSAT-5P की असफलता का एंटोनिया CONECTION




आज दूरदर्शन के सरकारी चापलूस की भूमिका में चले जाने के कारण बहुत कम लोग दूरदर्शन के कार्यक्रम देखते हैं लेकिन आज भी आम व मजबूर लोगों के लिए दूरदर्शन , रेडियो के बाद सूचना का एकमात्र साधन है। हम भी दूर्दरशन के कार्यक्रम बहुत कम देखते हैं। लेकिन क्योंकि आज GSAT-5P के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण दूरदर्शन दिखा रहा था इसलिए हम दूरदर्शन के साथ चिपक कर बैठ गए।


GSAT-5P प्रक्षेपण कुछ मिनट के बाद ही विस्फोट के साथ असफल हो गया तो मन को बहुत दुख हुआ ।क्रोध भी आया कि जब रूस से लाया गया क्रायोजैनिक इंजन खराब था तो उसे वापस रूस को लौटाने के बजाए देश का 175 करोड़ रूपया बरबाद करना क्यों जरूरी समझा गया।क्रायोजैनिक तकनीक बहुत ही उच्चतकनीक है इस तकनीक पर आधारित इंजन में लीकेज का मतलब ही कार्यक्रम की असफलता की गारंटी है। लेकिन खैर जैसा अक्सर होता है अब बैसे ही इस कार्यक्रम में इस वेवकूफाना हरकत को छुपाने के प्रयास शुरू हो चुके होंगे।


इसके बाद जो हुआ वो और भी चौंकाने वाला था। जैसे ही निर्धारित समय पर GSAT-5P के असफल प्रक्षेपण के बाद सीधे प्रसारण का ये कार्यक्रम बन्द हुआ बैसे ही ईसाईयत का प्रचार-प्रसार शुरू हो गया । कुछ समय तक कुछ अंग्रेज लड़के–लड़कियां ईसाईयत के गुणगान के लिए वेसुरे गीत गाते रहे बाद में हमारे दूरदर्शन ने एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के देश में रोम से सीधा प्रसारण शुरू कर दिया ।


आप सब जानते हैं कि दूरदर्शन हम सब भारतीयों के खून-पसीने की कमाई के पैसे से चलता है।उस मेहनत से कमाए गए पैसे को एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के इसारे पर ईसाईयत के प्रचार प्रसार के लिए खर्च करना वेहद आपतिजनक है गुनाहकारों के विरूद्ध उचित समय पर कड़ी कार्यवाही होना अति आवस्यक है।


प्रक्षेपण की असफलता के एक-दम बाद ईसाईयत के प्रचार-प्रसार ने हमारे मन में कई संकायें पैदा कि । क्योंकि ये पहले से ही पता था कि क्रायोजैनिक इंजन खराब है तो भी उस खराब इंजन के साथ ही GSAT-5P के प्रक्षेपण निर्णय कहीं एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के प्रभाव में तो नहीं किया गया।


बहुत कम लोग जानते हैं कि रूस ईसाईयत के प्रचार-प्रसार के लिए अमेरिका से भी जयदा प्रतिबद्ध है व एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी को भारत में पलांट करने में रूस की ही खूफिया ऐजेंसी का हाथ था। पलांट करने का मकसद भी भारत में हिन्दूओं को अपदस्त कर ईसाईयों के हाथों में सता को पहुंचाना था ।आज सरकार की सर्वेसरवा एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी से लेकर रक्षामन्त्री एक के एन्टनी तक सब जगह ईसाई ही दिखाई दे रहे हैं।


यहां तक कि अगर इसाई के उपर भ्रष्टाचार के कितने भी बड़े आरोप क्यों न लगे हों उन्हें बड़ें पदों पर ऐंटोनिया की पकड़ मजबूत करने के लिए विठाया जा रहा है। आप पी जे थामस को ही ले लें जिसे दो पाक-साफ हिन्दूओं को दरकरार कर CVC प्रमुख बनाया गया वो भी विपक्ष की आपति के बाबजूद। बाद में इस भ्रष्ट की खबर माननीय न्यायालय ने लेकर ऐंटोनिया के हिन्दूविरोधी षडयन्त्र को जनता के सामने रखा।


एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी व उसका बेटा राहुल गंदगी किस हद तक हिन्दूओं के विरूद्ध हैं उसका सबसे बड़ा प्रमाण Wiki-leaks के उस रहसयोउधघाटन में मिला जिसमें बयाता गया कि किस तरह ये सपोला अमेरिका के राजदूत को हिन्दूओं के विरूद्ध भड़का रहा था।


अगर इस सपोले के अन्दर भारतीयों का खून होता तो ये ऐसी गद्दारी नहीं करता । हमें तो लगता है कि एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के ईसारे पर खराब क्रायोजैनिक इंजन का प्रयोग कर प्रक्षेपण की असफलता सुनिस्चित कर ईसाईयत का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया गया।


क्योंकि आज इस मौके पर अधिकतर भारतीय दूरदर्शन देख रहे थे तो प्रक्षेपण का प्रसारण वीच में ही बन्द होने पर एकदम ईसाईयत का प्रसारण शुरू होने पर अधिकतम लोगों तक एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी का ईसाईयत का संदेश पहूंचा।


इस संदेश में पोप ने पहले तो ये इशु को भगवान का अबतार बताया व बाद में इशु को भगवान का वेटा कहकर संबोधित किया।मतलब खुद पोप ही इशु के वारे में भ्रमित हैं। उसके बाद पोप ने संसार के विभिन्न देशों में रह रहे ईसाईयों को वहां की सरकारों व समाजों के विरूद्ध लड़ाई छेड़ने के लिए उचित समय का इन्तजार करने के लिए कहा। मतलब पोप का ये भाषण न केवल शांति और भाई चारे के विरूद्ध था वल्कि साथ ही दुनिया में हिंसा बढ़ाने बाला भी था। ऐसे हिसंक भाषण का प्रचार-प्रसार शांतिप्रिए भारतीयों के पैसे से करना कहां तक उचित है?






शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

छापेमारी की नौटंकी---भ्रष्टाचार छुपाने का नया हथकंडा





घोटालों को रोकने के लिए एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की गुलाम सरकार प्रयत्न कर रही है ऐसा दिखाने के लिए छापेमारी व पूछताछ की नौटंकी को अन्जाम दिया जा रहा है। अब गद्दारों के सेकुलर गिरोह को कौन समझाए कि ये जो जनता है ये सब जानती है।


हम सब जानते हैं कि CWG घोटाला सितम्वर 2010 में पूरी तरह से उजागर हो चुका था। ये भी जनता के सामने आ चुका था कि इस घोटाले को प्रधानमन्त्री व गद्दारों की सरदार एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के नेतृत्व में किन लोगों ने अन्जाम दिया । जनता उस वक्त कार्यवाही होती देखना चाहती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं ।


क्योंकि आज सरकार जिन लोगों के यहां छापे मारी कर रही है वो तो घोटाले की छोटी मछलियां हैं वड़ी मछली तो एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी है जिसकी सरकार गुलाम है । क्या सरकार में इतना दम है कि, अब जबकि स्थिति सपष्ट होती जा रही है कि सोनिया गांधी की संलिप्तता के कारण ही घोटालों की जांच में देरी कर जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है ।इन हालात में सरकार चोरों की सरदार के यहां सीधी कार्यवाही करे । ऐसा हो नहीं सकता कि गुलाम सरकार अपनी आका की चोरबजारी को उजागर होने दे चाहे इसके लिए संसदीय लोकतन्त्र ही क्यों न खतरे में पड़ जाए ।


CWG घोटाले से भी ज्यादा रूचीकर तो 2G SPECTRUM घोटाला बन गया है । इस घोटाले में देश का 1,76,000 करोड़ रूपया लूटा गया है इस लूट को सरकार के सामने आए हुए वर्षों हो गए। आप सोचो कि जब चोरों को वर्षों पहले पता हो कि उनकी चोरी पकड़ी जा चुकी है तो क्या वो इतने लम्बे समय तक प्रमाणों को तवाह नहीं कर देंगे।


2G SPECTRUM घोटाले में तो किसने कितना हिस्सा खाया ये भी सामने आ चुका है


A Raja 10% + Krunanidhi 30% + SONIYA GANDHI,s SISTERS (30%+30%)=60% TOTAL =100%


अब जांच हो रही है A Raja से जिसने 10% खाया है । जिन लोगों ने इस घोटाले का 90% खाया है वो लोग मजे कर रहे हैं और भाषण दे रहे हैं भ्रष्टाचार को समाप्त करने पर।


अब आप खुद सोचो कि एक तो जांच को होने नहीं दिया गया लम्बे समय तक रोक कर अब हो भी रही है तो सिर्फ उन लोगों से जो मोहरे मात्र है विसात विछाने वाले मजे कर रहे हैं अगली लूट की योजना बना रहे हैं आओ मिलकर लूटेरों को वनकाब करें।










गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

सोनिया गांधी के देश में वम धमाका...


जी हां आज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के देश इटली के रोम में स्विस दूतावास के बाहर पार्सल वम धमाका हुआ जिसमें एक व्यक्ति मारा गया।


इस वम धमाके से सबन्धित स्थान एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी से खास रिस्ता रखते हैं।


रोम में उस चर्च का मुख्यालया है जिसने एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो को भारत में हिन्दूओं को बदनाम कर ईसाईयत का वोलवाला करने के लिए भारत में एक षडयन्त्र के तहत पलांट किया। अब इस षडयन्त्र के प्रमाण जगजाहिर होने लगे हैं।


स्विटजरलैंड में वो बैंक है जिसमें एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की भारत से लूटी हुई अपार धन सम्पदा भरी पड़ी है। इस सम्पदा में वोफोर्स दलाली कांड, इराक में अनाज के बदले तेल कार्यक्रम में लूटा गया धन,CWG घोटाले में चोरी किया गया धन, 2G spectrum में डकारा गया पैसा इसके अतिरिक्त पचासों छोटे बड़े घोटालों में भारत से लूटा गया माल भरा पड़ा है।


क्योंकि एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी का धन स्विस बैंक में भरा पड़ा है इसीलिए सोनिया गांधी के गुलाम प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने जर्मनी द्वारा सविस बैंक में काला धन रखने वालों की सूची आफर करने के बाबजूद सूची लेने से मना कर दिया था।


इस चोरों की सरदार का गुलाम प्रधानमन्त्री अपनी आका का धन कैसे भारत लौटने दे सकता था । आखिरकार गद्दार गुलाम जो ठहरा। अब आप जमझ ही गए होंगे कि हमें इस समाचार ने क्यों आकर्षित किया।










सोमवार, 20 दिसंबर 2010

देशभक्त और गद्दार का अन्तर आप खुद महसूस कर लो।


कौन कहता है कि भारत में देशभक्त सिर्फ संघ या हिन्दू संगठनों में ही मलते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आज अधिकतर देशभक्त हिन्दूसंगठनों के साथ संगठित होते जा रहे हैं इसी बजह से इन संगठनों में देशभक्तों की अधिकता देखी जा रही है।लेकिन ये भी उतना ही सही है कि हिन्दू संगठनों के अथक प्रयत्नों के बाबजूद देशभक्त पूरे देश में हर संगठन में अभी भी मौजूद हैं वेशक कीं इनकी शंख्या कहीं कम है तो कहीं ज्यादा है।


इन्ही विखरे पड़े देशभक्तों ने गद्दारों के नाक में संगठित देशभक्तों से ज्यादा दम किया हुआ है। आप कहेंगे कि कैसे पता लगायेंगो कौन देशभक्त है और कौन गद्दार । आप अखवार कि ये दो कटिंग पढ़ लो ।आप अपने आप कहने को मजबूर होंगे कि इस गद्दार ने तो हद ही कर दी।


ये रही पहली कटिंग इसमें एक देशभक्त अमेरिका के अधिकारी को भारत पर पाकिस्तानी हमले के वारे में बताकर आतंकवादी पाकिस्तान की पोल खोलने की कोशिश कर रहा है।



ये रही दूसरी कटिंग इसमें एक गद्दार अमेरिकी अधिकारी को समझा रहा है कि भारत को खतरा पाकिस्तानी जिहादी आतंकवादियों से नहीं वल्कि हिन्दूओं से है।मतलब विदेशी अंग्रेज एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की कुलाद राहुल गंदगी जिस पत्र में खा रहा है उसी में छेद कर रहा है।






इसीलिए तो मोदी जी तो अब जाकर ये समझ में आया कि अमेरिका को भारत के खिलाफ व पाकिस्ताने के समर्थन भड़ाकने वाला जयचन्द कौन है।











शनिवार, 18 दिसंबर 2010

आतंकवादियों को अपना भाई कहने वाले गृहमन्त्री की आका गद्दारों की सरदार सोनिया गांधी निकली।

आप और हम सभी जानते हैं कि मुसलिम आतंकवाद को हर तरह से सरकारी समर्थन का दौर गृहमंन्त्री शिवराज सिंह पाटिल के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ । इसी कार्यकाल में हिन्दू आतंकवाद की काल्पनिक अबधारणा घड़ कर हिन्दूओं को बदनाम करने की कोशिश शुरू हुई। आप और हम जितना शिवराज सिंह को जानते हैं उनकी हिन्दूओं से कोई निजी दुशमनी नहीं थी। फिर किसके इसारे पर उसने इन सब हिन्दूविरोधी-देशविरोधी कुकर्मों को अन्जाम दिया।

एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के कहने पर इस बौद्धिक गुलाम गृहमन्त्री ने इन हिन्दूविरोधी-देशविरोधी षडयन्त्रों को अन्जाम दिया ।अब ये बात wiki leaks के उस रहसयोधघाटन से और पुख्ता हो गई जिसमों ये कहा गया कि इन सब कुकर्मों के बाबजूद इस गुलाम का बचाब करने वाली सोनिया गांधी थी।

जागो मरे भाईयो-बहनों अब तो जागो

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

Wiki Leaks ने राहुल गांधी की देश से गद्दारी का परदाफाश किया।


हमने आपसे कहा था कि एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत को बरबाद करने के लिए षडयन्त्र कर रही है।हमने इस बात के पूर्व में भी कई प्रमाण दिए।आज जो प्रमाण हम दे रहे हैं वो पूरी तरह से सत्य व तथ्य पर आधारित है।

Wiki Leaks ने खुलाशा किया है कि देश के गद्दार राहुल गांधी ने भारत में अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर को ये बताया कि भारतविरोधी मुसलिम आतंकवादियों व वामपंथी आतंकवादियों से बढ़ा खतरा हिन्दू हैं। मतलब जिस तरह अमेरिका पाकिस्तान में मुसलिम आतंकवादियों से लड़ने के लिए पाकिस्तान की सहायता कर रहा है उसी तरह अमेरिका भारत में हिन्दूओं से लड़ने के लिए कांग्रेस की सहायता करे। कुल मिलाकर कांग्रेस की मनशा हिन्दूओं पर बैसे ही ड्रोन हमले करवाने की है जैसे पाकिस्तान में मुसलिम आतंकवादियों पर किए जा रहे हैं।

26/11 मुंम्बई हमले के बाद भी कांग्रेस ने ऐसा ही षडयन्त्र कर मुसलिम आतंकवादियों के हमलों का दोष हिन्दूओं के सिर मढ़ने की कोशिश की थी। अगर बहादुर सिपाही ने अजमल कसाब को जिन्दा न पकड़ा होता तो आज तक सैंकड़ों हिन्दू अन्य 35 हिन्दूओं की तरह जेलों में बन्द किए जा चुके होते व जगह-जगह हिन्दूओं को बदनाम करने के प्रयत्न किए जा रहे होते वो भी मुम्बई हमले का हबाला देकर।

हिन्दूओं व हिन्दू संगठनों को ये बात अच्छी तरह समझनी होगी कि जिस तरह इनकी मेहनत से विदेशी ऐजेंट एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी को भारत पर सीधा कब्जा करने में मुसकिलों का सामना करना पड़ा उसका बदला सोनिया गांधी की कुलाद राहुल गांधी एम्ड कम्पनी हिन्दूओं व हिन्दू संगठनों को बदनाम कर ले रही हैं।

बैसे भी इस विदेशी ऐजेंट को हिन्दूओं की बरबादी के लिए ही चर्च द्वारा भारत में plant किया गया है। अब हिन्दूओं व हिन्दू संगठनों को या तो अपने आप को सीधी कार्यवाही के लिए तैयार करना होगा या फिर हिन्दूओं की बरबादी व बदनामी का तमाशा देखते रहना होगा।

Wiki Leaks का खुलाश हमारे लिए कोई नई बात नहीं बस हमें इतना लाभ इस सच्चाई के सामने आने से हुआ है कि जिस हिन्दूविरोधी-देशविरोधी धर्मनिर्पेक्ष गिरोह के विरूद्ध हम अकेले लड़ रहे थे उस लड़ाई में Wiki Leaks ने भी हमारा हाथ बंटाया है दो-दो सच्चाई सामने लाकर ।

1) Wiki Leaks ने बताया कि कांग्रेस सांप्रदायिक पार्टी है।

2) Wiki Leaks ने बताया कि विदेशी agent एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी की कुलाद राहुल गंदगी विदेशी ताकतों को हिन्दूओं के विरूद्ध भड़का रही हैं।

Wiki Leaks ने 26/11 मुम्बई हमले के बाद कांग्रेस के हिन्दूविरोधी षडयन्त्र का पर्दाफास किया





हम सब जानते हैं कि 26/11 मुम्बई हमला अब तक भारत पर हुए आतंकवादी हमलों में से सबसे बड़ा हमला था। लेकिन हम में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस हमले को कांग्रेस ने हिन्दूओं के विरूद्ध हथियार के रूप में प्रयोग करने की साजिस रची।


हमले के कुछ ही क्षण बाद कांग्रेस ने अपने धर्मनिर्पेक्ष गिरोह से जुड़े मिडीया के माध्यम से ये खबर फैलाना शुरू कर दी कि आतंकवादियों ने हाथों में कंगन पहने हुए हैं मतलब मुम्बई पर हमला करने वाले आतंकवादी मुसलमान नहीं हिन्दू हैं।


फिर कांग्रेस के सांप्रदायिक विभाग के मन्त्री अबदुल रहमान अंतुले ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि मुसलिम आतंकवादी हेमंत करकरे को मारने नहीं आए थे मतलब अंतुले जानता था कि मुसलिम आतंकवादी किसको मारने आए थे?


गद्दारों की सरदार एंटोनिया का खसमखास गद्दार दिगविजय सिंह आज भी दाबा कर रहा है कि हेमंत करकरे को हिन्दूओं से खतरा था।मतलब जो हिन्दूविरोधी षडयन्त्र तब रचा गया था उसे सिरे चढ़ाने का अब तक प्रयत्न जारी है।


सोचने वला विषय यह है कि जब हर कोई ये जनता है कि हमला मुसलिम आतंकवादियों ने किया था तो फिर कांग्रेस क्यों हिन्दूओं का नाम इसमें घसीट कर पाकिस्तान व आतंकवादियों को फायदा पहूंचाने की कोशिस कर रही है।


कांग्रेस का मानना है कि भारत में पाकिस्तान व आतंकवाद समर्थक मुसलमानों की बहुत बड़ी संख्या है । कांग्रेस को लगता है कि वो हिन्दूओं पर हमला कर इन सब आतंकवादी मुसलमानों का बोट प्राप्त कर सकती है। रही बात हिन्दूओं की तो हिन्दू तो राजनितिक रूप से मूर्ख है ही उसकी चिन्ता करने की क्या जरूरत । ऐसा कांग्रेस का मानना है।


अगर आप सोच रहे हैं कि हम कोई आरोप लगा रहे हैं तो आप गलत हैं क्योंकि इस सच्चाई का परदाफास जुलियन असांजे की कढ़ी मेहनत के परिणामस्वारूप Wiki Leaks में हुआ है।


भारत में अमेरिका के राजदूत डेविड मलफोर्ड ने अपनी सराकर को बताया कि वो कांग्रेस द्वारा खेले गए इस हिन्दूविरोधी कार्ड को देखकर भौचंके रह गए। मलफोर्ड ने आगे लिखा है कि कांग्रेस बोट के लिए देश के लोगों को जाति-भाषा-क्षेत्र-सांप्रदाय के अधार पर लड़वाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है।


हमने तो कांग्रेस सहित धर्मनिर्पेक्ष गिरोह की इन हरकतों को पहचानकर उसी वक्त आबाज उठानी शुरू कर दी थी।


सोमवार, 13 दिसंबर 2010

जूलियन अंसाजे की गिरफ्तारी सच्चाई का गला घोंटने की कोशिश...




Wiki leaks के संस्थापक व आस्ट्रेलिया के खोजी पत्रकार जूलियन असांजे ने सच्चाई सामने लाने के लिए जो दमखम दिखाया उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।


आज की दुनिया personality living मतलब नकाब ओड़कर जीने में विस्वास रखती है। मतलब यहां हर कोई अपनी असलियत छुपाता फिरता है जिसको जो चेहरा दिखाना होता है उसके लिए वही चेहरा ओड़कर वयक्ति/देश उसके सामने जाता है।


जूलियन असांजे ने अमेरिका जैसे फरौड देशों की असलियत खोलकर सारी दुनिया को आईना दिखा दिया।दुनिया का कोई भी देश या वयक्ति सच्चाई को जीने या सामने आने में विस्वास नहीं रखता। सब जगह झूठ और फरेब का वोलवाला ।


यह झूठ ही है जिसने भ्रष्टाचार को जन्म देकर आज मानबता के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। वाकी वस्तुओं को तो छोड़ो आज खाने-पीने की भी कोई बस्तु मिलाबट से अछूती नहीं रही है।


इन हालात में अगर जूलियन असांजे जैसा दमदार व्यक्ति सच्चाई की अलख जगाने के लिए विकीलीकस जैसी बैबसाईट की स्थपना कर दुनिया को सच्चाई के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है तो उसका हर तरफ से सवागत ही होना चाहिए था ।


लेकिन वो देश जिस देश का पहला कर्तब्य चर्च मतलब ईसाईयत की रक्षा करना है इस सच्चाई के दूत की बहादुरी को बरदाश न कर सका।इस देश ने वाकी देशों पर दबाब बनाकर जूलियन असांजे को गिरफ्तार करवा दिया ।


हमारे विचार में ये सच्चाई का गला घोटने की कोशिश है। जिसका सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति के द्वारा विरोध होना चाहिए। हम समझते हैं कि जूलियन असांजे को यथाशीघ्र आजाद कर सच्चाई को आगे बढ़ने का मौका जरूर दिया जाना चाहिए।


आओ सच्चाई के समर्थन में मिलकर आबाज उठायें।


















रविवार, 12 दिसंबर 2010

देर आए दुरूस्त आए----UPA सरकार ने माना कि पूर्व RSS प्रमुख सुदर्शन जी ठीक कह रहे थे।

 
नीरा राडिया विदेशी ऐजेंट है ऐसा माननीय न्यायालय में केन्द्र की UPA सरकार ने सवीकार किया है। अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं उनके अनुसार नीरा राडिया विदेशी ताकतों व कम्पनियों के ईसारे पर यह तय करती थी कि कौन किस विभाग का मन्त्री होगा। एक बात तो साफ है कि ये काम नीरा राडिया खुद करने की ताकत नहीं रखती ।

प्रश्न सीधा सा है कि आज की तारीख में देश में ऐसा कौन सा वयक्ति है जो सरकार में राष्ट्रपति,प्रधानमन्त्री ,मन्त्री व उनके विभाग तय करने की ताकत रखता है। जबाब भी सीधा है कि ये सब काम आज की तारीक में एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी ही कर रही हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि नीरा राडिया ये काम सोनिया गांधी से करवा रही थी।मतलब नीरा राडिया और सोनिया गांधी मिलकर विदेशी ऐजटों के रूप में काम कर रही थीं।


आज जो बात सरकार ने खुद कोर्ट में सवीकार की व जिसके प्रमाण हजारों टेपों में भरे पड़े हैं यही बात तो पूर्व RSS प्रमुख सुदर्शन जी ने की थी। कुल मिलाकर केन्द्र सरकार ने कान सीधे न पकड़कर घुमाकर पकड़ा है पर इस सबका एक ही सार है और वो ये है कि एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी विदेशी ऐजेंट है। अन्त में हम तो इतना ही कहेंगे कि देर आए दुरूसत आए वेशक अधुरा आए....



बुधवार, 8 दिसंबर 2010

ये भारतविरोधी धर्मनिरपेक्ष आतंकवाद कब और कैसे रूकेगा?




सच कहें तो अब भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवाद पर लिखने या वोलने के बजाए सीधे हथियार उठाकर भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों व उनके समर्थकों का सिर कलम करने को दिलो-दिमाग वेचैन होने लगा है। स्वासतिका की मौत ने हम सबके सामने एक यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या भारत में अब दूध पीते बच्चों को भी जिन्दा रहने के लिए भारतविरोधी आतंकवादियों के रहमोकर्म की जरूरत आन पड़ी है?


वेशक आपको ये बात अतिस्योक्ति पूर्ण लगे पर यच्चाई यही है कि भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादी लगातार दूध पीते बच्चों तक को निशाना बना रहे हैं। स्वासतिका इन भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों की हिंसा का सिकार होने वाली पहली बच्ची नहीं इससे पहले भी ये भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादी अनेकों बच्चों को अपनी हिंसा का सिकार बना चुके हैं।


अफसोस की बात तो ये है कि जिस सरकार की जिम्मेदारी अपने नागरिकों की रक्षा करना है वो खुद इन भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों की सांझीदार बन चुकी है।


पिछले 6 वर्षों में इस धर्मनिरपेक्ष आतंकवादियों की UPA सरकार ने इन भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को लाभ पहूंचाने के लिए न केवल पोटा जैसे सख्त कानूनों को हटाया पर इससे भी आगे बढ़कर इन भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों को इस UPA सरकार ने आर्थिक मदद करने के साथ-साथ सुरक्षावलों के विरूद्ध कार्यवाही कर इन आतंकवादियों का हौसला भी बढ़ाया। मानो आतंकवादियों की UPA सरकार का मन इन सब भारतविरोधी कदमों से न भरा हो इसलिए इस सरकार ने माननीय सर्वोच न्यायालय से सजा प्राप्त अफजल जैसे भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों की सजा पर रोक लगाकर देश में रहने वाले भारत के शत्रुओं को भारत विरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित किया।


आज (07/12/2010) वाराणशी में जो धमाके हुए इनका होना सुनियोजित था।आज भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों की UPA सरकार भ्रष्टाचार की दल-दल में पूरी तरह फंस चुकी है। ऐसे में आतंकवादियों की इस सरकार का भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों के सिवाय और कौन मददगार हो सकता है? आखिरकार अपने लाडले इन आतंकवादियों के लिए इस UPA सरकार ने क्या-क्या नहीं किया?


भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवाद का खात्म जरूरी ही नहीं वल्कि देशभक्तों के लिए मजबूरी बन गया है।


वेशक देश के नागरिकों की रक्षा के लिए देश में सेना व पुलिस है लेकि आज UPA सरकार ने आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही करने वाले सैनिकों व पुलिस के जवानों के विरूद्ध कार्यवाही कर ये सपष्ट कर दिया है कि भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों की UPA सरकार किसी भी हालात में देश की सेना को देश के नागरिकों की रक्षा के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने देगी।


अब अपनी रक्षा का जिम्मेदारी देश के नागरिकों के कन्धों पर आन पड़ी है। उन्हें सरकार से कोई उमीद करने के बजाए एकजुट होकर स्वांय हथियार उठाकर इन भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों का खात्मा सुनिश्चित करना होगा।


कहने की जरूरत नहीं कि आज देश में दर्जनों क्रांतिकारी संगठन काम कर रहे हैं । हमें जरूरत है इन क्रांतिकारी संगठनों के साथ जुड़कर तन-मन-धन से इनके हाथ मजबूत कर इस लड़ाई को निर्णायक दौर में ले जाकर भारत को भारतविरोधी धर्मनिर्पेक्ष आतंकवादियों से मुक्त करवाने के लिए चल रहे अन्दोलन को तीब्र करने की। आओ मिलकर इस लड़ाई को निर्णायक युद्ध में बदल कर भारतविरोधी आतंकवादियों के विनाश के लिए एकजुट होकर तीब्रता से काम करें।






शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

सोनिया गांधी पी जे थोमस पर इतनी मेहरवान कर्यों?




एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी बौद्धिक गुलामों द्वारा बनाई गई एक ऐसी पहेली है जिसे हम अच्छी तरह सुलझा चुके हैं कोई कसर वाकी न रह जाए इसलिए कोई भी प्रमाण मिलने पर हम आपके सामने रखते हैं। अभी मामला है CVC की नियुक्ति से सबन्धित पहेली पर । पी जे थोमस के साथ प्रतिसपर्धा में ग्रामीण विकास सचिब राचन्द्रन व एक अन्य हिन्दू अधिकारी थे इन दोनों अधिकारियों की खासियत यह थी कि इन दोनों पर ही किसी भी घाटाले में सामिल होने का कोई आरोप नहीं था लेकिन दोनों की सबसे बड़ी कमजोरी थी इन दोनों का हिन्दू होना।चर्च ने एंटोनिया को भारत में ईसाई हितों वो भी विदेशी इसाईयों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए ही भारत में पलांट किया है लेकिन नटवर सिंह जी ने तेल के बदले अनाज घोटाले में जुवान क्या खोली एंटोनिया का भारत के हिन्दूओं पर से विस्वास ही उठ गया है।


आपको याद होगा कि किस तरह तेल के बदले अनाज घाटाले के सामने आने पर नटबर सिंह जी ने ये बताकर सबको हिलाकर रखा दिया था कि इस घोटाले की शूत्रधार तो एंटोनिया है क्यों एंटोनिया ने ही इराक के राष्ट्रपति सदाम हुसैन को पत्र भेजा था जो कि इस घोटाले की शुरूआत थी। इस दिन से एंटोनिया ने मानो कसम उठा ली हो हिन्दूओं को चुन-चुन कर मालदार पदों से हटाकर उन पदों पर अपने सांप्रदाय से सबन्धित इसाईयों को विठाने की।


पी जे थोमस की सबसे बढ़ी खासियत थी उसका ईसाई होना । अन्यथा मनमोहन सिंह जैसा वयक्ति और चाहे कुछ भी करता लेकिन भ्रष्टाचारियों पर नजर रखने वाला भ्रष्टाचारी न चुनता।


आप सभी जानते हैं कि पी जे थोमस की सबसे बढ़ी पहचान है उसके द्वारा अन्जाम दिया गया केरल में पामोलिव तेल आयात घोटाला जिसमें अभी तक पी जे थोमस को आरोपमुक्त नहीं किया गया है । इसके अतिरिक्त 2G spectrum घोटाले में भी पी जे थोमस का नाम आ रहा है। इसी को लेकर माननीय सर्वोचन्यायावल ने भी कड़ी टिप्पणियां की हैं।


ऐसा नहीं कि इस ओर सरकार का ध्यान नहीं गया क्योंकि विपक्ष ने इसी आधार पर पी जे थोमस का विरोध किया था।लेकिन एंटोनिया की गुलाम मनमोहन सरकार क्या करती क्योंकि इस सरकार की आका चोरों व गद्दारों की सरदार एंटोनिया ही एक भ्रष्ट ईसाई को ही इस पद पर देखना चाहती थी।


आपको याद होगा कि किस तरह एंटोनिया ने हिन्दू प्रणव मुखरजी को हटाकर ईसाई एन्टनी को रक्षा मन्त्री बनाया ।तब से लेकर आज तक UPA सरकार लगातार सेना के साथ युद्ध रत है ।


आप सब जानते हैं किस तरह ये UPA सरकार जम्मू कशमीर में आतंकवादियों का साथ देकर सैनिकों का मनोबल तोड़ने की कोशिस कर रही है।


हिन्दू को हटाकर एक ईसाई को रक्षा मन्त्री बनाने के पीछे एंटोनिया का एकमात्र मकसद है रक्षा सौदों में मिलने वाले अरबों-खरबों डालर के कमीशन को डकार जाना ।


एंटोनिया को लगता है कि क्योंकि एंटनी अपने सांम्प्रदाए का है इसलिए एंटोनिया के घोटालों के वारे में वो किसी को नहीं बतायेंगे लेकिन एंटोनिया को याद रखना चाहिए कि एंटनी के अन्दर भी भगवान राम का ही खून बह रहा है कभी न कभी तो अपने रंग में आएगा ही।


आज अगर आप कांग्रेस व UPA सरकार के प्रमुख पदों पर नजर दौड़ायें तो आपको हर जगह गैर हिन्दूओं का बरचसव साफ नजर आएगा वो भी देश में 80% से अधिक हिन्दू जनसंखया होने के बाबजूद।


एंटोनिया आज पूरे जोर से हिन्दू हटाओ अभियान को आगे बड़ा रही है जो आगे चलकर एंटोनिया के खानदान के अन्त का प्रमुख कारण बनेगा।










गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

आओ शहीद राजीव दीक्षित जी को श्रद्धांजली दें।






राजीब दीक्षित जी बर्तमान भारत के सच्चे–पक्के क्रांतिकारी थे।राजीब जी को जब हमने पहलीवार सुना तो उनकी बातों ने मन को झकझोर दिया। हमें एहसास हुआ कि हम गुलामी की जंजीरों व बौद्धिक गुलामी के किस कदर आदी हो गए हैं। उनकी बातों ने मन में आजदी की एक नई रोशनी जगाकर हमें नया मार्ग दिखाया। हमने इससे पहले भी स्वादेशी की बहुत बातें सुनी थी लेकिन वो बातें कुछ उपभोग की बस्तुओं से आगे नहीं बढ़ पाती थीं। ऐसा नहीं कि उन बातों के कोई उपयोग नहीं लेकिन राजीव दीक्षित जी ने हमें स्वादेशी का विराट स्वारूप दिखाकर सच्ची आजादी का अर्थ समझा दिया।


हम अक्सर ये सोच-सोच कर दुखी रहते थे कि आज भारत के कानून क्यों भारत के आम आदमी के विरूद्ध अत्याचार को बढ़ाबा देकर अत्याचारियों ,आतंकवादिय़ों, व्याभिचारिचों व भ्रष्टाचारियों की रक्षा करते हुए प्रतीत होते हैं? जब राजीव दीक्षित जी ने हमें बताया कि बर्तमान भारत में लागू अधिकतर कानून विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बनाए हुए हैं तो हमें ये बात समझ में आयी कि जब ये कानून ही भारत के नहीं तो फिर भारतीयों की रक्षा भला ये क्यों करेंगे?


हमने महसूस किया कि भारत का संविधान भी भारतीयों के बजाए विदेशियों के हित साधता हुआ प्रतीत होता है जब राजीव दीक्षित जी ने बताया कि भारत का संविधान युरोपियन देशों के संविधानों की पंक्तियां उठाकर लिखा गया मतलब विना किसी मौलिक चिन्तन-मन्थन के विभिन्न ईसाई देशों की नकल कर ये अपंग संविधान तैयार किया गया जो आज अपने भारत के क्रांतिकारियों की तो दूर आम आदमी तक के अधिकारों की रक्षा करने के बजाए विदेशियों के हित साधने का हथियार बना हुआ है।


राजीव दीक्षित जी ने बताया कि स्वादेशी का अपने जीबन में उपयोग ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जो भारत को विश्वगुरू बनाने के साथ-साथ भारत के नौजवानों में वेरोजगारी की समस्या का पूर्ण समाधान कर उनमें आशा की किरण जलाने में सक्ष्म है।


कुल मिलाकर राजीव दीक्षित जी ने भारतीयों को बौद्धिक गुलामी से आजाद होकर पूर्ण स्वतन्त्रता से आत्मस्वाभिमान व आत्मनिर्भरता का जीवन जीने का मार्ग दिखाया।


राजीव दीक्षित जी ने अपनी जिन्दगी का हर क्षण देश के लिए जीकर हम सब भारतीयों को वलिदान का सबसे बढ़ा मार्ग दिखाया।


आओ वर्तमान भारत के इस महान क्रांतिकारी को श्रद्धांजली देने के लिए अपने जीवन को पूर्ण रूप से भारतीयता के रंग में रखने का संकल्प करें।