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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

रविवार, 1 फ़रवरी 2009

धर्मनिर्पेक्षता -बोले तो -देशद्रोह

अनुक्रमणिका
1. आत्मकथन 1
2. प्रसतावना 6
3. नापाक सेकुलर गिरोह के देशविरोधी षडयन्त्र 9
4. एंटोनियो के हिन्दुविरोधी षडयन्त्र 37
5. हिन्दुविरोध-- कांग्रेस की पुरानी आदत 48
6. अल्पसंख्यकवाद के बहाने देशद्रोह 56
7. सेकुलर गिरोह का हिन्दु-सिखों पर हमला 63
8. भारत विरोधी भारत सरकार 76
9. हिन्दू एकता सिद्धांत 94
10. हिन्दूक्रांति की शुरूआत या सरकारी षडयन्त्र 102
11. धर्मनिर्पेक्षता का खूनी चेहरा 124
12. मुम्बई हमला खतरे की घंटी 131
13. आतंकवाद पर सेकुलर गिरोह की भ्रमित सोच 151
14. सांप्रदायिक दंगे जिम्मेबार कौन 161
15. हिन्दू मिटाओ- हिन्दू भगाओ अभियान 175

आत्मकथन
मेरा प्यारा भारत ,लोकतांत्रिक भारत, हिन्दुओं की मातृभूमि भारत, संसार के विभिन्न हिस्सों से बेघर हुए लोगों का सहारा भारत, सुलतानों, मुगलों और अंग्रेजों के आक्रमणों के कोढ़ का मारा भारत, मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों द्वारा दिए गए व दिए जा रहे जख्मों से करहाता भारत, अपने जयचन्दों के विश्वासघात का मारा भारत आज फिर एक ऐसे नापाक हिन्दुविरोधी-देशविरोधी गिरोह के देश तोड़क षडयन्त्रों को झेल रहा है जो खुद को सेकुलर कहता है व भारतीय संस्कृति और सभ्यता की हर पहचान को मिटाने पर उतारू है ।
15 अगस्त 1947 में मुस्लिम जेहादी उन्माद के परिणामस्वरूप कांग्रेस द्वारा अखण्ड भारत का विभाजन करवाकर मुसलमानों के लिए अलग देश बनवा देने के बाद सब भारतीयों को एक उम्मीद जगी थी कि कांग्रेस की जिस मुस्लिमप्रस्त हिन्दुविरोधी राजनीति की बजह से अखण्ड भारत के टुकड़े हुए उस राजनीति से कांग्रेस हमेशा के लिए तौवा कर लेगी । मुहम्मदअली जिन्ना जैसे नेता कांग्रेस कभी दोवारा पैदा नहीं करेगी ।कभी दोवारा न कांग्रेस का अध्यक्ष कोई विदेशी अंग्रेज बनेगा न देश फिर किसी अंग्रेज का गुलाम होगा ।
लेकिन उस वक्त सब देशभक्त भारतीयों की उम्मीदों पर पानी फिर गया जब कांग्रेस के कुछ हिन्दुविरोधी नेताओं ने ईसाई देशों में प्राप्त शिक्षा के परिणामस्वरूप बनी गुलाम सोच को आगे बढ़ाते हुए देश को हिन्दुराष्ट्र घोषित करने का विरोध कर दिया, भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक परमपूजनीय भगवाध्वज को राष्ट्रीय ध्वज बनाने का विरोध कर दिया । मर्यादा पुर्षोतम भगवान श्री राम को भारत का आदर्श घोषित करने की जगह एक ने खुद को बापू तो दूसरे ने खुद को चाचा घोषित करते हुए देश के अन्दर एक ऐसी हिन्दुविरोधी विभाजनकारी राजनीति को जन्म दिया जिसके परिणाम स्वरूप आज सिर्फ 61 वर्ष बाद भारत फिर से उसी जगह पहुंच गया है जहां 1946 में था ।
विभाजन से सबक लेकर देश में कानून भारतीयों के लिए बनाने की जगह अंग्रेजों की “ फूट डालो और राज करो ” की नीति अपनाते हुए धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र,भाषा और जाति के आधार पर बनाए गए जिसके परिणामस्वरूप देश में क्षेत्रीय, सांप्रदायिक, जाति आधारित दलों की एक ऐसी देशतोड़क राजनीति को जन्म दिया जो आज नासूर बन चुकी है ।
इन देशविरोधी-हिन्दुविरोधी दलों की हिन्दुविरोधी देशतोड़क नीतियों से प्रेरित होकर संसार के विभिन्न मुस्लिम व ईसाई देशों ने अपने पैसे के बल पर इन दलों में से अधिकतर नेताओं को खरीदकर व उन खरीदे हुए नेताओं के सहयोग से देश के अन्दर देशविरोधी मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ,समाचार चैनलों, समाचार पत्रों , नौकरशाहों व राजनीतिक दलों का एक ऐसा गिरोह बनाने में सफलता हासिल की जो खुद को धर्मनिर्पेक्षता के चोले में छुपाकर हिन्दुविरोधी-देशविरोधी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए देश को आर्थिक व सांस्कृतिक तौर तबाह करने पर तुला हुआ है ।
यह सेकुलर गिरोह वन्देमातरम् का विरोध करने वालों का तो साथ देता है पर उसी वन्देमातरम् का समर्थन व गुणगान करने वालों को सांप्रदायिक कहकर उन पर हमला बोलता है।
यह वो गिरोह है जो मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए पोटा जैसे कानून हटाता है और मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों के हमलों से बचने के लिए सचेत करने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर व सिमी जैसे संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए संघर्षशील सैनिक लैफ्टीनैंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित जैसे देशभक्तों को जेल में बन्दकर उन पर मनघड़न्त आरोप लगाता है अत्याचार करता है ।
यह गिरोह आतंकवादियों के लिए मानवाधिकारों की बात करता है और राहुल राज जैसे सिरफरे नौजवान को सरेआम गोली से उड़ाता है ।
यह वो गिरोह है जो देशभक्त हिन्दुसंगठनों को अपना शत्रु मानकर हर वक्त उन पर हमला बोलता है और हजारों हिन्दुओं का खून बहाने वाले मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों को अपना भाई बताता है उनको फांसी से बचाने के लिए उनकी फाइल दबाता है ।
यह गिरोह देश में किसी मुस्लिम जेहादी आतंकवादी या ईसाई धर्मांतरण के ठेकेदार के मारे जाने पर तो आसमान सिर पर उठा लेता है पर इन गद्दारों के हाथों कत्ल किय जा रहे हजारों हिन्दुओं के बारे में या तो मौन धारण कर लेता है या फिर तरह-तरह के बहाने बनाकर हिन्दुओं के कत्ल को सही ठहराने की दुष्टता करता है।
यह वही गिरोह है जो मुस्लिम जेहादी द्वारा बनाई गई भारत माता व दुर्गा माता की आपत्तिजनक पेंटिंगस को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता बताता है पर उसी वक्त मुस्लिम जेहादी आतंकवाद की जड़ को दिखाते हजरत मुहमम्द के कार्टूनों का विरोध करता है।
हद तो तब हो जाती है जब ये गिरोह एक तरफ ईसाई पोप के मरने पर देश में तीन दिन के शोक की घोषणा करता है और दूसरी तरफ भारतीय संस्कृति और सभ्यता के आधार सतम्भ मर्यादा पुर्षोतम भगवान श्री राम के अस्तित्व को ही नकार देता है ।
यह वो गिरोह है जो बात तो धर्मनिर्पेक्षता की करता है पर बच्चों को मिलने वाली छात्रवृतियों व कर्ज से लेकर भारत के बजट तक को सांप्रदायिक आधार पर बांट देता है ।
अन्त में आप खुद सोचो कि जो गिरोह देश की खातिर वटाला हाऊस में शहीद होने वाले शहीद मोहन चन्द शर्मा व मुम्बई में शहीद होने वाले दर्जनों शहीदों का मान-सम्मान करने के बजाए उनका अपमान करने की दुष्टता करता है वो गिरोह देशभक्त लोगों का नेतृत्व करता है या गद्दारों का ?
इस सेकुलर गिरोह के राष्ट्रविरोधी-हिन्दुविरोधी षडयन्त्रों की ओर देश के राष्ट्रभक्त लोगों का ध्यान खींचना व इन षडयन्त्रों का पर्दाफास कर, गद्दार षडयन्त्रकारियों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर अपने देश भारत को इन विश्वासघातियों के मकड़जाल से मुक्तकरवाकर फिर से राष्ट्रभक्ति की जवाला को सुलगाना ही अपनी इस पुस्तक धर्मनिर्पेक्षता बोले तो देशद्रोह का मूल उदेश्य है ।
इस पुस्तक की रचना उस वक्त शुरू हुई जब देश में मुस्लिम जेहादियों द्वारा जगह-जगह बम्मविस्फोट कर देशभक्त भारतीयों का लहू पानी की तरह बहाया जा रहा था व ये गठबन्धन मुस्लिम जेहादियों के षडयन्त्रों को छुपाने के लिए हर रोज नये बहाने गढ़ रहा था। सरकार देशवासियों की रक्षा करने के बजाए मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों को अपना भाई बताकर इनका बचाव कर रही थी। इस पुस्तक के पहले भाग का कार्य 26 नवम्बर 2008 को बन्द कर दिया गया लेकिन उसी दिन शाम को एक बार फिर मुस्लिम जेहादियों ने मुम्बई पर हमला बोल दिया ।
सरकार के पिछले पांच वर्षों के आतंकवाद समर्थक निर्णयों का भयानक परिणाम देश की सारी जनता ने अपनी आंखों से देख लिया । हमें लगा कि इस घटना के बाद सरकार को अपनी बेबकूफी का एहसास होगा व सरकार अपनी सांप्रदायिक सोच त्याग कर देश के अन्दर छुपे गद्दारों को ढूंढ-ढूंढ कर मिटा देगी।
लेकिन ये जानकर बड़ी हैरानी हुई कि जिस वक्त सारा विपक्ष सरकार के पिछले पांच वर्ष के देशविरोधी निर्णयों को भुलाकर आतंकवादियों से निपटने के विषय पर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा था ठीक उसी बक्त सरकार के ही मन्त्री ने पाकिस्तान की भाषा बोलकर मुम्वई हमले का दोष हिन्दुओं पर डालने का असफल प्रयास किया जिसका कई सांप्रदायिक सोच रखने वाले गद्दारों ने समर्थन किया ।
इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि युद्ध की इस घड़ी में भी कांग्रेस ने वर्तमान भारत के मुस्लिम जिहादी अबदुल रहमान अंतुले का साथ देकर सिद्ध कर दिया कि हिन्दुविरोधी कांग्रेस द्वारा मुहम्दअली जिन्ना पैदा करने की प्रक्रिया यथावत जारी है ।
यह पुस्तक किसी लेखक की कोई कृति नहीं वल्कि मीडिया व सेकुलर गिरोह द्वरा किए जा रहे देशविरोधी-हिन्दुविरोधी दुष्प्रचार से तंग आकर एक आम भारतीय द्वारा वयक्त की गई प्रतिक्रिया है । आप सब पाठकों से विनम्र प्रार्थना है कि इसे आराम से पढ़ें, इन देशद्रोहीयों को पहचानें व इनके षडयन्त्रों को समझें, अपनी पसंद के स्वाभिमानी देशभक्त संगठनों से जुड़ें या फिर जिस भी संगठन से जुड़ें उसे देशभक्त और स्वाभिमानी बनायें, अन्त में संगठित होकर इन देशविरोधी-हिन्दुविरोधी गद्दारों से भारत माता को मुक्त करवाकर एक स्वाभिमानी भारत का निर्माण करें।

प्रस्तावना

भारत में लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों पर अनेकों पुस्तकें लिखी गई हैं ।परन्तु प्रस्तुत पुस्तक धर्मनिर्पेक्षता-वोले तो-देशद्रोह अपने आप में एक विशेष कृति है। भारतवर्ष के लिए आतंकवाद नया नहीं है इस आतंकवाद का सामना भारत 7वीं शताब्दी में भारत में प्रवेश करने वाले पहले मुस्लिम जेहादी आतंकवादी मुहम्दविन कासिम के समय से कर रहा है जिसका राक्षसी चेहरा औरंगजेब और बाबर के रूप में भारत ने देखा और सहा। ये मुस्लिम जेहादी हमला ही भारत में हर तरह के आतंकवाद की जड़ है । आज भारत में छोटी मोटी चोर बजारी व दंगे से लेकर अन्तराष्ट्रीय नसे के कारोबार व भारत में जाली मुद्रा के प्रसार तक के हर भारत विरोधी गैरकानूनी कारोबार के पीछे किसी न किसी मुस्लिम जेहादी का ही हाथ निकलता है । ये मुस्लिम जेहादी आतंकवाद भारत के कई विभाजन करवा चुका है हजारों मन्दिर तोड़ चुका है लाखों हिन्दुओं का खून बहा चुका है और आज भी बहा रहा है ।
किसी भी समाज में राक्षसों का जन्म लेना कोई नई बात नहीं है लेकिन समाज का उन राक्षसों के बचाब व समर्थन में खड़े होना विनाश का कारण बनता है यही सबकुछ आज मुस्लिम समाज के साथ हो रहा है एक तरफ अखण्ड भारत के हिन्दुओं वाले इस हिस्से में ये जेहादी मुस्लिम हिन्दुओं का खून बहा रहे हैं कभी कभार देशभक्त मुसलमानों पर भी हमला बोल रहे हैं तो दूसरी तरफ अखण्ड भारत के ही दूसरे हिस्सों पाकिस्तान व अफगानिस्तान में यही मुस्लिम जेहादी मुसलमानों का ही खून बहा रहे हैं ।
ये तो सनातन शांतिप्रिय संस्कृति के समर्थक हिन्दुओं की सहनशक्ति की इन्तहां है कि इन मुस्लिम ज्हादियों के शिकार हिन्दू अभी तक अपना संयम नहीं खोए हैं और मुस्लिम जेहादियों द्वारा चलाय जा रहे हिन्दू मिटाओ-हिन्दू भगाओ अभियान का जबाब उन्हीं के तरीके से नहीं दे रहे हैं । वरना आज तक न हिन्दुओं के कातिल मुस्लिम जेहादी बचते न उनके ठेकेदार भारत-विरोधी धर्मनिर्पेक्षतावादी ।
मुसलमानों को अगर मानवता के प्रति लेशमात्र भी समर्पण है तो इन्हें मिलजुलकर इस्लाम के नाम पर मार-काट मचा रहे इन मुस्लिम जेहादियों को यथाशीघ्र बिना कोई समय गवाय अपने आप मिटा देना चाहिए वरना इन मुस्लिम जेहादियों के हमलों से त्रस्त भारतीय जनता मुसलमानों में छुपे इन मुस्लिम जेहादियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारने पर मजबूर होगी ।
इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब-जब भी हिन्दुओं के अन्दर राक्षस पैदा हुए हैं हिन्दुओं ने खुद उन राक्षसों को जड़-मूल से मिटाया है परन्तु मुसलमानों ने इसके विपरीत न केवल मुसलमानों के अन्दर पैदा होने बाले राक्षसों को समर्थन दिया है बल्कि उन्हें जेहादी का दर्जा देकर, मदरसों व मस्जिदों को उनकी शरणगाह बनाकर अपने बच्चों को उन राक्षसों के नक्से कदम पर चलने के लिए बाध्य भी किया है जिसका परिणाम आज समस्त मुस्लिम समाज भारत के सिवा सारे संसार में भुक्त रहा है ।
मुस्लिम जेहादी राक्षसों के समर्थन में मुस्लिम समाज का खड़ा होना कोई नई बात नहीं है लेकिन हिन्दुओं द्वारा धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर इन मुस्लिम जेहादी राक्षसों का समर्थन करना व उनको आगे बढ़ाना वाक्य ही चौंकाने वाला है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला भारत में ऐसे राष्ट्रविरोधी मीडिया, मानवाधिकार संगठनों, लेखकों, समाजिक कार्यकर्ताओं व नौकरसाहों का पनपना है जो हर वक्त इन मुस्लिम जेहादी आंतकवादियों के बचाब में हर दिन नया कारण ढूंढते नजर आते हैं और हर मुस्लिम जेहादी आतंकवादी हमले के लिए हिन्दुओं को दोषी ठहराते हैं । धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में चल रहे इस मानवता विरोधी षडयन्त्र को आज बेनकाब कर जड़मूल से समाप्त नहीं किया गया तो आने बाली पीढ़ियां वर्तमान भारतीय समाज को कभी माफ नहीं कर पांयेगी ।
आज राजनितीक दलों का खुद को धर्मनिर्पेक्ष कहलबाने वाला गठबन्धन भारत को अफगानीस्तान बनाने की राह पर अग्रसर है ये गठबन्धन जिस तरह हिन्दूत्वनिष्ठ-राष्ट्रबादी संगठनों को कमजोर करने के लिए, मुस्लिम जेहादियों के लिय किये जाने बाले कार्यों को मुसलमानो के लिए किए जाने वाले कार्य बताता है व मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों के विरूद्ध सुरक्षबलों द्वारा की जाने बाली कार्यवाही को मुसलमानों के बिरूध कार्यवाही बताता है वो बिल्कुल वैसे ही कदम हैं जैसे कदम पाकिस्तान में समय-समय पर आने वाली सरकारों ने व अफगानीस्तान में अमेरिका ने क्रमशः मुस्लिम जेहादीयों को हिन्दूस्थान पर हमला करने व रूस को भगाने के लिये उठाय जिसके परिणामस्वरूप आज वही जेहादी पाकिस्तान व संसार के लिए भस्मासुर साबित हो रहे हैं ।
भारत पर वर्तमान में इस आतंकबादी हमले के अतिरिक्त सांस्कृतिक हमला भी बोला जा रहा है जो इस आतंकबादी हमले से कहीं ज्यादा भयानक व खतरनाक है । इस सांस्कृतिक हमले का नेतृत्व ईटालियन ईसाई एंटोनियो माइनो मारियो अपने इस देशविरोधी हिन्दूविरोधी जेहाद व धर्मांतरण समर्थक धर्मनिर्पेक्ष गठवन्धन के सहयोग से कर रही है ।
जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता 900 बर्ष के मुस्लिम जेहादी आंतकवादियों के गुलामीकाल व 300 बर्ष के धर्मांतरण के ठेकेदार ईसाई सम्राज्यवादियों के गुलामी काल में अपने आप को अपने राष्ट्रभक्त बलिदानियों के बलिदानों व अपनी आन्तरिक मजबूती के बल पर अपने आप को बचाने में समर्थ रही वो ही भारतीय संस्कृति पिछले 50 वर्षों के हिन्दूबिरोधियों व गद्दारों के सांस्कृतिक हमलों से छिन्न-भिन्न होती नजर आ रही है क्योंकि इस 1200 वर्षों के गुलामीकाल में समस्त भारतीय समाज बोले तो हिन्दू समाज उन अत्याचारियों व विदेशियों के षडयन्त्रों के प्रति जागरूक था उनसे लोहा लेने को तत्पर था।
लेकिन वही हिन्दू समाज धर्मनिर्पेक्षता के चोले में छुपे अपने ही राष्ट्र भारत के हिन्दूविरोधी शत्रुओं को पिछले साठ वर्षों से इन गद्दारों द्वारा योजनाबद्ध भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर किए जा रहे हमलों के बाबजूद इन देशद्रोहियों को पहचाने में असमर्थ रहा परिणामस्वरूप हिन्दू समाज ने अपूर्णीय क्षति उठाई ।इस देशविरोधी आतंकवाद समर्थक धर्मनिर्पेक्ष गठबन्धन की असलियत उस वक्त सामने आई जब इसने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अधार सतम्भ मर्यादा पुर्षोत्तम भगवान श्री राम के अस्तित्व को ही नकार दिया । जिसके परिणाम स्वरूप हिन्दुओं को ये सपष्ट हो गया कि क्यों ये गठबन्धन हर वक्त हिन्दू संगठनों पर हमला करता है व मुस्लिम जेहादी आतंकवादियों को अपना भाई बताता है।
इस देशद्रोही गठबन्धन की असलियत को उजागर करना ही इस पुस्तक का मूल उद्देश्य है।